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सोमवार, 30 नवंबर 2009

डबवाली समाचार


डबवाली (सुखपाल)-- बठिण्डा सड़क मार्ग पर स्थित गांव पथराला में ट्रक-ट्राला व पिकअप में आमने -सामने हुई भिड़न्त में पिकअप का चालक गम्भीर रूप से घायल हो गया।
प्राप्त जानकारी अनुसार बीती रात गांव झुम्बा (पंजाब) निवासी सतनाम ङ्क्षसह पुत्र अजैब ङ्क्षसह पिकअप गाड़ी नम्बर पीबी-03-क्यू-9544 से डबवाली में एक विवाह समारोह में शामिल होने के लिए आ रहा था कि जैसे ही वह गांव पथराला के निकट पहुंचा तो राजस्थान की ओर से तेजगति से जा रहे ट्रक-ट्राला नम्बर पीबी-03-एन-3126 के साथ भीष्ण भिड़न्त हो गई।
जिसके फलस्वरूप पिकअप चालक सतनाम ङ्क्षसह गम्भीर रूप से घायल हो गया तथा ट्रक-ट्राला का अज्ञात चालक मौका से फरार हो गया। संयोगवश बठिण्डा निवासी देवराज अपनी गाड़ी से बठिण्डा जा रहे थे तो उन्होंने घायल सतनाम ङ्क्षसह को पिकअप से बाहर निकाला तथा बठिण्डा के सिविल अस्पताल में उपचार हेतु दाखिल करवाया तथा सड़क हादसे की सूचना उसके परिजनों को दूरभाष पर दी। ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के पश्चात सतनाम ङ्क्षसह की गम्भीर हालत को देखते हुए पीजीआई चण्डीगढ़ रैफर कर दिया। सूचना मिलते ही थाना संगत की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तथा ट्रक-ट्राला को अपने कब्जे में लेकर फरार अज्ञात चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर उसकी तालाश आरम्भ कर दी।
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डबवाली (सुखपाल)-- स्थानीय वार्ड 10 में स्थित एक मकान की रसोई में खाना बनाते समय गैस सिलेंडर को आग लग गई तथा पूरे मौहल्ले में अफरा - तफरी मच गई।
प्राप्त जानकारी अनुसार आज दोपहर वार्ड 10 की लछमन दास मोंगा वाली गली में स्थित ओंकार ङ्क्षसह पुत्र गुरचरण ङ्क्षसह के मकान में बनी रसोई में ओंकार ङ्क्षसह की माता खाना बना रही थी कि अचानक सिलेंडर ने आग पकड़ ली उसके शौर मचाने
पर मकान में ही इलैक्ट्रिक की दुकान पर बैठे ओंकार ङ्क्षसह ने साहस का परिचय दिया तथा गैस चुल्हे सहित सिलेंडर को उठाकर गली में फेेंक दिया तथा सिलेंडर में लगी आग से पूरे मौहल्ले में अफरा - तफरी मच गई तथा मौहल्लावासियों ने इसकी सूचना तुरन्त फायर ब्रिगेड स्टेशन में दी। परन्तु फायर ब्रिगेड के पहुंचने से पहले ही मौहल्लावासियों ने मिट्टी द्वारा आग पर काबू पा लिया। लेकिन सिलेंडर में गैस का रिसना जारी था। जिसे दमकल के कर्मचारियों ने रेग्यूलेटर उतार कर सिलेंडर का ढक्कन लगा दिया।
इस तरह मौहल्लावासियों तथा दमकल कर्मचारियों की सूझ-बूझ से एक बड़ा हादसा होने से टल गया।
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डबवाली(सुखपाल)- - उपमण्डल के गांव रामगढ़ में अपने खेत में पानी लगा रहे किसान को लाठियों व गण्डासों से हमला कर घायल करने का मामला प्रकाश में आया है। प्राप्त जानकारी अनुसार रामगढ़ निवासी किसान साहब राम पुत्र नानू राम बीती रात अपने खेत में पानी लगा रहा था कि साथ लगते खेत के किसान सुरेश कुमार पुत्र सज्जन कुमार ने लाठियों व गण्डासों से हमला कर फरार हो गया। घायल साहब राम ने बताया कि मैं अपने खेत में पानी लगा रहा था कि मेरे पास शराब के नशे में धुत सुरेश कुमार आया तथा बिना किसी बात मुझे गालियां देने लगा तथा मेरे ऐतराज जताने पर उसने मेरे ऊपर हमला बोल दिया तथा मेरे सिर पर गण्डासी से वार कर घायल कर दिया तथा वहां से फरार हो गया, तभी वहां से गुजर रहे शाम चन्द ने उसे घायलावस्था में उसे घर पहुंचाया तत्पश्चात परिजनों ने उसे स्थानीय सिविल अस्पताल में पहुंचाया तथा थाना पुलिस गोरीवाला में इसकी सूचना दे दी गई है तथा पुलिस मामले की जांच कर रही है।
उधर स्थानीय वार्ड 7 के इन्दिरा नगर में हुए झगड़े में एक युवक को कुल्हाड़ी मारकर घायल कर दिया। प्राप्त जानकारी अनुसार प्रगट ङ्क्षसह अपने चाचा के घर से अपने घर जा रहा था कि भूत नाथ व भोला ङ्क्षसह ने उसे रोक लिया तथा उसे इस गली से न गुजरने से मना किया। जब उसने कहा कि वह अपने चाचा के घर से आ रहा है तो दोनों उसके चाचा के घर जाकर उसके पुत्र बलवीर ङ्क्षसह उर्फ बल्ली से झगड़ा करने लगे तथा वहां पर पड़ी कुल्हाड़ी से बलवीर ङ्क्षसह पर वार कर घायल कर दिया तथा वहां से फरार हो गए। परिजनों द्वारा बलवीर ङ्क्षसह को घायलावस्था में उपचार हेतु सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया है।
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डबवाली (सुखपाल)-- आर्ट ऑफ लिङ्क्षवग की स्थानीय शाखा द्वारा बाल मन्दिर स्कूल के प्रांगण में तीन दिवसीय योग शिविर का आयोजन आगामी माह 4 दिसम्बर से 6 दिसम्बर तक किया जा रहा है। यह जानकारी देते हुए संस्था के प्रवक्ता हरदेव ङ्क्षसह गोरखी ने बताया कि इस शिविर में पंचकूला से चारू दीदी साधकों को योग की जानकारी देंगी तथा शिविर का समय प्रात: साढ़े 5 से साढ़े 8 तक रहेगा।

mismatch of manpower in various trades should be checked--Dr M.M Goel

Bilaspur (Yamuna Nagar), November 30 – “To check the mismatch of manpower in various trades, there is a strong case for continuous research on estimating demand and supply of manpower today,” opined Professor (Dr.) M.M. Goel, Chairman, Dept. of Economics of Kurukshetra University, Kurukshetra. He was addressing the students of Janki Ji Institute of Management & Technology, Marwakalan (Bilaspur) today on the topic, “Essentials for Manpower in Marketing in an era of Continuous Change”. Shri Parveen Garg, General Sectretary of the Institute management, Dr. B. K. Vashist, Director of the Institute, and Institute Faculty were present on the occasion. Dr. B.K. Vashist, introduced and welcomed Professor Goel.
‘Earn while you Learn’ scheme in educational institutions providing some part time jobs to the needy students can do wonders for vocational & on-the-job training which calls for involvement of the corporate sector in a big way. They not only should come forward for campus selections but adopt and finance education of their future employees as per their requirements, emphasized Professor Goel.
To become hero from zero and villains of market in present times of un (healthy) competition, the motivated manpower in marketing is the need of the day which can sell ideas, goods and services to the consumers who are the real heroes in search of quality with warranty, guaranty and standards in the market of t, said Professor Goel. He believes that crisis of faith and ethics in marketing are the root causes of deteriorating marketing standards and are serious issues of concern for polluting relationship between marketer and the customer of today.
To survive in an era of continuous change marketers need to be honest, humane, and hardworking in providing real value products and services to the customers.
To exert influence, motivate and inspire the customers, we nee manpower in marketing with qualities of head and heart having higher emotional quotient. He further said that the consumer Protection Act1986 have far reaching implications in relationship between seller and buyer leading to behavioral pollution. We need to study history of consumption as a powerful tool to understand the dynamics of social groups from different income strata for verifying consumption theories as aid to development of policy for inflation targeting and to interpret the non economic factors in inflation. It is essential for bringing objectivity in measuring and controlling inflation with concrete plan of action replacing cosmetic measures, said Professor Goel.

आज से नहीं चलेंगे बिना आईएमईआई के लाखों मोबाइल



नई दिल्ली। देश में वे मोबाइल फोन आज रात 12 बजे से बंद हो जाएंगे जिनमें अंतर्राष्ट्रीय मोबइल उपकरण पहचान संख्या (आईएमईआई) नंबर नहीं है। सरकार ने मोबाइल फोनों को बंद करने के लिए तीस नवंबर तक का समय दिया है। इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटी (आईएमईआई) नंबर 15 अंक का होता है और इससे सरकारी एजेंसियों को फोन के काल रिकार्ड को पाने में मदद मिलती है। जैसे ही कोई मोबाइल आन होता है उसके विनिर्माता का नाम आदि ब्यौरा मोबाइल सेवा प्रदाता के पास इंद्राज हो जाता है।
आतंकवादियों द्वारा बिना आईएमईआई नबंर वाले मोबाइलों के इस्तेमाल करने पर सुरक्षा एजेंसियों ने चिंता जताई थी। इसके मद्देजनर दूरसंचार विभाग ने मोबाइल कंपनियों से कहा था कि वे तीस नवंबर के बाद उन हैंडसेट पर से काल की अनुमति नहीं दें जिनमें आईएमईआई नंबर नहीं है। समस्या चाइनीज मोबाइल में : भारतीय बाजार में करीब तीन साल पहले चाइनीज मोबाइल ने कदम रखे थे। बिना आईएमआई नबंर वाले हैंडसेट की समस्या चायनीज में ही है। वहां से आरंभ में आयातित किए गए मोबाइलों में या तो यह कोड नंबर थे ही नहीं या फिर हजारों सेट में एक ही कोड नंबर था। हालांकि बाद में चायनीज मोबाइल सेट में यह कोड नंबर आने लग गए।

एलनाबाद रैली में उमड़ी भीड़,मुख्यमंत्री ने किया निराश




एलनाबाद (सुरिन्दर सरदाना ) आज हुई कांग्रेस की रैली में जहाँ लोगों की भारी भीड़ उमड़ी वहीँ मुख्यमंत्री हुड्डा द्वारा इलाके के विकास की कई बड़ी घोषनाओं की आशा करने वालों को निराशा ही हाथ लगी.रैली में हरियाणा सरकार की बागडोर दूसरी बार संभाल रहे मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा,सांसद अशोक तंवर,प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष फूल चंद मुलाना,जनस्वास्थ्य राज्य मंत्री रणदीप सुरजेवाला,ग्रह-उद्योग राज्य मंत्री गोपाल कांडा,मुख्य संसदीय सचिव प्रलाध सिंह गिल्लांखेडा, विधायक कुलदीप शर्मा,जिला कांग्रेस प्रधान हुश्यारी लाल शर्मा,पूर्व विधायक भारत सिंह बेनीवाल,सुशील इन्दोरा,दुड़ा राम, रंजीत सिंह,कांग्रेस नेता भूपेश मेहता, गोबिंद कांडा,मलकीत सिंह खोसा और मनीरामकहर्वल आदि ने शामिल हो कर इसे एक बड़ी रैली बना दिया.
हालाँकि मुख्यमंत्री हुड्डा ने एलनाबाद में पेयजल और मॉल निकासी के लिए लगभग 38 करोड़ की योजनाओं की घोषणा यहाँ की लेकिन लोग उनसे ज्यादा की उम्मीद रखते थे.

इस हल्के की मुख्य मांग जो कि कालेज बनाने को लेकर थी पर मुख्यमंत्री द्वारा टाल - मटोल वाला रवैया अपनाकर सीधी घोषणा नहीं करना भी उपस्तिथ लोगों को काफी खटका.मुख्यमंत्री ने इस मांग पर कहा कि कांग्रेस के प्रत्यशी की जीत वाले दिन ही कालेज का नींव पत्थर रख दिया जियेगा.उन्होंने कहा कि इस इलाके की मुख्य समस्या पेयजल की है लेकिन यहाँ से सबसे ज्यादा बार जीतने वाली इनेलो के नेताओं ने इसकी और कोए ध्यान नहीं दिया.उन्होंने इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला पर कड़े प्रहार किया और अपनी सरकार द्वारा किये गये विकास कार्यों को गिनवाया.उन्होंने कहा की आने वाले समय में हरियाणा में बिजली की कोई कमी नहीं रहेगी क्योकि मार्च तक बिजली के दो नये प्रोजेक्ट उत्पादन शुरू कर देंगे.मुख्यमंत्री हेलिकोप्टर द्वारा यहाँ आये,हेलीपैड पर सांसद अशोक तंवर और राज्य मंत्री लघभग बीस मिन्टो से उनका इन्जार कर रहे थे.




झलकियाँ : * रैली में बोलते हुए राज्य मंत्री गोपाल कांडा की जुबान फिसल गयी , अपना लिखित भाषण पड़ते हुए उन्होंने उपस्तिथ मुख्यमंत्री से कहा कि आप यहाँ विकास के दो बूँद भी पंहुचा देंगे तो इलाके की जनता आपकी झोली 'नोटों से' भर देगी ,असल में वे 'वोटों से' कहना चाहते थे.
* रैली में मुख्मंत्री का ज्यादातर समय सांसद अशोक तंवर और राज्य मंत्री से गहन विचार विमर्श करते हुए बीता,उन्होंने काफी समय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष फूल चढ़ मुलाना से भी बातचीत की.
* मुख्यमंत्री के इन्जार में खड़े सांसद लोगों के उत्साह को देख कर अपने आप को रोक नहीं पाए और राल्लिंग फंड कर जनसमूह में जा पहुँचे और लगे हाथ कांग्रेस से जुड़ने का अहवान भी कर डाला.
* मुख्यमंत्री ने कुल स्त्रेह मिनट बह्शन दिया जिसमे ज्यादातर उन्होंने अपने कार्यकाल में करवाए विकास कार्यों की चर्चा की और कांग्रेसियों को एक जुट होने की नसीहत भी दी.
* रैली में कांग्रेस नेताओ ने अपना जनाधार साबित करने में कोई कसार नहीं छोड़ी,कार्यकर्त्ता बाकायदा अपने-अपने नेता की तख्ती उठाये यहाँ पहुँचेथे.

युवाओ को चुनोती देता है ये वरिष्ठ नागरिक जोड़ा



सिरसा (प्रदीप सचदेवा )"जीवन का अन्तिम पड़ाव इसकी साँझ नहीं होता बल्कि ये तो एक नये दिन कि शुरुआत होती है", यह वो सन्देश है जो एक वरिष्ट स्विस नागरिक जोड़ा अपनी साइकिल यात्रा के माध्यम से देता हुआ पूरे विश्व की यात्रा पर है.63 वर्षीय हम्मान और 53 वर्षीय उर्नी विश्व के 9 देशो का साइकिल पर 8000 किलोमीटर यात्रा कर गत दिवस सिरसा पहुँचे.उन्होंने अपने इस प्रवास के दौरान स्थानीय होटल सिटी वियु में रूककर सिरसा को बहुत गहराई से देखा.यहीं पर इस जोड़े ने मल्टीलिंकर्स डोट कॉम के निदेशक प्रदीप सचदेवा के साथ अपनी इस यात्रा के अनुभवो को साँझा किया . उन्होंने बताया कि अपने जीवन के सभी जिम्मेवारिओं को पूरा करने के बाद उन्होंने तन और मन से जवान रहने के मकसद से ये यात्रा का फैसला लिया था,अब इस यात्रा को करते हुए वे अनुभव करते हैं कि उनका फैसला ठीक था.हम्मान बताते हैं कि उनके 35 -33 वर्षीय दो पुत्र हैं जो कि दोनों शादी शुदा हैं और आनंदपूर्वक अपना जीवन जी रहे हैं.अपने कारोबार से फारिग होने के बाद जब उन्होंने अपने बेटों के सामने इस यात्रा करने कि इच्छा प्रगट कि तो उन्होंने न केवल इसमें ख़ुशी जताए बल्कि उन्हें इसके लिए हर तरह का सहयोग देकर उत्साहित भी किया.भारत के बारे में उर्नी को जो सबसे अच्छा लगा वो था यहाँ के लोगो का अपनापन और उनके प्रति रोमंच.
वे कहती हैं कि भारत के लोगों के लिए वे लोग किसी दूसरे ग्रह के प्राणियों से कम नहीं है,यहाँ तक कि लोग उन्हें छु कर तसल्ली करते हैं कि वे भी इंसान ही हैं.धर्म-सम्प्रदाय के बारे में पूछने पर ये जोड़ा कहता है कि सभी सबसे पहले इंसान ही हैं,धर्म -सम्प्रदाय इसके बाद आते हैं.भारत में वाघा बोर्डर से प्रवेश करने के बाद जब उन्होंने स्वर्ण मंदिर के अमृतसर में दर्शन किये तो उनका अनुबव बहुत अनूठा था.भारत में उनका प्रवास छे महीने का है जिसमे वे हरियाणा के बाद राजस्थान और तमिलनाडु देखेंगे.जिसके बाद वे लगभग आधा दर्जन और देशो का दौरा करेंगे.अगले पड़ाव के लिए जाने से पहले लोगों के नाम दिए सन्देश में इस दम्पति ने कहा कि हमें हमेशा अग्रणी पंक्ति में ही रहना चहिये और जीवन को प्रगतिशील सोच से आगे बढ़ाना चाहिए,वास्तविक ख़ुशी इसी से मिलती है.जो भी हो उर्नी और हम्मान की साइकिल द्वारा पूरे विश्व की यात्रा युवाओं को भी चुनोती देती दिखाई देती है और बोहुतो को जीवन को नये अंदाज में जीने की प्रेरणा देती है. होटल के संचालक रमेश मेहता और इस संवाददाता से शुभकामनाएं स्वीकार कर ये उर्जावान जोड़ा आगे बढ़ गया.

रविवार, 29 नवंबर 2009

शिल्पा को अब बेबी का इंतजार


29 नवंबर, 2009
मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी को शादी किए एक हफ्ता भी नहीं हुआ और अब वह अपने बेबी के बारे में प्लान कर रही हैं। वह जल्दी से जल्दी मम्मी बनना चाहती हैं। उनका ख्याल है कि वैसे भी उन्होंने शादी काफी लेट की हैं इसलिए बेबी के लिए अब वो और इंतजार नहीं करेंगी। खैर फिलहाल तो ये नव विवाहित जोडा बहामास की खूबसूरत वादियों में हनीमून मनाने जा रहा हैं। पर शेट्टी फैमिली और कुंद्रा फैमिली का वेडिंग सेलीब्रेशन यहीं खत्म नहीं हो रहा।
हनीमून से लौटते ही राज दोनों फैमिलीज को साथ लेकर मैडिटेरियन कू्रज पर क्रिसमस मनाने ले जा रहे हैं। शिल्पा मुस्कुराते हुए इतना थक गई है कि उनके जबडे में भयानक दर्द होने लगा हैं। उनका कहना है कि अब उन्हें समझ आ रहा है कि ज्यादातर सेलिब्रिटी रिसेप्शन को क्यों टाल देते हैं। शिल्पा के अनुसार गेस्ट को संभालने से ज्यादा मुश्किल काम मुस्कुराना हैं।

अश्लीलता से गीता जयंती उत्सव बदरंग


कुरुक्षेत्र विश्वविख्यात ब्रह्मसरोवर तट पर चल रहे कुरुक्षेत्र गीता जयंती उत्सव में पटियाला के नार्थ जोन कल्चरल सेंटर के कलाकारों ने अपने भोंडे प्रदर्शन से उत्सव की बदरंग कर दिया। विवाह-शादियों में नाचने वाले कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के नाम पर अश्लीलता का ऐसा नंगा नाच किया कि वहां से गुजरने वाली महिलाओं की आंखें शर्म से झुक गई। यह सब पुलिस की आंखों के सामने होता रहा और किसी ने उन्हें टोकने की जहमत तक नहीं उठाई। कई सालों से पटियाला के उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनजेडसीसी) के कलाकार गीता जयंती उत्सव की शोभा बढ़ा रहे हैं, लेकिन साल-दर साल कलाकारों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ इसके स्तर में गिरावट आ रही है। इस वर्ष समारोह में विधाओं की संख्या बढ़ाने के लिए एनजेडसीसी ने विवाह समारोहों में लड़कियों के वेश में नृत्य करने वालों को ही बुला लिया। इन कलाकारों द्वारा प्रस्तुत भोंडे नृत्य ने समारोह की गरिमा को तार-तार कर दिया। अनुसुइया घाट पर शनिवार दोपहर कार्यक्रम पेश करने आई पटियाला के पांखर निवासी भोलादीन की नाचर टीम में शामिल लड़कियों की वेशभूषा में आए कलाकारों ने तरह-तरह की भावभंगिमाओं से मनचले लोगों को घाट किनारे एकत्रित कर लिया। उसके बाद तो दर्शकों से दस-बीस रुपये के नोट हासिल करने के लिए सभी सीमाएं लांघ दी। दर्शकों ने भी अपने पैसे की पूरी कीमत वसूल की। नोट देने के बदले उन्होंने कलाकारों से छेड़छाड़ की। यह सब वहां उपस्थित पुलिसकर्मी चुपचाप देखते रहे। कार्यक्रम पेश करने के बाद ये कलाकार कार्यक्रम अधिकारी महेंद्र सिंह के पास पहुंचे और पारिश्रमिक के लिए फार्म भरकर दिया। अश्लील कार्यक्रम पेश करने वाले दल के नेता भोलादीन ने बताया कि उनका दल शादियों में नृत्य पेश करता है। अभी वे और उनके कुछ साथी रोपड़ में एक शादी समारोह में भाग लेने जा रहे हैं, जबकि उनके साथ नृत्य पेश कर रही लवली व कुछ साथी घरौंडा में एक विवाह में कार्यक्रम पेश करेंगे।

पेड़ों का सफल ट्रांसप्लांट


हिसार- अब सड़क के आड़े आने वाले पेड़ों को काटने की जरूरत नहीं है। ट्रांसप्लांट तकनीक से उन्हें दूसरे स्थान पर सफलतापूर्वक लगाया जा सकता है। राजस्थान में खेजड़ी के पेड़ों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले बिश्नोई समाज के जनक गुरु जंभेश्वर महाराज के नाम से विख्यात गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (गुजविप्रौवि) ने इस तकनीक का इस्तेमाल कर पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने का करिश्मा कर दिखाया है। इस तकनीक से विश्वविद्यालय के हार्टीकल्चर विभाग ने दो चरणों में खजूर के 38 पेड़ सफलता से ट्रांसप्लांट किए हैं। इसके अलावा सड़क निर्माण के आड़े आ रहे करीब 25 अन्य पेड़ों को भी ट्रांसप्लांट करने का कार्य जारी है। दरअसल पर्यावरणवादी संत के नाम से जुड़े इस विश्वविद्यालय में आधुनिक पर्यावरण संरक्षण की शुरुआत गत अप्रैल माह में तब हुई, जब विश्वविद्यालय प्रशासन नेक (नेशनल एक्रिडीशन काउंसिल) की टीम के स्वागत की तैयारियों में जुटा हुआ था। विश्वविद्यालय को फिर से ए ग्रेड दिलाने के लिए हर क्षेत्र में सुधार किया गया लेकिन नए विश्वविद्यालय में
पेड़ों से ज्यादा संख्या पौधों की थी। इसी दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति डा. डीडीएस संधू ने एक खबर पढ़ी की चीन में पेड़ों को ही ट्रांसप्लांट कर दिया जाता है। इस पर उन्होंने विश्वविद्यालय के कार्यकारी अभियंता एवं हार्टीकल्चर विभाग के अध्यक्ष अशोक अहलावत से बात की। इसके बाद अहलावत ने इस पर काम शुारू किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के जंगल में खड़े 25 से 30 वर्ष पुराने खजूर के 18 पेड़ों को ट्रांसप्लांट करवाया। यह कार्य इस वर्ष 5 अप्रैल से शुरू हुआ और लगभग एक सप्ताह में पूरा कर लिया गया। पेड़ों का ट्रांसप्लांट पूरी सफल रहता है या नहीं, यह स्पष्ट होने में करीब छह माह का समय लग जाता है। ट्रांसप्लांट किए गए 18 पेड़ों में 15 हरे-भरे शान से खड़े हैं। इसके बाद सिंतबर माह में खजूर के 20 और पेड़ों को ट्रांसप्लांट किया गया। यह कार्य 20 सितंबर से शुरू हुआ और करीब 10 दिनों में पूरा कर लिया गया। इस चरण की सफलता के बारे में पूरी तरह जानकारी तो मार्च, 2010 में चल पाएगी लेकिन अभी इनमें से सारे पेड़ सुरक्षित व अच्छी हालत में हैं। इसके बाद जब विश्वविद्यालय के गेट नंबर तीन से प्रशासनिक भवन तक सड़क चौड़ी करने का काम शुरू हुआ तो इस काम के आड़े भी 25 पेड़ आ गए। चूंकि पेड़ों को काटना उचित नहीं होता, इसलिए इन पेड़ों को भी अब ट्रांसप्लांट किया जा रहा है। यह काम अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में शुरू हुआ है और दिसंबर के अंत तक इसके पूरा हो जाने की उम्मीद है। नए विवि में पुराने पेड़ : संधू विवि कुलपति डा. डीडीएस संधू ने बताया कि गुजविप्रौवि प्रदेश का सबसे नए विश्वविद्यालयों में है, लेकिन पुराने पेड़ों के बिना अच्छा लुक नहीं आ सकता। दूसरी तरफ विश्वविद्यालय का नाम भी पर्यावरण के संरक्षक के नाम पर है, इसलिए यहां पर पेड़ काटना भी ठीक नहीं। इसी जद्दोजहद के दौरान उनकी नजर जब चीन में पेड़ ट्रांसप्लांट की खबर पर पड़ी तो उन्होंने हार्टीकल्चर विभाग से बात की और अशोक अहलावत ने वह काम करके दिखा दिया। इंटरनेट से सीखी तकनीक : अहलावत विश्वविद्यालय के हार्टीकल्चर विभाग के प्रधान एवं कार्यकारी अभियंता अशोक अहलावत ने बताया कि वह अब तक खजूर के 18 पेड़ ट्रांसप्लांट कर चुके हैं तथा अब अशोका, महानीम, नीम व बड़ के पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने का काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि यह सारा कार्य उन्होंने इंटरनेट की मदद से ट्रांसप्लांट की तकनीक पढ़कर किया है।

माधुरी को दगा दे गई बलुई माटी


इलाहाबाद- ये तो तय है कि ठंडी के बाद गर्मी आयेगी लेकिन माधुरी आयेगी कि नहीं इसमें संशय है। माधुरी गर्मी का वह फल है जिसको लोग बड़े ही चाव से खाना पसंद करते हैं। तरबूज की माधुरी नामक प्रजाति के बारे में जो लोग जानते हैं उनके मुंह में अगर अभी पानी आ गया हो तो बड़ी बात नहीं लेकिन इस फल के बारे में एक विडम्बना जुड़ गयी है। इलाहाबाद, कौशाम्बी और फतेहपुर जिलों में बड़े पैमाने पर पैदा होने वाले इस फसल पर सूखे की मार पड़ गयी है। अबकी तरबूज सोना जैसा हो जाये तो ताज्जुब नहीं। दरअसल तरबूज और खरबूज का उत्पादन नदियों के कछार में होता है। बारिश कम होने की वजह से इस वर्ष गंगा-यमुना में बाढ़ नहीं आयी। इसके कारण पुरानी रेत बह नहीं सकी और बाढ़ के साथ आने वाली उर्वरा बलुई मिट्टी रेत पर नहीं पहुंची। इसी वजह से यहां के तरबूज और खरबूज के उत्पादक किसान सहमे हुए हैं। उनका मानना है कि ऐसी स्थिति में उत्पादन तो प्रभावित होगा ही कहीं लागत भी न डूब जाये। इलाहाबाद, कौशाम्बी, फतेहपुर और मिर्जापुर आदि जिलों में गंगा-यमुना की रेती पर 15 हजार हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्रफल में तरबूज और खरबूज की अच्छी पैदावार है। हर साल नवंबर के अंतिम और दिसंबर के पहले सप्ताह से बुवाई शुरू हो जाती है और मार्च तक फल बाजार में पहुंच जाते हैं। दो महीने तक बाजार पर इनका कब्जा रहता है। अपनी मिठास और गुण के कारण यहां के तरबूज और खरबूज दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बंगलुरू, भोपाल आदि शहरों के अलावा विदेशों में धूम मचाते हैं। खाड़ी देशों में तो इनकी खूब मांग रहती है। इलाहाबाद के फाफामऊ, गद्दोपुर, भोरहूं, सुमेरी का पूरा, मातादीन का पूरा, मलाक हरहर, रंगपुरा, जैतवार डीह, बहमलपुर सहित दर्जनों गांवों के किसान बताते हैं कि बिना उर्वरा बलुई मिट्टी के तरबूज का उत्पादन मुश्किल है। कई बार ऐसा हो भी चुका है। तरबूज किसान रामकैलाश, विजय बहादुर, रामजियावन, भुल्लर यादव का कहना है कि इस बार तो बालू के रेत भी नहीं डूब सके हैं। इस कारण रेत पर पुराना और नीरस बालू बचा है। इसीलिए हम लोग तरबूज की खेती से कतरा रहे हैं। स्थानीय स्तर पर तरबूज और खरबूज की पैदावार न होने अथवा कम होने पर एक तो इसके दाम तेजी से बढ़ेंगे और स्वाद भी बदल जाने की बात कही जा रही है। हालांकि यहां के मार्केट में उड़ीसा और कई अन्य जगहों से तरबूज की आमद होती है लेकिन उनमें वह बात नहीं होती जो यहां के तरबूज की प्रजाति हिरमंजी, कोहिनूर और माधुरी में होती है। हालांकि उड़ीसा से आने वाले टांडा नामक तरबूज की प्रजाति अच्छी मानी जाती है। कछार में उर्वरा शक्ति की कमी को कृषि वैज्ञानिक भी सही मान रहे हैं। इस बाबत डॉ.आनंद कहते हैं कि गंगा के पानी में हिमालय की पहाडि़यों से अब भी तमाम तरह की उर्वरा शक्तियां मिट्टी में आती हैं। बारिश के दौरान खेतों की उर्वर मिट्टी भी बह कर नदी में आती है जो रेत पर जम जाती है। तरबूज व्यापारी रमेश खन्ना, हेमंत सोनकर, बब्बू पंडित, ननकेश निषाद कहते हैं कि इस बार तरबूज के महंगे होने के आसार से धंधा भी प्रभावित होगा।

भारत और कनाडा के बीच परमाणु करार




भारत में अपार संभावनाएं.कनाडा के प्रधान मंत्री स्टीफ़ेन हार्पर ने घोषणा की है कि परमाणु उर्जा के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत के साथ बातचीत संपन्न हो चुकी है. अब इस सिलसिले में दोनों देशों के बीच एक समझौता किया जाएगा.

त्रिनिदाद व टोबैगो की राजधानी पोर्ट ऑफ़ स्पेन में राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन के दौरान बातचीत संपन्न हुई है. कनाडा के प्रधान मंत्री के कार्यालय से जारी किए गए एक वक्तव्य में कहा गया है कि ऐसे समझौते के फलस्वरूप भारत के असैनिक परमाणु उर्जा बाज़ार के साथ साझेदारी बढ़ेगी और कनाडा की कंपनियों को तेज़ी से बढ़ते विश्व की इस अर्थनीति में और सक्रिय होने का मौका मिलेगा. इस समझौते के बाद कनाडा के उद्यम भारत के साथ नियंत्रित रूप से परमाणु सामग्रियों, उपकरणों व तकनीक का आयात व निर्यात कर सकेंगे. सरकारी सूचनाओं के अनुसार परमाणु उर्जा व तकनीक के क्षेत्र में कनाडा के वार्षिक निर्यात का परिणाम लगभग 1 अरब 13 करोड़ डालर के बराबर है. अब भारत का असैनिक परमाणु क्षेत्र इस विशाल बाज़ार के साथ जुड़ पाएगा.

इस वर्ष के आरंभ में कनाडा के व्यापार मंत्री स्टॉकवेल डे ने सूचित किया था कि देश के सरकार नियंत्रित संस्थान ऐटमिक एनर्जी ऑफ़ कनाडा ने भारत के साथ नए परमाणु रिएक्टर के निर्माण के एक प्राथमिक अनुबंध पर हस्ताक्षर किया है. दोनों देशों के बीच समझौते के बाद ऐसी परियोजनाओं को हरी झंडी मिल जाएगी.

कनाडा के रिएक्टर से प्राप्त प्लुटोनियम का परमाणु हथियार के लिए इस्तेमाल के बाद 1974 में कनाडा ने भारत के साथ परमाणु सहयोग ख़त्म कर दिया था. नए समझौते को इस क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग की दिशा में एक मोड़ के रूप में देखा जा रहा है.

कनाडा आठवां देश है जिसके साथ भारत ने असैन्य परमाणु करार किया है. अमेरिका, रूस, फ्रांस, मंगोलिया, कज़ाखस्तान, अर्जेंटीना और नामीबिया के साथ भारत पहले ही करार कर चुका है.

असर आंकने में जुटी दुनिया


नई दिल्ली: दुनिया भर की सरकारें दुबई के कर्ज संकट के आकलन में जुट गई हैं। अमेरिका, ब्रिटेन से लेकर भारत तक के शेयर बाजार और केंद्रीय बैंक दुबई के कारोबार से जुड़े कंपनियों के जोखिम का हिसाब-किताब निकालने लगे हैं। पर्यवेक्षकों का कहना है कि दुबई के कर्ज संकट की वास्तविक तस्वीर मौजूदा से काफी बड़ी हो सकती है और वैश्विक व खासतौर पर पूर्वी व दक्षिण एशिया बाजार में उम्मीद से ज्यादा हड़कंप मचाने की क्षमता रखती हैं। वैसे दुनिया की निगाहें अबूधाबी की दवा पर हैं जो दुबई को मिल सकती है। लेकिन इस दवा की मात्रा और असर को लेकर असमंजस है। अगला हफ्ता वित्तीय बाजारों के लिए उथल-पुथल भरा हो सकता है। यही कारण है दुनिया की सरकारें अपने वित्तीय बाजारों को ढांढस बंधाने में लगी हैं। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि दुबई संकट कोई बहुत बड़ा नहीं है और इसको लेकर ज्यादा बदहवासी नहीं फैलानी चाहिए। भारत पर भी इसका असर बहुत थोड़ा होगा। दूसरी तरफ प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री वायलार रवि ने कहा है कि दुबई संकट के बावजूद वहां काम करने वाले भारतीय पलायन नहीं करेंगे। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री गार्डन ब्राउन भी आशंकाओं पर पानी डालने आगे आए हैं। दुबई के संकट को लेकर जितनी मुंह उतनी बातें वाली स्थिति है। दुनिया के पर्यवेक्षक मान रहे हैं कि दुबई के बवंडर में तमाम बैंकों और निवेश कंपनियों के खरबों डालर फंस सकते हैं जिनका सीधा संबंध दुबई सरकार की कंपनियों से तो नहीं है मगर उनका दुबई में निवेश रहा है। इसलिए बैंक व वित्तीय निवेश अपनी रिस्क असेसमेंट प्रणाली को सक्रिय कर चुके हैं। माना जा रहा है कि अगले सप्ताह इस संदर्भ में कुछ और खुलासे हो सकते हैं। दुबई को इस संकट से बचाने की वैसे संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में और खासतौर पर इसके पड़ोसी अबूधाबी में जोरदार कोशिशें शुरू हो गई हैं। संकेत यह हैं कि अबूधाबी की अगुवाई में यूएई के कुछ प्रमुख बैंक दुबई को वित्तीय राहत पहुंचाने के लिए एक पैकेज का ऐलान कर सकते हैं। अबूधाबी ने इसी सप्ताह दुबई की प्रमुख निर्माण कंपनियों को 5 अरब डालर की मदद दी है। फरवरी में अबूधाबी का केंद्रीय बैंक 10 अरब डालर दे चुका है। खाड़ी के अन्य देशों ने भी यूएई सरकार पर दुबई को बचाने का दबाव बनाया हुआ है क्योंकि इस संकट का असर पूरे क्षेत्र पर पड़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है। अबूधाबी के पास 900 अरब डालर का अतिरिक्त कोष पड़ा हुआ है। अबूधाबी जिन शर्तो पर दुबई को वित्तीय मदद देने को तैयार है उसे अपनाने के लिए दुबई को अपना ढांचा बदलना पड़ सकता है। अबूधाबी का कहना है कि दुबई को अपने रीयल एस्टेट, सेवा व पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था और उदारीकरण के प्रक्रिया को कुछ धीमा करना पड़ेगा। इसके अलावा अबूधाबी और दुबई के शाही परिवारों के बीच आपसी तालमेल पर भी बहुत कुछ निर्भर करेगा। पर्यवेक्षकों का कहना है कि दुबई की बीमारी का जो इलाज अबूधाबी बता रहा है वह इसे आंशिक तौर पर ही राहत देगा। क्योंकि इस संकट से दुबई का पूर ढांचा चरमरा सकता है, जिसके परोक्ष असर बहुत गहरे होंगे।

अभी भी झुक रही है कुतुबमीनार


नई दिल्ली : भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तमाम दावों के विपरीत विश्वविख्यात स्मारक कुतुबमीनार अभी भी झुक रही है। इसका खुलासा ऑर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा पांच साल के बाद इस माह किए गए तकनीकी अध्ययन में हुआ है। मीनार में झुकाव प्रति वर्ष ढाई सेकेंड के आसपास है। ज्ञात हो कि सेकेंड, कोण या झुकाव मापने की डिग्री और मिनट के बाद सबसे छोटी इकाई है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) पिछले साल से कह रहा था कि कुतुब मीनार का झुकाव रुक गया है। एएसआई के अधिकारियों ने बताया था कि उन्होंने कुतुबमीनार के झुकने के कारण के बारे में पता लगा कर पूरा बंदोबस्त कर दिया है। बताया गया था कि बरसाती पानी से मीनार की जड़ में 45 फुट गहराई में लगे लाल पत्थर को नुकसान पहुंचने के कारण मीनार झुक रही थी। इसके बाद कुतुबमीनार के ड्रेन सिस्टम को दुरुस्त किया गया था। मगर ताजा अध्ययन से पता चला है कि कुतुबमीनार अभी भी दक्षिणी पश्चिमी दिशा में झुक रही है। ज्ञात हो कि कुछ माह पहले संसद में इस मामले को लेकर हंगामा हुआ था। इसके बाद केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने कुतुबमीनार के झुकाव का पता लगाने के लिए प्रति वर्ष भू-तलीय सर्वेक्षण कराने के निर्देश दिए थे। जिसके आधार पर आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की देहरादून स्थित भू-तलीय अनुसंधान शाखा ने 4 नवंबर से कुतुबमीनार का तकनीकी अध्ययन शुरू किया था, जो अब पूरा हो चुका है। सर्वे के लिए पिछले वर्षो के निर्धारित ईस्ट और वेस्ट बिंदुओं को लिया गया था। पूरे अध्ययन में एक सौ से भी अधिक बार एक ही प्वाइंट से कुतुबमीनार का सर्वेक्षण किया गया। यह सर्वेक्षण तापमान को ध्यान में रखते हुए सुबह, दोपहर, शाम व रात को किया गया। सूत्रों से पता चला है कि इस अध्ययन में इस बात के पुख्ता प्रमाण मिले हैं कि कुतुबमीनार दक्षिण पश्चिम की ओर झुक रही है। जिसके झुकाव की सालाना दर 0.5 से लेकर ढाई सेकेंड के बीच मिली है। इस हिसाब से यदि हम प्रति वर्ष का आकलन करें तो 2004 के बाद अब तक कुतुबमीनार इस दिशा में साढ़े 12 सेकेंड झुक चुकी है। इस मामले की रिपोर्ट संस्थान के देहरादून स्थित कार्यालय द्वारा आगामी कुछ महीनों में ही सरकार को सौंपी जाएगी। ज्ञात हो कि 12 वीं सदी में बनी कुतुबमीनार का 1952, 1972 और 1983 में भूगणितीय सर्वेक्षण किया जा चुका है। मगर इस दौरान कोई गड़बड़ी सामने नहीं आई। एएसआई द्वारा 2004 में कराए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई कि 1984-2004 के बीच कुतुबमीनार दक्षिण पश्चिम की दिशा में झुकी थी।

बाल ठाकरे की बहू को कांग्रेस ने दिखाई हरी झंडी मुंबई


मुंबई: शिवसेना सुप्रीमों बाल ठाकरे के परिवार में एक और राजनीतिक बगावत की जमीन तैयार हो गई है। बाल ठाकरे की बहू स्मिता ठाकरे के कांग्रेस में शामिल होने की इच्छा पर कांग्रेसजनों को कोई एतराज नहीं। कांग्रेस का कहना है कि स्मिता ठाकरे बहुत जल्द पार्टी में शामिल होने वाली हैं। कांग्रेस ने यह भी बताना शुरू कर दिया है कि शिवसेना में बाल ठाकरे के बाद किसी के नेतृत्व पर लोगों को भरोसा नहीं रह गया है। स्मिता ने मीडिया के जरिये खुले आम बताया है कि वह शिवसेना से क्षुब्ध हैं और विकल्प खुले रख कर चल रही हैं। उन्होंने सोनिया गांधी और राहुल गांधी की तारीफ करते हुए कांग्रेस में जाने के संकेत भी दिए। इससे जहां कांग्रेस में उत्साह है वहीं शिवसेना को कुछ कहते नहीं बन रहा। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि जब स्मिता अपने किसी फैसले का ऐलान करेंगी तभी वह कोई टिप्पणी करेंगे। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता और पूर्व मंत्री हुसैन दलवई ने स्मिता के कांग्रेस में आने की पुष्टि की। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि वह कब कांग्रेस में शामिल होने जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इसकी प्रक्रिया चल रही है। नई दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता शकील अहमद ने भी कहा कि यह अच्छी बात है कि स्मिता ने कांग्रेस और इसके नेतृत्व में भरोसा जताया है और पार्टी द्वारा किए जा रहे काम को सराहा है। स्मिता की बातों से उत्साहित कांग्रेस के एक और प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि शिवेसना अतीत की पार्टी बन कर रह गई है, जो वर्तमान की अनदेखी कर रही है और भविष्य को नुकसान पहुंचा रही है। सोमवार की सुबह जब मीडिया के जरिये स्मिता के मन की बात सार्वजनिक हुई तो उन्हें और टटोलने के लिए पत्रकारों ने उनके घर का रुख किया। वहां उनके बेटे राहुल पत्रकारों के सामने आए। उन्होंने बताया कि उनकी मां राजनीति में आगे बढ़ना चाहती हैं।

शुक्रवार, 27 नवंबर 2009

अब लद जाएंगे चोली के दिन!




रिसर्चरों ने एक ऐसी डिवाइस तैयार की है जिसके इस्तेमाल से महिलाओं को अब ब्रा पहनने की जरूरत नहीं पड़ेगी
। इस डिवाइस को ब्रेस्ट के नीचे एक सेंटीमीटर से भी कम का चीरा लगाकर फिट किया जाता है और इसका इस्तेमाल आजीवन किया जा सकता है। इस 'इंटरनल ब्रा' के इस्तेमाल के बाद चोली पहनने की दरकार नहीं पड़ेगी, अलबत्ता महिला खिलाड़ियों को इसकी जरूरत पड़ सकती है।

'कप ऐंड अप' नामक इस डिवाइस को तैयार करने वाले इसराइली रिसर्चर एयाल गुर ने बताया कि इसे फिट करने में कम से कम 40 मिनट का वक्त लगता है। यह शेप में बिल्कुल फैब्रिक ब्रा की ही तरह है, लेकिन यह सिलिकन का बना हुआ है।

बेल्जियम के रिसर्चरों ने जिस महिला पर यह प्रयोग किया, उससे पहले उन्हें लगभग एक साल तक कई टेस्ट करने पड़े थे। इस सर्जरी के परिणामों से वह महिला बेहद खुश थी। सर्जरी के दौरान डॉक्टरों ने दोनों ब्रेस्ट के नीचे एक सेंटीमीटर से भी कम का चीरा लगाया और इसके बाद सिलिकन ब्रा को एक सेंटीमीटर अंदर तक फिट किया। टाइटेनियम स्क्रू और किसी मजबूत मेटल वाले बहुत पतले धागे की मदद से इन्हें पसलियों की हड्डियों से इस कदर जोड़ा गया जिससे ब्रेस्ट का शेप वांछित हिसाब से फिट किया जा सके।

इस इंटरनल ब्रा को ऑरबिक्स मेडिकल कंपनी ने तैयार किया है और गुर के मुताबिक यूरोप के बाजारों में यह अगले 18 महीनों के अंदर उपलब्ध हो जाएगा। गुर ने बताया कि बेस्ट अपलिफ्टमेंट की पारंपरिक पद्धति की तुलना में यह सर्जरी कम खर्चीली है।

सेंसेक्स 223 अंक लुढ़का, निफ्टी 64 अंक नीचे



कारोबारी हफ्ते के अंतिम दिन भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए। बीएसई सेंसेक्स 223 अंकों की कमजोरी के साथ 16,632 पर रहा। निफ्टी 64 अंक की गिरावट के साथ 4,941 पर बंद हुआ। एनएसई के मंझोले सूचकांक सीएनएक्स मिडकैप में 1.49% की कमजोरी रही। बीएसई मिडकैप सूचकांक में 1.35% और बीएसई स्मॉलकैप में 2.14% की गिरावट आयी।
एशियाई शेयर बाजारों में भारी गिरावट के मद्देनजर आज सुबह भारतीय शेयर बाजारों की भी शुरुआत काफी कमजोर हुई। बीएसई सेंसेक्स खुलते ही कल के बंद स्तर से 16,855 से 136 अंक नीचे 16,719 तक चला गया। निफ्टी भी 5,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे चला गया। उसके बाद जैसे-जैसे शेयर बाजार का कारोबार आगे बढ़ता गया। वैसे-वैसे शेयर बाजार की गिरावट भी बढ़ती गयी। दोपहर करीब 1.10 बजे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 618 अंक यानी 3.67% के नुकसान के साथ 16,237 पर चला गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 193 अंक यानी 3.85% की जबरदस्त गिरावट के साथ 4813 पर चला गया। लेकिन दोपहर बाद के कारोबार में शेयर बाजार कुछ सँभला और इसकी गिरावट में कमी आयी। आज के कारोबार में सेंसेक्स ने नीचे की ओर 16,210 का आँकड़ा छुआ, जबकि निफ्टी ने नीचे की ओर 4,807 का स्तर छुआ। आखिरकार सेंसेक्स 1.32% और निफ्टी 1,27% की कमजोरी के साथ बंद हुए।

क्षेत्रों के लिहाज से बीएसई में हेल्थकेयर सूचकांक को छोड़ कर अन्य सभी सूचकांक लाल निशान पर रहे। सबसे ज्यादा कमजोरी आईटी सूचकांक में रही। यह सूचकांक 2.2% नीचे लुढ़का। कैपिटल गुड्स सूचकांक, टीईसीके सूचकांक, बैंकिंग सूचकांक, धातु सूचकांक, पीएसयू सूचकांक, एफएमसीजी सूचकांक और तेल-गैस सूचकांक में भी 1% से अधिक की गिरावट दर्ज की गयी। पावर सूचकांक, रियल्टी सूचकांक, ऑटो सूचकांक और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सूचकांक में भी 1% से कम की कमजोरी रही। दूसरी ओर, हेल्थकेयर सूचकांक को 0.08% की मामूली फायदा हुआ।

सेंसेक्स के 25 शेयरों का आज घाटा उठाना पड़ा, जबकि 5 शेयरों को फायदा हुआ। जयप्रकाश एसोसिएट्स को 3%, लार्सन एंड टुब्रो को 2.7%, इन्फोसिस को 2.45%, टीसीएस को 2.4% और स्टरलाइट इंडस्ट्रीज को 2.13% का नुकसान उठाना पड़ा। आईटीसी, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एनटीपीसी, रिलायंस कम्युनिकेशंस, विप्रो और डीएलएफ के शेयर में भी 1% से अधिक की गिरावट रही। एसीसी, मारुति सुजुकी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बीएचईएल, एचडीएफसी बैंक, ओएनजीसी, एसबीआई, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, टाटा पावर और सन फार्मा के शेयर में भी कमजोरी का रुख रहा। दूसरी ओर, भारती एयरटेल को 0.94%, हीरो होंडा को 0.53%, रिलायंस इन्फ्रा को 0.43%, ग्रासिम इंडस्ट्रीज को 0.30% और टाटा स्टील को 0.27% का मामूली फायदा हुआ।



बाजार आज दोपहर 2.45 बजे
दोपहर बाद के कारोबार में भारतीय शेयर बाजार कुछ सँभलते दिख रहे हैं। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स करीब 2.45 बजे 285 अंक के नुकसान के साथ 16,570 पर आ गया है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 84 अंक की गिरावट के साथ 4921 पर आ गया है।



क्षेत्रों के लिहाज से हेल्थकेयर सूचकांक को छोड़ कर अन्य सभी सूचकांक लाल निशान पर हैं। सबसे ज्यादा कमजोरी रियल्टी सूचकांक है। इस सूचकांक में 3.15% की कमजोरी है। सेंसेक्स के दिग्गज शेयरों में जेपी एसोसिएट्स 4.5%, डीएलएफ 3.4%, आईसीआईसीआई बैंक 3.4%, एलएंडटी 3.4% और स्टरलाइट इंडस्ट्रीज 3.2% की कमजोरी है।

बाजार आज दोपहर 1.10 बजे
दोपहर के कारोबार में भारतीय बाजारों की कमजोरी गहरा गयी है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स करीब 1.10 बजे 618 अंक यानी 3.67% के नुकसान के साथ 16,237 पर आ गया है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 193 अंक यानी 3.85% की जबरदस्त गिरावट के साथ 4813 पर आ गया है।
भारतीय शेयर बाजार में आज की गिरावट चौतरफा दिख रही है। सभी क्षेत्रों के सूचकांक लाल निशान में हैं। सबसे ज्यादा चोट रियल एस्टेट शेयरों पर पड़ी है। बीएसई का रियल एस्टेट सूचकांक 6.77% लुढ़क गया है। धातु सूचकांक में 5.54%, बैंकिंग में 5.11%, कैपिटल गुड्स में 4.09%, आईटी में 3.62% और तेल-गैस में 3.45% गिरावट है। सबसे कम गिरावट हेल्थकेयर सूचकांक में है, लेकिन यह भी 1.24% नीचे है।
सेंसेक्स के दिग्गज शेयरों में जेपी एसोसिएट्स 6.19%, डीएलएफ 5.62%, आईसीआईसीआई बैंक 5.57%, एलएंडटी 5.31%, स्टरलाइट इंडस्ट्रीज 5.24%, हिंडाल्को 4.73%, एसबीआई 4.57%, टाटा स्टील 4.36% और रिलायंस इंडस्ट्रीज 3.88% नीचे हैं। टीसीएस को 3.82%, एचडीएफसी को 3.5% और मारुति को 3.2% की चोट पड़ी है।

बाजार आज सुबह 10 बजे
एशियाई शेयर बाजारों में भारी गिरावट के मद्देनजर आज सुबह भारतीय शेयर बाजारों की भी शुरुआत काफी कमजोर हुई है। सुबह 10 बजे सेंसेक्स 329 अंक की कमजोरी के साथ 16,526 पर है। निफ्टी 5,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे चला गया है। इस समय यह 104 अंकों की गिरावट के साथ 4,901 पर है। एनएसई के मंझोले सूचकांक सीएनएक्स मिडकैप में 2.69% की कमजोरी दिख रही है। बीएसई मिडकैप सूचकांक में 2.38% और बीएसई स्मॉलकैप में 2.20% की गिरावट है।
क्षेत्रों के लिहाज से बीएसई के सभी सूचकांकों के कमजोरी का रुख है। रियल्टी, धातु, बैंकिंग और कैपिटल गुड्स सूचकांकों में सबसे ज्यादा गिरावट दिख रही है। सेंसेक्स के गिरने वाले शेयरों में आईसीआईसीआई बैंक का शेयर सबसे कमजोर चल रहा है। यह करीब 5.4% की गिरावट के साथ 818.90 रुपये पर है। लार्सन एंड टुब्रो, डीएलएफ स्टरलाइट इंडस्ट्रीज में भी 4% अधिक की कमजोरी है।

'वीर' सलमान का सपना


अगले साल 22 जनवरी को बॉलीवुड अभिनेता अपना 20 साल का सपना पूरा करेंगे. उनका ये सपना है उनकी आने वाली फ़िल्म ‘वीर’. बुधवार को मुंबई में इस फ़िल्म की कुछ झलकियां दिखाई गईं.

इस फ़िल्म के साथ सलमान का ख़ासा लगाव है क्योंकि इसकी कहानी उनके पास 20 साल से थी.

सलमान ख़ान ने कहा है कि 20 साल पहले इतनी बड़ी बजट की फ़िल्में नहीं बनतीं थीं इसलिए इस कहानी को फ़िल्म में तब्दील करने में इतना समय लगा. सलमान ख़ान कहते हैं, “ये तीन फ़िल्मों के बजट में एक फ़िल्म बनी है.”

वीर कहानी है एक पिंडारी सैनिक की बहादुरी की, जो न्याय और स्वंत्रतता के लिए संघर्ष करता है. इस फ़िल्म का निर्देशन ‘गदर’ जैसी कामयाब फ़िल्म बनाने वाले अनिल शर्मा ने किया है.

सलमान ख़ान के मुताबिक़ वीर जैसी फ़िल्म बनाने के लिए अनिल शर्मा से बेहतर निर्देशक नहीं मिल सकता था. उन्होंने उम्मीद जताई कि लोग इस फ़िल्म को पसंद करेंगे.

मेहनत

सलमान ख़ान कहते हैं कि इस ऐतिहासिक कहानी के फ़िल्मांकन के दौरान उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ी. वो मुस्कुराते हुए कहते हैं, “मैं सुबह छह बजे घोड़े पर बैठता था और शाम छह बजे उतरता था.”

फ़िल्म के निर्देशक अनिल शर्मा कहते हैं कि सलमान ख़ान की कहानी का कैनवास बहुत बड़ा था. अनिल शर्मा ने कहा, “सवाल ये नहीं कि इसे बनाने में कितने पैसे या कितना वक़्त लगा. इससे ज़्यादा महत्वपूर्ण है कि जो लोग ये फ़िल्म देखने आएं तो उनका विश्वास ना टूटे.”

इस फ़िल्म का निर्देशन सलमान ख़ान ख़ुद करना चाहते थे लेकिन आख़री में ये ज़िम्मेदारी अनिल शर्मा को दी गई.

सलमान के अलावा ‘वीर’ में ज़रीन ख़ान, लीज़ा लेज़ारुस, मिथुन चक्रवर्ती, जैकी श्रॉफ़, सोहेल ख़ान और भारत डाभोलकर भी अभिनय कर रहे हैं.

काल्पनिक कर्मचारियों को वेतन



दिल्ली नगर निगम में कई हज़ार काल्पनिक कर्मचारी
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दिल्ली सरकार ऐसे 22,853 कर्मचारियों को तनख़्वाह दे रही है जिनका वजूद ही नहीं है.

दिल्ली के मेयर कंवर सेन ने एक बयान में कहा कि इन काल्पनिक कर्मचारियों की तनख़्वाह कुल मिलाकर चार करोड़ 30 लाख डॉलर सालाना बैठती है.

इस घपले का पता तब चला जब प्रशासन ने उपस्थिति दर्ज करने की बायोमिट्रिक प्रणाली लागू की.

संवाददाताओं का कहना है कि ये इस बात का संकेत है कि कुछ सरकारी अधिकारियों ने इन कर्मचारियों की सूची इसलिए बनाई जिससे राज्य कोष से धन निकाल सकें.

दिल्ली नगर निगम में एक लाख से अधिक सफ़ाई कर्मचारी, माली, अध्यापक और अन्य कर्मचारी हैं.

घोटाले की जानकारी

इस मामले की विस्तृत जांच की जाएगी जिससे तथ्यों का पता चल सके. और जिन अधिकारियों ने फ़र्ज़ी कर्मचारियों की सूची बनाकर सरकारी धन खाया है उनके ख़िलाफ़ सख़्त आनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी.

कंवर सैन, दिल्ली के मेयर
दिल्ली नगर निगम ने पिछले साल अगस्त के महीने में बायोमिट्रिक प्रणाली लागू की थी.

शहर के मेयर कंवर सेन का कहना है कि निगम में कुल 104,241 कर्मचारी हैं जबकि रिकॉर्ड के अनुसार इनकी संख्या 127,094 दिखाई जा रही थी.

सेन के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि भुगतान अधिकारियों के आंकड़ों और बायोमिट्रिक प्रणाली में दर्ज कर्मचारियों की संख्या में 22,853 का अंतर है.

सेन ने कहा, "इस मामले की विस्तृत जांच की जाएगी जिससे तथ्यों का पता चल सके और जिन अधिकारियों ने कर्मचारियों की फ़र्ज़ी सूची बनाकर सरकारी धन खाया है उनके ख़िलाफ़ सख़्त आनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी."

लंबे समय से ये आशंका व्यक्त की जा रही थी कि नगर निगम को काल्पनिक कर्मचारियों के माध्यम से चूना लगाया जा रहा है लेकिन प्रशासन ने हमेशा इन आरोपों का खंडन किया.

डबवाली समाचार


डबवाली (सुखपाल)- स्थानीय सिरसा रोड स्थित खालसा सीनियर सैकेण्डरी स्कूल के प्रांगण में बने बाबा दीप सिंह, स्टेडियम में आज स्कूल का वाॢषक पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया।
जिसमें मुख्याति के तौर पर संत मलकीत सिंह जी अध्यक्ष संत भाग सिंह चेरिटेबल ट्रस्ट ख्याला (जालन्धर) ने शिरकत की। जहां संत मलकीत सिंह जी ने रिब्बन काट कर पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। वहीं स्कूल की छात्राओं ने शब्द-कीर्तन प्रस्तुत कर समारोह की शोभा बढ़ाई। इस अवसर पर संत मलकीत सिंह ने पण्डाल में उपस्थित छात्र - छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थी अपनी पढ़ाई के साथ - साथ खेलकूद प्रतिस्पर्धा में भी बढ़ - चढ़ कर हिस्सा लें ताकि उनका स्वास्थ्य ठीक रह तथा शिक्षा के साथ खेलों में भी अपने स्कूल व अभिभावाकों का नाम रोशन कर सकें। तदोपरान्त जिला स्तर पर आयोजित फुटबाल प्रतियोगिता में अव्वल रही छात्राओं एवं उनके कोच राजन को संत मलकीत ङ्क्षसह जी ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर स्कूल प्रसीपल राम सिंह सरां ने स्कूल की वाॢषक रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस अवसर पर गुरूद्वारा सिंह सभा के प्रधान बघेल सिंह, सुखमन्द्र सिंह, बहादर सिंह, शिवराज सिंह, जसवन्त सिंह बराड़, जगदेव सिंह मटदादू, सहजिन्द्र सिंह भाटी, जगरूप सिंह, राम सिंह चहल सहित नगर के गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।



डबवाली (सुखपाल)- स्थानीय अरोड़वंश आदर्श उच्च विद्यालय के प्रांगण में आयोजित एक कार्यक्रम के अन्तर्गत डॉ. विक्रम मैमोरियल चेरीटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन डॉ. पी. के. अग्रवाल द्वारा जरूरतमंद बच्चों को जॢसयां, जूते व वॢदयां वितरित की गई। जिसमें विद्यालय के 65 बच्चों को जॢसयां, 30 बच्चों को 30 जोड़ी जूते एवं 5 बच्चों को वॢदयां दी गई। इस अवसर पर श्रीमती अग्रवाल, आंखों के विशेषज्ञ डॉ. बाघला, अरोड़वंश सभा के प्रधान प्रेम ङ्क्षसह सेठी, ओम प्रकाश सचदेवा, दविन्द्र सेठी, विजय सेठी, डॉ. बलवीर ग्रोवर, रजनीश सेठी एवं गणमान्य अनेक अतिथि उपस्थित थे। कार्यक्रम में आए हुए अतिथियों का स्वागत प्रेम सिंह सेठी, देसराज सेठी व दीदार ङ्क्षसह ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर बच्चों को सम्बोधित करते हुए विद्यालय की मुख्याध्यापिका श्रीमती विजय मोंगा ने दान देने की भावना को सर्वोपरि बताया तथा कहा कि समाज में जरूरतमंद की सहायता करना परमात्मा की भक्ति करने के बराबर है। कार्यक्रम के अन्त में विद्यालय के प्रबन्धक बी. डी. छाबड़ा ने इस शीत ऋतु में जरूरतमंद बच्चों की सहायता के लिए ट्रस्ट के पदाधिकारियों एवं आए हुए अतिथियों का आभार व्यक्त किया।



डबवाली (सुखपाल)- उपमण्डल के गांव मलिकपुरा स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में स्वच्छता सप्ताह के अन्तर्गत पंचम दिवस बड़े ही हर्षोल्लास व उत्साह से मनाया गया। स्वच्छता सप्ताह के दौरान छात्र-छात्राओं द्वारा निकाली गई स्वच्छता रैली को रवाना करने से पूर्व विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी झांबर सिंह ने कहा कि इस रैली से लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता आएगी और वे अपने स्वास्थ्य के प्रति भी गंभीर होंगे। यह स्वच्छता रैली सम्पूर्ण गांव का भ्रमण करते
हुए वापस स्कूल प्रांगण में पहुंची। इस अवसर पर विद्यालय के कार्यकारी मुख्याध्यापक सोम प्रकाश शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वच्छता ही हमारे स्वस्थ जीवन का आधार है इसलिए हर व्यक्ति को अपने आसपास स्वच्छता व साफ सुथरा माहौल बनाना चाहिए तथा स्वच्छ और स्वस्थ बच्चे राष्ट्र का धन होते हैं और उत्तम स्वास्थ्य तभी संभव है जब हम अपने आसपास और अपनी शारीरिक सफाई का नियमित ध्यान रखें। इस अवसर पर स्कूल स्टाफ के अतिरिक्त सरपंच श्रीमती नसीब कौर, मघर सिंह, राम प्रताप नम्बरदार, औम प्रकाश, बिट्टू शर्मा, मन्दर सिंह, जगदेव सिंह, जोगिन्दर सिंह(पंच), कौर सिंह,(पंच), हरबन्ता सिंह(पंच), सहजिन्द्र सिंह पटवारी व रणवीर सिंह सहित गांव के गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में राजकीय प्राथमिक पाठशाला के बच्चों एवं अध्यापकों ने भी अपना योगदान दिया। जो प्रशंसनीय है।

बूटा सिंह ने पंजाब सरकार को चेताया

चंडीगढ़ : राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन बूटा सिंह ने पंजाब सरकार को चेतावनी दी है कि वह राज्य में दलितों पर अत्याचार के मामलों पर रोक लगाए अन्यथा आयोग ऐसे मामलों में सरकार के खिलाफ कड़ी रिपोर्ट संसद को भेजेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार राज्य में दलितों को कल्याण योजनाओं का पूरा लाभ नहीं दे रही। यहां पंजाब पुलिस के सीनियर अफसरों से राज्य में दलितों पर अत्याचार मामलों पर चर्चा के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि पंजाब के डीजीपी ने उन्हें ऐसे मामलों में दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा दिया है और कार्रवाई के बारे में आयोग को अवगत कराने की बात भी कही है। बूटा सिंह ने कहा कि विभिन्न राज्यों से मिले ब्यौरे के बाद आयोग ने पाया है कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और उड़ीसा में सरकारों का काम दलितों के मामले में तसल्लीबख्श नहीं है। इन राज्यों में दलितों पर अत्याचार के ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिनकी मिसाल आजादी से पहले कहीं नहीं मिलती। उन्होंने आज की बैठक का जिक्र करते हुए बताया कि भुलत्थ से कांग्रेसी विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने आयोग के पास तीन शिकायतें भेजी थीं। इन मामलों में डीजीपी पीएस गिल, एडीजीपी राजन गुप्ता और डीआईजी आरपीएस बराड़ आयोग के समक्ष पेश हुए थे। खैरा भी विशेष तौर पर पीडि़तों को लेकर उनसे मिलने आए थे। खैरा ने ढिलवां थाने के अंतर्गत गांव बिजली नंगल कश्मीर सिंह बाजीगर की बेटी के विवाह समारोह के दौरान अकाली समर्थकों द्वारा बारात से मारपीट करने की शिकायत रखी। पीडि़तों द्वारा थाने में शिकायत करने पर पुलिस ने मामला दर्ज करने से इंकार कर दिया। खैरा ने आयोग के समक्ष मंसूरवाला गांव के दलित सरपंच का मामला उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि गांव के अनुसूचित जाति से संबंधित सरपंच जोगा सिंह को बेवजह बर्खास्त कर दिया गया है।

बूढ़े बरगद से डरता है बुढ़ापा


मनुष्य की चार अवस्थाओं में बुढ़ापा सबसे नापसंद अवस्था है पर यह प्रकृति की वह हकीकत है जिसे स्वीकार करना ही पड़ता है। बहरहाल बुढ़ापे की ओर तेजी से बढ़ रहे लोगों के लिए यह खबर काफी राहत देने वाली होगी। अपने कई गुणों के कारण आयुर्वेद चिकित्सा और भारतीय जीवन पद्धति का चहेता रहा बरगद अब बुढ़ापा भी रोकने में कारगर साबित होगा। इसकी हवाई जड़ों में एन्टी आक्सीडेन्ट की उपलब्धता सर्वाधिक पायी गयी है। इसके इसी गुण के कारण वृद्धावस्था की ओर ले जाने वाले कारकों को दूर भगाया जा सकेगा। कभी घर के बूढ़े बुजुर्गो की तरह ग्रामीण भारतीय समाज का अभिन्न व सम्मानित अंग रहे बरगद पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में चल शोध से छन कर ये बातें सामने आयी हैं।

राकेश मारिया ने दी इस्तीफे की धमकी



मुंबई।। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रान्च के प्रमुख राकेश मारिया ने कहा है कि यदि गृह मंत्रालय उनके खिलाफ शहीद अशोक कामटे की पत्नी विनीता द्वारा लगाये गये आरोपों पर स्पष्टीकरण नहीं देता तो वह इस्तीफा दे देंगे, इस पर विनीता ने शुक्रवार को कहा कि वह अपनी किताब में लिखे प्रत्येक शब्द पर अडिग हैं।

विनीता ने पुणे से फोन पर कहा- किताब में लिखी सामग्री के बारे में किसी के भी द्वारा उठाये गए सवालों का सामना करने के लिए मैं तैयार हूं। मैं प्रत्येक शब्द पर अडिग हूं। पिछले साल आतंकी हमलों के दौरान शहीद हुए आईपीएस अधिकारी कामटे की विधवा ने कहा- किताब सूचना के अधिकार कानून के तहत मुंबई पुलिस द्वारा दिये गए तथ्यों पर आधारित है। मारिया द्वारा अशोक को कामा अस्पताल भेजने का निर्देश देने से इनकार करने की विनीता ने अपनी किताब में आलोचना की है। कामटे इसी जगह आतंकवादियों की गोली का शिकार हुए थे।
खबरों के मुताबिक मारिया ने राज्य के गृह मंत्री आर.आर. पाटिल को कल एक पत्र लिखकर कहा कि यदि सरकार उनके खिलाफ लगे आरोपों पर कोई स्पष्टीकरण नहीं देती या उन्हें नहीं देने देती तो वह इस्तीफा दे देंगे।

मारिया से इस बाबत प्रतिक्रिया नहीं ली जा सकी।
विनीता ने कहा कि पहले वह किताब नहीं लिखना चाहती थीं लेकिन 26 नवंबर की रात के घटनाक्रम को जानने की उनकी इच्छा ने ऐसा कराया।

भारत ने लगाई टेस्‍ट मैचों की सेंचुरी

कानपुर, शुक्रवार, 27 नवम्बर 2009
भारत-श्रीलंका के बीच पहला टेस्‍ट ड्रॉकानपुर टेस्‍ट मैच पर कब्‍जा जमाकर भारत ने टेस्‍ट मैचों में अपनी 100वीं जीत दर्ज की. भारत ने श्रीलंका को एक पारी और 144 रनों से मात दी है. रनों के लिहाज से यह भारत की अब तक की तीसरी सबसे बड़ी जीत है. 1932 से टेस्‍ट मैच खेलने वाली टीम इंडिया ने अपनी पहली जीत 1952 में इं‍ग्‍लैंड को हराकर हासिल की थी. पहली पारी में पांच विकेट लेने वाले श्रीशंत मैन ऑफ द मैच चुने गए.

अंतिम विकेट प्रज्ञान ओझा के खाते में गया. इस पारी में ओझा को दो विकेट मिले हैं. श्रीलंकाई टीम का अंतिम विकेट वेलेगेदरा के रुप में गिरा. इससे पहले युवराज सिंह ने श्रीलंका को नौवां झटका मेंडिस के रूप में दिया था. मेंडिस 27 रन बनाकर युवराज के गेंद का शिकार हुए. इससे पहले मुरलीधरन 29 रन बनाकर आउट हुए. मुरलीधरन 11 गेंद में दो छक्‍का और तीन चौके की मदद से 29 रन बनाकर प्रज्ञान ओझा की गेंद पर बोल्‍ड हुए.

भज्‍जी ने हीरेथ को 13 रन के व्‍यक्‍तिगत स्‍कोर पर एलबीडब्‍ल्‍यू आउट किया. इससे पहले हरभजन ने ही प्रसन्‍ना जयवर्धने को 29 रन पर बोल्‍ड कर छठा विकेट लिया था. मुरलीधरन के आउट होने के बाद मेंडिस क्रीज पर समरवीरा का साथ देने आए हैं. श्रीलंका को पांचवां झटका जहीर खान ने दिया. जहीर ने मैथ्‍यूज को 15 रन पर द्रविड़ के हाथों कैच आउट कराया.

भारत-श्रीलंका के बीच दूसरे टेस्‍ट के तीसरे दिन खेल की समाप्ति तक मेहमान टीम भारी दबाव में आ गई थी. तीसरे दिन खेल खत्‍म होने तक श्रीलंका ने दूसरी पारी में 4 विकेट खोकर 57 रन बनाए थे. समरवीरा 1 रन और मैथ्‍यूज 2 रन बनाकर नाबाद थे. श्रीलंका ने दूसरी पारी में अपना पहला विकेट जल्‍द ही खो दिया. दिलशान महज 11 रन बनाने के बाद श्रीसंत के शिकार बने. मेहमान टीम का दूसरा विकेट परानाविताना के रूप में गिरा. वे 20 रन जोड़कर वीरेंद्र सहवाग की गेंद पर पगबाधा आउट हो गए.

श्रीलंकाई टीम का तीसरा विकेट महेला जयवर्द्धने के रूप में गिरा. जयवर्द्धने 10 रन बनाकर रन आउट हो गए. चौथा झटका हरभजन सिंह ने दिया. कुमार संगकारा 11 रन बनाकर भज्‍जी की गेंद पर बोल्‍ड हो गए.

इससे पहले श्रीलंका की पहली पारी 229 रन पर सिमट गई. श्रीलंका की ओर से महेला जयवर्धने ने 47 रन सर्वाधिक बनाए, वहीं टीम इंडिया में लौटे श्रीसंत ने 75 रन देकर 5 विकेट चटकाए.

टीमें-
भारत: महेन्द्र सिंह धोनी (कप्तान), राहुल द्रविड़, गौतम गम्भीर, वीरेन्द्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर, हरभजन सिंह, जहीर खान, वीवीएस लक्ष्मण, युवराज सिंह, प्रज्ञान ओझा और एस. श्रीसंत.

श्रीलंका: कुमार संगकारा (कप्तान), तिलकरत्ने दिलशान, तरंगा परनाविताना, माहेला जयवर्धने, तिलन समरवीरा, एजेंलो मैथ्यूज, प्रसन्ना जयवर्धने, अजंता मेंडिस, रंगना हेराथ, मुथया मुरलीधरन और चानका वेलेगेदरा.

भारत ने लगाई टेस्‍ट मैचों की सेंचुरी

कानपुर, शुक्रवार, 27 नवम्बर 2009
भारत-श्रीलंका के बीच पहला टेस्‍ट ड्रॉकानपुर टेस्‍ट मैच पर कब्‍जा जमाकर भारत ने टेस्‍ट मैचों में अपनी 100वीं जीत दर्ज की. भारत ने श्रीलंका को एक पारी और 144 रनों से मात दी है. रनों के लिहाज से यह भारत की अब तक की तीसरी सबसे बड़ी जीत है. 1932 से टेस्‍ट मैच खेलने वाली टीम इंडिया ने अपनी पहली जीत 1952 में इं‍ग्‍लैंड को हराकर हासिल की थी. पहली पारी में पांच विकेट लेने वाले श्रीशंत मैन ऑफ द मैच चुने गए.

अंतिम विकेट प्रज्ञान ओझा के खाते में गया. इस पारी में ओझा को दो विकेट मिले हैं. श्रीलंकाई टीम का अंतिम विकेट वेलेगेदरा के रुप में गिरा. इससे पहले युवराज सिंह ने श्रीलंका को नौवां झटका मेंडिस के रूप में दिया था. मेंडिस 27 रन बनाकर युवराज के गेंद का शिकार हुए. इससे पहले मुरलीधरन 29 रन बनाकर आउट हुए. मुरलीधरन 11 गेंद में दो छक्‍का और तीन चौके की मदद से 29 रन बनाकर प्रज्ञान ओझा की गेंद पर बोल्‍ड हुए.

भज्‍जी ने हीरेथ को 13 रन के व्‍यक्‍तिगत स्‍कोर पर एलबीडब्‍ल्‍यू आउट किया. इससे पहले हरभजन ने ही प्रसन्‍ना जयवर्धने को 29 रन पर बोल्‍ड कर छठा विकेट लिया था. मुरलीधरन के आउट होने के बाद मेंडिस क्रीज पर समरवीरा का साथ देने आए हैं. श्रीलंका को पांचवां झटका जहीर खान ने दिया. जहीर ने मैथ्‍यूज को 15 रन पर द्रविड़ के हाथों कैच आउट कराया.

भारत-श्रीलंका के बीच दूसरे टेस्‍ट के तीसरे दिन खेल की समाप्ति तक मेहमान टीम भारी दबाव में आ गई थी. तीसरे दिन खेल खत्‍म होने तक श्रीलंका ने दूसरी पारी में 4 विकेट खोकर 57 रन बनाए थे. समरवीरा 1 रन और मैथ्‍यूज 2 रन बनाकर नाबाद थे. श्रीलंका ने दूसरी पारी में अपना पहला विकेट जल्‍द ही खो दिया. दिलशान महज 11 रन बनाने के बाद श्रीसंत के शिकार बने. मेहमान टीम का दूसरा विकेट परानाविताना के रूप में गिरा. वे 20 रन जोड़कर वीरेंद्र सहवाग की गेंद पर पगबाधा आउट हो गए.

श्रीलंकाई टीम का तीसरा विकेट महेला जयवर्द्धने के रूप में गिरा. जयवर्द्धने 10 रन बनाकर रन आउट हो गए. चौथा झटका हरभजन सिंह ने दिया. कुमार संगकारा 11 रन बनाकर भज्‍जी की गेंद पर बोल्‍ड हो गए.

इससे पहले श्रीलंका की पहली पारी 229 रन पर सिमट गई. श्रीलंका की ओर से महेला जयवर्धने ने 47 रन सर्वाधिक बनाए, वहीं टीम इंडिया में लौटे श्रीसंत ने 75 रन देकर 5 विकेट चटकाए.

टीमें-
भारत: महेन्द्र सिंह धोनी (कप्तान), राहुल द्रविड़, गौतम गम्भीर, वीरेन्द्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर, हरभजन सिंह, जहीर खान, वीवीएस लक्ष्मण, युवराज सिंह, प्रज्ञान ओझा और एस. श्रीसंत.

श्रीलंका: कुमार संगकारा (कप्तान), तिलकरत्ने दिलशान, तरंगा परनाविताना, माहेला जयवर्धने, तिलन समरवीरा, एजेंलो मैथ्यूज, प्रसन्ना जयवर्धने, अजंता मेंडिस, रंगना हेराथ, मुथया मुरलीधरन और चानका वेलेगेदरा.

ओबामा की दावत में बिन बुलाए मेहमान


वाशिंगटन : ाइट हाउस में मंगलवार को भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सम्मान में आयोजित राजकीय भोज में दो बिन बुलाए मेहमान भी मौजूद थे। वर्जीनिया के एक अमेरिकी दंपती ने न सिर्फ भोज का लुत्फ उठाया बल्कि वहां मौजूद कई हस्तियों के साथ तस्वीरें भी खिंचवाई। उनका इरादा हालांकि सिर्फ सुर्खियां बटोरना था लेकिन इसे ाइट हाउस की चाकचौबंद सुरक्षा में गंभीर चूक माना जा रहा है। ाइट हाउस में इससे पहले आयोजित हुए राजकीय भोज के दौरान ऐसा कभी नहीं हुआ। अमेरिकी अखबार द वाशिंगटन पोस्ट ने खुलासा किया है कि एक टीवी रियलिटी शो के वर्जीनियाई प्रतिभागी बगैर आधिकारिक निमंत्रण पत्र के राजकीय भोज में पहुंच गए। अखबार के मुताबिक, इस बात का पता तब चला जब उत्तरी वर्जीनिया के तारिक सलाही और मिशेल ने अपनी इस अनोखी उपलब्धि की कहानी सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर अपलोड की। दंपती द्वारा फेसबुक पर अपलोड तस्वीरों में वे अमेरिकी उप राष्ट्रपति जो बिडेन, ाइट हाउस के चीफ आफ स्टाफ और टीवी एंकर केटी कोरिक के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। दोनों ने भारतीय संगीतकार ए.आर. रहमान और पेप्सिको की अध्यक्ष इंदिरा नूई के साथ भी तस्वीरें खिंचवाईं। दोनों जब ये तस्वीरें खिंचवा रहे थे भोज में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी मौजूद थे। हालांकि ओबामा और मनमोहन की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं था क्योंकि यह दंपती भी कड़ी सुरक्षा जांच की उसी प्रक्रिया से गुजरा था जिससे 300 से ज्यादा मेहमान गुजरे थे।

आ अब लौट चलें


वाशिंगटन,: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विश्व भर में फैले भारतीयों से स्वदेश लौटने की अपील की है। उन्होंने कहा कि वे देश में प्रतिभा पलायन की जगह प्रतिभा लाभ की स्थिति देखना चाहते हैं। मनमोहन ने यहां भारतीय-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करते हुए भारत और अमेरिका के संबंधों में सुधार के लिए अमेरिका में रहने वाले भारतीयों की जमकर तारीफ की। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षो के दौरान हम प्रतिभा पलायन की विपरीत स्थिति देख रहे हैं। उन्होंने कहा मैं इसे प्रतिभा लाभ की स्थिति के रूप में देखता हूं। उन्होंने कहा, मैं इस मौके पर उन अमेरिकी भारतीय और भारतीयों को स्वदेश आने का निमंत्रण देना चाहता हूं, जो भारत लौटने के इच्छुक हैं। मनमोहन ने दोनों देशों के बीच अगले चरण के संबंध सुधार में फाइव ई की अहमियत पर जोर दिया। इनमें अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, पर्यावरण, शिक्षा और सशक्तिकरण जैसे क्षेत्र शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, आधुनिक तकनीक और लचीली नीतियों की मदद से अब अमेरिकी भारतीयों के मध्य कार्यस्थल के चुनाव की दिक्कत नहीं रहेगी। वे चाहे भारत में रहें चाहे अमेरिका में आसानी से अपने उद्देश्य पूरे कर पाएंगे।

रब्बियों के डेरे पर पहुंची कूटनीति और राजनीति


मुंबई, कार्यक्रम तो नरीमन हाउस में रक्तपात की याद करने भर के लिए था मगर यह छोटा सा कार्यक्रम मंुबई में आयोजित बड़े सरकारी कार्यक्रमों के बीच खासा बड़ा हो गया। विदेश राज्य मंत्री शशि थरुर यहां पहुंचे और पाकिस्तान पर निशाना साधा। महाराष्ट्र सरकार की तिकड़ी चव्हाण, भुजबल, पाटिल ने यहां हाजिरी लगाई, इजरायल उच्चायुक्त भी कार्यक्रम में मौजूद रहे। यानी कि कूटनीति और राजनीति दोनों एक छोटे से कार्यक्रम में आ जुटीं, जहां यहूदियों के अलावा अन्य समुदायों के लोग कम ही थे। मामला संदेश देने का था और जब नेता संदेश दे रहे हों तो युवा रब्बियों को जोश आ गया और उन्होंने भी इजरायल की याद के गीत गाए। ..मगर संगीत, रोशनी, राजनीति और कूटनीति सब मिलकर रब्बियों के इस डेरे की उदासी नहीं तोड़ पाए। बाहर संकरी सी गली में हो रहे आयोजन में बहुत कुछ कहा सुना जा रहा था मगर नरीमन हाउस के भीतर एक नीम उदासी थी। यह मुंबई में हमले के शिकार केंद्रों में शायद एकमात्र ऐसा केंद्र है जहां सब कुछ जस का तस है, खून के छींटे भी। कभी रब्बियों के संगीत से गुलजार इस खबाद हाउस में पिछले एक साल के दौरान कोई भूला भटका रब्बी आकर श्रद्धांजलि दे जाता है। नहीं तो यह पूजा के दिनों में ही खुलता है। यहां रब्बी गैब्रियल होल्त्सबर्ग और उनकी पत्‍‌नी रिविका की यादें हर जगह बिखरी हैं। इसी नरीमन हाउस के सामने गुरुवार को कूटनीति भी जुटी। छोटे से यहूदी समुदाय को उनकी कूटनीतिक अहमियत का अहसास कराने और दुनिया को संकेत देने यहां पहुंचे शशि थरुर बोले कि पाकिस्तान ने अब तक जो किया वह पर्याप्त नहीं है। पाकिस्तान को अपनी जमीन से आतंक को समाप्त करना होगा। थरुर ने लगे हाथ यहूदियों से अपने राज्य केरल के एतिहासिक रिश्ते भी याद किए और कहा कि नरीमन हाउस पर आतंक का हमला दरअसल सिर्फ भारत पर हमला नहीं बल्कि आतंक की अंतर्राष्ट्रीय घटना है। थरुर का आना और उनका निशाना साफ था कि यहूदियों का परंपरावादी और दार्शनिक खबाद समुदाय भारत के लिए कूटनीतिक तौर पर अहम है। इजरायल के उच्चायुक्त मार्क सोफर ने भारतीय सुरक्षा बलों की वीरता की तारीफ और भारत में यहूदियों को मिले सम्मान का जिक्र करते हुए श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम खत्म होते होते मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल और गृह मंत्री आरआर पाटिल की तिकड़ी भी इस छोटे से मंच पर पहुंच गई। रब्बियों को इतने वीआईपी जुटने की उम्मीद नहीं थी। इन आयोजन से अलग नरीमन हाउस दीवारें तो आतंक वधशाला जैसी लगती है। यह हाल देखकर शशि थरुर भी कांप उठे। पांच मंजिलों वाले इस भवन की हर मंजिल पर गोलियों के सैकड़ों निशान हैं। गे्रनेड से फटी दीवारें अब तक वैसी ही हैं। पूरे घर में बड़ी-बड़ी दरारें हैं। रब्बी गैब्रियल का पूजा घर, रसोई, शयनकक्ष यहां तक बाथरूम तक में गोलियों की इबारत खुदी है। भवन की तीसरी मंजिल पर छेद अब तक वैसा ही है जिसे एनएसजी ने रॉकेट लांचर दाग कर किया था और भवन में घुसे थे। एक उदास कमरे में इस रब्बी दंपति के नन्हे शिशु मोशे के खिलौने भी जस के तस बिखरे हैं। दरअसल इस घर में सब कुछ जस का तस है। बस पूजा गृह की गोलियों से छलनी दीवार के आगे एक ताजी मोमबत्ती जल रही है। भारत में यहूदियों के बहुत छोटे खबाद समुदाय के लिए गैब्रियल और रिविका की मौत गहरा सदमा है, यह बहती आंखों और रुंधे गलों में साफ दिख रहा था। नरीमन हाउस के भीतर गुजरी यंत्रणा भी महसूस की जा सकती थी। इसके अलावा जो दिखा वह थी सिर्फ राजनीति।

उदासी और बेफिक्री



मुंबई वहां गम अभी तारी है और उदासी काबिज..और यहां मानो कुछ हुआ ही ही नहीं। एक है नरीमन हाउस और दूसरा लिओपोल्ड कैफे। आतंकी हमले के दो शिकार एक-दूसरे से बस कुछ कदमों की दूरी पर हैं। मगर कोलाबा के इन दोनों स्थानों के अतीत में असंगति है और वर्तमान में भी। कैफे को सब जानते हैं और छबाद हाउस को अभी भी तलाशना पड़ता है। यहूदियों के पूजा केंद्र छबाद हाउस यानी नरीमन हाउस में कोई साधक भूले-भटके पहुंच जाता है, मगर रूकता कोई नहीं और इधर लिओपोल्ड कैफे में कुर्सी पाने के लिए आपको इंतजार करना पड़ता है। एक गमजदा पूजागृह : सदा से शांत नरीमन हाउस अब और उदास व बोझिल है। मानो वह अपने दर्द के साथ जीना चाहता हो। सामने की दीवार पर गोलियों के निशान जस के तस हैं। गोलीबारी और राकेट लांचर के हमले में टूटी दीवार अभी नहीं है। बताते हैं कि अंदर खून के निशान भी जस के तस हैं। रब्बी गैब्रियल होल्तबर्ग की यादें अंदर बिखरी हैं और अब इस भवन में कोई नहीं ठहरता। गेट पर मौजूद गार्ड बताते हैं कि पूजा करने वाले लोग कभी कभार आते हैं। कोलाबा के लोगों को बहुत बाद में पता चला कि इस भवन में यहूदी पूजा करते हैं। उस गली और उस भवन को देख कर यह नहीं अहसास हो पाता है कि आतंकियों के पास यहूदियों के इस पूजास्थल की कितनी ठोस सूचना थी और क्यों इमरान और नासिर नाम के दो आतंकियों ने सबसे लंबे वक्त तक यहां मोर्चा लिया। कमांडो अगर छत से न उतरते तो एक गाड़ी का भी नरीमन हाउस तक पहुंचना मुश्किल है। नरीमन हाउस कितना बड़ा मोर्चा था, इसका एक छोटा सा सबूत पतली सी गली में नरीमन हाउस के ठीक सामने की दीवार है, जिस पर आतंकियों की एके 47 के दर्जनों हस्ताक्षर हैं। ऊपर लाल रंग से लिखा है, हम 26/11 के हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। नरीमन हाउस के रब्बी इससे ज्यादा और कर भी क्या सकते हैं। और एक मस्त कैफे : लिओपोल्ड कैफे का क्या कहना? हमले के बाद तो यह पर्यटन केंद्र बन गया है। हमला खत्म होने के अगले ही दिन यहां काम शुरू हो गया था। कोलाबा पुलिस स्टेशन के ठीक सामने बना लिओपोल्ड कैफे 1871 से चल रहा है। यह आतंकी हमले का पहला निशाना था। यहां गोलियां चला कर करीब एक दर्जन लोगों को मारते हुए आतंकी बगल की गली होते हुए पिछले गेट से ताज में घुस गए। भारत आने वाले विदेशी, खास तौर से यूरोपीय नागरिकों की यह पसंदीदा जगह है। बुधवार की शाम को पहले शिव सैनिकों ने यहां हल्ला गुल्ला किया था, लेकिन हमें कोई फिक्रमंद नहीं दिखता। पुलिस जरूर जमा है लेकिन लिओपोल्ड के कद्रदान कुर्सी के इंतजार में फुटपाथ पर खड़े हैं। कैफे के अंदर तो पैर रखने की जगह भी नहीं है। ग्राहकों में 80 फीसदी विदेशी, जो बियर और काफी की चुस्कियां ले रहे हैं। फिर भी निगाहें छत की तरफ उठ जाती हैं जहां गोलियों के निशान बने हैं। हमले के बाद लिओपोल्ड को कुछ ज्यादा ही ग्राहक मिलने लगे हैं। गोलियों के निशान वाले कैफे के कप खूब बिकते हैं।

26/11 के दोषियों को सजा दिलाए बिना चैन नहीं : मनमोहन सिंह


26/11 के दोषियों को सजा दिलाए बिना चैन नहीं : मनमोहन सिंह
26 नवंबर, 2009
वाशिंगटन। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि मुंबई हमले के दोषी व्यक्तियों को जब तक सजा नहीं दी जाती भारत तब तक चैन से नहीं बैठेगा। भारत पाकिस्तान से आतंकियों के सभी ढांचे और उनके सुरक्षित आश्रय स्थल को उख़ाड फेंकने की उम्मीद करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमले से लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष समाज कायम रखने की अपनी प्रतिबद्धता से हम नहीं डिगेंगे।
मुंबई हमले की पहली बरसे की पूर्व संध्या पर अमेरिका में आयोजित एक प्रेंस कॉन्फ्रेन्स में प्रधानमंत्री ने कहा कि मुंबई हमला देश की बाहर की उन ताकतों की सोची समझी चाल थी जो हमारी धर्मनिरपेक्ष शासन प्रणाली और सांप्रदायिक सद्भव को नष्ट करना चाहते है। ऎसी ताकतों को इस बात पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि वे अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होंगे।

गुरुवार, 26 नवंबर 2009

भारत जीत से छेह कदम दूर

कानपुर. फॉलोऑन खेलने आई श्रीलंका ने चार विकेट खोकर 57 रन बना। एक बार फिर महेला जयवर्धने रन आउट होकर पैवेलियन वापस लौट गए। उन्हें युवराज ने आउट किया। हरभजन सिंह की सटीक गेंदबाज़ी के चलते संगकारा को 11 रन पर आउट किया।

भारत को पहली सफलता श्रीसंथ ने दिलाई। उन्होंने दिलशान को आउट किया। श्रीसंथ के बाद श्रीलंका पर दूसरा प्रहार सहवाग ने परनाविताना को चलता किया।

कानपुर टेस्ट के तीसरे दिन के अंतिम सत्र में श्रीलंका की पारी 229 रन पर सिमट गई समेटने के बाद भारत को 413 रनों की बढ़त मिली है।ये भारत की श्रीलंका से हुए अब तक के मुकाबलों में सबसे बड़ी बढ़त है।

श्रीसंथ की सटीक गेंदबाज़ी की बदौलत भारत ने श्रीलंका को पर मजबूर कर दिया है। भारत को यह मौका पंद्रह साल के बाद मिला है। इससे पहले 1994 में लखनऊ में हुए मुकाबले में श्रीलंका को फॉलोऑन खिलाया था। 1987 में कटक में हुए टेस्ट में श्रीलंका को पारी के अंतर से हराया था।

करियर का दूसरा विकेट लेते हुए ओझा ने मुरलीधरन को आउट किया। श्रीलंका अंतिम विकेट हरभजन ने लिया।

लंच के बाद शुरु हुए मैच में श्रीसंथ ने अपनी गेंदबाज़ी से क़हर बरपाते हुए पाँच विकेट झटके। हेराथ उनका पाँचवा शिकार बने।

अपने करियर का पहला मैच खेल रहे प्रज्ञान ओझा ने अर्धशतक की ओर बढ़ रहे महेला जयवर्धने को आउट कर पहला अंतरराष्ट्रीय विकेट लिया।

श्रीसंथ ने अपना कहर जारी रखते हुए प्रसन्ना जयवर्धने को भी आउट किया। शीर्ष के विकेट सस्ते में खोने के कारण श्रीलंका पर फॉलोऑन का खतरा मंडरा रहा है।

लंच पर जाने से पहले श्रीसंत ने भारत को सही शुरुआत देते हुए परनाविताना के बाद संगकारा और समरवीरा को भी पैवेलियन की राह दिखाई। श्रीसंत के बाद हरभजन ने भी दबाव बनाते हुए मैथ्यूज़ को बोल्ड किया।


26/11 के शहीदों के लिए दो मिनिट का मौन-- 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों को भारतीय टीम ने गुरुवार का खेल शुरु होने से पूर्व दो मिनिट का मौन रखकर श्रद्धांजली दी।

इससे पहले कानपुर टेस्ट का दूसरा दिन भी भारत के नाम रहा। दिन का खेल खत्म होने तक श्रीलंका ने एक विकेट के नुकसान पर 66 रन बनाए।

भारत को शानदार शुरुआत देते हुए ज़हीर ख़ान ने पहली सफलता दिलाई। उन्होंने पहले टेस्ट के शतकवीर दिलशान को शून्य पर पैवेलियन वापस भेज दिया। श्रीलंका की ओर से सबसे सफल गेंदबाज़ हेराथ रहे। उन्होंने पाँच विकेट झटके।

दूसरा दिन

दिन की बेहतरीन शुरुआत करते हुए भारत की दीवार कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ ने पहले टेस्ट का फार्म बरकरार रखते हुए अपने 28वाँ शतक पूरा किया। पर वो बदकिस्मति से 144 रन पर रन आउट हो गए।

भारत की ओर से गंभीर ने 167, राहुल द्रविड़ ने 144 और सहवाग ने 131 रनों की शतकीय पारी खेली। इसके अलावा युवराज ने 67 रन बनाए। युवराज के करियर का यह आठवां अर्धशतक है।

भारत पर दोहरा प्रहार करते हुए हेराथ ने लगातार धोनी(4) और लक्ष्मण(63) के विकेट झटक लिए। बल्लेबाज़ों की एशगाह ग्रीन पार्क में वीवीएस लक्ष्मण ने भी अपना 41वाँ अर्धशतक बनाकर हेराथ का शिकार बने।

पहला सत्र

भारत ने पहले दिन के स्कोर, 417 पर दो, से शुरुआत करते हुए बहुत जल्द 500 का आंकड़ा छू लिया। राहुल द्रविड़ ने भी अपना 28वाँ शतक पूरा किया। इसी बीच भारत ने सचिन तेंदुलकर का विकेट खोया। सचिन ने 40 रन बनाए। इसके बाद द्रविड़ भी 144 पर रनआउट हो गए।

स्कोर: भारत 535/4, लक्ष्मण 31, युवराज 19

दूसरा सत्र

लंच के बाद के खेल में लक्ष्मण और युवराज ने अर्धशतक पूरे किये। इस सत्र में भारत ने लक्ष्मण, धोनी और हरभजन सिंह के विकेट खोए। तीनों विकेट हेराथ ने लिए।

स्कोर: भारत 639/7, युवराज 66

अंतिम सत्र

चाय के बाद शुरु हुए मैच में भारत अपनी पारी को अधिक नहीं बढ़ा पाया। आखिरी तीन विकेट जल्दी-जल्दी गिर गए और पारी 642 पर सिमट गई। इसके बाद खेलने आई श्रीलंका को ज़हीर ख़ान ने शुरुआती झटका देते हुए दिलशान को धाराशाई किया।

स्कोर: भारत 642/10, श्रीलंका 66/1, परनाविताना 30, संगकारा 30

पहला दिन

गौतम गंभीर ने उम्दा प्रदर्शन जारी रखते हुए अपना शतक पूरा किया। गंभीर का यह करियर का आठवाँ व इस श्रृंखला का दूसरा शतक है। दूसरे टेस्ट मैच का पहला दिन भारत के नाम रहा। भारत को अच्छी शुरुआत देते हुए सहवाग ने 131 तथा गंभीर ने 167 रनों की पारी खेली।

राहुल द्रविड़ ने भी करियर का 58वाँ अर्धशतक बनाया। भारत का पहला विकेट 233 के स्कोर पर सहवाग के रूप में गिरा। उन्हें मुरलीधरन ने दिलशान के हाथों कराया। इसके बाद दिन के हीरो रहे गौतम गंभीर 167 रन के स्कोर पर मुथैया मुरलीधरन के हाथों आउट हुए।

श्रीलंका की ओर से मुथैया मुरलीधरन सबसे सफल गेंदबाज़ रहे। उन्होने गंभीर और सहवाग के विकेट झटके। भारत के विशाल स्कोर में बड़ा हाथ श्रीलंका का लचर क्षेत्ररक्षण भी रहा। श्रीलंका को सबसे भारी वीरू का कैच शून्य पर छोड़ना पड़ा।

डबवाली समाचार

डबवाली(अभी-अभी) - उपमण्डल के गांव शेरगढ़ में मजदूरी का कार्य निपटा कर घर जा रहे वृद्ध मजदूर की अज्ञात वाहन की चपेट में आने से घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई। प्राप्त जानकारी अनुसार कालझरानी पंजाब निवासी प्रीतम ङ्क्षसह पुत्र चूड़ ङ्क्षसह का परिवार वर्तमान में वङ्क्षडग़ खेड़ा स्थित ईंट-भट्टा पर लेबर का कार्य करता है तथा स्वयं प्रीतम ङ्क्षसह साथ लगते गांव शेरगढ़ में मजदूरी करने हेतु आता था तथा बीती सायं जब प्रीतम ङ्क्षसह दिहाड़ी करने के उपरान्त अपने घर वङ्क्षडग़ खेड़ा जा रहा था कि पीछे से किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। जिसके फलस्वरूप उसकी घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई। इस घटना की सूचना गांव के चौकीदार मनीराम द्वारा पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही थाना शहर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तथा प्राथमिक कार्रवाई उपरान्त शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु स्थानीय सिविल अस्पताल पहुंचाया। जब देर रात्रि प्रीतम ङ्क्षसह अपने घर वापिस नहीं पहुंचा तो उसके परिजनों को उसकी चिन्ता सताने लगी तथा उन्होंने आस-पास के क्षेत्र में प्रीतम ङ्क्षसह की तालाश भी की। परन्तु उन्हें कोई सफलता नहीं मिली, तभी किसी ने उन्हें सूचित किया कि बीते दिवस देर सायं गांव शेरगढ़ के पास सड़क हादसे में एक वृद्ध की मृत्यु हो गई है। हादसे की सूचना मिलते ही प्रीतम ङ्क्षसह के परिजन आज स्थानीय सिविल अस्पताल पहुंचे तथा गुरचरण ङ्क्षसह ने मृतक की पहचान अपने पिता प्रीतम ङ्क्षसह के रूप में की। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया। थाना शहर पुलिस ने अज्ञात वाहन के खिलॉफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


डबवाली (अभी-अभी)- स्थानीय नई अनाज मण्डी के मजदूरों द्वारा उस समय काम-काज ठप्प कर दिया। जब गत दिवस मंगलवार को उपमण्डल के गांव गंगा में नरमा तोलने गए मजदूरों को चोरी के प्रकरण में पूछताछ हेतु गोरीवाला पुलिस अपने साथ ले गई।
प्राप्त जानकारी अनुसार गांव गंगा निवासी भोला ङ्क्षसह पुत्र माड़ू ङ्क्षसह के घर नरमा तोलने गई लेबर यूनियन के मजदूर सदस्यों सुरेन्द्र, मनोज, हरि प्रकाश, विरेन्द्र, सतीश, रामवरन रमेश कुमार गए हुए थे तथा नरमा की तुलाई के पश्चात नरमा की ट्राली को डबवाली रवाना कर दिया एवं स्वयं वह गांव अबूबशहर में नरमा तोलने के लिए प्रस्थान कर गए। इस दौरान भोला ङ्क्षसह घर पर नहीं था। जब वह घर पहुंचा तो उसने देखा की घर के अन्दर पड़ा ट्रंक का ताला टूटा हुआ था तथा उसमें रखा 5 तोले सोना गायब था। भोला ङ्क्षसह ने इसकी सूचना अपने आढ़ती प्रकाश चन्द बांसल को दी तथा श्री बांसल रमेश झालरिया को लेकर भोला ङ्क्षसह के घर गए तथा उसको साथ लेकर गांव अबूबशहर ढाणी पहुंचे। जहां उपरोक्त लेबर नरमें की तुलाई का कार्य कर रहे थे। वहां पहुंचने के उपरान्त इन्होंने सभी मजदूरों की तालाशी लेनी शुरू कर दी परन्तु परिणाम शून्य ही रहा। इसके बाद भोला ङ्क्षसह ने गोरीवाला पुलिस को दी एक शिकायत में शक मजदूरों पर जाहिर किया। जिसके फलस्वरूप बीते दिवस पुलिस ने शक के आधार पर सभी मजदूरों को पूछताछ हेतु हिरासत में ले लिया। अपने साथियों की हिरासत की सूचना मिलते ही सभी मजदूर एकत्रित होकर गोरीवाला थाना परिसर में जा पहुंचे तथा अपनी जिम्मवारी पर सभी मजदूरों को छुड़वाकर डबवाली ले आए तथा तथा इस चोरी के झूठे प्रकरण में मजदूरों को हिरासत में लिए जाने से खफा उनके साथी मजदूरों ने आज नई अनाज मण्डी में हड़ताल कर दी तथा कहा कि जब तक चोरी का इल्जाम वापिस नहीं लिया जाता तब तक कोई मजदूर नरमें की तुलाई नहीं करेगा तथा उन्होंने पुलिस प्रशासन के खिलॉफ नारेबाजी शुरू कर दी। आज बाद दोपहर कच्चा आढ़तिया ऐसोसिऐशन के प्रधान प्रकाश चन्द बांसल ने गंगा निवासी भोला ङ्क्षसह को अपनी दुकान पर बुलवाया तथा उन्हें विश्वास दिलवाया गया कि जो चोरी की घटना उनके घर घटित हुई है उसमें इन मजदूरों का कोई हाथ नहीं है तथा पुलिस जांच में सच्चाई सामने आ ही जाऐगी। मजदूर यूनियन के पदाधिकारी व सभी सदस्य जब बिल्कुल आश्वस्त हो गए तो उन्होंने अपनी हड़ताल समाप्त कर कार्य शुरू कर दिया।



डबवाली(अभी-अभी) - खेलों को बढ़ावा देने के लिए जहां हरियाणा सरकार प्रत्येक गांवों व नगरों में खेल स्टेडियम का निर्माण करवा रही है। वहीं करोड़ो रूपयों की लागत से बना स्थानीय इण्डोर स्टेडियम आजकल स्टेडियम कम कबूतरखाना ज्यादा नज़र आता है। इस इण्डोर स्टेडियम में सुविधाओं के अभाव में खेलने आने वाले खिलाड़ी नाममात्र रह गए हैं। बैडङ्क्षमटन खिलाड़ी हरदेव ङ्क्षसह, सुखविन्द्र विरदी, दिनेश कुमार, अमित जिन्दल, गोरव कुमार, सुनील, गोरा व पाला ने बताया कि इण्डोर स्टेडियम में सफाई का बेहद बुरा हाल है। क्योंकि हरियाणा सरकार की तरफ से सफाई कर्मचारी की नियुक्ति नहीं है तथा पीने के पानी की भी कोई उचित व्यवस्था नहीं है। उन्होंने रोष व्यक्त करते हुए बताया कि जब भी वह खेल परिसर में खेलने के लिए जाते हैं तो ग्राऊण्ड में सफाई न होने के चलते उन्हें स्वयं ग्राऊण्ड को साफ करना पड़ता है। उन्होंने बातचीत के दौरान आगे बताया कि जहां एक तरफ खिड़कियों के शीशे टूटे हुए हैं। वहीं ऊपर व नीचे लगे दरवाजे खस्ताहाल हैं। उन्होंने बताया कि उपरोक्त स्टेडियम में लाखों रूपयों की लागत से बने जिम व बैडङ्क्षमटन ग्राऊण्ड का ठेका एक बेरोजगार युवक जसवीर ङ्क्षसह को दिया गया है तथा हम सभी खिलाड़ी प्रत्येक माह 200 से 250 रूपये का शुल्क अदा करते हैं तथा जिम में आने वाले अधिवक्ता जितेन्द्र ङ्क्षसह खैरां ने बताया कि हम जिम में आने हेतु 250 रूपये महीना शुल्क देते हैं। लेकिन जिम के अन्दर सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है तथा पानी के अभाव में जिम में बने बाथरूम व टॉयलेट की स्थिति तो ओर भी दयनीय है। जब इस बारे में प्रशासन व ठेकेदार जसवीर ङ्क्षसह से बात की गई तो उन्होंने माना की सफाई व्यवस्था व पीने के पानी की उचित व्यवस्था न रहने से खिलाडिय़ों का आना कम होता जा रहा है तथा उन्हें भी आॢथक नुक्सान उठाना पड़ रहा है। श्री ङ्क्षसह ने बताया कि उन्होंने इसके बारे में कई बार डीएसओ सिरसा श्रीमती वीणा शर्मा को अवगत करवाया है। परन्तु उन्होंने कोई उचित कार्रवाई नहीं की। बैडङ्क्षमटन खिलाडिय़ों ने बताया कि बैडङ्क्षमटन कोर्ट में पोल, नेट आदि स्वयं बनवाऐं हैं तथा लाईट की व्यवस्था के लिए जनरेटर का प्रबन्ध भी अपने निजी पॉकेट से खर्च कर करवाया है। सभी खिलाडिय़ों ने प्रशासन व प्रदेश सरकार से मांग की है कि खेल परिसर में एक ट्रेंड कोच नियुक्त किया जाए तथा खिलाडिय़ों को पूरी सुविधाऐं उपलब्ध करवाई जाऐं। इण्डोर खेल स्टेडियम में आने वाले तमाम खिलाडिय़ों व खेलों में विशेष रूचि रखने वाले लोगों का एक शिष्टमण्डल शीघ्र ही खेल मन्त्री गोपाल काण्डा से मिलेगा।


डबवाली (अभी-अभी)- उपमण्डल के गांव मलिकपुरा में स्थित राजकीय उच्च विद्यालय के अध्यापकों की एक टीम ने बीते दिवस ग्रामीणों को व्यक्तिगत सोखता गढ्ढे व केंचुआ खाद बनाने की जानकारी दी। इस टीम का नेतृत्व विज्ञान अध्यापक भारत भूषण शर्मा ने किया। उपरोक्त टीम ने गांव में जाकर ग्रामीणों को इस बारे विस्तृत जानकारी देते हुए व्यक्तिगत सोखता गढ्ढे व केंचुए खाद बनाने के प्रति प्रेरित किया। ग्रामवासियों ने इसे गम्भीरता से सुना तथा इसे अपनाने का आश्वासन भी दिया। यह जानकारी देते हुए कार्यकारी मुख्याध्यापक सोमप्रकाश शर्मा ने बताया कि उपरोक्त टीम में स्कूल के बच्चों सहित गणित अध्यापक भारत भूषण अग्रवाल, कला अध्यापक विनोद कुमार ने भी पूर्ण सहयोग दिया।

18000 के स्‍तर तक पहुंचा सोना


गुरूवार, नवंबर 26,
नई दिल्‍ली। बाजार में लगातार उतार-चढ़ाव और डॉलर की कीमत में लगातार हो रही गिरावट के चलते आखिरकार सोने के दाम ने 18000 रुपए का स्‍तर छू ही लिया। दिल्‍ली के सराफा बाजार में दोपहर करीब डेढ़ बजे सोने की कीमत 18000 रुपए प्रति 10 ग्राम दर्ज हुई। यही नहीं सोने की कीमतों में उछाल अभी भी जारी है। जल्‍द ही इसकी कीमत और ऊपर बढ़ने के आसार हैं।

पिछले एक सप्‍ताह से प्रति दस ग्राम सोने की कीमत 17,700 से 17,800 के बीच बनी हुई थी। एकाएक बुधवारको न्‍यूयॉर्क के कमोडिटी बाजार में सोने की कीमत 1,182 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई। इसका सीधा असर भारतीय बाजारों में दिखा और यहां गुरुवार दोपहर सोने की कीमत ने 18,000 के मनोवैज्ञानिक स्‍तर को छू लिया।

बाजारों में अलग-अलग दाम

सोना बिस्किट की कीमत 18,000 रुपये तक दर्ज हुई। सोना कैडबरी 17,900 रुपये तक रहा। बाजार में अलग-अलग दाम चल रहे हैं। दिल्‍ली के ही एक बाजार में जहां इसकी कीमत 17,900 रही, वहीं दूसरी जगह 17,890। इसके अलावा कई जगह 17,975 रुपए तक में सोना बिका।

कीमतों में अचानक आए उछाल के कारण बिक्री में गिरावट दर्ज हुई है। लोग एक बार फिर सोने के दाम नीचे आने का इंतजार करने लगे हैं। हालांकि वर्तमान परिस्थितियों में अगले दो महीने तक सोने के दाम नीचे आने की संभावना काफी कम है।

महंगाई ने ली समृद्ध परंपराओं की बलि


शिमला, महंगाई का विभत्स रूप और दो वक्त की रोटी का जुगाड़, भले ही घर-घर की कहानी हो गया है, लेकिन दाल-रोटी के लिए अब देश की समृद्ध परंपराओं की भी बलि ली जा रही है। पीढ़ी दर पीढ़ी से संयुक्त परिवारों के साझे चूल्हे भी बढ़ती कीमतों ने अलग कर दिए हैं। हिमाचल प्रदेश में दादी अपने पोते-पोतियों को प्यार से बना भोजन नहीं दे रही और बहू भी सास-ससुर के लिए खाना नहीं बना रही। यह कथा संयुक्त परिवारों के बिखराव से हुई। राज्य में लोग सरकारी राशनकार्ड के जरिए सब्सिडी का अधिकतम राशन लेने के लिए अलग हो रहे हैं। यह चौकाने वाला ट्रेंड राज्य में बढ़ते राशन कार्डो के आंकड़ों से सामने आया है। हिमाचल में एपीएल (गरीबी रेखा से ऊपर) राशनकार्ड धारकों की संख्या में काफी इजाफा हो रहा है जबकि जनसंख्या के दृष्टिगत आंकड़ों में कोई परिवर्तन नहीं है। यह ज्यादातर उन पंचायतों में हो रहा है, जहां पहले एक राशनकार्ड में दो से तीन पीढि़यों के नाम दर्ज थे और अब न सिर्फ बेटे अपने मां-बाप से अलग राशनकार्ड बना रहे हैं बल्कि भाई-भाई से भी अलग हो रहा है। एक कार्ड के तीन हिस्सों में बंटने से प्रदेश में कोटे के राशन की खपत भी बढ़ रही है। कारण साफ है, लोगों को अब एक-एक किलो के बजाए तीन-तीन किलो दालें मिल रही हैं। ऐसा होने से सरकार के पास सब्सिडी वाले राशन की कमी हो गई है। लिहाजा कई डिपुओं में लोगों को न सस्ती दालें मिल रही हैं, न ही चीनी व अन्य सामान। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का कहना है कि राशन कार्डो की संख्या अगर ऐसे ही बढ़ती रही तो आने वाले दिनों में आटा व चावल के कोटे पर फिर से कैंची चल सकती है। केंद्र के आवंटन के अनुरुप सरकार एपीएल परिवारों को 14 किलो आटा व 7 किलो चावल प्रति माह सस्ती दर पर उपलब्ध करवा रही है, लेकिन प्रदेश में जिस हिसाब से एपीएल कार्ड बढ़ रहे हैं उससे एपीएल परिवारों के लिए निर्धारित चावल व आटे की मात्रा कम पड़ने लगी है। विभाग के आंकड़े बताते है कि प्रदेश में पिछले 32 माह में औसतन 5 हजार 451 एपीएल कार्ड प्रति माह बने हैं। अगस्त, 2009 तक के आंकड़े के मुताबिक प्रदेश में एपीएल परिवारों की संख्या 10 लाख 63 हजार 794 है। सरकार ने कुछ माह पहले ही प्रति परिवार 14 किलो आटा व 7 किलो चावल की मात्रा निर्धारित की थी, लेकिन मौजूदा कार्डो की संख्या को देखते हुए अब आटे की मात्रा 13.62 व चावल की मात्रा 6.69 प्रति किलो प्रति परिवार बैठ रही है। अगर यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में आटा व चावल की यह मात्रा और कम हो जाएगी।

राष्ट्रपति ने रचा इतिहास


पुणे में बुधवार को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई में उड़ान भरी। इसी के साथ उन्होंने नया इतिहास रच दिया। वह दुनिया की ऐसी पहली महिला राष्ट्रपति बन गई हैं जिसने सुखोई विमान में उड़ान भरी है। विमान उड़ाने के बाद विजय मुद्रा में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल।

स्टूडंट्स को ले जा रही स्कूल बस में आग

नई दिल्ली।। पूर्वी दिल्ली में गुरुवार सुबह बच्चों को स्कूल ले जा रही डीटीसी की एक बस में आग लग जाने से
बस के ड्राइवर और कंडक्टर घायल हो गए।

फायरब्रिगेड डिपार्टमंट के अधिकारियों ने बताया कि डीटीसी की स्कूल बस में आग लगने की यह घटना न्यू अशोक नगर में सुबह आठ बजे के करीब घटी। बस में सवार एवरग्रीन स्कूल के किसी भी छात्र के जख्मी होने की कोई सूचना नहीं मिली है।

स्कूल प्रिंसिपल प्रियंका गुलाटी ने बताया कि जब बस के ड्राइवर और कंडक्टर को लगा कि गैस लीक हो रही है तो वे नीचे उतरकर मुआयना करने चले गये तभी एक धमाके की अवाज सुनाई पड़ी और बस में आग लग गई।

उन्होंने कहा, 'हमारे टीचर बस में मौजूद थे और उन्होंने तत्काल बच्चों को बस से उतार लिया। किसी भी स्टूडंट के घायल होने की कोई सूचना नहीं मिली है।' बस के जख्मी ड्राइवर और कंडक्टर को तत्काल नजदीक के एक अस्पताल में भर्ती करा दिया गया जहां उनका इलाज चल रहा है।

बस में क्यों आग लगी यह अबतक पता नहीं चल पाया है।

चंद्रमोहन ने ऐलनाबाद से टिकट का दावा ठोका

पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने ऐलनाबाद विस सीट से कांग्रेस टिकट के लिए दावा ठोक दिया है। घर वापसी के बाद बुधवार को चंद्रमोहन अचानक भजनलाल के सेक्टर-15 स्थित आवास पर पहुंचे। यहां पहुंचने पर उन्होंने सबसे पहले पिता भजनलाल से भेंट की। इसके बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने हजकां में शामिल होने की किसी भी संभावना को नकारते हुए कहा कि वह सच्चे कांग्रेसी हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का सच्चा सिपाही होने के नाते कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की हरसंभव मदद करता रहूंगा। उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि यदि कांग्रेस हाईकमान ने ऐलनाबाद उपचुनाव के लिए टिकट दिया तो अवश्य चुनाव लड़ूंगा। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस सरकार पूरे पांच साल चलेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास पूरा बहुमत है और ऐलनाबाद उपचुनाव भी कांग्रेस जीतेगी। उन्होंने घर वापसी को अच्छा बताते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति अपने मां-बाप से दूर नहीं रह सकता। वह भले ही परिवार से दूर थे, लेकिन मन में मां और पिता के प्रति उतनी ही श्रद्धा थी, जितनी श्रद्धा एक पुत्र में होनी चाहिए। एक प्रश्न के उत्तर में पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने कहा कि कांग्रेसी होने के नाते हरियाणा जनहित कांग्रेस में जाने का सवाल ही उत्पन्न नहीं होता तो हजकां ज्वाइन करने के लिए आवेदन करने का सवाल कहां से पैदा होगा।

भितरघात पर दिग्गज तलब

भितरघात पर दिग्गज तलब विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ काम करने के आरोप में कांग्रेस ने 19 नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन दिग्गजों से 15 दिन के भीतर जवाब देने को कहा गया है। नोटिस के दायरे में नेताओं में कुरुक्षेत्र के सांसद नवीन जिंदल, भिवानी की सांसद श्रुति चौधरी और पूर्व मंत्री किरण चौधरी भी शामिल हैं। पार्टी ने जिन अन्य नेताओं को नोटिस भेजा है उनमें पूर्व संसदीय सचिव कृष्णा पंडित, पूर्व सिंचाई मंत्री जगदीश नेहरा, योजना बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष रणजीत सिंह, पूर्व विधायक मनीराम केहरवाला, मुख्यमंत्री के पूर्व ओएसडी डा. केवी सिंह, सिरसा के जिला कांग्रेस प्रधान होशियारी लाल शर्मा, प्रदेश कांग्रेस के संगठन सचिव नवीन केडिया, समालखा के पूर्व विधायक भरत सिंह छौक्कर और यमुनानगर के जिला ग्रामीण प्रधान जाकिर हुसैन शामिल हैं। गौरतलब है कि सबसे ज्यादा शिकायतें सिरसा जिले से हैं। दिलचस्प बात यह भी है कि इनमें से बहुत से मामले ऐसे हैं कि सभी एक दूसरे की शिकायतें कर रहे हैं। शिकायत करने वालों को भी कारण बताओ नोटिस मिले हैं। एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि पार्टी प्रत्याशी का विरोध करने की प्रवृत्ति इसलिए बढ़ रही है क्योंकि लोकसभा चुनाव में जिन लोगों ने पार्टी प्रत्याशी का विरोध किया उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। यही नहीं उनमें से कई विधानसभा चुनाव में टिकट पाने में कामयाब भी रहे। दिलचस्प यह भी है पार्टी से बगावत कर पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले शिवचरण शर्मा प्रदेश की कांग्रेस सरकार में मंत्री हैं, जबकि प्रहलाद सिंह गिल्लांखेड़ा मुख्य संसदीय सचिव हैं। ऐसे में जिन भितरघात पर दिग्गज तलब कांग्रेसियों को नोटिस थमाया गया है, उन पर किसी सख्त कार्रवाई की कोई संभावना नहीं दिखती। वैसे भी जिन लोगों को नोटिस दिया है उनमें कई नाम इतने बड़े हैं कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई इतनी आसान नहीं है।

खंडहरनुमा भवन


यह अररिया का एक अस्पताल है। सदर प्रखंड के रामपुर गांव का स्वास्थ्य उपकेन्द्र। ढाई दशक पहले बने इस अस्पताल में आज तक किसी का इलाज नहीं हुआ। वर्तमान में इस खंडहरनुमा भवन में गांव का एक परिवार निवास कर रहा है। जिले में ऐसे एक नहीं अनेक अस्पताल हैं, जो अरसे से निर्जन बने हुए हैं।

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