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बुधवार, 29 जून 2011
बैंक में हुआ हंगामा

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इंसानियत खो गई है.....
डबवाली (यंग फ्लेम) लगता है इंसानों के बीच इंसानियत खो गई है। एक साथ जीने-मरने की कसमें खाने वाले खुद ही जीवनसाथी की जिंदगी छीन रहे हैं। पोता-पोती की एक किलकारी सुनने को बेताब रहने वाली दादी अपने हाथों से नन्हीं सी जान को तंदूर में डाल रही है। पिछले कुछ दिनों से सिरसा जिले सहित प्रदेश में हो रही ऐसी घटनाओं ने सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। बीते दिनों गांव डबवाली में अपने ससुराल आए युवक को उसकी जीवन संगिनी ने अग्नि के सामने सात फेरे लेकर खाई कसमों की कोई लाज नहीं रखी वहीं दूसरी और डबवाली शहर के प्रेम नगर में भी ऐ युवक का शव बरामद होने पर युवक के परिजनों ने उसकी पत्नी व ससुरालपक्ष के लोगों पर कुछ गंभीर आरोप लगाए। ऐसे ही वाक्य 20 जून को रानियां हलके के बाजीगर थेहड़ में दादी ने ही अपनी सात माह की पोती पूजा के साथ ऐसा किया कि इंसानियत भी शर्मसार हो गई। पहले उसके गले में प्याज ठूंसकर उसकी सांसें बंद की और बाद में घर के तंदूर में डाल दिया। यह घटना किसी का भी दिल दहला सकती है। अपने सुहाग के लिए यमराज से भी पति को जिंदा लाने की कहानियां हम सब ने सुनी हैं मगर जिला सिरसा के गांव मीरपुर कॉलोनी में एक महिला ने अपने ही हाथों से खुद का सुहाग उजाड़ दिया। उसने एक पल के लिए भी नहीं सोचा की पति के बिना वह अपनी जिंदगी कैसे गुजारेगी। 25 जून की रात भी सिरसा शहर के रानियां रोड क्षेत्र में एक व्यक्ति ने अपनी उस पत्नी की गला घोंटकर हत्या कर दी जो उसकी लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत रखती थी। ऐलनाबाद में दादी-पोती हत्याकांड भी समाज के माथे पर किसी कलंक से कम नहीं है। महज कुछ लाख रुपयों के लालच में अंधे व्यक्ति ने वृद्धा व उसकी मासूम पोती को बेरहमी से काट डाला। रोहतक में वहशी दरिंदों ने तीन छात्राओं पर तेजाब डालकर साबित कर दिया है कि अब इंसान के अंदर नफरत के सिवाय कुछ नहीं बचा है। गुडग़ांव में बीच बाजार एक हमलावर को जिंदा जला दिया और वहां मौजूद भीड़ उसकी जान बचाने की बजाय तमाशबीन बनी रही। हो सकता है कि उसका अपराध क्षमा योग्य न हो, मगर जो कुछ उसके साथ हुआ, वह भी किसी सूरत में जायज नहीं ठहराया जा सकता। कानून को अपने हाथ में लेना कानून का मजाक है। नाबालिग छात्राओं के साथ बलात्कार की घटनाएं भी आम हो गई हैं। घर से बाहर निकलने से पहले छात्राएं व महिलाएं दो बार सोचती हैं कि वे सुरक्षित घर लौटेंगी या नहीं। यह सब उस समाज में हो रहा है जहां महिला को 'ममताÓ व लड़की को 'दुर्गाÓ का रूप समझा जाता है। अब ऐसा क्या हो गया है कि ऐसी घटनाओं को अंजाम देने से पहले व्यक्ति कुछ सोचता नहीं। इस समय इस तरह की जो घटनाएं हो रही हैं वे एक सभ्य समाज के लिए अच्छा संकेत नहीं है। इस पर समाज के सभी लोगों को बैठकर मंथन करना होगा वरना वह दिन दूर नहीं जब हम फिर से उस आदम युग में चले जाएंगे जहां इंसान के जीवन की कोई कीमत नहीं होती थी।
कन्या भू्रणहत्या के खिलाफ होगा जन जागरण अभियान
डबवाली (यंग फ्लेम) अंर्तराष्ट्रीय लायंस संगठन 321-ए 3 ने बीते दिवस हिसार के मिड-टाऊन ग्रैंड पैलेस में सम्पन्न प्रांंतीय प्रशिक्षण शिविर में 2011 की जनगणना के आंकड़ो पर चिंता जताते हुये लायनिस्टिक वर्ष 2011-12 में हरियाणा और दिल्ली में कन्या भ्रूण-हत्या के खिलाफ जागरूक्ता अभियान चलाने का निर्णय लिया है। यह जानकारी देते हुए पीआरओ भारत वधवा ने बताया कि प्रान्तपाल के. एल. खट्टर ने इस अभियान को प्रभावशाली ढंग से चलाने की जिम्मेवारी लायंस संगठन के प्रांतीय सचिव सतीश जग्गा को सौंपी है। श्री जग्गा वर्ष 2005-06 में भी सिरसा जिले में इस अभियान का नेतृत्व कर चुके हैं तथा लम्बे समय से इस क्षेत्र में कार्य कर रहें हैं। इस अभियान को सुनियोजित ढंग से चलाने के प्रान्त 321-ए 3 में 20 से भी ज्यादा क्षेत्रीय प्रभारी, संभाग संयोजक एंव प्रक्लप अधिकारी नियुक्त किये जा रहे हैं। श्री जग्गा ने कहा कि सामाजिक एंव प्रशासनिक संस्थाओं द्वारा इस क्षेत्र में काफी कार्य किये जाने के बावजूद भी नयी जनगणना साफ इशारा करती है कि अभी और जागरूक्ता की जरूरत है, जमीनी स्तर पर गांव-गांव जाकर अलख जगाने के साथ-साथ, उन कारणों का पता लगााकर निवारण करना जरूरी है जिनके चलते लोग जन्म लेने पहले ही अपनी बेटी को मार देने का फैसला लेते हैं। श्री जग्गा ने कहा कि 2011 की जनगणना के मुताबिक हरियाणा में 0 से 6 वर्ष की आयु में 1000 लड़कों के मुकाबले 830 लड़कियां ह,ै वंही सिरसा जिला में 852, तथा झझर, सोनीपत और महेन्द्रगढ़ में 800 से भी कम हैं वहीं अम्बाला, यमुनानगर, कुरूक्षेत्र, करनाल, कैथल तथा रोहतक में 800 से 825 के बीच है तो फरदीबाद, गुडग़ांव, पंचकुला, पानीपत, जीन्द, फतेहाबाद, हिसार और भिवानी में लिंग अनुपात 825 से 850 के बीच हैै, पलवल में 862 और मेवात में सबसे ज्यादा में 903 तथा झझर में सबसे कम 774 है। श्री जग्गा ने कहा कि जहां 2001 के आंकड़ों के अनुसार हरियाणा में 6 वर्ष से कम आयु में लिंग अनुपात 819 था वो सामुहिक सामाजिक और प्रशासनिक प्रयासों के चलते 2011 में 830 पहुंच गया है, परन्तु अभी भी स्थीती विस्फोटक है और सभी संस्थाऔं और बुद्धिजिवीयों को आगे बढ़कर इस सघन अभियान में अपना योगदान देना चाहिये।
पशु मेला ग्राऊंड पर लटका ताला, व्यापारी असमंजस में
डबवाली (यंग फ्लेम)उत्तर भारत मे अपनी अलग पहचान बना चुका किलियांवाली का पशू मेला किसी न किसी कारण अक्सर ही र्सुिखयो बना रहता है यहां की प्रसिद्ध पशू मण्डी उस समय सुर्खियों मे आई जब कुछ वर्ष पूर्व डबवाली मे गौ हत्या
काण्ड का प्रदा फाश हुआ जिसके तार सीधे ही इस पशु मण्डी से जुड़े पाए गए क्यू कि इसी मेले से गौ तस्कर अपने दरिंदगी भरे कार्य को बे खोफ अंजाम देते रहे। गांव डबवाली के गौ हत्या काण्ड सामने आने से लोगों मे खलबली मच गई व चारो और विरोध प्रदर्शन होने से सोई हुई सरकारों की नींद खुल गई लोंगे के भारी रोष को देखते हुए पंजाब सरकार ने भी इस पशु मेले को कुछ समय के लिय बंद करवा दिया था। उस समय गौ हत्या की गंभीरता को समझते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने गौ हत्या काण्ड की कड़े शब्दों मे निन्दा
की थी व एैलान किया था इस पशु मेले को आधुनिक पशु मेला मैदान का रूप देकर एसी घटनायों पर अंकुश लगाने का प्रयास किया जाऐगा श्री बादल ने अपने इस वायदे को पूरा करते हुए किलियांवाली मंडी मे एक विशाल पशु मेला ग्रांउण्ड का निर्माण कर 21 जून मंगलवार को उद्धघाटन कर पशु व्यापरियों के लिय खोल दिया था । लेकिन हर रविवार को लगने वाले इस पशु मेले में दूर दराज आए पशु व्यापारियों का उत्साह उस वक्त ठण्डा पड़ गया जब उन्होने नवनिर्मित पशु मेला ग्राउण्ड के मुख्य द्वार पर ताला लटका देखा जब इस बारे मे पशु मण्डी के ठेकेदारों गुरचरण सिंह, अवतार सिंह,सुखपाल सिंह भाटी,मनजिंद्र सिंह बिट्टू व बब्बू दानेवालिया से बातचीत की तो उन्होने कहा कि लाल फीता शाही के चलते अभी तक पशु मेला ग्रंाउण्उ की चाबियां नही सोंपी गई और न इस बारे मे उनसे कोई भी विचार विर्मश किया गया है ठेकेदारों ने अपने संयुक्त बयान मे कहा किइसमे कोई संदेह नही कि यह पशु मेला ग्राउण्उ उतर भारत मे अपनी तरह का पहला पशु मेला ग्राउण्ड है जिसमे पशु व व्यापारियों के हर सुविधा प्रदान की गई है लेकिन विशाल ग्रांउण्ड के र
खरखाव व स्कोयटी के विशेष प्रंबध नही किया गया है। वही दुसरी और उन्हाने कहा कि इस मेला ग्राउण्ड मे बिजली पानी व अन्य खर्चों को लेकर सरकार ने अभी तक साफ नही किया है। जिसके चलते पशु व्यपारी व ठेकेदार असंमजस की स्थिति मे है । उधर, जब इस बारे मे मुक्तसर के डी. डी. पी.औ अमरिद्रं सिंह सरां से दूरभाष पर बात की गई तो उन्होने बताया कि प्रशासन इस मेला ग्राउण्ड के रखरखाव के लिय माली, सफााई कर्मचारी व अन्य स्टाफ की नियुक्ति करने उपरांत इस पशु मेला ग्राउण्ड को व्यापारियों को सोंप दिया जाऐगा तथा आने वाले रविवार को पशु मण्डी नवनिर्मित पशु मेला ग्राउण्उ मे लगााई जाएगी।
सोमवार, 27 जून 2011
कांग्रेस नहीं लायक इसके , अब पगड़ी थमायेंगे चौटाला के सिर
अपमान से भडका वाल्मीकि समुदाय
कांग्रेस के होर्डिंग किये आग के हवाले
कहा : कांग्रेस नहीं लायक इसके , अब पगड़ी थमायेंगे चौटाला के सिर
करनाल -: कुछ दिन पहले चंडीगड़ में कांग्रेस में शामिल हुए हजकां नेता
रणबीर भूम्बक और गीता भूम्बक ने अपने समर्थकों के साथ रविवार को करनाल में आयोजित किये गये एक कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष के ना जाने का मामला अपमान से जोड़कर विधानसभा अध्यक्ष सहित कांग्रेस के बनाये गये होर्डिंग आग के हवाले कर दिए गये | वाल्मीकि समुदाय ने इसे अपना अपमान समझते हुए कांग्रेस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की | मजे की दूसरी बात यह रही कि हरियाणा विधान सभा के अध्यक्ष कुलदीप शर्मा के आयोजित अभिनंदन समारोह में ही उनके ना आने से कांग्रेस से खिन्न होकर थोड़े दिन पहले कांग्रेस में ही शामिल हुए कांग्रेस नेताओं ने इनेलो नेताओं को मंच पर बुलाकर इनेलो में शामिल होने की घोषणा तक कर दी | बाद में रणबीर भूम्बक ने अपने समर्थकों के बीच यहाँ तक आरोप लगाये कि आज तक वाल्मीकि समुदाय हमेशा कांग्रेस का समर्थक रहा है लेकिन वाल्मीकि समुदाय अपने साथ हुए इस अपमान का बदला आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में लेगा | बाद में रणबीर भूम्बक और उनके समर्थकों ने कुलदीप शर्मा के आगमन को लेकर बनाया गया होर्डिंग आग के हवाले कर दिया | इसके इलावा कांग्रेस सरकार के खिलाफ भूम्बक समर्थकों ने जोरदार नारेबाजी की | काबिलेगौर है कि हजकां की टिकट पर नीलोखेडी विधानसभा से चुनाव लड़ने वाली गीता भूम्बक और उनके पति रणबीर भूम्बक कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष फूल चंद मौलाना की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हो गये थे | उनके शामिल होने की घोशना बकायदा च्न्दिगद से की गयी थी | दोनों नेताओं ने अपने समर्थकों के साथ सोनिया और हुड्डा में आस्था जाहिर करते हुए कांग्रेस में आने की घोशना भी की थी | रणबीर भूम्बक ने बताया कि उन्होंने छब्बीस तारीख के लिए विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप शर्मा का कार्यक्रम ले रखा था | इस कार्यक्रम में उनका अभिनंदन करना था | उन्होंने कहा कि बकायदा इस कार्यक्रम के लिए विधानसभा अध्यक्ष से इजाजत ली गयी थी | आज उनका अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया था | इसके लिए सैंकड़ों लोगों को आमंत्रित किया गया था | सुबह से बारिश भी हो रही थी लेकिन फिर भी सैंकड़ों लोग दस बजे एकत्र हो गये लेकिन कईं घंटे तक जब विधान सभा अध्यक्ष कार्यक्रम में नहीं पहुंचे तो वह अपनी पत्नी को लेकर करनाल स्थित विधान सभा अध्यक्ष के निवास स्थान पर पहुंचे | रणबीर भूम्बक ने कहा कि वहां के दरवाजे बंद थे और गार्ड ने उन्हें भीतर जाने नहीं दिया | इसके बाद उन्होंने बकायदा टेलीफोन पर सम्पर्क साधा किन्तु उनका फोन नहीं उठाया गया | बाद में उन्हें सूचना दी गयीं कि उनका प्रोग्राम कैंसिल हो गया है | इसके बाद वहां मौजूद वाल्मीकि समुदाय भड़क गया | उन्होंने इस कैंसिल प्रोग्राम को वाल्मीकि समुदाय के अपमान के साथ जोड़ लिया | बाद में लोगों ने कांग्रेस के तैयार किये गये होर्डिंगों को फाड़ डाला और उनमें आग लगा दी | होर्डिंगों में प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह , सोनिया गांधी , मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा , विधान सभा के अध्यक्ष कुलदीप शर्मा के साथ-साथ कांग्रेस में शामिल हुए रणबीर भूम्बक और गीता भूम्बक के चित्र भी थे लेकिन आक्रोशित लोगों ने उसे आग के हवाले कर कांग्रेस के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की | बाद में उन्होंने इनेलो के विधायक नरेंद्र सांगवान तथा राष्ट्रीय सचिव बृज शर्मा से सम्पर्क साधा लेकिन उनके बाहर होने के कारण उन्होंने पूर्व विधायक राकेश कम्बोज और शहरी अध्यक्ष ओम प्रकाश सलूजा वा जिला प्रवक्ता हरपाल रोड को मंच पर आमंत्रित कर लिया | दोनों दम्पति नेता अपने समर्थकों के साथ इनेलो में शामिल हो गये | वहीं पर बाद में रणबीर भूम्बक ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस ने वाल्मीकि समुदाय का अपमान किया है | उन्होंने एक महिला नेत्री पर साजिश का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने एक साजिश के जरिये विधान सभा अध्यक्ष को उनके कार्यक्रम में नहीं आने दिया | उन्होंने सवाल भी उठाया कि जब विधान सभा अध्यक्ष ने उन्हें कार्यक्रम में आने की जुबान दी थी तो वह क्यों नहीं आये | उन्होंने बताया कि बतौर कांग्रेस नेता वह अपने वाल्मीकि समुदाय की और से विधान सभा अध्यक्ष को एक पगड़ी और भगवान मह्रिषी वाल्मीकि की प्रतिमा भेंट की जानी थी | उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसके लायक नहीं है | अब उन्होंने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला से बात भी की है और वह यह पगड़ी वाल्मीकि समुदाय की और से पूर्व मुख्यमंत्री को भेंट करेंगे और प्रतिमा भी उन्हें ही भेंट की जायेगी | रणबीर भूम्बक ने मंच से एलान किया कि वह घर-घर जाकर कांग्रेस की इस घिनोनी हरकत का पर्दाफाश करेंगे और आने वाले समय में जो नेता सांसद और विधायक बनने का सपना संजोये बैठे हैं उन्हें हराकर ही दम लेंगे |

शनिवार, 25 जून 2011
गुरुद्वारा के सरोवर में महिला की मौत
डॉक्टर के पास दवा लेने की बात कहकर गई थी घर से
डबवाली(यंग फ्लेम)क्षेत्र के गांव चोरमार के गुरुद्वारा के सरोवर में एक महिला ने ंसंदिग्ध परिस्थितियों में कूदकर अपनी जान दे दी। मृतक जसपाल कौर (45) पत्नी नत्था सिंह गांव चोरमार की रहने वाली थी। आज सुबह गुरुद्वारा में रहने वालों में सरोवर में महिला का शव पड़ा देखा। इसकी सूचना ओढ़ां पुलिस को दी तो पुलिस मौके पर पहुंची तथा शव को सरोवर से बाहर निकाला जिसकी पहचान जसपाल कौर पत्नी नत्था सिंह के रूप में हुई। मृतका के पति नत्था सिंह ने पुलिस को बताया कि बीती शाम जसपाल कौर डाक्टर के पास दवा लेने का नाम लेकर घर से गई थी मगर वापस नहीं लौटी। वे रात भर उसकी तलाश करते रहे मगर कोई सफलता नहीं मिली। आज सुबह ही गुरुद्वारा के जलघर में उसका शव मिला। नत्था सिंह ने यह भी बताया कि जसपाल कौर पिछले कुछ समय से मानसिक रूप से परेशान थी। संभवत: उसी परेशानी के चलते उसने सरोवर में कूदकर अपनी जान दे दी। ओढ़ां थाना के पुलिस अधिकारी सुभाष ने बताया कि मृतका के पति के बयान पर धारा 174 के तहत कार्रवाई की गई है तथा पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।
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फ्री कोचिंग की निकल गई हवा, आधे से भी कम रह गए विद्यार्थी
डबवाली (यंग फ्लेम) हरियाणा सरकार की ओर से विज्ञान विषय की फ्री कोचिंग देने की योजना की बीच में ही हवा निकल गई है। सिरसा जिले में तो कोचिंग लेने वाले बच्चों की संख्या आधी से भी कम रह गई है। जिले के विभिन्न स्कूलों में चल रही मैथ, फिजिक्स, कैमेस्ट्री व बायोलॉजी की कोचिंग का जायजा लेने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की ओर से जब निरिक्षक ने जब इन फ्रि चल रही कोचिंग कक्षाओं का दौरा किया तो कोचिंग कक्षाओं में बच्चों की संख्या देखकर हैरान रह गए क्योंकि सभी कक्षाओं में लगभग 650 विद्यार्थी ही मौजूद थे जबकि कोचिंग देने वाली संस्था को 1470 बच्चों की लिस्ट दी गई थी। बच्चों की कम संख्या मिलने के कारण निरिक्षक ने पिछला पूरा रिकार्ड जांच के लिए मांगा है। इसके साथ ही कोचिंग दे रहे शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता का रिकार्ड भी मांगा है। निरिक्षक के अनुसार सरकार ने 11वीं-12वीं के विज्ञान विषय के बच्चों को गर्मियों में एक जून से नि:शुल्क कोचिंग देने का अभियान शुरू किया था जो 30 जून तक चलेगा। प्रथम दिन तो लगभग 1400 विद्यार्थी कोचिंग लेने आए थे मगर बाद में धीरे-धीरे संख्या कम होती गई।
शिक्षकों में अनुभव की कमी
कोचिंग ले रहे बच्चों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कोचिंग देने के लिए जो शिक्षक लगाए गए हैं उन्हें पढ़ाने का अनुभव कम है। उन्हें स्कूल में जिस तरह से समझाया जाता था, उस तरह से पढ़ाया नहीं जा रहा है, इसलिए उन्हें कोचिंग लेने की बजाय घर पर ही रहकर पढऩा उचित समझा। दूसरी ओर पढ़ाने वाले शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं और कहा जा रहा है कि पढ़ाने वाले शिक्षकों की जितनी योग्यता होनी चाहिए उतनी नहीं है।
सरकारी पैसे की बर्बादी
इस बारे में शिक्षाविद प्रो. करतार सिंह ने हरियाणा की मुख्य सचिव को एक पत्र भेजा है जिसमें कहा गया है कि फ्री कोचिंग के नाम पर सरकारी पैसे का दुरुपयोग हो रहा है। उन्होंने तर्क दिया है कि न तो पढ़ाने वाले शिक्षकों को अनुभव है तथा न ही उनके पास पूरी शैक्षणिक योग्यता है, लिहाजा कोचिंग देने के लिए नियुक्त एजेंसी को भुगतान न किया जाए क्योंकि यह किसी घोटाले से कम नहीं है। उनका आरोप है कि सभी जिलों में बच्चों की संख्या कम है जबकि बिल अधिक संख्या दिखाकर बनाए जाएंगे। करतार सिंह का कहना है कि उन्होंने इससे पहले हरियाणा के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को शिकायत भेजी थी जिसमें कोचिंग कक्षाओं की जांच करने व भुगतान रोकने की मांग शामिल थी मगर किसी भी जिला शिक्षा अधिकारी ने शिकायत पर गौर करना मुनासिब नहीं समझा।
घोटाले की आशंका
करतार सिंह का कहना है कि इस पूरे मामले में घोटाला होने की आशंका है। फ्री कोचिंग देने की एवज में सरकार एजेंसी को प्रति विद्यार्थी 6 हजार रुपये का भुगतान करेगी। यानि एक बच्चे को कोचिंग देने पर एजेंसी को 6 हजार रुपये मिलेंगे। कोचिंग के लिए बच्चे कम आ रहे हैं मगर एजेंसी चलाने वाले अधिक बच्चों की संख्या दर्ज कर रहे हैं ताकि ज्यादा बिल बनाया जा सके। उन्होंने सरकार से इस पूरे मामले की गहनता से जांच कराने की मांग की है।
क्या कहते है एसडीएम
इस संबंध में जब उपमंडलाधिश मुनीश नागपाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह जल्द ही इस बारे में उपमंडल शिक्षा अधिकारी से आंकडे एकत्रित कर मामले की जांच करेंगे।
कम्प्यूटर डिप्लोमा के लिए अनुसूचित बच्चों से मांगे आवेदन
डबवाली (यंग फ्लेम) हरियाणा सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के बच्चों हेतु पिछड़ा क्षेत्र के अनुदान निधि योजना के तहत जिला के अनुसूचित जाति के बच्चों को एक वर्षीय कम्प्यूटर डिप्लोमा नि:शुल्क करवाने के लिए हरियाणा सरकार के उपक्रम हारट्रॉन द्वारा आवेदन मांगे गए हैं। डिप्लोमा के लिए आवेदन भरने वाला विद्यार्थी बारहवीं पास तथा जिला सिरसा का अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र होना चाहिए। विद्यार्थी हारट्रॉन बांसल कालोनी पटवार भवन के सामने अपना आवेदन पत्र जमा करा सकता है। आवेदन के लिए कुल सीटें 200 हैं जिसमें 40 प्रतिशत सीटें लड़कियों के लिए आरक्षित है। आवेदन पत्र 15 जुलाई तक जमा करा सकते हैं।
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धड़ल्ले से चल रहे हैं अवैध वाहन
डबवाली (यंग फ्लेम) स्थानीय बठिंडा चौक व रेलवे स्टेशन से सवारिया उठाने के लिए दिन प्रतिदिन अवैध वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है लेकिन इन अवैध वाहनों पर नकेल डालने वाला कोई न
हीं है। इस कारण रोडवेज को आए दिन हजारों रूपए का चुना लग रहा है। यह सब जानते हुए भी प्रशासन व रोडवेज के उच्चाधिकारी जान बूझकर आंखें मूंदे हुए है। आज कल डबवाली से सिरसा के लिए 40 से ऊपर अवैध वाहन सवारियां ढोने पर लगे हुए हैं। बताया जा रहा है कि यह वाहन रोजाना 1200 के करीब यात्रियों को अपने वाहनों में उनके गंतव्य तक पहुंचाते है। जिसके लिए वाहन चालक प्रत्येक सवारी से 40 रूपए वसूल करते है। जिसका रोजाना का टोटल करीब 48 हजार रूपए का हरियाणा सरकार को नुकसान हो रहा है लेकिन इस पर प्रशासन व हरियाणा रोडवेज के उच्चाधिकारियों द्वारा कोई भी कार्रवाई नही की जा रही। जब कभी भी अगर इन अवैध वाहनों पर कार्रवाई की जाती है तो वह महज खानापूर्ति के लिए की जाती है। बताया जा रहा है कि इन अवैध वाहन चालकों को राजनेताओं का सरक्षण व हरियाणा रोडवेज के अधिकारियों व पुलिस प्रशासन का आशीर्वाद प्राप्त है। यह अवैध वाहन चालक स्थानीय बठिंडा चौक से अधिकतम सवारियां उठाने की होड़ में रोजाना दुर्घनाओं का कारण बन रहे है और वहीं हरियाणा सरकार को चुना लगा रहे है। अवैध वाहन चालकों ने राष्ट्रीय राज मार्ग व क्षेत्र के अन्य मार्गंे पर भी अपना जाल बिछा रखा है वह रोजाना ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने की होड़ में मैक्सी कैब व जीप चालक अपने वाहन में क्षमता से अधिक सवारियां बिठा कर व मार्गें पर तेज गति से वाहन चलाकर लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने से भी नहीं चूकते। एक वाहन चालक अपने वाहन में 15 से 18 सवारियां तक ठूस-ठूस कर भर लेता है। इतना ही काफी नहीं है थोड़े से पैसों के लालच में वाहन चालक इतना अंधा हो जाता है कि सवारियों को पीछे तक लटका लेता है। जिससे अनेकों बार दुर्घनाएं भी हो चुकी है।
इन अवैध वाहन चालकों से रिक्शा चालक भी खासे परेशान है इस संबंध में रिक्शा यूनियन के प्रधान सुखविंद्र सिंह ने बताया कि यह अवैध वाहन चालक रेलवे स्टेशन से ही सिरसा आदि जगहों पर जाने वाली सवारियों को अपने वाहन में बिठा लेते है जिस कारण हरियाणा सरकार व रोडवेज को तो चुना लग ही रहा है रिक्शा चालकों के भी भूखे मरने की नौबत आ गई है। उन्होंने बताया कि जब उन्हें रोकने का प्रयास किया जाता है तो वाहन चालक यह कहने से कुरेज नहीं करते की वह पुलिस प्रशासन व रोडवेज अधिकारियों को रोजाना नजराना भेंट करते है।इस संबंध में जब एसडीएम मुनीश नागपाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सड़कों पर चल अवैध वाहनों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस प्रशासन व रोडवेज के अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए है और जल्द ही इन पर कार्रवाई की जाएगी।
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शुक्रवार, 24 जून 2011
कपास में समय से पहले आए फूल
डबवाली (यंग फ्लेम) कॉटन काऊंटी के रूप में जाना जाने वाला सिरसा जिले में किसान व आढ़ती, सभी अच्छी पैदावार की उम्मीद करते हैं। इस समय किसान जहां अपनी कपास की फसल को पानी की कमी व तेज गर्मी की मार से बचाने की पुरजोर कोशिश कर रहा है वहीं उसे कपास के पौधों में फूल भी दिखाई देने लगे हैं। किसानों का मानना है कि फूल आने में अभी काफी समय है। यदि समय से पहले ही फूल आ गए हैं तो किसी न किसी रूप में इसका फसल को नुकसान ही होगा। इस कारण किसानों में मायूसी छा गई है। इस बारे में जब बड़ागुढ़ा खण्ड कृषि अधिकारी बलवंत सिंह से पूछा गया तो उन्होंने बताया की कपास की फसल में बिजाई से 65 से 70 दिनों में फूल आने चाहिए और अगर अभी से फूल आ गए हंै तो अधिक गर्मी की वजह से आए हंै। ये किसी काम नहीं आएंगे और समय आने पर जो फूल आएंगे उन्हीं से टिण्डा बनेगा।
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ठेके से शराब चोरी
डबवाली (यंग फ्लेम) गांव मिडूखेड़ा में स्थित देसी शराब के ठेका से अज्ञात व्यक्ति शराब की बोतले चुरा कर ले गया। चोरी की सूचना निकटवर्ती पुलिस चौकी में दे दी गई है। प्राप्त जानकारी अनुसार गांव में स्थित शिवा एंड कम्पनी के शराब के ठेके पर कार्यरत इकबाल सिंह ने बताया कि वह बीती रात 11 बजे के करीब ठेका बंद कर अपने गांव कुम्हारा गया था और प्रात: गांव से किसी ने सूचना दी कि शराब के ठेके के ताले टूटे हुए है तो यह सूचकर वह गांव मिडूखेड़ा पहुंचा तो उसने देखा कि ठेके के दरवाजे का ताला टूटा हुआ है और जब उसने ठेके में प्रवेश किया तो अंदर रखी देसी शराब की 12 बोलते व 9 पव्वे गायब थे। जिसकी सूचना उसने निकटवर्ती पुलिस चौकी किलियांवाली में दी। किलियांवाली पुलिस चौकी के कर्मचारियों द्वारा मौके का जायजा लेने उपरांत चोरी की जांच शुरू कर दी।
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पैंशन योजना के आवेदन फार्मों का किया सरलीकरण
डबवाली (यंग फ्लेम) हरियाणा सरकार ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा वितरित की जाने वाली सभी प्रकार की पैंशन योजना के आवेदन फार्मों का सरलीकरण किया गया है ताकि इस योजना के अन्तर्गत अधिक से अधिक योग्य व्यक्तियों को लाभ मिल सके।
विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि इन योजनाओं के आवेदन पत्र जुलाई-2011 से ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी तथा शहरी क्षेत्रों में संंबंधित सचिव नगरपालिका के कार्यालय में उपलब्ध हो जायेंगे तथा वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना के अन्तर्गत नये लाभपात्रों के आवेदन फार्म माह अक्तूबर 2011 से आमंत्रित किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा विभाग के माध्यम से वृद्धावस्था सम्मान भत्ता, विधवा व निराश्रित महिलाओं की पैंशन, विकलांग पैंशन, लाडली सामाजिक सुरक्षा भत्ता, निराश्रित बच्चों की वित्तीय सहायता एवं स्कूल न जाने वाले विकलांग बच्चों को वित्तीय सहायता योजना के अन्तर्गत अधिक से अधिक योग्य व्यक्तियों को लाभ प्रदान करने के उददेश्य से इनमें प्रयोग किये जाने वाले आवेदन फार्माें का सरलीकरण किया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि आवेदन पत्र में मांगी गई पूर्ण सूचना भरकर ही प्रस्तुत करें क्योंकि जिला समाज कल्याण अधिकारी हर दृष्टि से स्वीकृति के पात्र या योग्य तथा पूर्ण आवेदन पत्र को स्वीकृत करते हुए विभागीय वेबसाइट पर अपडेट करेंगे। यदि कोई आवेदन पत्र किसी कारणवश स्वीकृति हेतु पात्र या योग्य नहीं पाया जाता तो ऐसे में आवेदन फार्मो को जिला समाज कल्याण अधिकारी अस्वीकृत करते हुए एक साल की अवधि तक अपने कार्यालय रिकार्ड में संभाल कर रखेंगे। उन्होंने बताया कि वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना के अन्तर्गत नये लाभपात्रों के आवेदन फार्म माह अक्तूबर 2011 से लिये जायेंगे। पात्रता के लिये व्यक्ति की आयु 60 वर्ष या अधिक तथा हरियाणा का निवासी होना चाहिये। आवेदक की पारिवारिक आय 50 हजार रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिये। वह व्यक्ति जो किसी स्थानीय निकाय या संस्था जिसे किसी भी सरकार से वित्तीय सहायता मिलती है, पैंशन ले रहा है वह वृद्धावस्था सम्मान भत्ता का हकदार नहीं होगा।
प्रवक्ता ने बताया कि आवेदन पत्र के साथ जन्मतिथि का प्रमाण पत्र या फोटोयुक्त वोटर पहचान कार्ड अथवा विद्यालय प्रमाण पत्र आदि संलग्न करना अनिवार्य है। ऐसे आवेदक जिनके पास प्रमाण पत्र नहीं हैं उन्हें अपने निकटतम सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से इस उददेश्य के लिये गठित दो डाक्टरों की कमेटी से अपनी आयु का अनुमान करवाना होगा। विधवा या निराश्रित महिलाओं को पैंशन आवेदन पत्र के साथ पति की मृत्यु का प्रमाण पत्र व बेसहारा होने का कारण, आयु 18 वर्ष या अधिक, हरियाणा की मूल निवासी तथा आवेदन पत्र देने की तिथि को एक वर्ष से हरियाणा राज्य में रह रही हो तथा सभी स्त्रोतों से आय 30 हजार रुपये वार्षिक से कम हो। उन्होंने कहा कि विकलांग पैंशन के आवेदन फार्म के साथ विकलांगता प्रमाण पत्र, निराश्रित बच्चों को वित्तीय सहायता के लिये बेसहारा होने का प्रमाण पत्र व संरक्षक का पहचान पत्र व संरक्षक की आय 30 हजार रुपये वार्षिक से अधिक न हो, बच्चे की आयु 21 वर्ष से कम, हरियाणा का मूल निवासी हो। लाडली सामाजिक सुरक्षा भत्ता योजना का लाभ लेने के लिये आवेदन पत्र के साथ आवेदक की जन्म तिथि का प्रमाण पत्र, परिवार की आय सभी स्त्रोतों से 2 लाख से अधिक न हो तथा माता की आयु 45 वर्ष व कोई पुत्र न हो। यदि माता जीवित न हो तो पिता को लाभ मिलेगा।
इसी प्रकार स्कूल न जाने वाले विकलांग बच्चों को वित्तीय सहायता लेने के लिये आवेदन पत्र के साथ प्रार्थी की जन्मतिथि का प्रमाण पत्र, 70 प्रतिशत या अधिक विकलांगता, मानसिक विकलांगता आई.क्यू. 50 से अधिक न हो का प्रमाण पत्र देना अनिवार्य है। बौना भत्ता योजना, किन्नर भत्ता योजना तथा कश्मीरी परिवारों को वित्तीय सहायता योजना के अन्तर्गत लाभ प्राप्त करने के लिये आवेदन फार्म आवेदक सीधे तौर पर संबंधित जिला समाज कल्याण अधिकारी को प्रस्तुत कर सकते हैं।
विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि इन योजनाओं के आवेदन पत्र जुलाई-2011 से ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी तथा शहरी क्षेत्रों में संंबंधित सचिव नगरपालिका के कार्यालय में उपलब्ध हो जायेंगे तथा वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना के अन्तर्गत नये लाभपात्रों के आवेदन फार्म माह अक्तूबर 2011 से आमंत्रित किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा विभाग के माध्यम से वृद्धावस्था सम्मान भत्ता, विधवा व निराश्रित महिलाओं की पैंशन, विकलांग पैंशन, लाडली सामाजिक सुरक्षा भत्ता, निराश्रित बच्चों की वित्तीय सहायता एवं स्कूल न जाने वाले विकलांग बच्चों को वित्तीय सहायता योजना के अन्तर्गत अधिक से अधिक योग्य व्यक्तियों को लाभ प्रदान करने के उददेश्य से इनमें प्रयोग किये जाने वाले आवेदन फार्माें का सरलीकरण किया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि आवेदन पत्र में मांगी गई पूर्ण सूचना भरकर ही प्रस्तुत करें क्योंकि जिला समाज कल्याण अधिकारी हर दृष्टि से स्वीकृति के पात्र या योग्य तथा पूर्ण आवेदन पत्र को स्वीकृत करते हुए विभागीय वेबसाइट पर अपडेट करेंगे। यदि कोई आवेदन पत्र किसी कारणवश स्वीकृति हेतु पात्र या योग्य नहीं पाया जाता तो ऐसे में आवेदन फार्मो को जिला समाज कल्याण अधिकारी अस्वीकृत करते हुए एक साल की अवधि तक अपने कार्यालय रिकार्ड में संभाल कर रखेंगे। उन्होंने बताया कि वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना के अन्तर्गत नये लाभपात्रों के आवेदन फार्म माह अक्तूबर 2011 से लिये जायेंगे। पात्रता के लिये व्यक्ति की आयु 60 वर्ष या अधिक तथा हरियाणा का निवासी होना चाहिये। आवेदक की पारिवारिक आय 50 हजार रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिये। वह व्यक्ति जो किसी स्थानीय निकाय या संस्था जिसे किसी भी सरकार से वित्तीय सहायता मिलती है, पैंशन ले रहा है वह वृद्धावस्था सम्मान भत्ता का हकदार नहीं होगा।
प्रवक्ता ने बताया कि आवेदन पत्र के साथ जन्मतिथि का प्रमाण पत्र या फोटोयुक्त वोटर पहचान कार्ड अथवा विद्यालय प्रमाण पत्र आदि संलग्न करना अनिवार्य है। ऐसे आवेदक जिनके पास प्रमाण पत्र नहीं हैं उन्हें अपने निकटतम सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से इस उददेश्य के लिये गठित दो डाक्टरों की कमेटी से अपनी आयु का अनुमान करवाना होगा। विधवा या निराश्रित महिलाओं को पैंशन आवेदन पत्र के साथ पति की मृत्यु का प्रमाण पत्र व बेसहारा होने का कारण, आयु 18 वर्ष या अधिक, हरियाणा की मूल निवासी तथा आवेदन पत्र देने की तिथि को एक वर्ष से हरियाणा राज्य में रह रही हो तथा सभी स्त्रोतों से आय 30 हजार रुपये वार्षिक से कम हो। उन्होंने कहा कि विकलांग पैंशन के आवेदन फार्म के साथ विकलांगता प्रमाण पत्र, निराश्रित बच्चों को वित्तीय सहायता के लिये बेसहारा होने का प्रमाण पत्र व संरक्षक का पहचान पत्र व संरक्षक की आय 30 हजार रुपये वार्षिक से अधिक न हो, बच्चे की आयु 21 वर्ष से कम, हरियाणा का मूल निवासी हो। लाडली सामाजिक सुरक्षा भत्ता योजना का लाभ लेने के लिये आवेदन पत्र के साथ आवेदक की जन्म तिथि का प्रमाण पत्र, परिवार की आय सभी स्त्रोतों से 2 लाख से अधिक न हो तथा माता की आयु 45 वर्ष व कोई पुत्र न हो। यदि माता जीवित न हो तो पिता को लाभ मिलेगा।
इसी प्रकार स्कूल न जाने वाले विकलांग बच्चों को वित्तीय सहायता लेने के लिये आवेदन पत्र के साथ प्रार्थी की जन्मतिथि का प्रमाण पत्र, 70 प्रतिशत या अधिक विकलांगता, मानसिक विकलांगता आई.क्यू. 50 से अधिक न हो का प्रमाण पत्र देना अनिवार्य है। बौना भत्ता योजना, किन्नर भत्ता योजना तथा कश्मीरी परिवारों को वित्तीय सहायता योजना के अन्तर्गत लाभ प्राप्त करने के लिये आवेदन फार्म आवेदक सीधे तौर पर संबंधित जिला समाज कल्याण अधिकारी को प्रस्तुत कर सकते हैं।
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कर्मचारियों की लापरवाही से सड़ रहे पेड़
डबवाली (यंग फ्लेम) वन विभाग केे अधिकारियों की लापरवाही हर रोज कहीं न कहीं देखने सुनने को मिलती है, परंतु उसके बाद भी उच्चाधिकारियों द्वारा कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती। बीते कई दिनों पूर्व आई आंधी के कारण सड़कों पर पेड़ गिर गए थे, परंतु विभाग के अधिकारियों द्वारा गिरे हुए पेड़ सही जगह पर ले जाने की बजाए बड़े-बड़े पेड़ों को सड़क किनारे ही छोड़ दिया गया। उल्लैखनीय है कि इस तुफान में अकेले डबवाली उपमंडल में सड़क किनारे लगे वन विभाग के करीब 300 से भी अधिक पेड़ जड़ से उखड़ गए है व सैकड़ों पेड़ों की टहनियां टूटकर दूर जा गिरी। प्रकृति की आपदा के कारण उत्पन्न समस्या पर जनता ही दो चार होती रही जबकि विभाग का लाव लश्कर चादर ताने चैन की नींद ले रहा था। इस मौके का फायदा उठाते हुए कुछ लोगों ने खुब लकड़ी का अंबार इक्_ा कर लिया अब जब इस प्राकृतिक विपदा को बीते करीब एक माह होने का है, परंतु वन विभाग के साहब बाबुओं ने क्षेत्र का दौरा कर इन बचे कुचे पेड़ों की सुध लेकर कोरे कागज को काला ही किया है लेकिन इसके विपरित आज भी सैकड़ों वृक्ष लावारीश हालत में बिखरे पड़े हैं। जिनके बारे में ऐसी कमरों में बैठे बाबू लोगों को इन पेड़ों के बारे में सुध लेने तक का समय नहीं है। उल्लेखनीय है कि कुछ वर्ष पूर्व भी आए इसी तरह के अंधेड में इसी तरह प्राकृति को काफी नुकसान सहना पड़ा था और सैंकड़ों वृक्ष टूटकर सड़कों पर आ गए थे। वर्षों पूर्व टूटे हुए वृक्ष व टहनियां आज भी गांव डबवाली में स्थित एक धार्मिक सत्संग घर व गांव गोरीवाला से कुछ ही दूूरी पर बनेे र्इंट भट्टे के पास पड़े हैं, जिन्हें दीमक खा रही है। जब इस बाबत विभाग के फोरेस्टगार्ड अशोक कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इन वृक्षों की लिस्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है व जल्द ही इनकी बोली करवा दी जाएगी। जब उनसे यह पूछा गया कि उसमें से तो गिनती की ही लकड़ी बची है तो उन्होंने कहा कि ऐसी नहीं है वह लकडिय़ां सुरक्षित है। जबकि वह लकडिय़ा सड़क किनारे पड़ी हुई विभाग की इस सच्चाई की पोल खोल रही है। सैंकड़ों पेड़ों को लोग अपने घर उठाकर ले गए लेकिन सोचने वाली बात यह है कि अगर इसी तरह से वन विभाग द्वारा लापरवाही चलती रही तो वह दिन दूर नहीं जब हमें सड़क किनारे लगे पेड़ गायब मिलेंगे। इस बात से सहज ही अंदाजा लगाया जा रहा है कि वन महकमे के कर्मचारी कितनी सर्तकता बरतते हैं। खास बात तो यह है कि डबवाली-ऐलनाबाद रोड़ पर इतने सुखे पेड़ पड़े हैं कि जिन की तरफ विभाग का कोई भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा है और लकड़ी चोरों की पूरी निगाह रहती है। वहीं सड़क किनारे वन विभाग द्वारा छोड़े गए पेड़ों की जगह का जब संवाददाता ने यहां का दौरा किया तो पाया कि कुछ अज्ञात लोग अपने टै्रक्टर व ट्रालियों के जरिए लकड़ी ले जा रहेे थे, उन लोगों से पूछा गया कि आप यह लकड़ी क्योंंंंं उठा रहे हो तो उन्होंने कहा कि यह लकड़ी तो सरकारी है कौन पूछता है। वैसे पहले भी कई बार क्षेत्र में लकड़ी चोरी की घटनाएं हो चुकी है, लेकिन फिर भी वन विभाग उनसे सबक नहीं ले रहा है। वन महकमे के कर्मचारी कई बार तो वन माफियाओं पर कार्यवाही करने केे बजाए पेड़ चोरी की सूचना देने वालों पर ही अपनी रौब जमाने बैठ जाते हैं, जिससे लगता है कि ये कर्र्र्मचारी वन माफियाओं सेे मिले हुए हंै और पेड़ चुराने देने की ऐवज में मोटी रकम खाते हैं। गार्ड राजवीर से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि जगह न होने के कारण यहां सड़क किनारे रखने की बजाए पेड़ों को ओर कहां रखें।
जब विभाग के रेंज ऑफिसर चरणजीत सिंह से बात कि गई तो उन्होंने कहा कि इस अंधड से करीब 300 पेडों को नुकसान हुआ है व उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अंधड से जो वृक्ष टूटे थे व लोगों द्वारा जो उठा लिए गए है उन्हें विभाग द्वारा एकत्रित किया जा रहा है और अगर किसी व्यक्ति ने इन पेडों को लौटाने में मनाही की तो उस पर विभाग द्वारा कार्रवाई की जाएगी।
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सर्कल स्तर पर निपटाए जाएंगे इंतकाल संंबधित मामले
डबवाली (यंग फ्लेम) जिला में गिरदावरी व इंतकाल के मामले निपटाने के लिए प्रत्येक सर्कल क्षेत्र में महीने में दो बार लोक अदालतों का आयोजन किया जाएगा। यह निर्देश उपायुक्त युद्धवीर सिंह ख्यालिया ने आज सभी राजस्व अधिकारियों को दिए और कहा कि लोक अदालतों के माध्यम से सभी राजस्व अधिकारी सुनिश्चित करें कि म्युटेशन और रजिस्ट्ररी से संबंधित मामले लंबित न रहे। उन्होंने कहा कि सभी सर्कल राजस्व अधिकारी लोक अदालतों में गिरदावरी और इंतकाल से संबंधित आने वाले मामलों का मौके पर ही निपटारा करेंगे। उन्होंने कहा कि लोक अदालतें बड़े-बड़े गांवों में आयोजित की जाएंगी जिनमें आसपास के क्षेत्र के एक-एक दर्जन गांवों के लोगों के गिरदावरी इंतकाल से संबंधित मामले निपटाए जाएंगे। उपायुक्त ने जिला के सभी राजस्व अधिकारियों तथा खंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे संबंधित क्षेत्रों में बाढ़ बचाव कार्यों के पुख्ता प्रंबंधों को सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिन भी क्षेत्रों में घग्घर नदी में किसानों ने सिंचाई के लिए पाइप दबाई हुई है वे पाइप सिंचाई विभाग द्वारा किए गए डिजाइन के अनुसार ही दबी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पाइप के आसपास दीवार बनाया जाना आवश्यक है ताकि घग्घर में पानी आने पर ये पाइपें किसी प्रकार से लीकेज न हो। यदि कोई किसान विभाग द्वारा डिजाइन के अनुसार पाइप नहीं दबाते तो उनकी पाइपें उखड़वाकर बंद कर दें। इसके साथ-साथ उन्होंने उक्त अधिकारियों को निर्देश दिए कि उनके क्षेत्रों से संबंधित क्षेत्रों में सभी पाइप डिजाइन के अनुसार दबाई जानी चाहिए और बाढ़ बचाव के प्रंबंध भी पुख्ता हो। इस बारे में सभी राजस्व अधिकारी प्रमाण पत्र भी जारी करेंगे। उन्होंने बताया कि बाढ़ बचाव कार्यों में कोताही बरतने वाले संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यावाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने खंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों से कहा कि जो भी गांवों पंचायती जमीन पर बसे हुए हैं या पंचायती भूमि पर रिहायशी मकान बने हुए हैं। राज्य सरकार के नियमानुसार ऐसी भूमि की कीमत वसूले जिससे राज्य सरकार के राजस्व में बढ़ौतरी भी होगी और इस प्रकार के मामले नियमित भी हो पाएंगे।
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पेंशन न मिलने से बुजुर्र्ग परेशान
डबवाली (यंग फ्लेम) बुजुर्गों को किसी तरह की परेशानी ना हो इस लिए सरकार द्वारा समय-समय पर उनके लिए अनेक योजनाएं चलाई जाती है, जिसमें बुढ़ापा पेंशन, विधवा, विकलांग सहित अनेक योजनाएं शामिल होती है। लेकिन कई गांवों के लोगों को तो इन योजनाओं का भरपूर फायदा होता है, परंतु कुछ गांवों के लोगों को तीन-चार महिनों तक भी पेंशन नसीब नहीं होती।
बिज्जूवाली सहित क्षेत्र के गांव रिसालिया खेड़ा, बनवाला, गोदिकां, अहमदपुर दारेवाला सहित अनेक दर्जनों गांवों के ग्रामीण बुजुर्गों को पिछले तीन महीने से पेंशन न मिलने के कारण बुजुर्गों को भारी परेशानियों उठानी पड़ रही है। जिन बुजुगों के पास आय का कोई दुसरा साधन है उनका तो काम चल जाता है, लेकिन जिनका घर ही इस पेंशन से चलता है उनका क्या ? बुजुर्गों ने बताया कि फरवरी माह के बाद उन्हें पेंशन नहीं मिली जिसके कारण उनकी मुश्किलें ओर ज्यादा बढ़ गई। उन्होंने बताया कि पहले उन्हें समय पर पेंशन मिल जाती थी, लेकिन जब से हरियाणा सरकार ने बैंक के जरिए पेंशन देने का काम शुरू किया है, तब से लेकर आज तक उन्हें पेंशन के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है तथा अपने घरों का खर्चा चलाने के लिए दिहाड़ी-मजदूरी करनी पड़ रही है, लेकिन अब उनका शरीर मजदूरी करने योग्य नहीं रहा है, ऊपर से ये भीष्ण गर्मी फिर भी मजबूरी में उनको मजदूरी करनी पड़ रही है। क्षेत्र के बुजुर्गों ने संबंधित विभाग से मांग की है कि जल्द से जल्द उनकी समस्या का सामाधान किया जाए नहीं तो उन्हें जिला कार्यालयों पर धरना-प्रदर्र्शन करने पर मजबूर होना पड़ सकता है।
बिज्जूवाली सहित क्षेत्र के गांव रिसालिया खेड़ा, बनवाला, गोदिकां, अहमदपुर दारेवाला सहित अनेक दर्जनों गांवों के ग्रामीण बुजुर्गों को पिछले तीन महीने से पेंशन न मिलने के कारण बुजुर्गों को भारी परेशानियों उठानी पड़ रही है। जिन बुजुगों के पास आय का कोई दुसरा साधन है उनका तो काम चल जाता है, लेकिन जिनका घर ही इस पेंशन से चलता है उनका क्या ? बुजुर्गों ने बताया कि फरवरी माह के बाद उन्हें पेंशन नहीं मिली जिसके कारण उनकी मुश्किलें ओर ज्यादा बढ़ गई। उन्होंने बताया कि पहले उन्हें समय पर पेंशन मिल जाती थी, लेकिन जब से हरियाणा सरकार ने बैंक के जरिए पेंशन देने का काम शुरू किया है, तब से लेकर आज तक उन्हें पेंशन के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है तथा अपने घरों का खर्चा चलाने के लिए दिहाड़ी-मजदूरी करनी पड़ रही है, लेकिन अब उनका शरीर मजदूरी करने योग्य नहीं रहा है, ऊपर से ये भीष्ण गर्मी फिर भी मजबूरी में उनको मजदूरी करनी पड़ रही है। क्षेत्र के बुजुर्गों ने संबंधित विभाग से मांग की है कि जल्द से जल्द उनकी समस्या का सामाधान किया जाए नहीं तो उन्हें जिला कार्यालयों पर धरना-प्रदर्र्शन करने पर मजबूर होना पड़ सकता है।
जिला समाज कल्याण अधिकारी के कार्यालय में बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस बारे में पेंशन वितरण कंपनी व एक्सिस बैंक के मैनेजर जानकारी देंगे। जब पेंशन वितरण कंपनी कार्यालय में बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस महिने की 25 तारीख तक पेंशन दे दी जाएगी। वहीं जब एक्सिस बैंक के मैनेजर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि किन्ही कारणों से पेंशन समय पर न आ सकी लेकिन जून माह के आखिर तक सब लोगों को पेंशन मुहैया करवाई जाएगी।
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बुधवार, 22 जून 2011
Couple from Vancouver riot photo revealed
Video footage has emerged showing what really happened to the infamous 'kissing couple' during last week's Vancouver riots.
The couple, identified as Australian Scott Jones, 29, and Canadia
However, the affectionate pair, who have been dating for six months, dismissed claims that the kissing in the photograph was staged as they broke their silence on the night’s dramatic events.
The couple had been drinking at a bar downtown when the atmosphere in the streets of Vancouver turned nasty.
Moments before the iconic snap was taken, Mr Jones was simply trying to calm down his injured girlfriend after they were hit by police as they tried to escape the violent clashes.”
In the video clip, riot police can be seen hitting the couple with their shields. After the incident, Miss Thomas appears distressed and lies on the ground as she is comforted by her concerned boyfriend.
Speaking with NBC’s ‘Today’ show, bartender Mr Jones said: “I was just trying to calm her down. It was pretty scary for her, and it seemed like the best thing to do.”
“I would call myself a tourist. It was Game 7, Stanley Cup finals, so something was going to happen whether we won or lost — something big. I just wanted to bear witness to what was going on. I never felt in danger while we were down there until the riot police came along.”
Environmental engineering graduate Alex added: “It happened so fast. I never expected it to turn into that situation so quickly.
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मंगलवार, 21 जून 2011
नशे में धुत्त होकर पहुंचा बीपीएल सर्वे करने वार्ड 14 के निवासियों ने जमकर की धुनाई
नौकरी से किया बर्खास्त, भेजा जेल
डबवाली,- में बीपीएल सर्वे में जुटी साक्षरता मिशन टीम के नशे में धुत कर्मचारी के कारण वार्ड 14 में बवाल खड़ा हो गया। लाल परी के नशे चूर बदतमीज हुए उक्त कर्मचारी की जनता ने तो अच्छी खातिरदारी की ही, उसे हवालात के दर्शन भी हो गये और नौकरी से तो हाथ धोना ही पड़ा पुलिस और नगर पार्षद से माफी मांग कर पीछा छुड़वाया। शहर में बीपीएल के सर्वे का कार्यभार साक्षरता मिशन को सौंपा हुआ है। 17 जून से जारी इस सर्वे में मिशन के सचिव सुखविंद्र सिंह ने पांच कर्मचारियों सर्वे के दौरान फोटोग्राफी का कार्य सौंपा हुआ था। आज इसी कार्यक्रम में वार्ड 11, 12, 13, 14 व 15 का सर्वे किया जाना था। वार्ड 14 में सर्वे और फोटोग्राफी का कार्य कर रहे दारा सिंह वहां नशे में धुत्त होकर पहुंच गए और पहले मीना बाजार में निरंजन सचदेवा के घर पर बदतमीजी करने लगे। इसी दौरान राशन डिपो संचालक जसवंत सिंह वहां पहुंचे और समझा बुझा कर मामला शांत करवा वहां से नगर पार्षद विनोद बांसल के घर के पास ले आया। शराब के नशे में धुत दारा सिंह पार्षद की गैर मौजूदगी में उसके घर में घुसा और आंगन में कई चक्कर लगा कर बैठक में पड़े सोफे पर लेट गया। सूचना मिलने पर नगर पार्षद घर पर पहुंचे और वहां उपस्थित लोगों ने उसकी जमकर धुनाई की और उसे खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी के पास ले गए। इसके बाद दारा सिंह को थाना शहर पुलिस के हवाले कर दिया। वहीं मामले की सूचना मिलने पर साक्षरता मिशन के सचिव सुखविंद्र सिंह पहुंच गए। उन्होंने बताया कि दारा सिंह को तत्काल प्रभाव से नौकरी से हटा दिया गया है।सुखविंद्र सिंह के बीच बचाव के उपरांत दारा सिंह ने पुलिस और नगर पार्षद से माफी मांग कर इस विवाद से अपना पीछा छुडवाया।
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ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਪੰਜਾਬ ਵਲੋਂ ਆਧੁਨਿਕ ਪਸ਼ੂ ਮੰਡੀ ਦਾ ਉਦਘਾਟਨ ,मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह ने पशुमेला मैदान का उदघाटन किया
ਸੰਗਤ ਦਰਸ਼ਨ ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ 1.5 ਕਰੋੜ ਦੀਆਂ ਗਾਂਟਾਂ ਵੰਡੀਆਂ ਸਵਰਗੀ ਬੀਬੀ ਸੁਰਿੰਦਰ ਕੌਰ ਬਾਦਲ ਜੀ ਦੀ ਯਾਦ ਵਿਚ ਲਾਈਬ੍ਰੇਰੀ ਦਾ ਉਦਘਾਟਨ
ਮੰਡੀ ਕਿਲਿਆਂ ਵਾਲੀ
ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਪੰਜਾਬ ਨੇ ਹੋਰ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੰਦਿਆਂ ਅੱਗੇ ਦਸਿਆ ਕਿ ਰਾਜ ਵਿਚ ਡੇਅਰੀ ਅਤੇ ਪਸ਼ੂ ਪਾਲਣ ਧੰਦੇ ਨੂੰ ਉਤਸਾਹਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਤਿੰਨ ਡੇਅਰੀ ਸਿਖਲਾਈ ਕੇਂਦਰ ਵੇਰਕਾ ਜ਼ਿਲ•ਾ ਅਮ੍ਰਿੰਤਸਰ, ਗਿੱਲ ਜ਼ਿਲ•ਾ ਮੋਗਾ ਅਤੇ ਅਬੁਲ ਖੁਰਾਣਾ ਜ਼ਿਲ•ਾ ਸ੍ਰੀ ਮੁਕਤਸਰ ਸਾਹਿਬ ਵਿਖੇ ਸਥਾਪਿਤ ਕੀਤੇ ਗਏ ਹਨ। ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਤਲਵਾੜਾ ਅਤੇ ਕਾਲਝਰਾਨੀ ਵਿਖੇ ਪਸ਼ੂ ਧਨ ਲਈ ਦੋ ਖੇਤਰੀ ਖੋਜ ਕੇਂਦਰ ਵੀ ਸਥਾਪਿਤ ਕੀਤੇ ਗਏ ਹਨ। ਉਨ•ਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਰਾਜ ਵਿਚ 19 ਵੈਟਰਨਰੀ ਹਸਪਤਾਲਾਂ ਦੀਆਂ ਇਮਾਰਤਾਂ ਦੀ ਉਸਾਰੀ ਮੁੰਕਮਲ ਕੀਤੀ ਗਈ ਅਤੇ 9 ਵੈਟਰਨਰੀ ਪੋਲੀਕਲੀਨਕ ਜ਼ਿਲ•ਾ ਪੱਧਰ ਤੇ ਖੋਲੇ ਗਏ ਹਨ। ਉਨ•ਾਂ ਇਹ ਵੀ ਕਿਹਾ ਕਿ ਕਿਸਾਨਾਂ ਦਾ ਆਰਥਿਕ ਪੱਧਰ ਉੱਚਾ ਚੁੱਕਣ ਲਈ ਸਰਕਾਰੀ ਮਦਦ ਨਾਲ 4000 ਡੇਅਰੀ ਫਾਰਮ ਖੋਲੇ ਗਏ ਹਨ ਅਤੇ 8 ਹੋਰ ਵੈਟਰਨਰੀ ਕਾਲਜਾਂ ਨੂੰ ਖੋਲਣ ਦੀ ਮੰਜੂਰੀ ਦਿੱਤੀ ਗਈ ਹੈ। ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਪੰਜਾਬ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਹੁਣ ਤੱਕ ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਨੇ 25 ਪਸ਼ੂ ਧਨ ਮੇਲੇ ਆਯੋਜਿਤ ਕੀਤੇ ਹਨ। ਇਸ ਤੋਂ ਉਪਰੰਤ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਪੰਜਾਬ ਨੇ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਕਾਲਜ ਆਫ ਮੈਨੇਜਮੈਂਟ ਅਤੇ ਟੈਕਨੋਲਾਜੀ ਕਿਲਿਆਂ ਵਾਲੀ ਵਿਖੇ ਸਵਰਗੀ ਬੀਬੀ ਸੁਰਿੰਦਰ ਕੌਰ ਬਾਦਲ ਜੀ ਦੀ ਯਾਦ ਵਿਚ ਉਸਾਰੀ ਗਈ ਲਾਈਬ੍ਰੇਰੀ ਦਾ ਉਦਘਾਟਨ ਵੀ ਕੀਤਾ।
ਇਸ ਮੌਕੇ ਪ੍ਰੈਸ ਪੱਤਰਕਾਰਾਂ ਦੇ ਸਵਾਲਾਂ ਦਾ ਜਵਾਬ ਦਿੰਦਿਆਂ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਪੰਜਾਬ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਚੋਣਾਂ ਕਦੋਂ ਕਰਵਾਉਣੀਆਂ ਹਨ ਇਹ ਫੈਸਲਾ ਭਾਰਤ ਦੇ ਚੋਣ ਕਮਿਸ਼ਨ ਨੇ ਕਰਨਾ ਹੈ। ਅਸੀਂ ਹਰ ਸਮੇਂ ਚੋਣਾਂ ਲਈ ਤਿਆਰ ਹਾਂ ਭਾਵੇਂ ਉਹ ਮਿੱਥੇ ਸਮੇਂ ਤੇ ਕਰਵਾਉਣ ਜਾ ਇਸ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ।
ਲੰਬੀ ਵਿਧਾਨ ਸਭਾ ਹਲਕੇ ਦੇ ਪਿੰਡਾਂ ਵਿਚ ਆਯੋਜਿਤ ਸੰਗਤ ਦਰਸ਼ਨ ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ ਦੇ ਤਹਿਤ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਪੰਜਾਬ ਨੇ ਲੋਕਾਂ ਦੇ ਭਾਰੀ ਇੱਕਠਾਂ ਨੂੰ ਸੰਬੋਧਨ ਕਰਦਿਆਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਦੇਸ਼ ਵਿਚ ਗਰੀਬੀ, ਅਨਪੜ•ਤਾ ਅਤੇ ਬੇਰੁਜਗਾਰੀ ਲਈ ਕੇਂਦਰ ਦੀਆਂ ਕਾਂਗਰਸ ਸਰਕਾਰਾਂ ਜਿੰਮੇਵਾਰ ਹਨ ਜਿੰਨ•ਾਂ ਨੇ ਅਜੇ ਤੱਕ ਕੋਈ ਵੀ ਸਾਰਥਿਕ ਨੀਤੀਆਂ ਨਹੀਂ ਬਣਾਈਆਂ ਜਿਸ ਨਾਲ ਇੰਨ•ਾਂ ਅਲਾਮਤਾਂ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ। ਉਨ•ਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਸੰਗਤ ਦਰਸ਼ਨ ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਸਹੁਲਤ ਲਈ ਸੁਰੂ ਕੀਤੇ ਗਏ ਹਨ ਜਿਸ ਨਾਲ 'ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਸਰਕਾਰ ਲੋਕਾਂ ਦੇ ਦੁਆਰ' ਦੇ ਮਨਸ਼ੇ ਨਾਲ ਰਾਜ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਮੌਕੇ ਤੇ ਹੀ ਉਨ•ਾਂ ਦੀਆਂ ਸਮਸਿਆਵਾਂ ਦਾ ਹੱਲ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਪਿੰਡਾਂ ਅਤੇ ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਦੇ ਵਿਕਾਸ ਲਈ ਵਿਕਾਸ ਗ੍ਰਾਂਟਾਂ ਦਿੱਤੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ। ਅੱਜ ਦੇ ਸੰਗਤ ਦਰਸ਼ਨ ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ ਤਹਿਤ ਪਿੰਡ ਮਾਨ ਨੂੰ 3.05 ਲੱਖ, ਪਿੰਡ ਗੱਗੜ ਨੂੰ 8.40 ਲੱਖ, ਮਿਠੜੀ ਬੁੱਧ ਗਿਰ ਨੂੰ 13.50 ਲੱਖ, ਸਿੰਘੇ ਵਾਲਾ ਨੂੰ 6 ਲੱਖ, ਢਾਣੀ ਸਿੰਘੇ ਵਾਲਾ ਨੂੰ 18 ਲੱਖ, ਫਤੂਹੀਵਾਲਾ ਨੂੰ 23.20 ਲੱਖ, ਵੜਿੰਗ ਖੇੜਾ ਨੂੰ 30.70 ਲੱਖ, ਪਿੰਡ ਕਿਲਿਆਂ ਵਾਲੀ ਨੂੰ 13.60 ਲੱਖ ਅਤੇ ਮੰਡੀ ਕਿਲਿਆਂ ਵਾਲੀ ਨੂੰ 33.90 ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਦੀ ਗ੍ਰਾਂਟ ਸਮੇਤ ਕੁੱਲ 1 ਕਰੋੜ 50 ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਦੀਆਂ ਗਾਂਟਾਂ ਵੰਡੀਆਂ।
ਹੋਰਨਾਂ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਇਸ ਮੌਕੇ ਮੇਜ਼ਰ ਭੁਪਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਢਿਲੋਂ, ਸ: ਮਨਜੀਤ ਸਿੰਘ ਬਰਕੰਦੀ ਜ਼ਿਲ•ਾ ਪ੍ਰਧਾਨ ਸ੍ਰੋਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ, ਸ: ਅਵਤਾਰ ਸਿੰਘ ਬੰਨਵਾਲਾ, ਹਰਮੀਤ ਸਿੰਘ ਭਿਟੀਵਾਲਾ ਚੇਅਰਮੈਨ, ਅਕਾਸ਼ਦੀਪ ਸਿੰਘ ਪ੍ਰਧਾਨ ਐਸ.ਓ.ਆਈ. ਜਸਪਾਲ ਸਿੰਘ ਸਰਪੰਚ, ਸ੍ਰੀ ਕੇ.ਜੀ. ਐਸ. ਚੀਮਾ ਵਿਸ਼ੇਸ ਪਿੰ੍ਰਸੀਪਲ ਸਕੱਤਰ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਪੰਜਾਬ, ਸ੍ਰੀ ਅਰਸ਼ਦੀਪ ਸਿੰਘ ਥਿੰਦ ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਸ੍ਰੀ ਮੁਕਤਸਰ ਸਾਹਿਬ, ਸ੍ਰੀ ਅਮਿਤ ਢਾਕਾ ਐਡੀਸ਼ਨਲ ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ (ਵਿਕਾਸ), ਸ੍ਰੀ ਇੰਦਰ ਮੋਹਨ ਸਿੰਘ ਐਸ.ਐਸ.ਪੀ. ਸ੍ਰੀ ਮੁਕਤਸਰ ਸਾਹਿਬ, ਸ੍ਰੀ ਭੁਪਿੰਦਰ ਮੋਹਨ ਸਿੰਘ ਸਹਾਇਕ ਕਮਿਸ਼ਨਰ, ਦਲਵਿੰਦਰਜੀਤ ਸਿੰਘ ਐਸ.ਡੀ.ਐਮ., ਸ੍ਰੀ ਐਚ. ਐਸ. ਸਰਾਂ ਡੀ.ਡੀ.ਪੀ.ਓ. ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸਿੰਘ ਨਿਗਰਾਨ ਇੰਜਨੀਅਰ ਪੰਚਾਇਤੀ ਰਾਜ, ਸ੍ਰੀ ਪ੍ਰਵੀਨ ਗਾਂਧੀ ਕਾਰਜਕਾਰੀ ਇੰਜਨੀਅਰ ਪੰਚਾਇਤੀ ਰਾਜ ਵੀ ਹਾਜਰ ਸਨ।
मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह ने पशुमेला मैदान का उदघाटन किया
डबवाली-पंजाब राज्य में पशु व्यपारियों को बेहतर सुविधाए प्रदान करने के लिए पशु मंडियो को विस्तार किया जा रहा है इसी कडी में आज किलियावाली मंडी में 759.5 लाख रूपऐ की लागत से बने पशुमेला मैदान का उदघाटन पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह ने अपने करकमलों द्वारा किया। उदघाटन उपरान्त श्री बादल ने कहा कि किलियावाली मंडी में विस्तार किया गया पशुमेला मैदान उत्तर भारत का पहला पशुमेला मैदान है जिसमें सभी आधुनिक सुविधाऐं मुहइया करवाई गई है। मुख्यमंत्री बादल ने कहा कि राज्य में पशुपालन को बढावा देने के लिए तीन डेयरी सिखलाई कैन््रद्र अमृतसर, मौगा व मुक्तसर जिला में स्थापित किऐ गऐ है इसके इलावा तलवाडा व कालझरानी में पशुधन के लिए खेतरीखोज कै न्द्र भी स्थापित किया है उन्होने कहा कि प्रेदश में 19 वेटनरी अस्पताल की इमारतो की उसारी कार्य किया गया है तथा 9 वेटनरी जिला पोलिकलिनक खोले गऐ है उन्होने कहा कि किसानो की आर्थिक स्थिति को ऊंचा उठाने के लिए सरकारी सहायता से चार हजार डेयरी फार्म खोले गऐ है तथा आठ नऐ वेटनरी कालेंज खोलने की मजुरी दी गई है। मुख्यमंत्री बादल ने बताया कि पंजाब सरकार की और से अब तक 25 पशुधन मेले आयोजित किऐ गऐ है इस बवसर पर मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने किलियावाली मंडी में स्थिति गुरूनानक कालेंज आँफ मेनेजमैंट एव टेेकनोलजी द्वारा स्थापित स्वर्गीय बीबी सुरेन्द्र कौर की याद में लाईबरेरी का उदघाटन किया। इस अवसर पर मेजर भुपेन्द्र ढिल्लो,मनजीत बरकंदी,अवतार सिंह बनवाला , हरमीत सिंह भिटीवाला,अकाश दीप सिंह,जसपाल सिंह सरपंच,के.जी.एस.चीमा,अर्शदीप सिंह थिंद,वेद प्रकाश जिंदल,अरूण जिंदल, नीरज जिंदल,प्रिसीपल इन्दिरा अरोड़ा वअन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे
ਮੰਡੀ ਕਿਲਿਆਂ ਵਾਲੀ
ਪੰਜਾਬ ਰਾਜ ਵਿਚ ਪਸ਼ੂ ਵਪਾਰ ਲਈ ਬੇਹਤਰ ਸਹੁਲਤਾਂ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਨ ਲਈ ਪਸ਼ੂ ਮੰਡੀਆਂ ਦੇ ਬੁਨਿਆਦੀ ਢਾਂਚੇ ਦੀ ਉਸਾਰੀ ਕੀਤੀ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਇੰਨ•ਾਂ ਪਸ਼ੂ ਮੰਡੀਆਂ ਦਾ ਆਧੁਨਿਕੀਕਰਨ ਕਰਨ ਦੇ ਨਾਲ ਨਾਲ ਰਾ
ਜ ਵਿਚ ਵਧੀਆਂ ਨਸਲਾਂ ਦੇ ਪਸ਼ੂ ਪੈਦਾ ਕਰਕੇ ਪਸ਼ੂ ਵਪਾਰ ਵਿਚ ਚੋਖਾ ਵਾਧਾ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕੇ ਅਤੇ ਪਸ਼ੂ ਪਾਲਕਾਂ ਦੀ ਆਰਥਿਕ ਸਥਿਤੀ ਨੂੰ ਬੇਹਤਰ ਸੁਧਾਰਿਆ ਜਾ ਸਕੇ।
ਇਹ ਜਾਣਕਾਰੀ ਸ: ਪਰਕਾਸ਼ ਸਿੰਘ ਬਾਦਲ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਪੰਜਾਬ ਨੇ ਅੱਜ ਜ਼ਿਲ•ਾ ਸ੍ਰੀ ਮੁਕਤਸਰ ਸਾਹਿਬ ਦੇ ਕਸਬਾ ਕਿਲਿਆਂ ਵਾਲੀ ਵਿਖੇ 759.05 ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਦੀ ਲਾਗਤ ਨਾਲ ਉਸਾਰੀ ਗਈ ਆਧੁਨਿਕ ਪਸ਼ੂ ਮੰਡੀ ਦਾ ਉਦਘਾਟਨ ਕਰਨ ਉਪਰੰਤ ਦਿੱਤੀ। ਉਨ•ਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਸਾਲ 2010 ਵਿਚ ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਵਲੋਂ ਪਸ਼ੂ ਮੇਲਾ ਮੈਦਾਨਾਂ ਦਾ ਆਧੁਨਿਕੀਕਰਨ ਕਰਨ ਦਾ ਫੈਸਲਾ ਲਿਆ ਗਿਆ ਸੀ ਜਿਸ ਵਿਚ ਕਿਲਿਆਂ ਵਾਲੀ ਜ਼ਿਲ•ਾ ਸ੍ਰੀ ਮੁਕਤਸਰ ਸਾਹਿਬ, ਵੱਲਾ ਜ਼ਿਲ•ਾ ਸ੍ਰੀ ਅਮ੍ਰਿੰਤਸਰ ਸਾਹਿਬ, ਨਬੀਪੁਰ ਜ਼ਿਲ•ਾ ਸ੍ਰੀ ਫਤਿਹਗੜ• ਸਾਹਿਬ ਅਤੇ ਸੁਭਾਨ ਪੁਰ ਜ਼ਿਲ•ਾ ਕਪੂਰਥਲਾ ਸਾਮਿਲ ਸਨ ਜ਼ਿਨ•ਾਂ ਵਿਚੋਂ ਪਹਿਲੇ ਪੜਾਅ ਅਧੀਨ ਕਸਬਾ ਕਿਲਿਆਂ ਵਾਲੀ ਦਾ ਪਸ਼ੂ ਮੇਲਾ ਮੈਦਾਨ ਮੁੰਕਮਲ ਕਰ ਲਿਆ ਗਿਆ ਹੈ ਅਤੇ ਦੂਜੇ ਪੜਾਅ ਵਿਚ ਧਨੌਲਾ ਜ਼ਿਲ•ਾ ਬਰਨਾਲਾ, ਨਾਭਾ ਜ਼ਿਲ•ਾ ਪਟਿਆਲਾ, ਜਗਰਾਂਓ ਜ਼ਿਲ•ਾ ਲੁਧਿਆਣਾ ਅਤੇ ਕੁਰਾਲੀ ਜ਼ਿਲ•ਾ ਸਾਹਿਬਜਾਦਾ ਅਜੀਤ ਸਿੰਘ ਨਗਰ ਰੱਖੇ ਗਏ ਹਨ। ਉਨ•ਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਕਿਲਿਆਂ ਵਾਲੀ ਵਿਖੇ ਉਸਾਰਿਆ ਗਿਆ ਪਸ਼ੂ ਮੇਲਾ ਮੈਦਾਨ ਉੱਤਰ ਭਾਰਤ ਦਾ ਪਹਿਲਾਂ ਪਸੂ ਮੇਲਾ ਮੈਦਾਨ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿਚ ਅਤਿ ਆਧੁਨਿਕ ਸਹੁਲਤਾਂ ਮੁਹਈਆਂ ਕਰਵਾਈਆਂ ਗਈਆਂ ਹਨ।
ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਪੰਜਾਬ ਨੇ ਹੋਰ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੰਦਿਆਂ ਅੱਗੇ ਦਸਿਆ ਕਿ ਰਾਜ ਵਿਚ ਡੇਅਰੀ ਅਤੇ ਪਸ਼ੂ ਪਾਲਣ ਧੰਦੇ ਨੂੰ ਉਤਸਾਹਿਤ ਕਰਨ ਲਈ ਤਿੰਨ ਡੇਅਰੀ ਸਿਖਲਾਈ ਕੇਂਦਰ ਵੇਰਕਾ ਜ਼ਿਲ•ਾ ਅਮ੍ਰਿੰਤਸਰ, ਗਿੱਲ ਜ਼ਿਲ•ਾ ਮੋਗਾ ਅਤੇ ਅਬੁਲ ਖੁਰਾਣਾ ਜ਼ਿਲ•ਾ ਸ੍ਰੀ ਮੁਕਤਸਰ ਸਾਹਿਬ ਵਿਖੇ ਸਥਾਪਿਤ ਕੀਤੇ ਗਏ ਹਨ। ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਤਲਵਾੜਾ ਅਤੇ ਕਾਲਝਰਾਨੀ ਵਿਖੇ ਪਸ਼ੂ ਧਨ ਲਈ ਦੋ ਖੇਤਰੀ ਖੋਜ ਕੇਂਦਰ ਵੀ ਸਥਾਪਿਤ ਕੀਤੇ ਗਏ ਹਨ। ਉਨ•ਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਰਾਜ ਵਿਚ 19 ਵੈਟਰਨਰੀ ਹਸਪਤਾਲਾਂ ਦੀਆਂ ਇਮਾਰਤਾਂ ਦੀ ਉਸਾਰੀ ਮੁੰਕਮਲ ਕੀਤੀ ਗਈ ਅਤੇ 9 ਵੈਟਰਨਰੀ ਪੋਲੀਕਲੀਨਕ ਜ਼ਿਲ•ਾ ਪੱਧਰ ਤੇ ਖੋਲੇ ਗਏ ਹਨ। ਉਨ•ਾਂ ਇਹ ਵੀ ਕਿਹਾ ਕਿ ਕਿਸਾਨਾਂ ਦਾ ਆਰਥਿਕ ਪੱਧਰ ਉੱਚਾ ਚੁੱਕਣ ਲਈ ਸਰਕਾਰੀ ਮਦਦ ਨਾਲ 4000 ਡੇਅਰੀ ਫਾਰਮ ਖੋਲੇ ਗਏ ਹਨ ਅਤੇ 8 ਹੋਰ ਵੈਟਰਨਰੀ ਕਾਲਜਾਂ ਨੂੰ ਖੋਲਣ ਦੀ ਮੰਜੂਰੀ ਦਿੱਤੀ ਗਈ ਹੈ। ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਪੰਜਾਬ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਹੁਣ ਤੱਕ ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਨੇ 25 ਪਸ਼ੂ ਧਨ ਮੇਲੇ ਆਯੋਜਿਤ ਕੀਤੇ ਹਨ। ਇਸ ਤੋਂ ਉਪਰੰਤ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਪੰਜਾਬ ਨੇ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਕਾਲਜ ਆਫ ਮੈਨੇਜਮੈਂਟ ਅਤੇ ਟੈਕਨੋਲਾਜੀ ਕਿਲਿਆਂ ਵਾਲੀ ਵਿਖੇ ਸਵਰਗੀ ਬੀਬੀ ਸੁਰਿੰਦਰ ਕੌਰ ਬਾਦਲ ਜੀ ਦੀ ਯਾਦ ਵਿਚ ਉਸਾਰੀ ਗਈ ਲਾਈਬ੍ਰੇਰੀ ਦਾ ਉਦਘਾਟਨ ਵੀ ਕੀਤਾ।
ਇਸ ਮੌਕੇ ਪ੍ਰੈਸ ਪੱਤਰਕਾਰਾਂ ਦੇ ਸਵਾਲਾਂ ਦਾ ਜਵਾਬ ਦਿੰਦਿਆਂ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਪੰਜਾਬ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਚੋਣਾਂ ਕਦੋਂ ਕਰਵਾਉਣੀਆਂ ਹਨ ਇਹ ਫੈਸਲਾ ਭਾਰਤ ਦੇ ਚੋਣ ਕਮਿਸ਼ਨ ਨੇ ਕਰਨਾ ਹੈ। ਅਸੀਂ ਹਰ ਸਮੇਂ ਚੋਣਾਂ ਲਈ ਤਿਆਰ ਹਾਂ ਭਾਵੇਂ ਉਹ ਮਿੱਥੇ ਸਮੇਂ ਤੇ ਕਰਵਾਉਣ ਜਾ ਇਸ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ।
ਲੰਬੀ ਵਿਧਾਨ ਸਭਾ ਹਲਕੇ ਦੇ ਪਿੰਡਾਂ ਵਿਚ ਆਯੋਜਿਤ ਸੰਗਤ ਦਰਸ਼ਨ ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ ਦੇ ਤਹਿਤ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਪੰਜਾਬ ਨੇ ਲੋਕਾਂ ਦੇ ਭਾਰੀ ਇੱਕਠਾਂ ਨੂੰ ਸੰਬੋਧਨ ਕਰਦਿਆਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਦੇਸ਼ ਵਿਚ ਗਰੀਬੀ, ਅਨਪੜ•ਤਾ ਅਤੇ ਬੇਰੁਜਗਾਰੀ ਲਈ ਕੇਂਦਰ ਦੀਆਂ ਕਾਂਗਰਸ ਸਰਕਾਰਾਂ ਜਿੰਮੇਵਾਰ ਹਨ ਜਿੰਨ•ਾਂ ਨੇ ਅਜੇ ਤੱਕ ਕੋਈ ਵੀ ਸਾਰਥਿਕ ਨੀਤੀਆਂ ਨਹੀਂ ਬਣਾਈਆਂ ਜਿਸ ਨਾਲ ਇੰਨ•ਾਂ ਅਲਾਮਤਾਂ ਤੋਂ ਛੁਟਕਾਰਾ ਪਾਇਆ ਜਾ ਸਕਦਾ। ਉਨ•ਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਸੰਗਤ ਦਰਸ਼ਨ ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਸਹੁਲਤ ਲਈ ਸੁਰੂ ਕੀਤੇ ਗਏ ਹਨ ਜਿਸ ਨਾਲ 'ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਸਰਕਾਰ ਲੋਕਾਂ ਦੇ ਦੁਆਰ' ਦੇ ਮਨਸ਼ੇ ਨਾਲ ਰਾਜ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਮੌਕੇ ਤੇ ਹੀ ਉਨ•ਾਂ ਦੀਆਂ ਸਮਸਿਆਵਾਂ ਦਾ ਹੱਲ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਪਿੰਡਾਂ ਅਤੇ ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਦੇ ਵਿਕਾਸ ਲਈ ਵਿਕਾਸ ਗ੍ਰਾਂਟਾਂ ਦਿੱਤੀਆਂ ਜਾਂਦੀਆਂ ਹਨ। ਅੱਜ ਦੇ ਸੰਗਤ ਦਰਸ਼ਨ ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ ਤਹਿਤ ਪਿੰਡ ਮਾਨ ਨੂੰ 3.05 ਲੱਖ, ਪਿੰਡ ਗੱਗੜ ਨੂੰ 8.40 ਲੱਖ, ਮਿਠੜੀ ਬੁੱਧ ਗਿਰ ਨੂੰ 13.50 ਲੱਖ, ਸਿੰਘੇ ਵਾਲਾ ਨੂੰ 6 ਲੱਖ, ਢਾਣੀ ਸਿੰਘੇ ਵਾਲਾ ਨੂੰ 18 ਲੱਖ, ਫਤੂਹੀਵਾਲਾ ਨੂੰ 23.20 ਲੱਖ, ਵੜਿੰਗ ਖੇੜਾ ਨੂੰ 30.70 ਲੱਖ, ਪਿੰਡ ਕਿਲਿਆਂ ਵਾਲੀ ਨੂੰ 13.60 ਲੱਖ ਅਤੇ ਮੰਡੀ ਕਿਲਿਆਂ ਵਾਲੀ ਨੂੰ 33.90 ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਦੀ ਗ੍ਰਾਂਟ ਸਮੇਤ ਕੁੱਲ 1 ਕਰੋੜ 50 ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਦੀਆਂ ਗਾਂਟਾਂ ਵੰਡੀਆਂ।
ਹੋਰਨਾਂ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਇਸ ਮੌਕੇ ਮੇਜ਼ਰ ਭੁਪਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਢਿਲੋਂ, ਸ: ਮਨਜੀਤ ਸਿੰਘ ਬਰਕੰਦੀ ਜ਼ਿਲ•ਾ ਪ੍ਰਧਾਨ ਸ੍ਰੋਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ, ਸ: ਅਵਤਾਰ ਸਿੰਘ ਬੰਨਵਾਲਾ, ਹਰਮੀਤ ਸਿੰਘ ਭਿਟੀਵਾਲਾ ਚੇਅਰਮੈਨ, ਅਕਾਸ਼ਦੀਪ ਸਿੰਘ ਪ੍ਰਧਾਨ ਐਸ.ਓ.ਆਈ. ਜਸਪਾਲ ਸਿੰਘ ਸਰਪੰਚ, ਸ੍ਰੀ ਕੇ.ਜੀ. ਐਸ. ਚੀਮਾ ਵਿਸ਼ੇਸ ਪਿੰ੍ਰਸੀਪਲ ਸਕੱਤਰ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਪੰਜਾਬ, ਸ੍ਰੀ ਅਰਸ਼ਦੀਪ ਸਿੰਘ ਥਿੰਦ ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਸ੍ਰੀ ਮੁਕਤਸਰ ਸਾਹਿਬ, ਸ੍ਰੀ ਅਮਿਤ ਢਾਕਾ ਐਡੀਸ਼ਨਲ ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ (ਵਿਕਾਸ), ਸ੍ਰੀ ਇੰਦਰ ਮੋਹਨ ਸਿੰਘ ਐਸ.ਐਸ.ਪੀ. ਸ੍ਰੀ ਮੁਕਤਸਰ ਸਾਹਿਬ, ਸ੍ਰੀ ਭੁਪਿੰਦਰ ਮੋਹਨ ਸਿੰਘ ਸਹਾਇਕ ਕਮਿਸ਼ਨਰ, ਦਲਵਿੰਦਰਜੀਤ ਸਿੰਘ ਐਸ.ਡੀ.ਐਮ., ਸ੍ਰੀ ਐਚ. ਐਸ. ਸਰਾਂ ਡੀ.ਡੀ.ਪੀ.ਓ. ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸਿੰਘ ਨਿਗਰਾਨ ਇੰਜਨੀਅਰ ਪੰਚਾਇਤੀ ਰਾਜ, ਸ੍ਰੀ ਪ੍ਰਵੀਨ ਗਾਂਧੀ ਕਾਰਜਕਾਰੀ ਇੰਜਨੀਅਰ ਪੰਚਾਇਤੀ ਰਾਜ ਵੀ ਹਾਜਰ ਸਨ।
मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह ने पशुमेला मैदान का उदघाटन किया
डबवाली-पंजाब राज्य में पशु व्यपारियों को बेहतर सुविधाए प्रदान करने के लिए पशु मंडियो को विस्तार किया जा रहा है इसी कडी में आज किलियावाली मंडी में 759.5 लाख रूपऐ की लागत से बने पशुमेला मैदान का उदघाटन पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह ने अपने करकमलों द्वारा किया। उदघाटन उपरान्त श्री बादल ने कहा कि किलियावाली मंडी में विस्तार किया गया पशुमेला मैदान उत्तर भारत का पहला पशुमेला मैदान है जिसमें सभी आधुनिक सुविधाऐं मुहइया करवाई गई है। मुख्यमंत्री बादल ने कहा कि राज्य में पशुपालन को बढावा देने के लिए तीन डेयरी सिखलाई कैन््रद्र अमृतसर, मौगा व मुक्तसर जिला में स्थापित किऐ गऐ है इसके इलावा तलवाडा व कालझरानी में पशुधन के लिए खेतरीखोज कै न्द्र भी स्थापित किया है उन्होने कहा कि प्रेदश में 19 वेटनरी अस्पताल की इमारतो की उसारी कार्य किया गया है तथा 9 वेटनरी जिला पोलिकलिनक खोले गऐ है उन्होने कहा कि किसानो की आर्थिक स्थिति को ऊंचा उठाने के लिए सरकारी सहायता से चार हजार डेयरी फार्म खोले गऐ है तथा आठ नऐ वेटनरी कालेंज खोलने की मजुरी दी गई है। मुख्यमंत्री बादल ने बताया कि पंजाब सरकार की और से अब तक 25 पशुधन मेले आयोजित किऐ गऐ है इस बवसर पर मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने किलियावाली मंडी में स्थिति गुरूनानक कालेंज आँफ मेनेजमैंट एव टेेकनोलजी द्वारा स्थापित स्वर्गीय बीबी सुरेन्द्र कौर की याद में लाईबरेरी का उदघाटन किया। इस अवसर पर मेजर भुपेन्द्र ढिल्लो,मनजीत बरकंदी,अवतार सिंह बनवाला , हरमीत सिंह भिटीवाला,अकाश दीप सिंह,जसपाल सिंह सरपंच,के.जी.एस.चीमा,अर्शदीप सिंह थिंद,वेद प्रकाश जिंदल,अरूण जिंदल, नीरज जिंदल,प्रिसीपल इन्दिरा अरोड़ा वअन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे
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शनिवार, 18 जून 2011
अब तो हत्यारों की सरकार बन गई है कांग्रेस:अभय सिंह
डबवाली (यंग फ्लेम)पहले कांग्रेस पार्टी की सरकार लुटेरों की सरकार होती थी मगर अब तो लूट के साथ-साथ हत्यारों की सरकार बन गई है। सरकार के मंत्री खुद हत्याएं करवा रहे हैं। ऐसे में आम आदमी
का क्या होगा, यह सोचने की बात है। यह बात ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने गांव बाजेकां में ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कही। अपने जनजागरण अभियान के तहत वे गांव बाजेकां में पहुंचे थे। अभय सिंह ने करनाल जिले में पूर्व सरपंच कर्म सिंह की हत्या के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार के दो मंत्रियों ने नौकरी लगाने के नाम पर लाखों रुपयों की रिश्वत ली और नौकरी भी नहीं लगाई। जब कर्म सिंह ने रिश्वत के पैसे वापस मांगे तो उसकी हत्या करवा दी। रिश्वत के गवाह की भी हत्या करवा दी। इससे साबित होता है कि पहले कांग्रेस सरकार लोगों को लूटने का काम करती थी मगर अब लूट के साथ-साथ हत्या भी करवाने लगी है। अब आम आदमी कांग्रेस शासन में चैन की नींद नहीं सो सकता। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था बदहाल है। किसानों की जमीन सस्ते रेट पर खरीदकर सरकार प्रॉपर्टी डीलर्स को महंगे दामों बेचकर मुनाफा कमा रही है। हर तरफ भ्रष्टाचार का आलम है। अधिकारी भी बिना रिश्वत के काम नहीं करते हैं। सिरसा जिले में कानून व्यवस्था पर बोलते हुए कहा कि जिले में अपराध दिनोंदिन बढ़ रहे हैं। लोग पुलिस थाने में शिकायत लेकर जाते हैं तो थानेदार सुनवाई नहीं करते हैं। एसपी पर निशाना साधते हुए अभय सिंह ने कहा कि जिले में बिगड़ रही कानून व्यवस्था के लिए पुलिस प्रशासन जिम्मेदार है। पुलिस के बड़े अधिकारी रिश्वत खा रहे हैं तथा थानेदार बड़े अधिकारियों के एजेंट बने हुए हैं। महंगाई से आम आदमी का जीना मुश्किल हो गया है। कुछ दिन पहले पेट्रोल के दाम पांच रुपये तक बढ़ा दिए थे और अब होम लोन भी महंगा कर दिया है। अभय सिंह ने ग्रामीणों से कहा कि उक्त सभी समस्याओं का एक ही समाधान है, और वह है इनेलो का शासन। जब प्रदेश में इनेलो की सरकार बनेगी और चौधरी ओमप्रकाश चौटाला मुख्यमंत्री बनेंगे तो फिर कोई समस्या नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में चल रही गुटबाजी से लगता है कि जल्द ही उपचुनाव होंगे तथा इनेलो की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि 11 जून को सिरसा बंद करके जिले के लोगों ने अपना गुस्सा दिखाया था। वे बंद के लिए लोगों का धन्यवाद करने तथा कांग्रेस की नाकामियों को बताने के लिए ही ग्रामीणों के बीच जा रहे हैं। गांव साहुवाला में राकेश चाहर व रविंद्र चाहर के आवास पर उन्होंने जलपान किया। उन्होंने आज गांव केलनियां, रामनगरिया, सलारपुर, खाजाखेड़ा, कंगनपुर, बाजेकां, अलीमोहम्द, चांडीवाल, साहूवाला-2, ताजियाखेड़ा, शेरापुरा, कैरांवाली, नारायणखेड़ा, गदली, डिंग, मोचीवाली, कुक्कड़थाना, जोधकां, कुसुम्बी, कंवरपुरा, फूलकां सहित अन्य गांवों का दौरा किया। उनके साथ इनेलो जिलाध्यक्ष पदम जैन, अमीर चावला, डॉ. सीताराम, कृष्ण कंबोज, जिला प्रेस प्रवक्ता कृष्ण गुंबर, जसबीर सिंह जस्सा, सुरेश कुक्कू, बंसी सचदेवा, लीलाधर सैनी, कृष्णा फौगाट,विनोद बेनीवाल, सीताराम बटनवाला, महावी शर्मा, हरि सिंह भारी, मीनूदीन पहलवान, प्रदीप मेहता, मनोहर मेहता, कृष्ण मेहता, रमेश मेहता, बाजेकां की सरपंच भगवंती देवी, पूर्व सरपंच जगीर सिंह, जीत सिंह सहित अन्य मौजूद थे।

इस रंग बदलती दुनिया में स्वामी रामदेव !
सयाने कह गये हैं- इस दुनिया में कुछ भी स्थाई नहीं,सब कच्चा है। सिर्फ वही 'एक' सच्चा है। फिर भी लोग नहीं मानते। बहुत से साधु-संत भी नहीं मानते, हमेशा आजमाने की कोशिश में लगे रहते हैं। किसी ने कह दिया कि आग में हाथ ड़ालने से जल जाता है तो क्या जरुरी है कि हाथ ड़ालकर देख ही लिया
जाय? लेकिन बहुत से लोगों का दिल है कि मानता ही नहीं।
ज्ञानी लोग बताते हैं कि भगवा एक ऐसा रंग है जिसके बाद इस असार-संसार में फिर किसी और रंग की जरुरत ही नहीं रह जाती। भगवा, ज्वाला का प्रतीक है। उसको धारण करने का मतलब ही है कि आपने सांसारिक कमजोरियों, लिप्साओं और वासनाओं को संयम की आग में जलाकर नष्ट कर दिया है और जो कोई भी संसारी व्यक्ति आपके सानिध्य में रहेगा, आपसे दीक्षित होगा, उसका भी व्यामोह नष्ट हो जाएगा। पर, देखने में आता है कि प्राय: ऐसा होता नहीं। यह देव दुलर्भ है। मतलब देवता भी इससे विचलित होते रहे हैं। नारद-वारद को तो प्राय: ही ऐसी विचलन होती रहती थी। तो इसमें बाबा रामदेव का क्या दोष?
उपर जिन सयाने लोगों ने यह बताया है कि कुछ भी स्थायी नहीं, साजिशन उन्होंने यह नहीं बताया कि कम से कम कितनी देर तक यह टिकाऊ रहेगा, वरना बाबा धोखा न खाते। अब महाजनों की कही कोई बात 48 घंटा भी न टिके तो धोखा खाने के अलावा और हो ही क्या सकता है? देखने वाले दंग रह गये कि इस दौरान कितनी तेजी से रंग बदले! जिस बाबा का हवाई अड्डे पर रेड कार्पेट मार्का वेलकम किया गया, 5 स्टार होटल में आवभगत की गई उसी बाबा को 24 घंटे भी न बीतने पाये कि उन्हीं लोगों द्वारा यह सलूक! बाबा ने अपनी आदत के अनुसार सरकार से एडवांस में कोई गोपनीय सौदा कर ही लिया था तो काँग्रेस की पल्टी देखिए कि अखबारवालों के सामने उस चिठ्ठी को ही आऊट कर दिया!
बाबा भी कम नहीं। तप करने के लिए पुलिस से मोहलत ली थी लेकिन वहॉ जाने क्या-क्या करने लगे। कॉग्रेस अलग हैरान! उसकी किस्मत आजकल ऐसी ही चल रही है। अन्ना की काट के लिए जिसे मोहरा बनाती है वो रामदेव बन जाता है और जिसे लाट साहबी करने के लिए भेजती है, वो कामदेव बन जाता है! कॉग्रेस कब तक लाल-पीला स्वागत करती फोकट में। उसने बाबा से काबू में रहने को कहा तो बाबा के चेले कहने लगे कि बाबा तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं। चेले क्या जाने बाबा की लीला कि बाबा की 8 फुट की म्यान महज दिखावे की है, तलवार तो उसमें दो फुट की भी नहीं है। खेल-खेल में शुरु हुआ कार्यक्रम कॉग्रेस को अपने गले में सॉप जैसा लिपटा दिखने लगा। बाबा के पल-पल रंग बदलने से आहत कॉग्रेस ने आखिर वही किया जो कोई भी दिग्भ्रमित कर सकता है। गले में पड़े रामदेव नामक सॉप को मॅूड़ी से पकड़ा और ले जाकर भाजपा के गले में डाल आई कि लो अब संभालो इसे।
जो लीला न करे वो भगवान कैसा? हमारे धर्मग्रंथों में भगवानों के जो मानक लिखे हैं, उसके अनुसार उनका लीला करना अपरिहार्य होता है। भगवान राम ने जनकपुर में लीला न की होती तो परशुराम उन पर फरसा ही चला बैठते। उनकी लीला देखकर वे संतुष्ट हो गये थे। भगवान आशाराम तो बाकायदा कृष्ण की वेशभूषा में स्त्रियों के साथ रासलीला रचाते है! उसी प्रकार भगवान रामदेव भी कुछ लीला करना चाह रहे थे। कभी किसी के कंधे पर चढ़ रहे थे, तो कभी महिलाओं के बीच में घुसे जा रहे थे। बेचारे ब्रह्मचारी आदमी! ख्याल आ गया होगा कि स्त्री न सही तो स्त्री का वस्त्र ही सही, सो किसी स्त्री का वस्त्र पहन लिया। हालॉकि पुलिस यह नहीं बताती कि वे महिलाओं का अधोवस्त्र भी पहने थे कि नहीं। पुलिस कभी भी पूरी बात नहीं बताती।
फिर पुलिस ही कब तक रंग न बदलती। वह तो स्वभाव से ही रंग में भंग करने को आतुर रहती है। थोड़ी देर पहले तक जो पुलिस जरखरीद गुलाम जैसी बनी हुई थी वह अचानक तांडव करने लगी। मुझे शक़ होता है कि पुलिसियों को इतनी ताकत कहीं योग से तो नहीं मिल गई? बहरहाल, पुलिस ने बाबा को बताया कि तप का मतलब यह नहीं होता कि तुम लिंग परिवर्तन करने लगो और अगर लिंग परिवर्तन की तुम्हारी इतनी ही इच्छा है तो चलो तुम्हें पहाड़ों में छोड़ दें। वहीं जो करना हो करो।
मुंशी प्रेमचंद ने अपनी प्रसिध्द कहानी 'कफनÓ के अंत में घीसू और माधव के बारे में लिखा है कि ' वे गाये और नाचे भी, ठुमके भी लगाये और भाव भी बताये। बाद में नशे की अधिकता के कारण सुध-बुध खोकर गिर पड़े।Ó यही सब बाबा ने भी किया और गिर पड़े! वे पहले बाबा बने, फिर योगी बनकर योग सिखाने लगे। योग में भी उनकी रुचि नाखून रगड़कर सफेद बाल को काला करने और उँगलियों के कई दबाव बिंदु की मार्फत सेक्स जगाने जैसी समस्याओं में ज्यादा रही। बाबा ने इस बात का खासा प्रचार किया कि फलॉ उंगली में सेक्स जागृत करने का दबाव बिंदु होता है और इसीलिए शादी के एंगेजमेंट के समय उसी उँगली में ?गूठी पहनी जाती है! (हमारे कई सुधी पाठकों को याद होगा, एक समय में स्वयंभू भगवान आचार्य रजनीश उर्फ ओशो भी ऐसा ही कुछ कहते थे। एक बार एक विदेशी पत्रकार ने उनसे पूछा कि भगवान्, ये महिलाऐं हाथ में चूडिय़ां क्यों पहनती हैं, तो भगवान ने उत्तर दिया था – दीज आर बेंगल्स। दीज प्रोडयूस द साउन्ड ऑफ सेक्स। मतलब ये चूडिय़ाँ हैं और ये सेक्सी ध्वनि पैदा करती हैं!) बाद में बाबा कारोबारी, व्यापारी और उद्योगपति भी बन गये। ये सब हुआ तो राजनीति में भी हाथ आजमाने की सोचने लगे। यहॉ तक तो गनीमत थी लेकिन बाबा को अचानक सत्ता की दलाली करने का भी शौक चढ़ा और रामदेव जैसे लोग शायद समझते हैं कि सत्ता किसी भैंसे की तरह है और अगर उसकी पूंछ पकड़ में आ गई तो मरोड़ कर भैंसे का काबू में कर ही लेंगें। वे काँग्रेस की पूंछ पकड़े तो, उसे मरोड़े भी लेकिन कॉग्रेस ने एक झटका देकर अपनी पूंछ छुड़ा ली। अब पूंछ छुटाया भैंसा कितना खतरनाक हो जाता है इसे तो कोई बाबा रामदेव से जाकर पूछे। पॉच जून 2011 को दिल्ली के रामलीला मैदान पर आधी रात को सिर्फ रामदेव की धोती ही नहीं खुली उनके तमाम राज फाश हो गए! वे कितने बडे योगी हैं, वे कितना तप कर लेते हैं और वे जनता के लिए कितना संघर्ष कर सकते हैं, पुलिस को देखकर कितना ज्यादा डर सकते हैं, ये सब देश-दुनिया ने देखा। अब इधर बाबा के बारे में जो चंद लोग कटो-मरो की बातें कर उनकी रक्षा में लगे हैं, वे सब असल में उनके कारोबारी लोग हैं।
.बाबा रामदेव के उक्त प्रयत्नों से और चाहे कुछ हुआ या न हुआ हो, लेकिन कई नये तथ्य जरुर स्थापित हो गये। जैसे कि
1. भगवान से भी बड़ी सरकार होती है।
2. योग और तप से भी बड़ी देसी पुलिस होती है।
3. जिस नारी की छाईं पडऩे से भुजंग अन्धा हो जाता है, उसकी छाईं से हमारी पुलिस का रोवाँ भी नहीं टेढ़ा होता और वह ऐसी सैकड़ों छाइयों के बीच घुसकर अपना शिकार पकड़ सकती है, और 4 वक्त अगर बुरा हो तो अंजाम बुरा ही होगा क्योंकि कहा भी गया है कि – मनुज बली नहि होत है, समय होत बलवान, भीलन लूटी गोपिका, वहि अर्जुन, वहि बान!
इस रंग बदलती दुनिया में बेचारे बाबा रामदेव! क्या जानें कि यहाँ इन्सानों की नीयत ठीक नहीं। बाबा, निकला न करो तुम.......।
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रास्ते को लेकर झगड़ा, मुकदमा दर्ज
डबवाली (यंग फ्लेम) रत्ताखेड़ा-राजपुरा के रकबा क्षेत्र में दो पक्षों द्वारा रास्ते को लेकर मारपीट में तीने लोगों को चोटेंंंंंं आई है और पुलिस ने दोनों पक्षों केेे खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लि
या है। थाना ओढां के एएसआई जगदीश प्रसाद ने बताया कि रत्ताखेड़ा-राजपुरा के रकबा में रास्ते को लेकर बनवाला निवासी अनिल कुमार व रत्ताखेड़ा निवासी मनीराम का आपस में झगड़ा हो गया और दोनों पक्षों में लाठियां चली। जिसमें दोनों पक्षों के 40 वर्षीय अनिल कुमार, 35 वर्षीय मनीराम और 45 वर्षीय इंद्राज घायल हो गए, जिन्हेंं उपचार के लिए सिरसा के सामान्य अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। ओढां पुलिस ने अनिल कुमार की शिकायत पर मनीराम, सतनारायण, इंद्राज व रामस्वरूप निवासी रत्ताखेड़ा के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने व मारपीट करने का मामला दर्ज कर लिया है। दूसरी ओर मनीराम की शिकायत पर अनिल कुमार निवासी बनवाला के खिलाफ मारपीट करने का मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।

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अध्यापकों ने किया प्रदर्शन, फूंकी अर्थी
डबवाली (यंग फ्लेम)निकटवर्ती गांव में सिघेंवाला में आज बेरोजगार अध्यापक संगठनों द्वारा पंजाब खेत मजदूर यूनियन, भारतीय किसान यूनियन(एकता) और सर्व भारत नौजवान सभा के सहयोग
से पंजाब सरकार की अर्थी फंूकी व सरकार से विरोध में नारेबाजी की। इस अवसर पर बीएड, ईटीटी, डीपीएड एवं आर्ट एंड क्राफट अध्यापक संगठनों के सदस्य बलजीत सिंह कंदू,खेड़ा, सुखजिंद्र सिंह, नवजीप सिंह, राजेंद्र सिंह, ने प्रदेश सरकार द्वारा बेरोजगारों को रोजगार देने की बजाए योग्यता जांचने के बहाने से उनकी 25-25 वर्ष की पढ़ाई को नजर अंदाज करते हुए 90 मिनट का टैस्ट लेने के बहाने उन्हें परेशान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि गत 5 जून को अपनी मांगों को लेकर लंबी पहुंचे अध्यापकों पर किए गए अत्याचार के विरोध में वह गांव-गांव जाकर सरकार की कब्र खोदने व टीईटी को रद्द करवाने के लिए यह मुहिम शुरू की है। इसके तहत बेरोजगार अध्यापकों द्वारा दूसरें संगठनों के सहयोग से गांव-गांव में सरकार के विरोध में प्रदर्शन किए जा रहे है। इस मौके पर पंजाब खेत मजदूर यूनियन के जिला प्रधान नानक सिंह, किसान यूनियन (एकता) के सदस्य गुरपाश सिंह, सर्वभारत नौजवान सभा के अश्वनी कुमार ने कहा कि सरकार पढ़े-लिखे नौज्वानों को नौकरी देने की बजाए उन्हें बेजह से परेशान कर रही है। यह सरकार के अत्यचार को एक जागरूक समाज द्वारा किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। इस मौके पर तारा चंद, गुरविंद्र सिंह, इकबाल सिंह, विजय कुमार शर्मा, जगवीर सिंह आदि संगठनों के सदस्य उपस्थित थे।

अध्यापकों में रोष, सौंपा ज्ञापन
डबवाली(यंग फ्लेम) राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के सदस्यों ने उपायुक्त महोदय सिरसा को एक ज्ञापन सौंप कर खंड शिक्षा अधिकारी की असंतोषजन कार्यप्रणाली के बारे सूचित किया।
संघ द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में उन्होंने लिखा कि खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में लंबित पड़े कार्यों के बारे में मैखिक व लिखित रूप में कई बार अवगत करवाया जा चुका है लेकिन उसनी कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। इसी के तहत आज संघ के सदस्यों ने खंड कार्यालय में जिला प्रधान शेषपाल सिंह, ब्लाक प्रधान संजीव भारद्वाज, सचिव नवीन नागपाल, कोषाध्यक्ष जया सिंह, उपप्रधान गुरदयाल सिंह, आडिटर वेद प्रकाश, सह सचिव गुरपाल सिंह, जिला मुख्य सलाहकार इंद्र जाखड़, संगठन सचिव संजय बनवाला खंड शिक्षा कार्याल्य में उपस्थित हुए लेकिन सुबह 11.45 बजे तक खंड कार्यालय में उपायुक्त महोदय द्वारा नियुक्त किए गए जांच अधिकारी व खंड शिक्षा अधिकारी के न पहुंचने पर संघ के सदस्यों में रोष पाया गया और कार्यालय सहायक राम स्वरूप से पूछने पर पता चला की खंड शिक्षा अधिकारी आज छुट्टी पर है और जांच की तारीख आगे कर दी जाएगी। संघ सदस्यों ने कहा कि उन्हें इस बारे कोई सूचना भी नहीं दी गई। संघ सदस्यों ने इस बारे उपायुक्त से उचित कार्रवई की मांग की। इस मौके पर संघ के सदस्यों ने चेतावनी देते हुए कहा यदि खंड शिक्षा कार्यालय ने अपनी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं किया तो संघ के सदस्य कार्यालय के समक्ष धरना देने को मजबूर होंगे।
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शुक्रवार, 17 जून 2011
युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, ससुरालियों पर लगाया हत्या का आरोप
डबवाली-7 अलीकां रोड पर एक सुनसान जगह पर एक युवक का संदिग्ध परिस्थितियों में शव बरामद हुआ है। मृतक की पहचान गुरमीत सिंह पुत्र मोहर सिंह निवासी गांव कालझरानी हाल प्रेम नगर में रह रहा के रूप में हुई है । जबकि मृतक के परिजनों ने उसकी पत्नी, सास, ससुर व साले पर हत्या का संदेह व्यक्त किया है। स्थानीय पुलिस द्वारा मृतक के शव को अपने कब्जे में लेकर आवश्यक कार्रवाई के उपरांत पोस्टमार्टम हेतू डबवाली के राजकीय अस्पताल में भेज दिया गया। जब वीरवार प्रात: थाना शहर पुलिस के कर्मचारी पोस्टमार्टम कार्रवाई के लिए अस्पताल पहुंचे तो मृतक के भाई हरदीप सिंह व पिता मोहर सिंह व अन्य गांव वासियों ने उसके ससुराल पक्ष के लोगों पर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की और उसके बाद ही पोस्टमार्टम करवाने की बात कहीं जबकि स्थानीय पुलिस के कर्मचारियों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आवश्यक कार्रवाई करने की बात कर रहे थे लेकिन मृतक के भाई हरदीप सिंह ने उसकी पत्नी राजेंद्र कौर, ससुर बलवीर सिंह, सास जसपाल कौर व साला बेअंत सिंह पर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग पर अड़े हुए थे। तभी डीएसपी बाबू लाल अस्पताल में पहुंचे और मृतक के परिजनों को निषपक्ष जांच करने व डॉक्टरों के बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम करवाने का विश्वास दिलाने पर ही मृतक के परिजन पोस्टमार्टम के लिए सहमत हुए।
मृतक के भाई हरदीप सिंह पुत्र मोहर सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि उसका भाई गांव कालझरानी के राजकीय उच्च विद्यालय में एसएस अध्यापक था और उसकी शादी लगभग 14 वर्ष पूर्व डबवाली के प्रेम नगर निवासी बलवीर सिंह की बेटी राजेंद्र कौर जोकि राजकीय स्कूल अबूबशहर में हिन्दी की अध्यापिका है के साथ हुई थी और उसके दो बच्चे 10 वर्षिय बेटी जसप्रीत व 7 वर्षिय बेटा नवजोत है। मृतक के भाई ने आरोप लगया कि उसके भाई की हत्या में उसकी पत्नी राजेंद्र कौर, ससुर बलवीर सिंह, सास जसपाल कौर व साला बेअंत सिंह का हाथ है। उसने बताया कि गुरमीत की शादी के एक-दो वर्ष दो सब कुछ ठीक-ठाक चला लेकिन उसके पश्चात दोनों में आपसी कलह रहने लगा और गुरमीत की पत्नी राजेंद्र कौर अपने माता पिता के साथ मिलकर उसके भाई पर डबवाली रहने का दबाव बनाने लगी जिसके लिए गांव में कई बार पंचायत भी हुई। रोजाना घरेलु कलह के चलते उसका भाई डबवाली के प्रेमनगर में अपने ससुर के साथ वाले मकान में रहने लग गया। उसने बताया कि उसका भाई गुरमीत जब कालझरानी अपनी ड्यूटी पर आता तो वह काफी परेशान रहता था। मृतक के भाई हरदीप सिंह ने बताया कि बीते दिवस उसे फोन पर सूचना मिली कि उसका भाई दोपहर से घर से लापता है। सूचना पाकर वह अपने पिता मोहर सिंह व अन्य गांव वासियों सहित डबवाली पहुंचा और अपने लापता भाई की तलाश शुरू कर दी और थाना शहर में उसके लापता होने की शिकायत दर्ज करवाई और 9 बजे के करीब पुलिस को सूचना मिली कि एक युवक का शव अलीकां रोड पर स्थित एमपी कॉलेज के खेल ग्राऊंड स्थल के समीप पड़ा है। सूचना मिलते ही सभी लोग घटना स्थल पर पहुंचे और उसके भाई की शिनाख्त की। मृतक के भाई ने बताया कि उसके भाई के चेहरे पर चोठ के निशान थे और गले पर सूजन आई हुई थी।
उधर, मृतक गुरमीत के ससुर व उसकी पत्नी राजेंद्र कौर ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को गलत ठहराया है। मृतक की पत्नी राजेंद्र कौर ने बताया कि जबसे उसकी शादी हुई है तब से लेकर आज तक उसके मृतक पति ने अपना वेतन उसे नहीं दिया जबकि उसने सारा वेतन अपने परिवार को दिया है और समय-समय पर अपने परिवार वालों को अपने ईपीएफ से लोन निकलवाकर देता रहा है। मृतक की पत्नी ने बताया कि प्रेम नगर में स्थित मकान भी उसके पिता बलवीर सिंह ने खरीद कर दिया और उसने अपने वेतन से अपने बच्चों का लालन-पालन घर का सारा खर्च चलाया है।
उसने बताया कि बुधवार दोपहर को वह दोनों पति-पत्नी अपने घर में बैड पर लेट रहे थे कि दोपहर 1 बजकर 13 मिनट पर उसके पति के मोबाईल पर फोन आया था तब वह सौ रही थी जब थोड़ी देर बाद जब उसकी आंख खुली तो उसका पति बैड पर नहीं था तो उसने बाहर उठकर देखा तो मोटरसाईकिल घर के अंदर खड़ा था। जब उसने अपने पति के मोबाईल पर फोन मिलाया तो उसका मोबाईल व पर्स भी घर में ही रखा था तो उसने दोपहर करीब 3 बजे इसकी सूचना अपने पिता बलवीर सिंह व माता जसपाल कौर व भाई बेअंत सिंह को दी।
उन्होंने गुरमीत को इधर-उधर काफी तलाश किया लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा तो उसने इसकी सूचना अपने ससुराल गांव कालझरानी में ससुर मोहर सिंह व देवर हरदीप सिंह को दी और जब गांव से उसके ससुराल पक्ष के लोग डबवाली पहुंचे तो गुरमीत के पिता ने डबवाली थाना शहर में गुमशुदगी की शिकयत दर्ज करवाई।
पोस्टमार्टम करने के उपरांत डॉ. बलेश बांसल व डॉ. सुखवंत ने बताया कि मृतक युवक के शरीर पा किसी भी चोट का निशान नहीं है और मृतक के शरीर के कई भागों से बिसरा लेकर प्रयागशाला में भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के पश्चात ही मौत के कारण का पता चल पाएगा। थाना शहर प्रभारी महावीर सिंह ने बताया कि मृतक के भाई हरदीप सिंह के बयान पर आईपीसी की धारा 174 की कार्रवाई करते हुए शव परिजनों को सौंप दिया गया है। उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने पर ही अगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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हलके में 40 से 45 गाडिय़ों में लगे है वीआईपी सायरन
डबवाली (यंग फ्लेम) जैसे-जैसे इन्सान तरक्की की ओर बढ़ रहा है उससे वह जागरूक तो हो रहा है लेकिन अपने अधिकारों के साथ समाज के प्रति अपनी जिम्मेवारियों को भुलता जा रहा है। आज के इस मशीनरी युग में इन्सान इतना तेज हो गया है कि इस भागम-भाग दौड़ में अपने आप को अलग दिखाने की कोशिश में लगा रहता है जिसका जिता जागता उदाहरण इन दिनों गांवों तथा शहरों की गलियों में निजी वाहन चालकों द्वारा अपने वाहनों पर सरकारी सायरन लगाकर बजाते हुए आम देखा जा रहे हैं, कानून को ठेंगा दिखाने वाले ऐसे लोग एक ओर जहां यातायात व्यवस्था को धुमिल कर रहे है वहीं दुसरी ओर सायरन व हुटर लगाकर अपने आप को सफेदपोश नेताओं की कतार में खड़ा करने की कोशिश करते हैं तथा ऐसे वाहनों पर प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की जाती है, जिससे आम आदमी का कानून व्यवस्था से विशवास उठता जा रहा है। यंग फलेम टीम द्वारा अपने तहकीकात में पाया गया की अकेले डबवाली में ऐसे वाहनों की संख्या 40 से 45 के करीब है, जो बिना किसी खौफ के सायरन व हुटरों का प्रयोग धड़ल्ले से कर रहे हैं ओर प्रशासन आंखे मुंदे हुआ है। वहीं दुसरी ओर उपमण्डल के गांव गोरीवाला, बिज्जूवाली, अबूबशहर, मुन्नावाली, रिसालियाखेड़ा, गोदीकां, तेजाखेड़ा, चौटाला, आसाखेड़ा सहित अनेक गांवों में ऐसे वाहनों की भरमार है। भीड़ वाले इलाके व जाम में अवैध तौर पर इनका प्रयोग जिस तरह से किया जा रहा है, उससे लोगों को परेशान होना पड़ता है, उस समय पुलिस अधिकारी उन पर कार्यवाही करने की बजाए सामने खड़े उनकी तरफ देखते रहते हैं। इस प्रकार मनचले मिजाज के लड़केे व अवैध तौर पर चल रहे टैक्सी वाहन चालक इन सायरनों का सरेआम धड़ल्ले सेे प्रयोग कर रहे हैंं। गांवों व शहरों की गलियों में निजी वाहनों पर अवैध तौर पर लगे पुलिस के सायरन की आवाज कभी भी कहींं भी सूनी जा सकती है। एक वक्त वह भी था जब इन सायरनों का प्रयोग केवल उच्च पदाधिकारी व मंत्री करते थे, लेकिन आज के मनचले लोग अपनी गाडिय़ों पर सायरन लगाकर इस तरह से घुमते हैंं कि जैसे की उनकी गाड़ी किसी वीआईपी की गाड़ी हो। शरारती किस्म के लोग बेमतलब ही हर कहीं मन चाहा वहीं सायरन बजाना शुरू कर देते हैं। क्षेत्र में तो इस तरह के लोगों की दिनों-दिन बढ़ोतरी हो रही है, परंतु पुलिस प्रशासन द्वारा इन लोगों पर कोई कानूनन कार्यवाही नहीं की जा रही है। इन दिनों कानून व्यवस्था काली पट्टी बांंधे एक औरत की भांति बन चुकी है। कानून के सामने अपराध और अपराधियों की कतारें लंबी दर लंबी होती जा रही है। क्षेत्र के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि निजी वाहनों पर सायरनों का प्रयोग करने वालों पर अंकुश लगाकर उनके खिलाफ कड़ी कानूनन कार्यवाई की जाए, ताकि अवैध तौर पर सरकारी सायरनों का प्रयोग करने वालों से आमजन परेशान ना हो।
क्या कहते हैं प्रशासनिक अधिकारी
गोरीवाला पुलिस चौकी के प्रभारी प्रीतम सिंह का कहना है कि अगर हमारे सामने कोई ऐसा वाहन आया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
सदर थाना डबवाली के प्रभारी रतन सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार समय-समय पर चैकिंग की जाती है, अगर किसी निजी वाहन पर सायरन लगा मिला तो विभागिय कार्यवाही की जाएगी।
वहीं जब इस बारे में उपमण्डल अधिकारी मुनीश नागपाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वे जल्द ही ऐसे मनचले लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगें, पुलिस प्रशासन के सहयोग से कानून को ठेंगा दिखाने वाले लोगों पर निकेल कसेगें। जब उन्हें यह बताया गया कि डबवाली में ऐसे 40 से 45 के करीब वाहनों पर सायरनों का दुर्रप्रयोग हो रहा है तो वे आश्र्चाय चकित रह गए। और उनके मुंह से निकला 'ओ आई सी'
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मंगलवार, 14 जून 2011
इनेलो की नईं रणनीति से जिला सिरसा बंद को मिली जोरदार सफलता
डबवाली (यंग फ्लेम) इनेलो द्वारा 11 जून को जिला सिरसा बंद के आह्वान को मिली ऐतिहासिक सफलता जहां प्रदेश भर में चर्चा का विषय बन गई। वहीं इनेलो के शीर्ष नेतृत्व ने संगठन कार्यकु
शलता एक बार फिर साबित कर दी। मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सिरसा आगमन पर इनेलो ने प्रदेश खासकर जिला बंद की कॉल की थी। विधायक अजय सिंह चौटाला ने इस आंदोलन की बागडोर अपने हाथ में लेकर जिला वासियों से नुक्कड़ सभाओं के मार्फत सीधा सम्पर्क साधा था। इनेलो ने जिला बंद के साथ-साथ सिरसा में भारी प्रदर्शन करने का कार्यक्रम भी बनाया था इस समूचे आंदोलन को सफल बनाने हेतू इनेलो रणनीतिकारों ने विशेष कार्ययोजना बनाकर कार्यन्वित की। इसके तहत शहरी कार्यकर्ताओं की जोन वाईस ड्यूटियां लगाई दी गई। जबकि ग्रामीण कार्यकर्ताओं को सिरसा पहुंचने के दिशा निर्देष दिए गए। इसी रणनीतिनुसार डबवाली हलके के वरिष्ठ नेता राधेराम गोदारा, जगरूप सिंह सकताखेड़ा, संदीप सन्नी गंगा, गिरधारी बिस्सु, सरबजीत सिंह मसीतां, मोहन सहु आदि के नेतृत्व में भारी संख्या में ग्रामीण हलके के गांवों से सिरसा पहुंचे। यहीं स्थिति कालांवाली, ऐलनाबाद, राणियां हलके की थी जिसके चलते ही सिरसा का जन प्रदर्शन इतना सफल हो पाया। उधर, डबवाली शहर में भी टेकचंद छाबड़ा, महेंद्र डूडी, महावीर सहारण, गुरजीत सिंह, आशा वाल्मीकि, सुखविंद्र सरां, सुरेंद्र छिन्दा, काली मिढां, बलदेव भीटीवाला, गुरचरण नंबरदार, सुखजिंद्र कला जापानी, सीताराम सिंगला, राजा पेंटर, राकेश शर्मा, दीपक बागड़ी, जोगिंद्र डाल, मा. अमृतपाल शर्मा, हर विलास निरंकारी, शैलेंद्र जोड़ा, भोला बराड़, अशोक डोडा आदि के नेतृत्व में शहर मुकम्मल बंद रहा। शहर में इनेलो के कर्मठ कार्यकर्ताओं की पूरी टीम दिन भर बेहद गर्म मौसम में बंद को सफल बनाने हेतू कार्यरत रही। यह अलग बात है कि कुछ कागजी नेताओं ने अखबारी ब्यानबाजी के द्वारा कर्मठ कार्यकर्ताओं को हड़पने की असफल कोशिश भी की गई।

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क्या हरियाणा कि सियासत में तूफान आ सकता है ?
डबवाली (यंग फ्लेम) क्या गोपाल कांडा मुख्यमंत्री से नाराज हैं ? यदि नहीं तो अपनी सरकारी गाड़ी और सिक्योरिटी छोड़ कर कहा गए हैं गोपाल कांडा ? इसका जवाब जनता को कौन देगा ? हरियाणा सरकार पर आजकल राहू की क्रूर दृष्टि तो नहीं चल रही। एक सप्ताह में ही जहाँ हरियाणा के परिवहन और पर्यटन मंत्री ओम प्रकाश जैन और मुख्य संसदीय सचिव जिले राम शर्मा को हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंद्र सिंह हुड्डा के कड़े तेवरों से पद से त्याग पत्र देना पड़ा और वही सिरसा रैली में
अनबन हो जाने के बाद हरियाणा के गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा रविवार को दोपहर अपनी सरकारी गाड़ी में सरकार द्वारा दी गई सुरक्षा गारद के साथ हिसार के लोक निर्माण विश्राम गृह में आये। करीबन पौने घंटे बाद फतेहाबाद के विधायक और प्रदेश के चीफ पार्लियामेंट सेक्टरी प्रह्लाद सिंह गिलखेडा भी हिसार के इसी विश्राम गृह में पहुंचे। दोनों में क्या बात हुई इसका ब्यौरा नहीं मिल पाया है। मगर कुछ मिनट बाद ही गिलखेडा गोपाल कांडा से बात करके चलते बने। यह सभी निर्दलीय विधायक बताय जाते हैं । मिली जानकारी अनुसार ठीक दस मिनट बाद एक इनोवा गाड़ी आई और हरियाणा के गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा उसमे बैठ कर कहीं चले गए। वे राज्य सरकार की और से दी गई अपनी सरकारी गाड़ी और सिक्योरिटी को हिसार के लोक निर्माण विश्राम गृह में ही छोड़ गए। जब इस बात की भनक जब पत्रकारों को लगी तो उन्होंने कांडा के साथ कार के ड्राइवर और उनके सुरक्षा कर्मियों से इसका करण पूछा तो उन्होंने इस बारे कुछ भी स्पष्ट नहीं किया। मिली जानकारी के अनुसार गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा की सरकारी गाड़ी और सुरक्षाकर्मी रात तक भी उनके इन्तजार में हिसार के लोक निर्माण विश्राम गृह में ही उनका इंतजार कर रहे थे। वही दबी जुबान में राजनितिक कयास लगाये जा रहे हैं कि शनिवार को हुई कांग्रेस की सिरसा रैली में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपिंद्र सिंह हुड्डा ने मंत्री को मंच से कुछ कहा दिया था। जिस कारण नाराजगी के चलते मंत्री द्वारा उठाया गया यह कदम भी हो सकता है। यह भी कयास का दौर चल रहा है कि कहीं कांडा के साथ विरोध में फतेहबाद के विधायक और मुख्य संसदीय सचिव प्रह्लाद सिंह गिलखेडा भी शामिल तो नहीं हैं ? सियासत की जानकारी रखने वालो का कहना है कि कहीं अपने ऊपर संकट के मंडरा रहे बादलों को देख कर अन्दर खाने निर्दलीय विधायक हरियाणा के मुख्यमंत्री के तीखे तेवरों से नाराज होकर तो यह कदम नहीं उठा रहे या फिर वे उनपर कोई सियासी दबाव बनाने में लगे हैं। कहा जा रहा है कि निर्दलीय विधायक यदि इसी तरह अपनी नाराजगी प्रगट करते रहे तो एक दिन हरियाणा कि सियासत में तूफान आ सकता है। अब देखना होगा कि राजनीती का ऊँठ किस करवट बैठता है। वैसे भी हरियाणा 'आया राम गया रामÓ की सियासत के लिए मशहुर माना जाता है और वही इनेलो ने भी पिछले एक सप्ताह से राज्य की कांग्रेस सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। कयास लगाये जा रहे हैं कि कहीं यह उसी सियासत का कोई राजनितिक ड्रामा तो नहीं है। यदि हरियाणा के मुख्यमंत्री और केन्द्रीय नेताओं ने निर्दलीय विधायको को मनाने के प्रयास तेज न किये वे दिन दूर नहीं जब यही विधायक कोई सियासी तूफ़ान खड़ा कर सकते हैं।

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