Young Flame Headline Animator
सोमवार, 28 मार्च 2011
मोटरसाईकिल सवार दम्पति गंभीर रूप से घायल
डबवाली- www.thepressreporter.com गांव डबवाली के समीप जीप की चपेट में आने से मोटरसाईकिल सवार दम्पति गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें घायल अवस्था में डबवाली के राजकीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां पर उनकी गंभीर हालत को देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने सिरसा रैफर कर दिया। प्राप्त जानकारी अनुसार गांव जोगेवाला निवासी जगदेव सिंह अपनी पत्नी जसविंद्र कौर के साथ मोटरसाईकिल पर चौटाला रोड पर सिथत बीकानेर अस्पताल में उपचाराधीन अपने भतीजे के लिए खाना लेकर आ रहे थे कि गांव डबवाली के समीप पीछे से आ रही एक जीप ने उनके मोटरसाईकिल में टक्कर मार दी । जिसके फलस्वरूप दोनों पति-पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे को देखकर आसपास के लोग जमा हो गए व उन्होंने घायलों को डबवाली के सरकारी अस्पताल में पहुंचाया। जहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक द्वारा जसविंद्र कौर की गंभीर हालत को देखते हुए उसे सिरसा रैफर कर दिया। लेकिन उसके परिजन बेहतर इलाज के लिए उसे बठिंडा के एक निजी अस्पताल में ले गए। घायल जगदेव सिंह ने बताया कि जब हादसा हुआ उस वक्त जीप चालक नशे में धुत था।
लेबल:
डबवाली समाचार,
dabwali news
ट्रैफिक एजूकेशन स्कूल की और से यातायात जागरूकता शिविर का अयोजन
डबवाली- www.thepressreporter.comमलोट रोड पर किलियांवाली ट्रक यूनियन में पुलिस अधिकक्षक के आदेश द्वारा जिला मुक्तसर की ट्रैफिक एजूकेशन स्कूल की और से यातायात जागरूकता शिविर का अयोजन किया गया। जिसमें ट्रैफिक एजूकेशन स्कूल के जिला प्रभारी गुरजंट सिंह जटान ने ड्राईवरों व क्लीनरों को यातायात नियमों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उनके साथ किलियांवाली पुलिस के इंचार्ज कशमीरी लाल भी थे। श्री जटान ने ड्राईवरों व क्लीनरों को बताया कि गाड़ी चलाते समय अपना मानसिक संतुलन बनाए रखे, चलती गाड़ी में मोबाईल का प्रयोग न करें, रात को डाईविंग करते समय डिपर का प्रयोग अवश्य करें। उन्होंने ड्राईवरों व दुकानदारों से अपने वाहन सड़क के किनारों पर न खड़ा करने की अपील की। सड़कों पर वाहन खड़ा करने पर यातायात में बांधा पड़ती है। इसलिए अपने वाहन सुरक्षित स्थान पर ही खड़े करें। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व वह 3 दर्जन के करीब स्कूलों, ट्रक यूनियनों व अन्य स्थानों पर यातायात संबंधी शिविर लगा चुकें है। इस अवसर पर उनके साथ पंजाबी गायक हरदेव रसीला व सुखराज बरकंदी ने अपने गीतों के माध्यम से यातायात नियमों की जानकारी दी।
लेबल:
डबवाली समाचार,
dabwali news
वरिष्ठ नागरिक संघ की मासिक बैठक संघ के प्रधान की अध्यक्षता में हुई
डबवाली-वरिष्ठ नागरिक संघ की मासिक बैठक संघ के प्रधान सहजिंद्र भाटी की अध्यक्षता में हुई। यह जानकारी देतु हुए संघ के सचिव शशिकांत शर्मा व रामसहायwww.thepressreporter.com शर्मा ने बताया कि बैठक में जापान में आए भूकंप व सुनामी से हुई तबाही व परमाणु रिएक्टर के दुष प्रभाव से हुए नुकसान पर दो मिनट का मौन रखा गया व ईश्वर से प्रार्थना की गई की वहां की सरकार व लोगों को दुख सहने की शक्ति प्रदान करें। बैठक में आत्माराम अरोड़ा ने आरक्षण निति पर बोलते हुए कहा कि आरक्षण पर जातिवाद व राजनिति न की जाए बल्कि सभी को अर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाए। जिसका सभी सदस्यों ने अनमोदन किया और इस प्रस्ताव को प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति व मुख्यमंत्री को भेजने बारे फैंसला लिया गया। इसके बाद जिन सदस्यों का इस माह में जन्म दिन था उन्हें बधाई दी गई।
लेबल:
डबवाली समाचार,
dabwali news
कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ता पार्टी के हित में कार्य करे--आत्मा सिंह गिल
डबवाली-कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ता पार्टी के हित में कार्य करे और एक जुट होकर पार्टी की नीतियों का प्रचार करें। यह बात आज स्थानीय बठिंडा रोड पर स्थित रेस्ट हाऊस में पूर्व सांसद आत्मा सिंह गिल ने कही। श्री गिल ने पत्रकारों से बाचीत करते हुए कहा कि वह आज डबवाली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने आए थे। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वह डबवाली हलके से ज्यादा से ज्यादा लोगों को पार्टी के साथ जोड़कर संगठन को मजबूत बनाने का कार्य करे।
लेबल:
डबवाली समाचार,
cogress(I),
dabwali news
प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है --करनैल सिंह औढ़ां
डबवाली- प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है पूरे प्रदेश में जंगल राज चल रहा है। इसलिए महामहिम राज्यपाल को चाहिए कि हुड्डा सरकार को तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए। यह बात इंडियन बहुजन संदेश पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष करनैल सिंह औढ़ां ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहीं। वह आज कॉलेनी रोड पर स्थित सुरजीत सिंह फौजी के आवास पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बसने वाले सता पक्ष के लोगों को छोड़कर बाकि किसी भी व्यक्ति की सुनवाई नहीं होती। बिना सता के लोगों को अपने साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ व इंसाफ मांगने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ता है। श्री औढ़ां ने कहा कि हुड्डा सरकार में दलित परिवारों के लोगों के साथ खुलेआम अन्याय हो रहा है। जिसका जीता जागता उदहारण गांव सावंतखेड़ा में एक 70 वर्षिय विधवा गुरदेव कौर की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई हत्या के आरोप में गांव के ही एक दलित परिवार के निक्का सिंह पुत्र बंता सिंह पर पुलिस ने द्वारा 302 का झूठा केस बनाकर उसे सलाखों के पीछे डाल रखा है और गांव की पंचायत द्वारा उसके परिवार का बहिष्कार कर उन्हें गांव से निकालने के मंसूबे तैयार किए जा रहे हैं। श्री औढ़ां ने बताया कि इस मामले में निक्का सिंह के परिवार के सदस्य एसएचओ डबवाली व एसपी सिरसा से गुरदेव कौर हत्याकांड की उच्च स्तरीय जांच करवाने की गुहार लगा चुके है लेकिन उनकी कोई भी सुनवाई नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि निक्का सिंह इस हत्याकांड में बिलकुल निर्दोष है। अगर पुलिस प्रशासन द्वारा गुरदेव कौर हत्याकांड की उच्च स्तरीय जांच नहीं करवाती तो 7 अप्रैल के बाद पार्टी हाईकमान से विचार विमर्श कर पूरे प्रदेश में आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। इस दौरान कोई भी नुकसान हुआ तो उसकी जिम्मेवारी प्रशासन व सरकार की होगी।
बुधवार, 23 मार्च 2011
मॉडल स्कूलों में दाखिले के लिए परीक्षा कल
सिरसा, 23 मार्च। जिला के छह खंडों बड़ागुढ़ा, डबवाली, ऐलनाबाद, नाथूसरी चौपटा, रानियां व ओढ़ां में स्थापित होने वाले मॉडल स्कूलों में प्रवेश परीक्षा कल 24 मार्च को खंड मुख्यालयों पर सुबह 11 बजे से साढ़े 12 बजे जब तक आयोजित की जाएगी। ये परीक्षाएं कुल 150 अंकों क होगी, जिसमें अंकगणित, अंग्रेजी व हिंदी विषयों के 50-50 प्रश्न होंगे। परीक्षा के बाद प्रश्र पत्र उत्तरपुस्तिकाएं हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी को भेज दी जाएंगी। परिणाम के आधार पर जो बच्चे मैरिट में आएंगे उनका दाखिला संबंधित खंडों के स्कूलों में किया जाएगा। शिक्षा विभाग द्वारा परीक्षा की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। गौरतलब है कि बड़ागुढ़ा गांव के झीड़ी गांव के स्कूल, डबवाली के कालुआना, ऐलनाबाद में मि_ीसुरेरां, नाथूसरी चौपटा में नाथूसरी कलां, रानियां में अहमदपुरियां और ओढ़ां खंड के जलालआना गांव को शैक्षणिक रूप से पिछड़ा घोषित किया गया है तथा यहां पर स्पैशल इंग्लिश मीडियम मॉडल सीनियर सैंकेडरी स्कूलों की स्थापना की जाएगी जिनमें प्रतियोगिता के आधार पर नौंवी व ग्याहरवी कक्षाओं में छात्र-छात्राओं का दाखिला किया जाएगा जिनके रहने ठहरने की सुविधा संबंधित स्कूलों में होगी।
लेबल:
dabwali news,
sirsa news
प्यार में अंधे एक तरफा प्रेम में युवती की चढ़ी बलि
सिरसा, 23 मार्च। एक लड़के के एक तरफा प्रेम ने उसे इतना जुनूनी बना दिया कि जिससे वह प्रेम करता था, उसके द्वारा विवाह के लिए मना करने पर उसी का कत्ल कर डाला। घटना डिंग मंडी थाना क्षेत्र के अंतर्गत पडऩे वाले गांव भावदीन की है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उसे तलाश कर रही है। पुलिस में दी शिकायत के अनुसार हिसार के कैमरी रोड निवासी मृतका प्रियंका पुत्री रघुबीर भावदीन स्थित मां सरस्वती पोलिटैक्नीक कॉलेज में इलैक्ट्रोनिक ट्रेड की प्रथम वर्ष की छात्रा थी तथा सिरसा के बरनाला रोड पर एक पीजी हाऊस में रहती थी। हिसार में उसके घर के पास ही रहने वाला एक युवक बलवान फौजी उससे एक तरफा प्रेम करता था और बार-बार प्रियंका को शादी करने के लिए दबाव बनाता तथा उसे जान से मारने की धमकियां देता था। इस बात की शिकायत प्रियंका ने अपने परिजनों से भी की, जिस पर परिजनों ने भी बलवान को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माना। विवाह के लिए मना करने पर आखिरकार बलवान फौजी ने कल रात प्रियंका की गला घोंट कर हत्या कर दी और उसका शव संस्थान के ही बाहर फैंक कर फरार हो गया। मृतका के पिता रघुबीर ने बताया कि बलवान फौजी पहले से ही शादीशुदा है। सूचना मिलने पर पुलिस अधीक्षक सतेंद्र कुमार गुप्ता, डिंग प्रभारी चांद राम व संस्थान के चेयरमैन मनीश सिंगला मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में ले लिया। डिंग थाना प्रभारी चांदराम ने बताया कि हत्या कैसे और कहां की गई इसका खुलासा आरोपी की गिरफ्तारी के बाद होगा।
लेबल:
sirsa news
शहीदों ने बलिदान देकर भारत वासियों को आजादी दिलवाने का जो अहम काम किया है-पवनदीप जौली
सिरसा, 23 मार्च । शहीदों ने बलिदान देकर भारत वासियों को आजादी दिलवाने का जो अहम काम किया है, उसको कभी भुलाया नहीं जा सकता। देश की आजादी के लिए लगातार नि:स्वार्थ भाव से संघर्ष करते रहे शहीदों की बदौलत ही आज देशवासियों को अपने द्वारा तय किए गए शासक मिल रहे हैं। देश की आजादी में योगदान देने वालों में भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव के बलिदानों से अंग्रेज सरकार की चूलें हिल गई थी और ब्रिटिश हुकूमत को यह समझ आ गया था कि अब वो अधिक समय तक भारत पर शासन नहीं कर सकते। उक्त शब्द हरियाणा पत्रकार संघ द्वारा शहीदी दिवस पर आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में संघ के जिलाध्यक्ष पवनदीप ङ्क्षसह जौली ने कहे। इस अवसर पर महासचिव पंकज धींगड़ा, नंद किशोर लढा, उपाध्यक्ष अरूण बांसल इन्द्रजीत अधिकारी, भीम सैनी, नरेश अरोड़ा, मुख्तयार सिंह, विनोद विक्टर ऐलनाबाद, महेन्द्र घणघस, संजय सिंगला रानियां आदि उपस्थित थे। उपस्थित पत्रकारों ने शहीद भगत सिंह के चित्र पर माल्यार्पण करके श्रद्धांजलि दी व उनके बलिदानों को याद किया।
लेबल:
sirsa news
मंगलवार, 22 मार्च 2011
आरक्षण मुद्दे पर हुड्डा का जाट समर्थन ही क्यों..?
क्या जातिवाद के पक्षधर हैं प्रदेश के मु यमंत्री
आखिर कब मिलेगा जरूरतमंदों को आरक्षण thepressreporter.com
राजनीति के खेल ने बिगाड़ा समाज का सही स्वरूप
करनाल (अनिल लाबा) : देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने पद की गरिमा को समझते हुए देश तथा
समाज हित में जय जवान जय किसान का नारा देकर देश की जनता के दिलों में देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले जवानों और देश की जनता के लिए अन्न पैदा करने वाले किसानों के प्रति श्रद्धा के भाव पैदा किए थे। आज भी यह नारा जब लोगों की जुबां पर आता है तो जवानों और किसानों के प्रति आज भी जनता सचमुच नतमस्तक हो जाती है। जनता को मालूम है कि किसान इस देश के विकास की ही असली धुरी है जबकि देश की सीमाओं की रक्षा में जुटे जthepressreporter.comवानों की बदौलत यह देश सुरक्षा के घेरे में है। जैसे-जैसे समय बीतता गया तो राजनीति में परिवर्तनाी शुरू हो गया।गांधी और जवाहर लाल नेहरू की कांग्रेस के नेताओं ने टोपी और खद्दर छोड़कर स्वरूप बदल लिया। जल्दी ही कांग्रेस हाईटैक हो गई। वी.पी. ङ्क्षसह के शासनकाल में चली आरक्षण की आंधी को बुझाने के प्रयास कम और उभारने के प्रयास ज्यादा किए गए। यह बात देश की जनता भी जानती है कि आरक्षण से इस देश का भला होने वाला कतई नहीं है मगर राजनीति की गंदी विचारधारा देश के नेताओं को केवल इस बात पर सोचने के लिए मजबूर करती है कि राजनीति में ल बे समय तक टिके रहने के लिए तथा सत्ता में अपना पद लगातार बनाए रखने के लिए इस आरक्षण की आग को हवा किस गति से दी जा सकती है। भले ही इसमें देश का नुक्सान क्यों न हो जाए या आम जनता परेशानियों के सबब में ल बे काल तक घूमती रहे। मतलब जातिवाद का जहर घोलकर अपना फायदा निकालने का है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. देवीलाल को आज भी राजनीति में केवल इसलिए याद किया जाता है क्योंकि वह किसानों और गरीब लोगों के सच्चे हमदर्द हैं। वह तो खुद खेतों में पहुंचकर मजदूरों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मिट्टी का तस्ला सिर पर उठा लेते थे। देश की सत्ता पर जब राज करने का समय आया तो अपने सिर पर आया सत्ता का ताज वी.पी. ङ्क्षसह के सिर पर सुशोभित कर दिया। ऐसे नेता बहुत कम देखने को मिलते हैं। आखिर आरक्षण का जहर बार-बार क्यों घोला जाता है, यह बात देश के लोगों की समझ में बिल्कुल न आए लेकिन नेताओं की समझ में बहुत ज्यादा समझदारी है। सब जानते हैं कि पिछले छह सालों में भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा हरियाणा की सत्ता में बतौर मु यमंत्री कार्यरत हैं। हुड्डा खुद जाट समुदाय से हैं। इससे पहले देवीलाल, बंसीलाल तथा ओमप्रकाश चौटाला जैसे जाट नेता भी मु यमंत्री रह चुके हैं लेकिन हुड्डा के कार्यकाल को छोड़कर किसी भी नेता के कार्यकाल के समय जाट समुदाय को आरक्षण देने का मामला इतनी जोरों से कतई नहीं उठा। सनद रहे कि जब हुड्डा पहली बार मु यमंत्री बने तो दो साल के बाद जाट समुदाय के लोगों ने आरक्षण की मांग को मीडिया के माध्यम से बुलंद करना शुरू कर दिया। पहली पारी में सत्ता और राजनीति का ज्ञान कम होने के कारण हुड्डा ने ज्यादा रिस्क लेना जरूरी नहीं समझा। दूसरी पारी में कांग्रेस को सीटें तो कम आई लेकिन जोड़-तोड़ की राजनीति के जरिए हुड्डा फिर से मु यमंत्री बनने में कामयाब हो गए। अब जाट समुदाय को भी लगने लगा है कि यदि अगली बार विधानसभा के चुनाव हुए तो हुड्डा और उनकी कांग्रेस सत्ता के इर्द-गिर्द भी नजर नहीं आएंगे और चौटाला पहले से ही आर्थिक आधार पर आरक्षण देेने की बात कर चुके हैं। लिहाजा जाट समुदाय के लोगों को लगता है कि यदि इस बार उन्होंने आरक्षण हासिल न किया तो शायद कभी ाी उन्हें आरक्षण मिलने वाला नहीं है। सूत्रों ने जानकारी दी है कि पिछले दिनों जाट समुदाय के नेताओं ने जिस तरह से हरियाणा के रेलवे ट्रैकों पर कब्जा किया है, उसके निर्देश कांग्रेस के ही दिग्गज नेताओं से मिले थे। सरकार की भूमिका पर सवाल अब इसलिए भी उठ रहे हैं कि पूर्व में हो चुके कई आंदोलनों पर यही सरकार न केवल लाठी चला चुकी है बल्कि मजदूरों की आवाज को कुचलने तक के लिए श्रमिकों पर लाठियां बरसाई गई। रोहतक में जब अध्यापक अपना आंदोलन चला रहे थे तो महिला अध्यापकों पर लाठियां तक चलाई गई, जिसमें एक महिला अध्यापक की मौत तक हो गई थी। यही नहीं हजकां कार्यकत्र्ताओं पर करनाल में ही ताबड़तोड़ लाठियां बरसाई गई बल्कि एक विधायक की टांग तक तोड़ दी गई। पुलिस की इस बर्बरता का शिकार पत्रकार और फोटोग्राफर भी हुए। यानी अपनी सही मांगों की आवाज उठाने वालों पर इसी हुड्डा सरकार ने अपना कहर जमकर बरपाया। जब अपनी ही बिरादरी के लोगों ने रेलवे ट्रैक पर जाम लगाया तो यही हुड्डा सरकार तमाशबीन बनकर तमाशा देखती रही। आखिर देश की स पत्ति को नुक्सान पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का क्या कोई प्रावधान हुड्डा सरकार में नहीं है? मु यमंत्री भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा पूरी तरह से इस सवाल के लिए जवाबदेही हैं कि आखिर रेलवे ट्रैक पर जाम लगाकर कानून तोडऩे वालों के खिलाफ शिकंजा क्यों नहीं कसा गया। क्या 36 बिरादरी की भलाई की बात कहने वाले मौजूदा मु यमंत्री भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा क्या आरक्षण का जहर नहीं घोल रहे हैं? क्या हुड्डा जातिवाद को नहीं फैला रहे हैं? क्या देश के उन लोगों को आरक्षण नहीं मिलना चाहिए जिनके घर दो वक्त का खाना भी नहीं बनता, क्या वो आरक्षण के हकदार नहीं हैं, जिनके परिवारों को आज तक सरकारी नौकरी तक नसीब नहीं हुई। आज भी पाकिस्तान से उजड़कर आए बाङ्क्षशदे दो जून की रोटी के लिए मोहताज हो रहे हैं लेकिन किसी भी नेता ने उनके आरक्षण का मुद्दा नहीं उठाया। क्या हर जाति को आरक्षण दे देना, देश हित में है? क्या जाट समुदाय के ही लोग आरक्षण के सही हकदार हैं? जबकि इसी समुदाय के नेता पिछले 15 सालों से भी अधिक इस प्रदेश की सत्ता का स्वाद चखते आए हैं। बहरहाल यही समझ में आ रहा है कि भूपेंद्र ङ्क्षसह हुड्डा हरियाणा में जातिवाद का जहर थोड़ा बहुत नहीं बल्कि दबाकर घोल रहे हैं क्योंकि सच यही है कि आरक्षण से लाभ किसी को नहीं मिलता। लाभ केवल मेहनत और अपनी काबलियत पर मिलता है। हां वह लोग आरक्षण के जरूर हकदार हैं, जो भले ही किसी जाति से हो लेकिन जो दो वक्त की रोटी के लिए मारामारी कर रहे हैं।
आखिर कब मिलेगा जरूरतमंदों को आरक्षण thepressreporter.com
राजनीति के खेल ने बिगाड़ा समाज का सही स्वरूप
करनाल (अनिल लाबा) : देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने पद की गरिमा को समझते हुए देश तथा
लेबल:
bhupinder singh huda,
CM of haryana,
cogress(I),
India
युवती आग लगने से वह बुरी तरह झुलस गई
डबवाली- उपमंडल के गांव तेजाखेड़ा में स्टोव पर चाय बनाते समय एक युवती को आग लगने से वह बुरी तरह झुलस गई। जिसे तुरंत डबवाली के राजकीय अस्पताल में उपचार के लिए लाया गया। जहां से ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों द्वारा उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे सिरसा रैफर कर दिया गया। प्राप्त जानकारी अनुसार गांव तेजाखेड़ा निवासी बहादूर राम ने बताया कि उसकी 16 वर्षीय बेटी शारदा आज प्रात: स्टोव पर चाय बना रही थी कि अचानक उसके कपड़ों में आग लग गई जब उन्होंने उसके चिखने चिल्लाने की आवाज सुनी तो उसके शरीर पर लगी आग को मिट्टी डालकर व कम्बल लपेट कर काबू किया गया। लेकिन तब तक उसकी बेटी बुरी तरह से झुलस चुकी थी। तो उसे तुरंत डबवाली के राजकीय अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया। ड्यूटी पर तैनात डॉ. सरवन बांसल ने बताया कि युवती लगभग 90 प्रतिशत जल चुकी थी। इसलिए उसे प्राथमिक उपचार के बाद सिरसा रैफर कर दिया गया।
लेबल:
डबवाली समाचार,
dabwali news
विकलांग व मंद बुद्धि बच्चों को बोझ न समझ कर इनकी सेवा करें --डॉ. मुनीश नागपाल
डबवाली-स्थानीय राजकीय अस्पताल में नैशनल ट्रस्ट फार डिवेलपमैंट आफ डिसऐबल के सहयोग से अपंग व मानसिक रोग से पीडि़तों के लिए एक जागृति शिविर का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल ने किया।
इस अवसर पर श्री नागपाल ने अपने संबोधन में कहा कि विकलांग व मंद बुद्धि बच्चों को बोझ न समझ कर इनकी सेवा करें। उन्होंने बताया कि इश्वर ने हमें इनकी सेवा करने का अवसर प्रदान किया है जिसे हमें व्यर्थ नहीं गवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विशेष बच्चों को सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं का लाभ लेना चाहिए। शिविर में अपंग व मानसिक रोग से पीडि़तों की सहायता करने तथा 18 वर्ष के बाद लीगल गारडियनशिप प्रदान करने, स्वास्थ्य बीमा योजना 'निरामयाÓ शिविर सहायता तथा 0 से 18 वर्ष तक के उक्त श्रेणी के विशेष बच्चों के पैंशन फार्म, मेडिकल प्रमाण पत्र, स्कूली बच्चों के छात्रवृति फार्म भरवाए गए। इस अवसर पर जिला विकास कल्याण अधिकारी भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर श्री नागपाल ने अपने संबोधन में कहा कि विकलांग व मंद बुद्धि बच्चों को बोझ न समझ कर इनकी सेवा करें। उन्होंने बताया कि इश्वर ने हमें इनकी सेवा करने का अवसर प्रदान किया है जिसे हमें व्यर्थ नहीं गवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विशेष बच्चों को सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं का लाभ लेना चाहिए। शिविर में अपंग व मानसिक रोग से पीडि़तों की सहायता करने तथा 18 वर्ष के बाद लीगल गारडियनशिप प्रदान करने, स्वास्थ्य बीमा योजना 'निरामयाÓ शिविर सहायता तथा 0 से 18 वर्ष तक के उक्त श्रेणी के विशेष बच्चों के पैंशन फार्म, मेडिकल प्रमाण पत्र, स्कूली बच्चों के छात्रवृति फार्म भरवाए गए। इस अवसर पर जिला विकास कल्याण अधिकारी भी उपस्थित थे।
नंबरदारों ने सरकार के प्रति रोष जताया
डबवाली- स्थानीय तहसील कॉम्पलैक्स के प्रांगण में जिला प्रधान नंबरदारों की एक बैठक पवन प्रकाश सहारण सुलतानपुरिया की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। जिसमें पिछले चार महीनों से नंबरदारों को मानदेय राशि न मिलने पर नंबरदारों ने सरकार के प्रति रोष जताया। बैठक के उपरांत तहसील प्रधान बलदेव सिंह हैबूआना, वरिष्ठ उपप्रधान बलदेव सिंह लोहगढ़, जनरल सेक्टरी गुरचरण सिंह, उपप्रधान गुरनाम सिंह व अन्य नंबरदारों ने एकत्रित होकर अपनी इस समस्या से एसडीएम मुनीश नागपाल को अवगत करवाया। यह जानकारी देते हुए नंबरदार एसोसिएशन के काषाध्यक्ष जयदयाल मैहता ने बताया कि एसडीएम मुनीश नागपाल ने उनकी इस समस्या कर शीघ्र समाधान करने का आश्वासन दिया।
लेबल:
डबवाली समाचार,
dabwali news
चौधरी भुपेन्द्र सिंह हुड्डा किसानों के खेतों में अंतिम छोर तक पानी पहुचाने के लिए कृतसंकल्प है--डॉ.के.वी.सिंह
डबवाली--हरियाणा के मुख्यमन्त्री चौधरी भुपेन्द्र सिंह हुड्डा किसानों के खेतों में अंतिम छोर तक पानी पहुचाने के लिए कृतसंकल्प है यह बात मुख्यमन्त्री हरियाणा के पूर्व विशेष कार्यधिकारी डॉ.के.वी.सिंह ने कांग्रेस कार्यालय मे कार्यकर्ताओ की समस्याऐ सुनते हुए कही। डॉ.सिंह ने कहा कि इसलिए हरियाणा सरकार ने वर्ष 2011 को जल संरक्षण वर्ष घोषित किया है। उन्होंने बताया कि किसानों के खेतों मे पुरा पानी पंहुचाने के लिए हल्का डबवाली के कई खालों व नहरों को पक्का करने व टुटी नहरों की मुरम्मत के लिए लगभग पौने तीन करोड़ रूपये खर्च किये जा रहे है। इससे लगभग 15 गांवो के किसानो की लगभग 3500 एकड़ भूमि को फायदा होगा। उपरोक्त निर्माण कार्यो की सूची में जिन नहरों व खालों को प्राथमिकता के तौर पर बनाया जा रहा है, उनमें लोहगढ़ डिट्रीब्युट्री की आरडी 18105/दांऐ की रिमोडलिंग पर लगभग 34.80 लाख रूपये, सक्ताखेड़ा माईनर की आडी 15210 टेल की रिमोउलिंग पर 58.50 लाख, मिठड़ी डिट्रीब्युट्री की आरडी 20964/बांऐ पर 31.80 लाख, मिठड़ी डिट्रीब्युट्री की आरडी 16460/बांऐ पर 15.85 लाख, पाना माईनर की आरडी 23285/बांऐ पर 21.45 लाख, पाना माईनर की आरडी 30395/बांऐ पर 24.55 लाख रूपये खर्च होगे। डॉ. सिंह ने आगे बताया कि उपरोक्त कार्यो के साथ कालुआना लिंक चैनल की आरडी 25370/बांऐ पर घट के निर्माण पर 1.58 लाख, रिसालियाखेड़ा माईनर की आरडी 0 से 12000/टेल रिपेयर पर 3.40लाख, तेजाखेड़ा डिट्रीब्युट्री की आरडी 1000 से 35750 तक की मुरम्मत पर 6.75 लाख, आसाखेड़ा माईनर की आरडी 0 से 42000/टेल की मुरम्मत पर 1.80 लाख रूपये खर्च होगे। इस अवसर पर उपस्थित ब्लाक कांग्रेस डबवाली ग्रामीण के अध्यक्ष दरबारा सिंह, ब्लाक मण्डी डबवाली के अध्यक्ष पवन गर्ग, ब्लाक औढां के प्रधान जगसीर सिंह मिठड़ी, कीरत सिंह लोहगढ, भालईन्द्र सिंह सक्ताखेड़ा, विनोद धरणीया सक्ताखेड़ा, गुरचरण सिंह सक्ताखेड़ा, भूप सिंह नेहरा तेजाखेड़ा, प्रेम कुमार पूर्व सरपंच जोतांवाली, सोहलाल पचार चैटाला, राजेन्द्र सहारण चैटाला, रामकुमार नेहरा तेजाखेड़ा, बुटा सिंह पूर्व सरपंच पाना, बहाल सिंह मिठड़ी, गुरविन्द्र सिंह मिठड़ी, जसविन्द्र सिंह पाना, मुखराम सिहाग आसाखेड़ा आदि किसानो ने उपरोक्त कार्यो की मंजुरी दिलवाने पर मुख्यमन्त्री चैघरी भुपेन्द्र सिंह हुड्डा व डा.के.वी.सिंह का हार्दिक आभार व धन्यवाद प्रकट किया।
शुक्रवार, 18 मार्च 2011
इंदु बेस्ट एथलीट घोषित

इस अवसर पर मुख्यातिथि डॉ. मुनीश नागपाल ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि युवा ऊर्जा से भरे होते है। इसलिए उन्हें शिक्षा के साथ-साथ खेलों में भी रूचि दिखानी चाहिए। प्रत्येक शिक्षण संस्थानों में ऐसे खेल उत्सव होने चाहिए। कॉलेज पिं्रसिपल डॉ. पूनम गुप्ता ने कॉलेज की छात्रा इंदु को बेस्ट एथलीट घोषित करते हुए उसे पुरस्कृत किया। उन्होंने कहा कि हमारे कॉलेज में शिक्षा के साथ-साथ खेलों को भी एक सबजेक्ट माना जाता है। जिसके लिए छात्राओं को अच्छे नंबर भी दिए जाते है। उन्होंने बताया कि खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेना ही सबसे बड़ी जीत है। खेल उत्सव के अंत: में डॉ. मुनीश नागपाल ने विजेता छात्राओं को पुरस्कार वितरित किए। इस मौके पर कॉलेज प्रबंधक कमेटी के प्रधान एससी गुप्ता एडवोकेट, महासचिव अरूण जिंदल, नीरज जिंदल, गुरूनानक कॉलेज की प्रिंसिपल इंदिरा अरोड़ा, कंचन हरचंद, सुरजीत सिंह बरजोत व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
लेबल:
डबवाली समाचार,
B.ed collage,
dabwali news
शरीरिक शोषण की शिकार उच्च न्यायालय याचिका दार कर इंसाफ की अपील की
डबवाली-स्थानीय वार्ड नंम्बर 5 में स्थित गांधी बस्ती निवासी नीतू पुत्री धर्मचंद ने अपने साथ हुए शरीरिक शोषण के मामले में पंजाब पुलिस द्वारा उचित कार्यवही न करने से पीडि़ता ने चंडीगढ़ उच्च न्यायालय में एक याचिका दार कर इंसाफ की अपील की है। पीडि़ता नीतू ने किलियांवाली निवासी जगदीश उर्फ दीशा पुत्र कृष्ण लाल पर कथित तौर से शादी का झांसा देकर उसके शरीरिक शोषण करने का आरोप लगाया है। उक्त युवक द्वारा शादी से इंकार करने पर उसने उसके खिलाफ किलियांवाली पुलिस चौकी, डीएसपी मलोट, एसएसपी मुक्तसर को उक्त युवक के खिलाफ कार्यवाही करने की शिकायत दर्ज करवाई थी लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही न करने पर पीडि़ता नीतू ने उच्च न्यायालय में इंसाफ की गुहार लगाई है।
जिस पर कार्यवाही करते हुए माननीय उच्च न्यायालय द्वारा समन जारी का उक्त युवक जगदीश व उसके भाई काका तथा उसके पिता कृष्ण लाल के अलावा किलियांवाली पुलिस चौकी इंचार्ज, थाना लंबी इंचार्ज व एसएसपी मुक्तसर को 30 मार्च तक उच्च न्यायालय में पेश होने के आदेश दिए है।
पेयजल की हो रही बेकदरी को आंखें मूंद कर देख रहा है जन स्वास्थ्य विभाग
डबवाली-एक और जहां शहर के कुछ क्षेत्रों के लोग पेयजल संकट से जुझ रहे हैं और शहर के विभिन्न शिक्षण संस्थान व समाज सेवी संस्थाएं जल बचाव व तिलक होली बनाने का संदेश दे रही हैं वहीं कुदरत की इस अनमोल देन को न जाने कुछ लोग


गुरुवार, 17 मार्च 2011
अलग-अलग जगह पर हुए सड़क हादसों में दो युवकों की मौत
डबवाली-बुधवार रात अलग-अलग जगह पर हुए सड़क हादसों में दो युवकों की मौत हो गई व गंभीर रूप से घायल हो गए।
सड़क हादसे की मिली जानकारी अनुसार उपमंडल के गांव मांगेआना निवासी गुरप्रीत सिंह पुत्र बिकर सिंह, लखवीर सिंह पुत्र गुरबचन सिंह गांव देसूजोधा से अपने नजदीकी रिश्तेदार के विवाह समारोह से वापिस अपने गांव लौट रहे थे कि गांव मांगेआना के समीप उनकी एक ट्रैक्टर-ट्राली से टक्कर हो गई जिसके फलस्वरूप दोनों युवक गंभीर रूप से घायल हो गए जिन्हें डबवाली की जन सहारा सेवा संस्था के सदस्यों ने घायलावस्था में उन्हें डबवाली के राजकीय अस्पताल में इलाज के लिए दाखिल करवाया गया। जहां पर उनकी गंभीर हालत को देखते हुए चिकित्सकों द्वारा प्राथमिक उपचार के बाद सिरसा रैफर कर दिया गया लेकिन घायलों के परिजनों द्वारा उन्हें बेहतर इलाज के लिए बठिंडा के एक निजी अस्पताल में लेजाया गया जहां पर लखवीर की मौत हो गई। लबकि गुरप्रीत सिंह अस्पताल में उपचाराधीन है। बताया जाता है कि मृतक लखवीर सिंह की शादी अभी करीब 20 दिन पूर्व ही हुई थी। उधर, सिरसा रोड पर स्थित एक पोल्ट्री फार्म के समीप एक अज्ञात वाहन की टक्कर से एक मोटरसाईकिल सवार युवक की दर्दनाक मौत हो गई। मृतक की पहचान गांव दीवानखेड़ा निवासी मक्खन सिंह पुत्र बग्गा सिंह के रूप में हुई है। मृतक मक्खन सिंह बीते दिवस गांव अलीकां में अपने दोस्त से मिलने आया था और वापिस अपने गांव दीवानखेड़ा जाते समय किसी अज्ञात वाहन की चपेट में आ गया। जिसे घायल अवस्था में पीछे आ रही एक अन्य वाहन द्वारा डबवाली के राजकीय अस्पताल में उपचार के लिए लाया गया। जहां पर चिकित्सकों द्वारा जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया। थाना शहर पुलिस ने मृतक के भाई राज कुमार के ब्यान पर अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई।
उधर, स्थानीय कॉलोनी रोड पर स्थित अन्नपूर्णा मंदिर के समीप एक सड़क हादसे में वार्ड 13 निवासी सुवक रजत गेरा गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसे उपचार के लिए निकटवर्ती एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। जहां पर उसे प्राथमिक उपचार के बाद बठिंडा रैफर कर दिया गया। बठिंडा मं चिकित्सकों द्वारा जांच के उपरांत उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे लुधियाना रैफर कर दिया गया।
सड़क हादसे की मिली जानकारी अनुसार उपमंडल के गांव मांगेआना निवासी गुरप्रीत सिंह पुत्र बिकर सिंह, लखवीर सिंह पुत्र गुरबचन सिंह गांव देसूजोधा से अपने नजदीकी रिश्तेदार के विवाह समारोह से वापिस अपने गांव लौट रहे थे कि गांव मांगेआना के समीप उनकी एक ट्रैक्टर-ट्राली से टक्कर हो गई जिसके फलस्वरूप दोनों युवक गंभीर रूप से घायल हो गए जिन्हें डबवाली की जन सहारा सेवा संस्था के सदस्यों ने घायलावस्था में उन्हें डबवाली के राजकीय अस्पताल में इलाज के लिए दाखिल करवाया गया। जहां पर उनकी गंभीर हालत को देखते हुए चिकित्सकों द्वारा प्राथमिक उपचार के बाद सिरसा रैफर कर दिया गया लेकिन घायलों के परिजनों द्वारा उन्हें बेहतर इलाज के लिए बठिंडा के एक निजी अस्पताल में लेजाया गया जहां पर लखवीर की मौत हो गई। लबकि गुरप्रीत सिंह अस्पताल में उपचाराधीन है। बताया जाता है कि मृतक लखवीर सिंह की शादी अभी करीब 20 दिन पूर्व ही हुई थी। उधर, सिरसा रोड पर स्थित एक पोल्ट्री फार्म के समीप एक अज्ञात वाहन की टक्कर से एक मोटरसाईकिल सवार युवक की दर्दनाक मौत हो गई। मृतक की पहचान गांव दीवानखेड़ा निवासी मक्खन सिंह पुत्र बग्गा सिंह के रूप में हुई है। मृतक मक्खन सिंह बीते दिवस गांव अलीकां में अपने दोस्त से मिलने आया था और वापिस अपने गांव दीवानखेड़ा जाते समय किसी अज्ञात वाहन की चपेट में आ गया। जिसे घायल अवस्था में पीछे आ रही एक अन्य वाहन द्वारा डबवाली के राजकीय अस्पताल में उपचार के लिए लाया गया। जहां पर चिकित्सकों द्वारा जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया। थाना शहर पुलिस ने मृतक के भाई राज कुमार के ब्यान पर अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई।
उधर, स्थानीय कॉलोनी रोड पर स्थित अन्नपूर्णा मंदिर के समीप एक सड़क हादसे में वार्ड 13 निवासी सुवक रजत गेरा गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसे उपचार के लिए निकटवर्ती एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। जहां पर उसे प्राथमिक उपचार के बाद बठिंडा रैफर कर दिया गया। बठिंडा मं चिकित्सकों द्वारा जांच के उपरांत उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे लुधियाना रैफर कर दिया गया।
लेबल:
डबवाली समाचार,
dabwali news
पांच-पांच फलदार पौधे वितरण किए गए
डबवाली- उपमंडल के गांव सावंतखेड़ा में नरेगा स्कीम के तहत कार्य करने वाले मजदूरों की एक बैठक ब्लॉक डबवाली के एडीशनल प्रोग्राम आफिसर धन्न सिंह इसरवाल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। जिसमें प्रत्येक मजदूर को पांच-पांच फलदार पौधे वितरण किए गए। बैठक की अध्यक्षता कर रहे ब्लॉक अफिसर ने मजदूरों को संबोधित करते हुए बताया कि इन पौधों को तीन बाई तीन का एक गढ्ढा खोद कर लगाना है जिसके लिए मजदूरों को गढ्ढा खोदने व पौधे लगाने की एवज में 240 रूपए की राशि दी जाएगी तथा इससे प्रयावरण भी शुद्ध रहेगा। उन्होंने मजदूरों को बताया कि जिनके पास पांच एकड़ से कम जमीन है तो वह भूमि समतल का कार्य भी करवा सकते है और करीब डेढ लाख रूपए तक खाले भी बनवा सकते है। इस अवसर पर गांव के सरपंच रणजीत सिह सावंतखेड़ा ने मजदूरों को गांव कालूआना का उदाहरण देते हुए बताया कि जिस तरह गांव कालूआना ने पूरे देश में हरियाणा का नाम रोशन किया है ठीक उसी तरह इस योजना के तहत आप भी अपने गांव को ऊचांईयों तक पहुंचा सकते है। इस अवसर पर नरेगा के रोजगार सहायक जेई कालूराम ने भी अपने विचार रखे।
लेबल:
डबवाली समाचार,
dabwali news
कांग्रेसी नेता जग्गा सिंह बराड़ पर गोलियों से हमला,बाल-बाल बचे
डबवाली(राकेश)गांव ओढ़ा के पास असलाधारक कुछ लोगों द्वारा कांग्रेसी नेता जग्गा सिंह बराड़ पर गोलियां चला कर किये गये हमले में वे बाल-बाल बच गये। इस हमले में उनका एक साथी लखवीर पुत्र सुखदेव सिंह घायल हो गया।
जिससे डबवाली के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां पर उसे प्राथमिक
उपचार के उपरांत सिरसा रेफर कर दिया गया। ओढ़ा पुलिस ने इस मामले में चौटाला गांव के निवासी छोटू भाट व 6
अन्य पर कातिलाना हमला करने और शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर छोटू भाट को गिरफ्तार कर उसके द्वारा प्रयोग किये जा रहे वाहन को कब्जे में ले लिया है।
जग्गा सिंह बराड़ ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि अपने भाई चंद सिंह बराड़ की तारीख पर सिरसा न्यायालय जा रहा था कि ओढ़ा के पास छोटू भाट व उसके अन्य साथियों ने उन्हें घेर कर उन पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि इस हमले में उनका एक साथी लखवीर सिंह घायल हो गया।
डबवाली के डीएसपी बाबू राम ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर छोटू भाट को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस इस मामले की छान बनी कर रही है। इस मामले में अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।
गौरतलब है कि वर्ष 2005 में कांग्रेसी नेता चंद सिंह बराड़ की गांव गौरी वाला के पास गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने चंद सिंह बराड़ के भाई जग्गा सिंह बराड़ के ब्यान पर हत्या का मामला दर्ज किया था। इस मामले में अन्य आरोपियों के साथ छोटू भाट भी अभियुक्त है। जग्गा सिंह बराड़ इसी मामले की सुनवाई के लिए सिरसा न्यायालय में जा रहे थे।
जग्गा सिंह बराड़ ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि अपने भाई चंद सिंह बराड़ की तारीख पर सिरसा न्यायालय जा रहा था कि ओढ़ा के पास छोटू भाट व उसके अन्य साथियों ने उन्हें घेर कर उन पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि इस हमले में उनका एक साथी लखवीर सिंह घायल हो गया।
डबवाली के डीएसपी बाबू राम ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर छोटू भाट को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस इस मामले की छान बनी कर रही है। इस मामले में अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।
गौरतलब है कि वर्ष 2005 में कांग्रेसी नेता चंद सिंह बराड़ की गांव गौरी वाला के पास गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने चंद सिंह बराड़ के भाई जग्गा सिंह बराड़ के ब्यान पर हत्या का मामला दर्ज किया था। इस मामले में अन्य आरोपियों के साथ छोटू भाट भी अभियुक्त है। जग्गा सिंह बराड़ इसी मामले की सुनवाई के लिए सिरसा न्यायालय में जा रहे थे।
लेबल:
dabwali news
बुधवार, 16 मार्च 2011
40 फीट गहरे कुएं में युवक पर मिट्टी का तोंदा गिरने से मौत
डबवाली-उपमंडल के गांव पन्नीवाला रूलदु में नलकूप के लिए खोदे गए करीब 40 फीट गहरे कुएं में नलकूप का कनैक्शन करने उतरे युवक पर मिट्टी का तोंदा गिरने से उसकी मौत हो गई। प्रशासनिक अधिकारियों, गांववासियों व डेरा सच्चा सौदा की ग्रीन फोर्स के सहयोग से 3 घंटे की कड़ी मश्कत के बाद कुएं में दबे युवक को बाहर निकाला गया लेकिन तब तक युवक के प्राण पखेरू उड़ चुके थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार पन्नीवाला रूलदु निवासी 32 वर्षिय सरदुल सिंह पुत्र अजीत सिंह अपने खेत में लगे नलकूप का पानी बढ़ाने के लिए नलकूप के साथ करीब 40 फीट गहरा कच्चा टी बोर (कुआं) की खुदाई करवाई थी और बुधवार दोपहर 12 बजे के करीब अपने चाचा मलकीत सिंह के साथ टी बोर का कनैक्शन करने के लिए कुएं में उतरा था और उसका चाचा मलकीत सिंह रस्सी के साथ बंधी बाल्टी से बरेती कुएं से बाहर निकाल रहा था कि अचानक करीब 1.00 बजे एक मिट्टी का तोंदा कुएं में उतरे युवक सरदुल पर गिर गया और वह करीब 40 फीट गहरे कुएं में दब गया। टी बोर में उतरे युवक सरदुल ने उपर बरेती खींच रहे अपने चाचा मलकीत को आवाज दी कि वह मिट्टी के नीचे दब गया है तो उसके चाचा ने शोर मचाकर आसपास के लोगों को जमा किया। इस घटना की सूचना मिलते ही वहां पर गांव वासियों का हजूम लग गया और मिट्टी में दबे युवक को बाहर निकालने का प्रयास करने लगे तभी गांव वासियों ने इसकी सूचना डबवाली प्रशासनिक अधिकारियों दी। सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी नायब तहसीलदार हरि औम बिश्रोई, स्वास्थ्य विभाग की और से डॉ. सुखवंत सिंह, पुलिस प्रशासन की और से डीएसपी बाबू लाल, ओढ़ां के थाना प्रभारी हीरा लाल, थाना सदर के साहयक उपनिरिक्षक आत्माराम अपने पुलिस दलबल के साथ तीन जेसीबी मशीनों को लेकर घटना स्थल पर पहुंचे और कुएं में दबे युवक को बाहर निकालने का कार्य शुरू कर दिया तभी डेरा सच्चा सौदा की ग्रीन फोर्स के सदस्य भी भारी तादात में पहुंच गए। प्रशासनिक अधिकारियों, ग्रीन फोर्स व गांव वासियों ने 3 घंटे की कड़ी मश्कत के बाद कुएं में दबे सरदुल को बाहर निकाल लिया और उसे तुरंत डबवाली के राजकीय अस्पताल में लाया गया। जहां पर चिकित्सकों द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया गया।
लेबल:
डबवाली समाचार,
dabwali news
चौटाला में दो अबोध बच्चियों को रोता बिलखता छोड़कर जाने वाली मां व नानी गिरफ्तार
डबवाली- पुलिस ने गांव चौटाला में दो अबोध बच्चियों को रोता बिलखता छोड़कर जाने वाली इन बच्चियों की मां सुमन देवी व नानी प्रेमा देवी को गिरफ्तार कर लिया है। गौरतलब है कि गांव चौटाला निवासी ओमप्रकाश का किसी बात पर अपनी पत्नी से कथित विवाद हो गया था जिसके बाद उसकी पत्नी करीब तीन माह पूर्व अपने दो बच्चियों 4 वर्ष की नीता व 2 वर्ष की गुनगुन को साथ लेकर मायके चली गई थी। आरोप है कि गत 11 मार्च को सुमन देवी अपनी मां प्रेमा देवी के साथ अचानक गांव चौटाला पहुंची और अपनी दोनों बच्चियों नीता व गुनगुन को ख्ेात में बने मकान के पासा छोड़कर चली गई। दोनों बच्चियां कई घंटों तक रोती बिलखती रही और फिर बेहोश हो गई। इन बच्चियों को बाद में अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। इस मामले में सदर पुलिस ने ओमप्रकाश की शिकायत पर उसकी पत्नी सुमन व सास प्रेमा देवी के खिलाफ धारा 317 व 34 के तहत मामला दर्ज किया था। पुलिस को दर्ज करवाई शिकायत में लड़कियों ने पिता औमप्रकाश ने आरोप लगाया था उसकी पत्नी व सास ने दोनो बच्चियों को त्यागने के उद्द्ेश्य से उनको रोता बिलखता छोड़ मौके से फरार हो गई थी। चौटाला चौकी के प्रभारी जीत सिंह ने बताया कि पुलिस ने ओमप्रकाश के ससुराल हनुमानगढ़ (राजस्थान) में दबिश देकर वहां से सुमन व उसकी मां प्रेमा देवी को गिरफ्तार कर लिया। उन्होने बताया कि दोनो बच्चियों की हालात फिलहाल ठीक है तथा संगरिया के निजी अस्पताल में उपचाराधीन है। दोनों को मंगलवार को डबवाली में उपमंडल न्यायिक दंडाधिकारी महावीर सिंह की अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हे बोस्टल जेल हिसार भेज दिया गया है।
लेबल:
डबवाली समाचार,
dabwali news
दो पक्षों के बीच हुए झगड़े मे दोनो पक्षों के एक दर्जन के करीब महिला व परूष घायल
डबवाली- स्थानीय रविदास नगर मे दो पक्षों के बीच हुए झगड़े मे दोनो पक्षों के एक दर्जन के करीब महिला व परूष घायल हो गए। सभी घायलों को डबवाली के राजकीय अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल करवाया गया है । अस्पताल मे उपचाराधीन औम प्रकाश ने बताया कि उसका दामाद रमेश कुमार हांसी निवासी जो अब डबवाली की रविदास नगर निवासी गंगा देवी के घर जूतीयां बनाने का काम करता है उसने बताया कि उसका दामाद उसकी बेटी मंजू रानी को रोजाना शराब पीकर मारता पीटता है और घर खर्च के लिए पैसे भी नही देता जिससे उसकी बेटी व बच्चे परेशान रहते है। इस बात को लेकर उन्होंने उसे बहुत समझाया लेकिन उसने उसकी बेटी को और भी परेशान करना शुरू कर दिया जिसके लिए उन्होंने अपने दामाद रमेश के खिलाफ थाना शहर डबवाली में शिकायत दर्ज करवा दी। उसने बताया कि जब बीती रात पुलिस कर्मचारी उसके दामाद को पूछताछ के लिए गंगा देवी के घर गए तो लेकिन वहां पर पुलिस को उनका दामाद नहीं मिला और पुलिस ने गंगा देवी को उसके दामाद रमेश को थाना शहर में पेश करने को कहा। उसने बताया कि जब वह बुधवार प्रात: करीब 10 बजे थाना शहर से वापिस आ रहे थे तो रविदास नगर निवासी गंगा देवी, हेमराज, रमेश कुमार, राजेंद्र कुमार, कविता रानी व सूमन देवी ने उन्हें घेर लिया व तेजधार हथियारों से उन पर हमलाकर दिया जिससे वह खूद उसका व भाई कन्हा राम व लड़का प्रेम कुमार, दीपक कुमार, पुत्री मंजू रानी, पत्नी विद्या देवी को गंभीर रूप से घायल कर दिया उधर, दूसरे पक्ष के घायल हुए रविदास नगर निवासी गंगा देवी ने बताया कि औम प्रकाश का दामाद उनके यहां जूतियां बनाने का कार्य करता है और उसने उनसे पैसे भी एडवांस ले रखे है।
गंगा देवी ने बताया कि बीती रात जब पुलिस के कुछ कर्मचारी उनके घर पर औम प्रकाश के दामाद को ढूंढने के लिए आए लेकिन वह हमारे घर पर नहीं था और बुधवार प्रात: पुलिस थाना से फोन आया तो उन्होंने हमें थाना में पेश होने के लिए कहा जब वह अपने परिवार के साथ थाना शहर जा रही थी तो सामने आ रहे औम प्रकाश के परिवार वालों ने उन पर पत्थर व ईंटों से हमला कर दिया। जिससे गंगादेवी, उसका बेटा मनीरम, धन्नी देवी, कविता देवी व सूमन बाला को गंभीर चोंटें आई जिन्हें इलाज के लिए डबवाली के राजकीय अस्पताल में दाखिल करवाया गया।
दोनों पक्षों के बीच हुए झगड़े की सूचना थाना शहर डबवाली में दे दी गई है। पुलिस द्वारा घायलों के ब्यान दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
गंगा देवी ने बताया कि बीती रात जब पुलिस के कुछ कर्मचारी उनके घर पर औम प्रकाश के दामाद को ढूंढने के लिए आए लेकिन वह हमारे घर पर नहीं था और बुधवार प्रात: पुलिस थाना से फोन आया तो उन्होंने हमें थाना में पेश होने के लिए कहा जब वह अपने परिवार के साथ थाना शहर जा रही थी तो सामने आ रहे औम प्रकाश के परिवार वालों ने उन पर पत्थर व ईंटों से हमला कर दिया। जिससे गंगादेवी, उसका बेटा मनीरम, धन्नी देवी, कविता देवी व सूमन बाला को गंभीर चोंटें आई जिन्हें इलाज के लिए डबवाली के राजकीय अस्पताल में दाखिल करवाया गया।
दोनों पक्षों के बीच हुए झगड़े की सूचना थाना शहर डबवाली में दे दी गई है। पुलिस द्वारा घायलों के ब्यान दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
लेबल:
डबवाली समाचार,
dabwali news
कांग्रेस पार्टी ने अनुसूचित जाति के लोगों को केवल गुमराह करने का काम किया है-सढोरा
डबवाली- स्थानीय इनेलो कार्यालय में हल्क ा डबवाली अनुसूचित वर्ग प्रकोष्ठ पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश संयोजक बलवंत सिंह सढोरा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अनुसूचित जाति के लोगों को केवल गुमराह करने का काम किया है जब - जब भी चुनाव में वोट की बात आती है तो उनको कई तरह के लुभावने वायदे करके ठगने का काम करती है तथा सत्ता मिलने पर वह गरीब की सूध लेना भुल जाती है। उन्होने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार की जननी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था काफ ी दयनीय है प्रदेश सरकार केवल पूंजी पतियों की जेबे भरने का काम कर रही है। इसके साथ - साथ प्रदेश प्रभारी अनुसूचित वर्ग, अशोक शेरवाल ने कहा कि गरीब के हित केवल औमप्रकाश चौटाला के हाथो मे सुरक्षित है, जब - जब उन्हे सत्ता के माध्यम से आप लोगो ने सेवा का मौका दिया तो उन्होंने अनुसूचित जाति के लोगों के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं को लागू किया ताकि समाज का यह वर्ग देश के विकास की भागीदारी में कंधे से कंधा मिला कर चल सके । इस बैठक में सुरत सिंह खटक प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य, जिला संयोजक सुरज भान खनगवाल , मनोहर लाल हल्का संयोजक, सतपाल लौहगढिया, राजा पेन्टर, अमरनाथ बागड़ी, शिवजी राम बागड़ी, मंगल सिंह महाश्या, सोहन लाल, बस्ती राम, गरीबदास बाजीगर, सिकंदर घुकांवाली, गुरदीप सिंह, त्रिलोक चंद मौजगढ, पूर्ण चंद पूर्व सरपंच, जीत सिंह सरपंच, करनैल सिंह डबवाली, अजय कुमार, मंदर सिंह, गोरखा राम, बिलासु राम, नानक खुईयांमलकाना, हरबंस लाल, दीपा सिंह गंगा, गुरप्रीत जगमालवाली, उदाराम बिज्जुवाली, भजन लाल सुखेराखेड़ा, राम सिंह चोरमार, टेक चंद छाबड़ा, लवली मैहता, गुरजीत सिंह, महावीर सहारण, प्रहलाद राय, आदि पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे।
लेबल:
डबवाली समाचार,
dabwali news,
inld
शुक्रवार, 11 मार्च 2011
तेजधार हथियारों से नृशंस हत्या
डबवाली,
गांव डबवाली रास्ते से मिट्टी हटाने को लेकर हुए विवाद में कुछ व्यक्तियों एक व्यक्ति की तेजधार हथियारों से नृशंस हत्या कर दी। मृतक की पहचान जसकरण सिंह पुत्र
नछतर सिंह के रूप में की गई है। पुलिस ने इस मामले में हत्या का मामला दर्ज कर एक ही परिवार के चार सदस्यों को नामजद किया है।
मृतक के चाचा जोगिंद्र सिंह ने पुलिस को बताया कि उसका भतीजा जसकरण सिंह अपने दो अन्य व्यक्तियों सुखकरण सिंह और हरमंदर सिंह के साथ डबवाली गांव में चश्मा साहिब गुरुद्वारा रोड़ पर स्थित उनकी 11 एकड़ भूमि में से एक टुकड़े को समतल करने का कार्य कर रहा था। उन्होंने बताया कि खेत कुछ दूरी पर ही एक मकान स्थित है जिसे उनके खेत से साथ लगते रास्ता जाता है। उन्होंने बताया कि मकान के निवासी जगसीर सिंह्र, उनकी पत्नी बयंत कौर व दोनों पुत्र राजविंद्र सिंह व सुखविंद्र सिंह दूरी पर साथ लगते तीन करम के रास्ते में मिट्टी हटाने को लेकर तू तू मैं मैं हो गई। उनका विवाद इतना बढ़ गया कि उन्होंने उस पर तेजधार हथियारों और लाठियों से हमला बोल दिया। उन्होंने बताया कि सुखकरण सिंह और हरमंदर सिंह ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो उन्होंने उन्हें भी धमकी दी और वे अपनी जान बचाने के लिए वहां से भाग गये। हमलावर जसकरण सिंह पर तब तक वार करते हुए जब तक उसकी उसकी मौत नहीं हो गई उसकी मौत के बाद वे वहां से फरार हो गये। थाना शहर के प्रभारी बलवंत जस्सू ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या मामला दर्ज कर उनकी तलाश आरंभ कर दी है। वहीं इस घटना के बाद जिले के पुलिस कप्तान सतिंद्रपाल गुप्ता ने घटना स्थल का दौरा कर घटना की जानकारी ली। इस मौके पर डीएसपी बाबू राम भी मौजूद थे।
गांव डबवाली रास्ते से मिट्टी हटाने को लेकर हुए विवाद में कुछ व्यक्तियों एक व्यक्ति की तेजधार हथियारों से नृशंस हत्या कर दी। मृतक की पहचान जसकरण सिंह पुत्र
मृतक के चाचा जोगिंद्र सिंह ने पुलिस को बताया कि उसका भतीजा जसकरण सिंह अपने दो अन्य व्यक्तियों सुखकरण सिंह और हरमंदर सिंह के साथ डबवाली गांव में चश्मा साहिब गुरुद्वारा रोड़ पर स्थित उनकी 11 एकड़ भूमि में से एक टुकड़े को समतल करने का कार्य कर रहा था। उन्होंने बताया कि खेत कुछ दूरी पर ही एक मकान स्थित है जिसे उनके खेत से साथ लगते रास्ता जाता है। उन्होंने बताया कि मकान के निवासी जगसीर सिंह्र, उनकी पत्नी बयंत कौर व दोनों पुत्र राजविंद्र सिंह व सुखविंद्र सिंह दूरी पर साथ लगते तीन करम के रास्ते में मिट्टी हटाने को लेकर तू तू मैं मैं हो गई। उनका विवाद इतना बढ़ गया कि उन्होंने उस पर तेजधार हथियारों और लाठियों से हमला बोल दिया। उन्होंने बताया कि सुखकरण सिंह और हरमंदर सिंह ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो उन्होंने उन्हें भी धमकी दी और वे अपनी जान बचाने के लिए वहां से भाग गये। हमलावर जसकरण सिंह पर तब तक वार करते हुए जब तक उसकी उसकी मौत नहीं हो गई उसकी मौत के बाद वे वहां से फरार हो गये। थाना शहर के प्रभारी बलवंत जस्सू ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या मामला दर्ज कर उनकी तलाश आरंभ कर दी है। वहीं इस घटना के बाद जिले के पुलिस कप्तान सतिंद्रपाल गुप्ता ने घटना स्थल का दौरा कर घटना की जानकारी ली। इस मौके पर डीएसपी बाबू राम भी मौजूद थे।
तेजधार हथियारों से नृशंस हत्या
डबवाली,
गांव डबवाली रास्ते से मिट्टी हटाने को लेकर हुए विवाद में कुछ व्यक्तियों एक व्यक्ति की तेजधार हथियारों से नृशंस हत्या कर दी। मृतक की पहचान जसकरण सिंह पुत्र
नछतर सिंह के रूप में की गई है। पुलिस ने इस मामले में हत्या का मामला दर्ज कर एक ही परिवार के चार सदस्यों को नामजद किया है।
मृतक के चाचा जोगिंद्र सिंह ने पुलिस को बताया कि उसका भतीजा जसकरण सिंह अपने दो अन्य व्यक्तियों सुखकरण सिंह और हरमंदर सिंह के साथ डबवाली गांव में चश्मा साहिब गुरुद्वारा रोड़ पर स्थित उनकी 11 एकड़ भूमि में से एक टुकड़े को समतल करने का कार्य कर रहा था। उन्होंने बताया कि खेत कुछ दूरी पर ही एक मकान स्थित है जिसे उनके खेत से साथ लगते रास्ता जाता है। उन्होंने बताया कि मकान के निवासी जगसीर सिंह्र, उनकी पत्नी बयंत कौर व दोनों पुत्र राजविंद्र सिंह व सुखविंद्र सिंह दूरी पर साथ लगते तीन करम के रास्ते में मिट्टी हटाने को लेकर तू तू मैं मैं हो गई। उनका विवाद इतना बढ़ गया कि उन्होंने उस पर तेजधार हथियारों और लाठियों से हमला बोल दिया। उन्होंने बताया कि सुखकरण सिंह और हरमंदर सिंह ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो उन्होंने उन्हें भी धमकी दी और वे अपनी जान बचाने के लिए वहां से भाग गये। हमलावर जसकरण सिंह पर तब तक वार करते हुए जब तक उसकी उसकी मौत नहीं हो गई उसकी मौत के बाद वे वहां से फरार हो गये। थाना शहर के प्रभारी बलवंत जस्सू ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या मामला दर्ज कर उनकी तलाश आरंभ कर दी है। वहीं इस घटना के बाद जिले के पुलिस कप्तान सतिंद्रपाल गुप्ता ने घटना स्थल का दौरा कर घटना की जानकारी ली। इस मौके पर डीएसपी बाबू राम भी मौजूद थे।
गांव डबवाली रास्ते से मिट्टी हटाने को लेकर हुए विवाद में कुछ व्यक्तियों एक व्यक्ति की तेजधार हथियारों से नृशंस हत्या कर दी। मृतक की पहचान जसकरण सिंह पुत्र
मृतक के चाचा जोगिंद्र सिंह ने पुलिस को बताया कि उसका भतीजा जसकरण सिंह अपने दो अन्य व्यक्तियों सुखकरण सिंह और हरमंदर सिंह के साथ डबवाली गांव में चश्मा साहिब गुरुद्वारा रोड़ पर स्थित उनकी 11 एकड़ भूमि में से एक टुकड़े को समतल करने का कार्य कर रहा था। उन्होंने बताया कि खेत कुछ दूरी पर ही एक मकान स्थित है जिसे उनके खेत से साथ लगते रास्ता जाता है। उन्होंने बताया कि मकान के निवासी जगसीर सिंह्र, उनकी पत्नी बयंत कौर व दोनों पुत्र राजविंद्र सिंह व सुखविंद्र सिंह दूरी पर साथ लगते तीन करम के रास्ते में मिट्टी हटाने को लेकर तू तू मैं मैं हो गई। उनका विवाद इतना बढ़ गया कि उन्होंने उस पर तेजधार हथियारों और लाठियों से हमला बोल दिया। उन्होंने बताया कि सुखकरण सिंह और हरमंदर सिंह ने उन्हें रोकने का प्रयास किया तो उन्होंने उन्हें भी धमकी दी और वे अपनी जान बचाने के लिए वहां से भाग गये। हमलावर जसकरण सिंह पर तब तक वार करते हुए जब तक उसकी उसकी मौत नहीं हो गई उसकी मौत के बाद वे वहां से फरार हो गये। थाना शहर के प्रभारी बलवंत जस्सू ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या मामला दर्ज कर उनकी तलाश आरंभ कर दी है। वहीं इस घटना के बाद जिले के पुलिस कप्तान सतिंद्रपाल गुप्ता ने घटना स्थल का दौरा कर घटना की जानकारी ली। इस मौके पर डीएसपी बाबू राम भी मौजूद थे।
रंजिश के चलते खेत जा रहे किसान को गांव के युवकों ने मारपीट कर घायल किया
डबवाली-11 मार्च-उपमंडल के गांव देसूफूल्लो में रंजिश के चलते खेत जा रहे किसान को गांव के ही कुछ युवकों ने मारपीट कर घायल कर दिया।
प्राप्त जानकारी अनुसार डबवाली के राजकीय अस्पताल में उपचाराधीन 50 वर्षीय गुरमेल सिंह ने बताया कि बीती रात करीब 9.30 बजे अपने खेत में हरे चने की रखवाली के लिए जा रहा था कि रास्ते में गांव के कुछ युवक बारा सिंह व पिन्नू ने उसे घेर लिया और लाठियों से हमला कर उसे घायल कर दिया तथा उसे बेहोशी की हालत में छोड़कर फरार हो गए। वह किसी तरह पास लगती धर्मशाला में पहुंचा और वहां से अपने परिजनों को घटना की सूचना दी और उसके परिजन उसे घायलावस्था में डबवाली के राजकीय अस्पताल में उपचार के लिए ले आए। जहां पर चिकित्सकों द्वारा उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे सिरसा रैफर कर दिया। घायल ने बताया कि लोहड़ी वाले दिन उक्त युवकों से उसका झगड़ा हुआ था तथा उनका पंचायत में फैंसला हुआ था तथी से यह युवक उसके साथ रंजिश रखते है।
प्राप्त जानकारी अनुसार डबवाली के राजकीय अस्पताल में उपचाराधीन 50 वर्षीय गुरमेल सिंह ने बताया कि बीती रात करीब 9.30 बजे अपने खेत में हरे चने की रखवाली के लिए जा रहा था कि रास्ते में गांव के कुछ युवक बारा सिंह व पिन्नू ने उसे घेर लिया और लाठियों से हमला कर उसे घायल कर दिया तथा उसे बेहोशी की हालत में छोड़कर फरार हो गए। वह किसी तरह पास लगती धर्मशाला में पहुंचा और वहां से अपने परिजनों को घटना की सूचना दी और उसके परिजन उसे घायलावस्था में डबवाली के राजकीय अस्पताल में उपचार के लिए ले आए। जहां पर चिकित्सकों द्वारा उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे सिरसा रैफर कर दिया। घायल ने बताया कि लोहड़ी वाले दिन उक्त युवकों से उसका झगड़ा हुआ था तथा उनका पंचायत में फैंसला हुआ था तथी से यह युवक उसके साथ रंजिश रखते है।
लेबल:
डबवाली समाचार,
dabwali news
भारत विकास परिषद की सम्मपन्न
डबवाली- भारत विकास परिषद की एक बैठक रसोई रेस्टोरेंट में सम्मपन्न हुई। बैठक में परिषद द्वारा चलाए जा रहे नशा मुक्ति अभियान की सफलता पर अध्यक्ष सतपाल जग्गा ने सभी सदस्यों को बधाई दी। इस अभियान कें तहत करीब 134 व्यक्तियों को नशा छुडवाया गया। बैठक में परिषद के चुनाव करवाए गए जिसमें सर्वसम्मति से सतपाल जग्गा को फिर से परिषद की की जिम्मेदारी सौंपी गई। अन्य पदाधिकारियों में सर्वसम्मति से कृष्ण जग्गा को सचिव, ओम धमीजा को कोषाध्यक्ष, व भजन मैहता को पीआरओ चुना गया। श्री जग्गा ने बताया कि आगामी 13 मार्च को भारत विकास परिषद के प्रांतीय अधिवेशन हिसार में आयोजित कार्यक्रम में डबवाली शाखा द्वारा किए गए उत्कृष्ठ कार्यों के लिए सम्मानित किया जाएगा तथा तुलसी पौधा वितरण व डबवाली शाखा द्वारा मई माह में कृत्रिमअंग प्रत्यारोपण शिविर लगाने पर विचार विमर्श किया गया।
लेबल:
डबवाली समाचार,
dabwali news
आढ़तिया एसोसिएशन के चुनावों को लेकर हलचल आरंभ
डबवाली-11 मार्च-आढ़तिया एसोसिएशन के चुनावों को लेकर हलचल आरंभ हो गई है। प्रधान पद के लिए टेक चंद छाबड़ा, नरेश मितल सहित निवर्तमान प्रधान प्रकाश चंद बांसल दावेदार के नाम समाने आये है। वहीं उपप्रधन के लिए गुरदीप कामरा, सचिव पद के लिए रवि निरंकारी के नाम की चर्चा है। 12 मार्च नामांकन पत्र भरने की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है। कल तक दावेदारों की तस्वीर साफ हो जायेगी। सर्वसम्मति के लिए बैठक की तारीख 14 मार्च को होगी। नामांकन पत्र वापिस लेने के लिए 15 मार्च तिथि निर्धारित की गई है। इन चुनावों को लेकर आढ़तियों की एक बैठक अग्रवाल धर्मशाला में संपन्न हुई जिसमें महेंद्र जैन, प्रविंद्र अरोड़ा तथा रमेश झालरिया को चुनाव समिति का सदस्य नियुक्त किया गया। आढ़तिया एसोसिएशन के चुनावों को लेकर इनेलो और कांग्रेस आमने सामने है। कांग्रेस का पिछले 6 सालों आढ़तिया एसोसिएशन पर कब्जा है। प्रकाश चंद बांसल लगातार दो बार प्रधान चुने जा चुके है और इस बार भी वे प्रधान पद की दौड़ में शामिल बताये जा रह है। जो कि इनेलो के लिए कड़ी चुनौती है। आढ़तियां एसोसिएशन के 133 सदस्य है।
लेबल:
डबवाली समाचार,
dabwali news
मंगलवार, 8 मार्च 2011
नारी को अपनी शक्ति तथा अपने अंदर छुपी प्रतिभा को पहचाना होगा--डॉ. शमीम शर्मा
डबवाली-महिला दिवस के उपलक्ष्य में भगवान श्री कृष्ण कालेज ऑफ ऐजूकेशन में सेमीनार आयोजित किया गया। इस मौके पर जननायक चौधरी देवी लाल विद्यापीठ की कार्यकारी निर्देशिका तथा माता हरकी देवी डॉ. शमीम शर्मा मुख्यातिथि के तौर पर शामिल हुई जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता बी.एड. कालेज की प्राचार्या डा. पूनम गुप्ता ने की। इस मौके पर संबोधित करते हुए डा. शमीम शर्मा ने कहा कि नारी अब अबला नहीं है। नारी को अपनी शक्ति तथा अपने अंदर छुपी प्रतिभा को पहचाना होगा। उन्होंने कहा कि आज भ्रूण हत्या और दहेज प्रथा सबसे बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि इन कुरीतियों को समाप्त करने के लिए महिलाओं को ही आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि विज्ञान की तरक्की के साथ कन्या भ्रूण हत्या जैस घिनौने अपराध के ग्राफ में चिंताजनक स्तर तक वृद्धि हो रही है। प्रदेश में बिगड़ी कानून व्यवस्था पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि आज के समाज में 6 माह से बच्ची से लेकर 70 साल की वृद्धा तक सुरक्षित नहीं है। महिलाओं को अपनी इज्जत और मर्यादा बनाये रखने के लिए स्वयं से सबल बनाना पड़ेगा और इसके लिए आवश्यक है महिला का शिक्षित और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना। उन्होंने देश इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश के गौरवशाली इतिहास महाभारत में भी द्रोपदी को भरी सभा में अपमानित होना पड़ा। तत्कालीन भीष्म पितामह और धर्मराज भी नारी लुटती अस्मत पर मुंह छुपाये बैठे रहे। उन्होंने कहा कि 'रोशन करेगा बेटा तो बस एक ही कुल को, दो-दो कुलों की लाज होती है बेटियां, कोई नहीं है साथियों इक दूजे से कम, हीरा अगर है बेटे तो मोती है बेटियां।
इस मौके पर बी.एड की छात्रा भावना और पूजा ने भी अपने विचार रखे। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में भी आज इस उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें बार रूम ऐसोसिएशन के प्रधान एस के गर्ग और पूर्व प्रधान कुलवंत सिद्धू ने निशुल्क कानूनी सलाह के बारे में जानकारी दी और छात्राओं को उनके अधिकारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर प्राचार्य बलजिंद्र सिंह भंगू, एनसीसी अधिकारी जितेंद्र शर्मा, कार्यकारी प्राचार्य कुलवंत सिंह और विद्यालय के अध्यापक व अध्यापिकाऐं उपस्थित थी।
इस मौके पर बी.एड की छात्रा भावना और पूजा ने भी अपने विचार रखे। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में भी आज इस उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें बार रूम ऐसोसिएशन के प्रधान एस के गर्ग और पूर्व प्रधान कुलवंत सिद्धू ने निशुल्क कानूनी सलाह के बारे में जानकारी दी और छात्राओं को उनके अधिकारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर प्राचार्य बलजिंद्र सिंह भंगू, एनसीसी अधिकारी जितेंद्र शर्मा, कार्यकारी प्राचार्य कुलवंत सिंह और विद्यालय के अध्यापक व अध्यापिकाऐं उपस्थित थी।
लेबल:
डबवाली समाचार,
dabwali news
सीवरेज न होने के कारण नरकीय जीवन जीने को मजबूर

प्रदर्शन कर रहे कॉलोनी वासियों में पूर्व सरपंच जगजीत सिंह 'कालाÓ, करतार सिंह जस्सी, नछतर सिंह, गुरदीप सिंह, लखवीर सिंह, भगवानी देवी, सुखवंत कौैर, कर्मजीत कौर व अन्य ने बताया कि इस कॉलोनी में 600 के करीब घर बने हुए हैं और 1600 के करीब मतदाता रहते है लेकिन पंजाब की पिछली सरकार व वर्तमान सरकार ने कॉलोनी में सीवरेज लाईन डलवाने की जहमत नहीं की।
उन्होंने बताया कि पूरी कॉलोनी में गंदे पानी की निकासी न होने के कारण यहां गंदा पानी जगह-जगह गढ्ढों में खड़ा है तथा बदबू मार रहा है। जिस कारण कॉलोनी वासियों को गंदगी भरे माहौल में जीना पड़ रहा है। यहां तक की कॉलोनी तक जाने वाली मुख्य सड़क पर भी दल-दल बनी हुई है व गंदा पानी गली में खड़ा होने के कारण मच्छर भिन्न-भिना रहे है। जिससे कॉलोनी में भंयकर बिमारियां फैलने का डर बना हुआ है।
उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की है कि कॉलोनी में शीघ्र ही सीरेज लार्ईन डलवाकर उन्हें इस नरकीय जीवन से छुटकारा दिलवाया जाए। कॉलोनी वासियों ने पंजाब सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 10 दिनों में उनकी इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो सभी कॉलोनी वासी बठिंडा रोड पर सड़क के बीचो-बीच धरने पर बैठ जाएंगे। इस बारे में जब नरसिंह कॉलोनी के सदस्य जगपाल सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कॉलोनी में सीवरेज लाईन डलवाने के लिए करीब 4 करोड़ 35 लाख रूपए का एस्टीमेट बनाकर सरकार को भेज दिया गया था। जिसे सरकार द्वारा मंजूर कर लिया गया और कॉलोनी में सीवरेज लाईन डलवाने का कार्य शीघ्र ही शुरू कर दिया जाएगा।
लेबल:
डबवाली समाचार,
dabwali news,
punjab govt
सोमवार, 7 मार्च 2011
ट्रांसपोर्ट मालिकों पर मामला दर्ज
रामा मंडी में दर्ज हुआ हत्या प्रयास का मामला
कालांवाली, 7 मार्च(बिल्लू यादव)यहां के देसू रोड स्थित आरके आरटीसी ट्रांसपोर्ट पर गत दिवस हुई मारपीट व फायरिंग के मामले में पुलिस ने आईआरबी के जवानों की शिकायत पर ट्रांसपोर्ट मालिकों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इसी प्रकार का मामला पंजाब भी दर्ज किया गया है। पुलिस ने आईआरबी के सब इंस्पेक्टर बलवंत सिंह की शिकायत पर कालांवाली पुलिस ने ट्रांसपोर्ट मालिक संजीव निवासी कालांवाली, बिट्टा सिंह निवासी डूमवाली व 4-5 अन्य लोगों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने, मारपीट करने, पिस्तौल छीनने व जान से मारने की धमकी देने के आरोप में मामला दर्ज किया है। अपनी शिकायत में बलवंत सिंह ने बताया कि वे पंजाब सीमा में नाका लगाकर टैक्स चोरी की जांच के लिए वाहनों की तलाशी ले रहे थे कि अचानक एक कैंटर आया। सिपाही मनदीप ने कैंटर को रोकना चाहा मगर कैंटर चालक वहां से भाग निकला और वे पीछा करते हुए कालांवाली में उक्त ट्रांसपोर्ट तक पहुंच गए। उन्होंने बताया कि यहां पर ट्रांसपोर्ट मालिक के साथ ही एक बोलेरो गाड़ी में कुछ अन्य लोग भी आ पहुंचे जिन्होंने उन पर हमला कर दिया। इस हमले में वे गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उनका आरोप है कि ट्रांसपोर्ट मालिकों ने उनके पिस्तौल भी छीन लिया है। सूत्रों के अनुसार ट्रांसपोर्ट मालिकों के खिलाफ रामा मंडी में हत्या प्रयास का मामला दर्ज किया है। कालांवाली थाना प्रभारी विक्रम नेहरा ने मामला दर्ज करने की बात से इनकार किया है और कहा कि मामले की जांच की जा रही है। उल्लेखनीय है कि गत दिवस उक्त ट्रांसपोर्ट पर आईआरबी व ट्रांसपोर्ट संचालकों के बीच झगड़ा हो गया था। झगड़े में आईआरबी के जवानों की गोली बारी में तीन लोग जख्मी भी हुए हैं जबकि जवान भी घायल हैं।
कालांवाली, 7 मार्च(बिल्लू यादव)यहां के देसू रोड स्थित आरके आरटीसी ट्रांसपोर्ट पर गत दिवस हुई मारपीट व फायरिंग के मामले में पुलिस ने आईआरबी के जवानों की शिकायत पर ट्रांसपोर्ट मालिकों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इसी प्रकार का मामला पंजाब भी दर्ज किया गया है। पुलिस ने आईआरबी के सब इंस्पेक्टर बलवंत सिंह की शिकायत पर कालांवाली पुलिस ने ट्रांसपोर्ट मालिक संजीव निवासी कालांवाली, बिट्टा सिंह निवासी डूमवाली व 4-5 अन्य लोगों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने, मारपीट करने, पिस्तौल छीनने व जान से मारने की धमकी देने के आरोप में मामला दर्ज किया है। अपनी शिकायत में बलवंत सिंह ने बताया कि वे पंजाब सीमा में नाका लगाकर टैक्स चोरी की जांच के लिए वाहनों की तलाशी ले रहे थे कि अचानक एक कैंटर आया। सिपाही मनदीप ने कैंटर को रोकना चाहा मगर कैंटर चालक वहां से भाग निकला और वे पीछा करते हुए कालांवाली में उक्त ट्रांसपोर्ट तक पहुंच गए। उन्होंने बताया कि यहां पर ट्रांसपोर्ट मालिक के साथ ही एक बोलेरो गाड़ी में कुछ अन्य लोग भी आ पहुंचे जिन्होंने उन पर हमला कर दिया। इस हमले में वे गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उनका आरोप है कि ट्रांसपोर्ट मालिकों ने उनके पिस्तौल भी छीन लिया है। सूत्रों के अनुसार ट्रांसपोर्ट मालिकों के खिलाफ रामा मंडी में हत्या प्रयास का मामला दर्ज किया है। कालांवाली थाना प्रभारी विक्रम नेहरा ने मामला दर्ज करने की बात से इनकार किया है और कहा कि मामले की जांच की जा रही है। उल्लेखनीय है कि गत दिवस उक्त ट्रांसपोर्ट पर आईआरबी व ट्रांसपोर्ट संचालकों के बीच झगड़ा हो गया था। झगड़े में आईआरबी के जवानों की गोली बारी में तीन लोग जख्मी भी हुए हैं जबकि जवान भी घायल हैं।
अरूणा को नहीं मिली इच्छा मृत्यु की इजाजत
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अरूणा शानबाग को दया मृत्यु देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने मुम्बई की नर्स अरूणा शानबाग की इच्छामृत्यु के लिए पिंकी विरानी की अपील खारिज कर दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने तमाम पार्टियों को सुनने के बाद माना है कि भारत का कानून इस बात की इजाजत नहीं देता है कि किसी को भी इच्छा मृत्यु की इजाजत दी जाए। सर्वोच्च अदातल ने करीब 110 पन्नों में इस अपील पर अपना फैसला दिया। न्यायाधीश मार्कण्डेय काटजू और न्यायधीश ज्ञान सुधा मिश्रा की पीठ ने गत दो मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने कहा कि आदमी खुद अपनी इच्छा मृत्यु की अपील नहीं कर सकता है। बल्कि उसका परिवार इसके लिए अपील कर सकता है। परिवार की अपील पर हाईकोर्ट की मंजूरी से इस पर फैसला दे सकता है। अरूणा यौन उत्पीड़न का शिकार होने के बाद पिछले 37 साल से अस्पताल में निष्क्रिय जीवन व्यतीत कर रही है। अरूणा के लिए इच्छामृत्यु के लिए याचिका लेखिका पिंकी विरानी ने दायर की थी। गौरतलब है कि अरूणा किंग एडवर्ड मेमोरियल अस्पताल में नर्स के रूप में कार्यरत थी। 27 नवम्बर 1973 को अस्पताल के सफाई कर्मचारी ने उसका यौन उत्पीड़न किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने तमाम पार्टियों को सुनने के बाद माना है कि भारत का कानून इस बात की इजाजत नहीं देता है कि किसी को भी इच्छा मृत्यु की इजाजत दी जाए। सर्वोच्च अदातल ने करीब 110 पन्नों में इस अपील पर अपना फैसला दिया। न्यायाधीश मार्कण्डेय काटजू और न्यायधीश ज्ञान सुधा मिश्रा की पीठ ने गत दो मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने कहा कि आदमी खुद अपनी इच्छा मृत्यु की अपील नहीं कर सकता है। बल्कि उसका परिवार इसके लिए अपील कर सकता है। परिवार की अपील पर हाईकोर्ट की मंजूरी से इस पर फैसला दे सकता है। अरूणा यौन उत्पीड़न का शिकार होने के बाद पिछले 37 साल से अस्पताल में निष्क्रिय जीवन व्यतीत कर रही है। अरूणा के लिए इच्छामृत्यु के लिए याचिका लेखिका पिंकी विरानी ने दायर की थी। गौरतलब है कि अरूणा किंग एडवर्ड मेमोरियल अस्पताल में नर्स के रूप में कार्यरत थी। 27 नवम्बर 1973 को अस्पताल के सफाई कर्मचारी ने उसका यौन उत्पीड़न किया था।
नर्सों ने जताई खुशी
अरूणा की इच्छा मृत्यु की याचिका खारिज होने पर नर्सो ने खुशी जताई है केईएम अस्पताल की नर्स प्रमिला कुशे ने कहा कि जब तक उनकी देखभाल करने के लिए हम लोग हैं कोर्ट को उन्हें इच्छा मृत्यु नहीं देना चाहिए। हम खुश है कोर्ट ने हमारी आवाज सुनी।
लंबित पड़ी मांगों को लागू करवाने के लिए बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने किया पर्दर्शन
डबवाली- 7 मार्च- आज स्थानीय बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने हरियाणा बिजली कर्मचारी ज्वाइट एक्शन कमेटी के अह्वान पर अपनी लंबित पड़ी मांगों को लागू करवाने के लिए बिजली बोर्ड कार्यालय के समक्ष हरियाणा सरकार व निगम मैनेजमेंट के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया।
इस अवसर पर हरियाणा बिजली कर्मचारी ज्वइट एक्शन कमेटी के सर्कल सचिव औम प्रकाश शर्मा ने बोलते हुए कहा कि कमेटी के नेताओं की और से हरियाणा सरकार व बिजली बोर्ड मैनेजमेंट को समय-समय पर कर्मचारियों की मांगों को लेकर मांग पत्र भेजे गए है लेकिन हरियाणा सरकार व निगम मैनेजमेंट के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार भी ज्वाइट एक्शन कमेटी के नेताओं से बातचित कर उनकी लंबित पड़ी मांगों को लागू करे, कच्चे कर्मचारियों को पकका करे, निजी प्रथा को बंद करे तथा ठेकेदार के तहत कार्य कर रहे कर्मचारियों को पक्का करे तथा तब तक उन्हें 12 हजार रूपए प्रतिमाह वेतन के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी प्रदान करे। उन्होंने बताया कि अगर हरियाण सरकार उनकी मांगों को लागू नहीं करती तो बिजली कर्मचारी आगामी 20 मार्च को 2 घंटे के लिए यूनिट स्तर पर संकेतिक विरोध प्रदर्शन करेंगे। उसके बाद कर्मचारियों द्वारा मशाल लेकर उपायुक्त कार्यालय तक रोष प्रदर्शन किया जाएगा व 15 मई को राज्य स्तरीय रैली की जाएगी। इस अवसर पर यूनिट प्रधान केवल कृष्ण, हवा सिंह, जगदीश मैहता, जेई तरसेम चंद, मनोज कुमार, राम कृष्ण व अन्य बिजली कर्मचारी उपस्थित थे।
इस अवसर पर हरियाणा बिजली कर्मचारी ज्वइट एक्शन कमेटी के सर्कल सचिव औम प्रकाश शर्मा ने बोलते हुए कहा कि कमेटी के नेताओं की और से हरियाणा सरकार व बिजली बोर्ड मैनेजमेंट को समय-समय पर कर्मचारियों की मांगों को लेकर मांग पत्र भेजे गए है लेकिन हरियाणा सरकार व निगम मैनेजमेंट के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार भी ज्वाइट एक्शन कमेटी के नेताओं से बातचित कर उनकी लंबित पड़ी मांगों को लागू करे, कच्चे कर्मचारियों को पकका करे, निजी प्रथा को बंद करे तथा ठेकेदार के तहत कार्य कर रहे कर्मचारियों को पक्का करे तथा तब तक उन्हें 12 हजार रूपए प्रतिमाह वेतन के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी प्रदान करे। उन्होंने बताया कि अगर हरियाण सरकार उनकी मांगों को लागू नहीं करती तो बिजली कर्मचारी आगामी 20 मार्च को 2 घंटे के लिए यूनिट स्तर पर संकेतिक विरोध प्रदर्शन करेंगे। उसके बाद कर्मचारियों द्वारा मशाल लेकर उपायुक्त कार्यालय तक रोष प्रदर्शन किया जाएगा व 15 मई को राज्य स्तरीय रैली की जाएगी। इस अवसर पर यूनिट प्रधान केवल कृष्ण, हवा सिंह, जगदीश मैहता, जेई तरसेम चंद, मनोज कुमार, राम कृष्ण व अन्य बिजली कर्मचारी उपस्थित थे।
लेबल:
डबवाली समाचार,
dabwali news,
haryana govt
सीवरेज चॉक होने के कारण वहां के मौहल्लाविसयों में रोष

लेबल:
डबवाली समाचार,
dabwali news
सड़क हादसे में दो महिलाओं के घायल होने का समाचार
डबवाली-7 मार्च- रविवार को हुए एक सड़क हादसे में दो महिलाओं के घायल होने का समाचार है। प्राप्त जानकारी अनुसार गांव बगवाली निवासी बिकर सिंह उसकी पत्नी दलजीत कौर व पुत्री बलजिंद्र कौर तथा एक अन्य महिला परमजीत कौर पत्नी मेजर सिंह ट्रेक्टर पर सवार होकर डबवाली के एक निजी अस्पताल में दवाई लेने के लिए जा रहे थे।
बिकर सिंह ने बताया कि डबवाली से बठिंडा की और जा रही एक जेन कार ने उसने ट्रेक्टर को टक्कर मार दी।
जिस कारण ट्रेक्टर पर सवार दलजीत कौर व परमजीत कौर को चोटें आई। सूचना मिलते ही डबवाली की जन सहारा सेवा संस्था के सदस्यों ने घायलों को डबवाली के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया। मामले की सूचना संगत पुलिस को दे दी गई है।
बिकर सिंह ने बताया कि डबवाली से बठिंडा की और जा रही एक जेन कार ने उसने ट्रेक्टर को टक्कर मार दी।
जिस कारण ट्रेक्टर पर सवार दलजीत कौर व परमजीत कौर को चोटें आई। सूचना मिलते ही डबवाली की जन सहारा सेवा संस्था के सदस्यों ने घायलों को डबवाली के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया। मामले की सूचना संगत पुलिस को दे दी गई है।
लेबल:
डबवाली समाचार,
dabwali news
132 केवी सब सटेशन गांव आसाखेड़ा के कार्यालय में बिजली समस्या को लेकर एक बैठक
डबवाली-7 मार्च बुधवार को 132 केवी सब सटेशन गांव आसाखेड़ा के कार्यालय में बिजली समस्या को लेकर एक बैठक का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी देते हुए स्थानीय बिजली क्षेत्र के एक्सीयन डीके रंजन ने बताया कि इस बैठक में बिजली विभाग के सीनियर अधिकारी विशेषतौर पर पहुंच रहे है। जो ग्रामीणों की बिजली संबंधी समस्याओं का मौके पर ही निपटारा करेंगे।
लेबल:
डबवाली समाचार,
dabwali news
चोरीशुदा मोटरसाइकिलों सहित दो लोगों को काबू ,किया
डबवाली-7 मार्च -सीआईए डबवाली पुलिस ने दो चोरीशुदा मोटरसाइकिलों सहित दो लोगों को काबू किया। पकड़े गए आरोपी डबवाली क्षेत्र में उक्त मोटरसाइकिलों को बेचने की फिराक में थे। आरोपियों को आज न्यायालय में पेश किया जाएगा।
जानकारी देते हुए सीआईए डबवाली प्रभारी उपनिरीक्षक अमरनाथ ने बताया कि पुलिस को मुखबिर के द्वारा सूचना मिली कि पंजाब के दो लड़के चोरीशुदा मोटरसाइकिल लेकर डबवाली की ओर बेचने के लिए आ रहे हैं। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने नाकेबंदी कर दोनो आरोपियों को काबू कर लिया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान कनकवाल निवासी हरप्रीत पुत्र मलकीत ङ्क्षसह तथा रामामंडी निवासी गुरविंद्र पुत्र कौर सिंह के रूप में हुई है। आरोपियों से बजाज केलीवर तथा हीरो होंडा मोटरसाइकिलें बरामद की है। आरोपियों ने पुछताछ के दौरान बताया कि केलीबर मोटरसाइकिल उन्होने राजपुरा घुक्को तथा हीरो होंडा रामांमंडी के पास स्थित रिफाईनरी से चुराई थी। दोनो आरोपी नशे के आदि बताए जाते है।
जानकारी देते हुए सीआईए डबवाली प्रभारी उपनिरीक्षक अमरनाथ ने बताया कि पुलिस को मुखबिर के द्वारा सूचना मिली कि पंजाब के दो लड़के चोरीशुदा मोटरसाइकिल लेकर डबवाली की ओर बेचने के लिए आ रहे हैं। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने नाकेबंदी कर दोनो आरोपियों को काबू कर लिया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान कनकवाल निवासी हरप्रीत पुत्र मलकीत ङ्क्षसह तथा रामामंडी निवासी गुरविंद्र पुत्र कौर सिंह के रूप में हुई है। आरोपियों से बजाज केलीवर तथा हीरो होंडा मोटरसाइकिलें बरामद की है। आरोपियों ने पुछताछ के दौरान बताया कि केलीबर मोटरसाइकिल उन्होने राजपुरा घुक्को तथा हीरो होंडा रामांमंडी के पास स्थित रिफाईनरी से चुराई थी। दोनो आरोपी नशे के आदि बताए जाते है।
लेबल:
डबवाली समाचार,
dabwali news,
haryana police
सदर पुलिस थाना के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन,लोहगढ़ में विवाहिता कर्मजीत कौर द्वारा आत्महत्या करने का मामला,पति गिरफ्तार
डबवाली-उपमंडल के गांव लोहगढ़ में विवाहिता कर्मजीत कौर द्वारा आत्महत्या करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सोमवार को विवाहिता के पीहर वालों ने इस मामले में नामजद आरोपियों को गिरफ्तार न करने पर डबवाली गांव में स्थित सदर पुलिस थाना के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन में शामिल मृतका के चाचा मेजर सिंह निवासी घुक्कांवाली ने आरोप लगाया पुलिस इस मामले में कर्मजीत की सास और उसके देवर को कथित तौर निकालना चाहती है और इस कारण उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा रहा।
उन्होंने आरोप लगाया कि डबवाली के उपपुलिस अधीक्षक बाबू राम उन्हें जांच के नाम बार-बार डबवाली तलब कर रहा है। जबकि उनके घर पर मातम का माहौल है और घर पर शोक व्यक्त करने के लिए रिश्तेदारों जानकार लोगों का आना जाना लगा हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस इस मामले में इमानदारी पूर्वक अपने कर्तव्य का निर्वाह नहीं कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी है कि इस मामले में पुलिस ने अगर किसी भी आरोपी के खिलाफ साफ्ट कार्नर दिखाया तो वे इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
उन्होंने आरोप लगाया कि कर्मजीत कौर की सास हरबंस कौर, पति जगपाल सिंह और देवर बगा सिंह के लालच और उनकी द्वारा की गई प्रताडऩा के कारण ही कर्मजीत कौर अत्महत्या जैसा कठोर कदम उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि सात माह पूर्व उनके पिता के देहांत के बाद कर्मजीत के ससुरालियों का लालच बढ़ गया था और वे इस बात को सहन नहीं कर पाये कि उसने अपने हिस्से की जमीन अपने भाई जगसीर सिंह के नाम पर कर दी । जिस कारण कर्मजीत पर यातनाओं का पहाड़ टूट पड़ा।
जबकि इस मामले में मुख्य आरोपी जगपाल सिंह के मामा जगदेव सिंह तथा गांव के पूर्व सरपंच नछतर सिंह ने कर्मजीत के परिजनों के आरोप को निराधार बताते हुए कहा कि मलोट में बठिंड़ा रोड़ पर स्थित जगपाल सिंह व बगा सिंह की लाखों की कीमत वाली दो कनाल जमीन उन्होंने कर्मजीत के नाम करवा रखी है। अगर उन्हें किसी प्रकार का लालच होता तो वे ऐसा नहीं करते।
इस मामले की जांच कर रहे डीएसपी बाबू राम ने बताया कि बगा सिंह और हरबंस कौर ने जिला पुलिस कप्तान को एक प्रार्थना पत्र दे कर इस मामले में स्वयं को निर्दोष बताया है और इसकी निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। इस कारण रविवार और सोमवार को दोनों पक्षों को थाने में बुलाया गया था।
प्रदर्शन में शामिल मृतका के चाचा मेजर सिंह निवासी घुक्कांवाली ने आरोप लगाया पुलिस इस मामले में कर्मजीत की सास और उसके देवर को कथित तौर निकालना चाहती है और इस कारण उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा रहा।
उन्होंने आरोप लगाया कि डबवाली के उपपुलिस अधीक्षक बाबू राम उन्हें जांच के नाम बार-बार डबवाली तलब कर रहा है। जबकि उनके घर पर मातम का माहौल है और घर पर शोक व्यक्त करने के लिए रिश्तेदारों जानकार लोगों का आना जाना लगा हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस इस मामले में इमानदारी पूर्वक अपने कर्तव्य का निर्वाह नहीं कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी है कि इस मामले में पुलिस ने अगर किसी भी आरोपी के खिलाफ साफ्ट कार्नर दिखाया तो वे इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
उन्होंने आरोप लगाया कि कर्मजीत कौर की सास हरबंस कौर, पति जगपाल सिंह और देवर बगा सिंह के लालच और उनकी द्वारा की गई प्रताडऩा के कारण ही कर्मजीत कौर अत्महत्या जैसा कठोर कदम उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि सात माह पूर्व उनके पिता के देहांत के बाद कर्मजीत के ससुरालियों का लालच बढ़ गया था और वे इस बात को सहन नहीं कर पाये कि उसने अपने हिस्से की जमीन अपने भाई जगसीर सिंह के नाम पर कर दी । जिस कारण कर्मजीत पर यातनाओं का पहाड़ टूट पड़ा।
जबकि इस मामले में मुख्य आरोपी जगपाल सिंह के मामा जगदेव सिंह तथा गांव के पूर्व सरपंच नछतर सिंह ने कर्मजीत के परिजनों के आरोप को निराधार बताते हुए कहा कि मलोट में बठिंड़ा रोड़ पर स्थित जगपाल सिंह व बगा सिंह की लाखों की कीमत वाली दो कनाल जमीन उन्होंने कर्मजीत के नाम करवा रखी है। अगर उन्हें किसी प्रकार का लालच होता तो वे ऐसा नहीं करते।
इस मामले की जांच कर रहे डीएसपी बाबू राम ने बताया कि बगा सिंह और हरबंस कौर ने जिला पुलिस कप्तान को एक प्रार्थना पत्र दे कर इस मामले में स्वयं को निर्दोष बताया है और इसकी निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। इस कारण रविवार और सोमवार को दोनों पक्षों को थाने में बुलाया गया था।
पति गिरफ्तार:-लोहगढ़ गांव में विवाहिता द्वारा आत्महत्या किये जाने के मामले में सदर पुलिस ने मृतका के पति जगपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। चौटाला चौकी के प्रभारी जीत राम ने बताया कि उन्हें आज डबवाली की अदालत में पेश किया गया। जहां पर उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में सिरसा जेल भेज दिया है।
भय मुक्त हरियाणा,भ्रष्टाचार मुक्त हरियाणा कितना कारगार ?
चार साल पहले नंबर वन हरियाणा,
मीडिया को विज्ञापन भरपूर दे कर दिखाया, असल में जमीनी हकीकत पर फेल

अनिल लाम्बा
भूमि-अधिग्रहण नीति में अनेक खामियों के चलते हरियाणा में हुड्डा सरकार के हुए छ: साल पूरे
करनाल (अनिल लाम्बा) : मुख्यमंत्री हुड्डा अपने ही मुंह मियाँ-मिट्ठू बन कर प्रदेश की जनता को बरगलाते हुए छ: साल पूरे करने में कामयाब तो हुए हैं लेकिन असल में जमीनी हकीकत पर फेल हो कर रह गए हैं | आपको बता दें क़ि दो हज़ार पांच के चुनावों में जब कांग्रेस को अपार सफलता मिली थी तब प्रदेश में हुड्डा के नेतृतव में चुनाव नहीं लड़ा गया था | हुड्डा को प्रदेश क़ी बागडौर कांग्रेस क़ी चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने सौंपी थी ना क़ि हरियाणा क़ि जनता ने, हुड्डा के प्रदेश क़ी बागडौर संभालते ही सबसे पहले गुडगाँव में श्रमिक प्रकरण हुआ उसके बाद गोहाना जैसी घटनाओं ने हुड्डा सरकार के जहां पसीने छुडा दिए वहीं हरियाणा में मजबूत विपक्ष के ना होते हुड्डा सरकार ने चैन क़ी सांस तो ली किन्तु अपनी ही सरकार में अपने ही विरोधियों से हुड्डा खासे परेशान भी रहे | इसी बीच हुड्डा सरकार ने एक बारगी नहीं बल्कि बार-बार नंबर वन हरियाणा, भय मुक्त हरियाणा,भ्रष्टाचार मुक्त हरियाणा का राग अलापा किन्तु हरियाणा के धरातल पर ये फेल हो कर रह गया, इस पर भी हुड्डा ने संज्ञान नहीं लिया अपितु के मार्फ़त विज्ञापन दे एक झूठ को सच में बदलने का भरपूर प्रयास भी किया और साथ ही सरकारी खजाने को चपत भी लगती रही | इतने पर भी हुड्डा ने सच को जानने तक का प्रयास ना कर उस कहावत को भी चरितार्थ कर दिया क़ि अँधेरी रात में सूरज का दिखाना | मुख्यमंत्री हुड्डा द्वारा जो अंधरी रात में हरियाणा क़ि जनता को सूरज दिखाया गया था वो सूरज स्वयं मुख्यमंत्री को दो हज़ार नौ के चुनावों में नज़र आ गया | हरियाणा क़ी जनता ने हुड्डा सरकार को मात्र चालीस सीटों पर ही निपटा दिया और हरियाणा क़ी जनता ने विपक्ष के हाथ मजबूत कर हुड्डा सरकार क़ी परेशानियों को और भी बढ़ा दिया | इसके बाद हुड्डा सरकार ने बैसाखियों का सहारा ले कर अपनी सरकार खड़ी तो कर ली किन्तु मिर्चपुर काण्ड व हिसार काण्ड ने हुड्डा सरकार को अन्दर तक से हिला कर रख दिया | बैसाखियों के सहारे खड़ी क़ी गई हुड्डा सरकार को जहाँ विपक्ष ने आड़े हाथों लिया वहीं इनके अपनों ने भी इनकी टांग खिंचाई शुरू कर दी | अभी ये मामले ठन्डे भी ना हुए थे क़ि एक निजी चैनल ने हुड्डा सरकार पर भूमि-अधिग्रहण में भ्रष्टाचार का मामला उजागर कर दिया और देखते ही देखते समूचे विपक्ष सहित इनके अपनों ने भी इस प्रकरण पर हुड्डा सरकार क़ी जमकर खिंचाई क़ी | इस पर हुड्डा इतना बौखला गए क़ि उन्होंने सीधा- सीधा अपनों को चेतावनी दे डाली क़ि मेरी कुर्सी क़ी तरफ न देखो ये मुझे सोनिया गांधी के आशीर्वाद से मिली है और जब तक सोनिया गांधी का आशीर्वाद है तब तक मैं ही मुख्यमंत्री रहूंगा | लेकिन सवाल यह भी उठ रहा है क़ि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अब यह बोल रहे हैं क़ि उन्हें तो जनता ने मुख्यमंत्री बनाया है | यह बात हुड्डा भी जानते हैं क़ि विधानसभा चुनावों में सतासठ सीटें लेने वाली कांग्रेस इस बार चालीस के आंकड़े पर फिसल गई | सरकार बनाने के लिए सात निर्दलीय विधायकों को साथ लेना पड़ा और उन्हें मंत्री बना कर उनके मुताबिक़ के मंत्रालय भी देने पड़े | कहीं सात विधायक कांग्रेस के लिए मुसीबत बीच में ही खड़ी न कर दें इसलिए पिछले दरवाजे से हजकां में सेंध लगाकर हजकां के पांच विधायकों को रातों-रात विधानसभा अध्यक्ष क़ी मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल करवा दिया गया | क्योंकि हुड्डा जानते थे क़ि निर्दलीय विधायक कांग्रेस में शामिल नहीं होंगे | इसलिए इनके ऊपर पांच हजकां के विधायक लाद कर क्यों न इनका राजनीतिक वजन कम कर दिया जाए | भले ही विपक्ष के प्रहार से घबराकर हुड्डा यह बात क्यों न कह रहे हों क़ि उन्हें तो जनता ने मुख्यमंत्री बनाया है | यह बात राजनीतिक गलियारों में बेशक कही हुई अच्छी लगती हो मगर विधानसभा चुनावों में जनता द्वारा कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत ना दिया जाना यह साबित कर रहा है क़ी प्रदेश क़ि जनता कांग्रेस को नकार रही है | क्योंकि चालीस में से दस सीटें तो ऐसी थी जहां जीत का अंतर ही काफी कम था | यानी जनता का मूड कांग्रेस क़ी सरकार को लाना नहीं था | मगर हुड्डा शातिरयाना हिसाब से सरकार बना गए | यह बात हुड्डा भले ही ना कहें लेकिन प्रदेश क़ी जनता तो यही कह रही है | अब तो बिरेंदर सिंह डूमरखां राष्ट्रीय कांग्रेस में जबरदस्त वजूद दिखाते हुए राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव बन गए हैं | यही नहीं सोनिया गाँधी ने उन्हें त्वजों देते हुए तीन राज्यों का प्रभारी तक बना दिया है | मतलब साफ़ है क़ि हुड्डा जल्दी से भाव ना खा जाएं इसलिए हाईकमान ने उन्हें संकेत देते हुए उनके राजनीतिक धुरविरौधी बिरेन्द्र सिंह को राष्ट्रीय कांग्रेस में अहम् पद दे कर हुड्डा को चेतावनी भी दी गयी है | बहरहाल तौ केंद्र क़ी यू. पी. ऐ. सरकार को द्रमुक द्वारा अलग हो जाने के बाद उन पर ही खतरे के बादल मंडराते दिखाई दे रहे हैं | यदि केंद्र में कांग्रेस हिली तो हरियाणा में कांग्रेस को उड़ते हुए भी देर नहीं लगेगी |

मीडिया को विज्ञापन भरपूर दे कर दिखाया, असल में जमीनी हकीकत पर फेलभूमि-अधिग्रहण नीति में अनेक खामियों के चलते हरियाणा में हुड्डा सरकार के हुए छ: साल पूरे
अनिल लाम्बा
मीडिया
कालांवाली में चली गोली, आधा दर्जन घायल
कालांवाली, 6 मार्च।(बिल्लू यादव ) गांव देसू मलकाना रोड स्थित एक ट्रांसपोर्ट पर आज सुबह करीब 6 बजे कुछ लोगों ने हमला कर दिया। हमलावरोंं द्वारा की गई गोलीबारी में ट्रांसपोर्ट संचालक के भाई बालकृष्ण व उसका भतीजा योगेश तथा चालक घायल हो गए। उधर हमलावर भी चोट लगने से घायल हुए हैं जो पंजाब के आईआरबी (इंडियन रिजर्व बटालियन) के बताए जा रहे हैं। घायलों को पहले कालांवाली के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया व बाद में सिरसा के लिए रैफर कर दिया। हमलावरों में से दो लोगों को मौके पर काबू कर लिया। पुलिस को मौके पर चले हुए 6 कारतूस के खोल मिले है जो पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिए हैं। आरकेआरटी ट्रांसपोर्ट के संचालक संजीव कुमार निवासी पुरानी मंडी ने बताया कि उक्त हमलावर पंजाब पुलिस के कर्मचारी है। संजीव ने बताया कि उक्त हमलावर लोग उनके गोदाम से गाड़ी लूटने के प्रयास से आए थे। जब उनका विरोध किया तो हमलावरों ने गोलियां चलाई जिससे उसका भाई बालकृष्ण उर्फ वाली, भतीजा योगेश पुत्र पवन कुमार व चालक पाल सिंह घायल हो गए। बालकृष्ण के कंधे व टांग पर गोली के छर्रे लगे हैं। योगेश क ी छाती पर व चालक के सिर में छर्रे लगे हैं। जबकि ट्रांसपोर्ट संचालकों द्वारा काबू किए गए आरोपी बलजीत सिंह व अमनदीप सिंह भी पिटाई से घायल हुए हैं जिनका सिरसा के सामान्य अस्पताल में उपचार चल रहा है। उधर इंडियन रिजर्व बटालियन के एएसआई बलजीत सिंह,कांस्टेवल अमनदीप सिंह,जगवंत सिंह व गुरमीत सिंह ने कहा कि वे बठिण्डा जिला की मोबाइल विंग आईआरबी में रात को टैक्स चोरी करने वाली गाडिय़ों को पकडऩे के लिए हरियाणा सीमा पर गांव कनकवाल के पास पंजाब नाके पर खड़े थे। अमनदीप ने बताया कि जैसे ही एक टाटा 407 गाड़ी जो कि माल से लोड थी, को रोकने का इशारा किया तो चालक ने गाड़ी भगा दी। वे उस गाड़ी का पीछा करते हुए कालंावाली गोदाम तक आए। यहां पर उन पर हमला कर दिया। बचाव में उनके साथियों ने फायर किए। इन लोगोंं ने हमें बहुत पीटा है। आरोप है कि उनकी पिस्टल भी छीन ली गई है। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार की ओर से इंडियन रिजर्व बटालियन पुलिस को टैक्स विभाग के साथ टैक्स चोरी रोकने के लिए तैनात किया हुआ है और उक्त पुलिस टैक्स चोरी करने वाले लोगों की गाडिय़ों व माल को पकड़कर जुर्माना सहित फीस भरवाने का काम करती है।
अस्पताल में की नारेबाजीसिरसा के सामान्य अस्पताल में घायल बालकृष्ण व अन्य के साथ आए कालांवाली के लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि हमलावरों में कई लोग शामिल है जिन्हें पुलिस गिरफ्तार नहीं कर रही है। लोगों ने कहा कि पुलिस कुछ आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है।
शनिवार, 5 मार्च 2011
ਫੁਹਾਰਿਆਂ ਲਈ ਲੱਖ ਤੇ ਕੈਂਸਰ ਮਰੀਜ਼ਾਂ ਲਈ ਕੱਖ
![]() |
ਚਰਨਜੀਤ ਭੁੱਲਰ |
ਬਠਿੰਡਾ, 4 ਮਾਰਚਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਬਠਿੰਡਾ ਵਿੱਚ ਕੈਂਸਰ ਮਰੀਜ਼ਾਂ ਲਈ ਖਜ਼ਾਨਾ ਖਾਲੀ ਹੈ ਅਤੇ ਗਰੀਬ ਮਰੀਜ਼ ਮਾਲੀ ਮੱਦਦ ਉਡੀਕ ਰਹੇ ਹਨ ਪਰ ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ ਸਰਕਾਰ ਵੱਲੋਂ ਕਰੋੜਾਂ ਰੁਪਏ ਫੁਹਾਰਿਆਂ ’ਤੇ ਖਰਚੇ ਜਾ ਰਹੇ ਹਨ। ਸਰਕਾਰੀ ਮੱਦਦ ਦੀ ਉਡੀਕ ਵਿੱਚ ਹੀ ਕਰੀਬ ਡੇਢ ਸੌ ਕੈਂਸਰ ਮਰੀਜ਼ ਤਾਂ ਇਸ ਦੁਨੀਆਂ ਨੂੰ ਅਲਵਿਦਾ ਆਖ ਗਏ। ਸਰਕਾਰ ਵੱਲੋਂ ਕੈਂਸਰ ਮਰੀਜ਼ਾਂ ਦੀ ਪੁਕਾਰ ਨੂੰ ਕਦੇ ਸੁਣਿਆ ਹੀ ਨਹੀਂ ਗਿਆ। ਸੂਚਨਾ ਦੇ ਅਧਿਕਾਰ ਕਾਨੂੰਨ ਤਹਿਤ ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਬਠਿੰਡਾ ਵੱਲੋਂ ਮਿਲੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਅਨੁਸਾਰ ਪਹਿਲੀ ਅਪਰੈਲ 2008 ਤੋਂ 28 ਜਨਵਰੀ 2011 ਤੱਕ 501 ਕੈਂਸਰ ਮਰੀਜ਼ਾਂ ਨੇ ਮਾਲੀ ਮੱਦਦ ਵਾਸਤੇ ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚ ਕੀਤੀ ਸੀ। ਇਨ੍ਹਾਂ ਕੈਂਸਰ ਮਰੀਜ਼ਾਂ ਲਈ 2,11,83,891 ਰੁਪਏ ਦੀ ਲੋੜ ਸੀ। ਇਸ ਸਮੇਂ ਦੌਰਾਨ ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਵੱਲੋਂ ਕੈਂਸਰ ਪੀੜਤ ਮਰੀਜ਼ਾਂ ਲਈ 23.67 ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਦੀ ਰਾਸ਼ੀ ਹੀ ਜਾਰੀ ਕੀਤੀ ਗਈ। ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਨੇ ਇਸ ਸਮੇਂ ਦੌਰਾਨ ਪਹਿਲਾ ਮਾਰਚ 2008 ’ਚ 25 ਲੱਖ ਕੈਂਸਰ ਮਰੀਜ਼ਾਂ ਲਈ ਭੇਜੇ ਸਨ। ਉਸ ਮਗਰੋਂ ਕਰੀਬ 29 ਮਹੀਨੇ ਸਰਕਾਰ ਨੇ ਕੋਈ ਪੈਸਾ ਕੈਂਸਰ ਮਰੀਜ਼ਾਂ ਲਈ ਨਹੀਂ ਭੇਜਿਆ। ਕੈਂਸਰ ਮਰੀਜ਼ਾਂ ਦੇ ਦਫਤਰ ’ਚ ਗੇੜੇ ਵੱਧਣ ਤੋਂ ਮਗਰੋਂ ਸਰਕਾਰ ਨੇ ਅਗਸਤ 2010 ਵਿੱਚ ਛੇ ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਹੋਰ ਭੇਜ ਦਿੱਤੇ ਸਨ। ਸਰਕਾਰ ਨੇ ਫਿਰ ਛੇ ਮਹੀਨੇ ਚੁੱਪ ਵੱਟ ਲਈ। ਹੁਣ ਫਰਵਰੀ ਮਹੀਨੇ ਵਿੱਚ ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਬਠਿੰਡਾ ਦੇ ਕੈਂਸਰ ਮਰੀਜ਼ਾਂ ਨੂੰ 30 ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਹੋਰ ਭੇਜੇ ਹਨ ਜੋ ਕਿ ਦੋ ਹਫਤਿਆਂ ਤੋਂ ਹਾਲੇ ਤੱਕ ਵੰਡੇ ਨਹੀਂ ਗਏ ਹਨ।
ਵੇਰਵਿਆਂ ਅਨੁਸਾਰ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਰ੍ਹਿਆਂ ਦੌਰਾਨ ਡੇਢ ਸੌ ਦੇ ਕਰੀਬ ਮਰੀਜ਼ਾਂ ਦੀ ਮੌਤ ਹੋ ਗਈ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸਰਕਾਰੀ ਰਾਸ਼ੀ ਨਸੀਬ ਹੀ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕੀ। ਹੁਣ ਤਾਂ ਕੈਂਸਰ ਪੀੜਤਾਂ ਲਈ ਆਈ ਰਾਸ਼ੀ ਦਾ ਵੀ ਸਿਆਸੀ ਮੁੱਲ ਵੱਟਣਾ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ। ਜ਼ੁਬਾਨੀ ਹੁਕਮ ਹਨ ਕਿ ਕੈਂਸਰ ਪੀੜਤਾਂ ਨੂੰ ਚੈਕ ਕੇਵਲ ਸੰਸਦ ਮੈਂਬਰ ਬੀਬੀ ਹਰਸਿਮਰਤ ਕੌਰ ਬਾਦਲ ਦੇ ਸੰਗਤ ਦਰਸ਼ਨਾਂ ਵਿੱਚ ਹੀ ਵੰਡੇ ਜਾਣੇ ਹਨ। ਜਾਣਕਾਰੀ ਅਨੁਸਾਰ ਪਿਛਲੇ ਇੱਕ ਸੰਗਤ ਦਰਸ਼ਨ ਵਿੱਚ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਇੱਕ ਦਰਜ਼ਨ ਕੈਂਸਰ ਮਰੀਜ਼ਾਂ ਨੂੰ ਚੈੱਕ ਵੰਡੇ ਗਏ, ਉਨ੍ਹਾਂ ’ਚੋਂ ਦੋ ਵਿਅਕਤੀ ਤਾਂ ਰੱਬ ਨੂੰ ਵੀ ਪਿਆਰੇ ਹੋ ਗਏ ਹਨ। ਬੀਬੀ ਬਾਦਲ ਹੁਣ ਬਜਟ ਸੈਸ਼ਨ ’ਚ ਰੁਝੇ ਹੋਏ ਹਨ। ਕੈਂਸਰ ਮਰੀਜ਼ ਹੁਣ ਸੰਸਦ ਮੈਂਬਰ ਦਾ ਅਗਲਾ ਸੰਗਤ ਦਰਸ਼ਨ ਉਡੀਕ ਰਹੇ ਹਨ ਤਾਂ ਜੋ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਮਾਲੀ ਮੱਦਦ ਦਾ ਚੈਕ ਮਿਲ ਸਕੇ।
ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਪ੍ਰਸ਼ਾਸਨ ਨੇ ਤਾਂ ਹੁਣ ਜ਼ੁਬਾਨੀ ਹੁਕਮ ਕਰਕੇ ਕੈਂਸਰ ਮਰੀਜ਼ਾਂ ਦੀਆਂ ਸੂਚੀਆਂ ਵੀ ਵਿਧਾਨ ਸਭਾ ਹਲਕਿਆਂ ਅਨੁਸਾਰ ਤਿਆਰ ਕਰਨ ਲਈ ਆਖ ਦਿੱਤਾ ਹੈ ਜਦੋਂ ਕਿ ਪਹਿਲਾਂ ਅਜਿਹਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਸੀ। ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਬਠਿੰਡਾ ’ਚ ਇਸ ਵੇਲੇ ਕਰੀਬ ਦੋ ਹਜ਼ਾਰ ਕੈਂਸਰ ਦੇ ਮਰੀਜ਼ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ’ਚੋਂ ਬਹੁਤੇ ਤਾਂ ਬੀਕਾਨੇਰ ਤੋਂ ਇਲਾਜ ਕਰਵਾਉਣ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਕਿਉਂਕਿ ਉਥੇ ਇਲਾਜ ਸਸਤਾ ਹੈ। ਸਿਵਲ ਸਰਜਨ ਬਠਿੰਡਾ ਡਾ.ਆਈ.ਡੀ.ਗੋਇਲ ਦਾ ਕਹਿਣਾ ਸੀ ਕਿ ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਕੋਲ ਜੋ ਮਾਲੀ ਮੱਦਦ ਲਈ ਪਹੁੰਚ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਮਰੀਜ਼ਾਂ ਦੇ ਕੈਂਸਰ ਤੋਂ ਪੀੜਤ ਹੋਣ ਦੀ ਤਸਦੀਕ ਸਿਹਤ ਮਹਿਕਮਾ ਕਰਦਾ ਹੈ।
ਸਰਕਾਰ ਕੋਲ ਇਕ ਪਾਸੇ ਕੈਂਸਰ ਮਰੀਜ਼ਾਂ ਲਈ ਤਾਂ ਫੰਡ ਨਹੀਂ ਪਰ ਸਰਕਾਰ ਵੱਲੋਂ ਬਠਿੰਡਾ ਦੀਆਂ ਥਰਮਲ ਝੀਲਾਂ ’ਤੇ 75 ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਦੀ ਲਾਗਤ ਨਾਲ ਸੰਗੀਤਮਈ ਫੁਹਾਰਾ ਲਗਾਇਆ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ। 30 ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਕਿਸ਼ਤੀਆਂ ਖਰੀਦਣ ’ਤੇ ਖਰਚ ਕੀਤੇ ਜਾ ਰਹੇ ਹਨ। ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਬਠਿੰਡਾ ਦੇ ਮਾਡਲ ਟਾਊਨ ਫੇਜ਼ ਇੱਕ ਦੇ ਵੱਡੇ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਸਹੂਲਤ ਲਈ ਇਕੱਲਾ ਕਮਿਊਨਿਟੀ ਸੈਂਟਰ ਹੀ ਨਹੀਂ ਬਣਾਇਆ ਬਲਕਿ 50 ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਦੀ ਲਾਗਤ ਨਾਲ ਇੱਕ ਤੈਰਾਕੀ ਪੂਲ ਵੀ ਬਣਾ ਰਹੀ ਹੈ। ਭੁੱਚੋ ਮੰਡੀ ’ਚ ਵੀ 10 ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਦੀ ਲਾਗਤ ਨਾਲ ਇੱਕ ਤੈਰਾਕੀ ਪੂਲ ਬਣਾਇਆ ਜਾਣਾ ਹੈ। ਬਠਿੰਡਾ ਦੇ ਮਾਡਲ ਟਾਊਨ ਦੇ ਫੇਜ਼ ਤਿੰਨ ’ਚ ਇੱਕ ਛੋਟਾ ਰੰਗੀਨ ਫੁਹਾਰਾ ਲਗਾਇਆ ਜਾਣਾ ਹੈ ਜਿਸ ’ਤੇ 10 ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਖਰਚ ਆਉਣੇ ਹਨ। ਬਠਿੰਡਾ ਸ਼ਹਿਰ ਦੇ ਅੱਧੀ ਦਰਜ਼ਨ ਚੌਕਾਂ ’ਚ ਰੰਗੀਨ ਫੁਹਾਰੇ ਲਗਾਏ ਜਾਣੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਨਵੀਂ ਬਣ ਰਹੀ ਰਿੰਗ ਰੋਡ ਫੇਜ਼ ਦੋ ਦੇ ਹਰ ਚੌਕ ’ਚ ਵੀ ਰੰਗੀਨ ਫੁਹਾਰੇ ਲਗਾਉਣ ਦੀ ਯੋਜਨਾ ਹੈ। ਸਰਕਾਰ ਨੇ ਸੁਨਹਿਰੀ ਬੋਰਡਾਂ ’ਤੇ ਵੀ ਕਰੀਬ 94 ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਖਰਚ ਕਰ ਦਿਤਾ ਹੈ। ਮਰੀਜ਼ਾਂ ਨੂੰ ਅਣਗੌਲਿਆ ਕਰਨ ਸਬੰਧੀ ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਅਤੇ ਐਸ.ਡੀ.ਐਮ.ਬਠਿੰਡਾ ਨਾਲ ਕਈ ਵਾਰ ਸੰਪਰਕ ਕਰਨ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕੀਤੀ ਪਰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਫੋਨ ਨਾ ਅਟੈਂਡ ਕੀਤਾ।
ਵੇਰਵਿਆਂ ਅਨੁਸਾਰ ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਰ੍ਹਿਆਂ ਦੌਰਾਨ ਡੇਢ ਸੌ ਦੇ ਕਰੀਬ ਮਰੀਜ਼ਾਂ ਦੀ ਮੌਤ ਹੋ ਗਈ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸਰਕਾਰੀ ਰਾਸ਼ੀ ਨਸੀਬ ਹੀ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕੀ। ਹੁਣ ਤਾਂ ਕੈਂਸਰ ਪੀੜਤਾਂ ਲਈ ਆਈ ਰਾਸ਼ੀ ਦਾ ਵੀ ਸਿਆਸੀ ਮੁੱਲ ਵੱਟਣਾ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ। ਜ਼ੁਬਾਨੀ ਹੁਕਮ ਹਨ ਕਿ ਕੈਂਸਰ ਪੀੜਤਾਂ ਨੂੰ ਚੈਕ ਕੇਵਲ ਸੰਸਦ ਮੈਂਬਰ ਬੀਬੀ ਹਰਸਿਮਰਤ ਕੌਰ ਬਾਦਲ ਦੇ ਸੰਗਤ ਦਰਸ਼ਨਾਂ ਵਿੱਚ ਹੀ ਵੰਡੇ ਜਾਣੇ ਹਨ। ਜਾਣਕਾਰੀ ਅਨੁਸਾਰ ਪਿਛਲੇ ਇੱਕ ਸੰਗਤ ਦਰਸ਼ਨ ਵਿੱਚ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਇੱਕ ਦਰਜ਼ਨ ਕੈਂਸਰ ਮਰੀਜ਼ਾਂ ਨੂੰ ਚੈੱਕ ਵੰਡੇ ਗਏ, ਉਨ੍ਹਾਂ ’ਚੋਂ ਦੋ ਵਿਅਕਤੀ ਤਾਂ ਰੱਬ ਨੂੰ ਵੀ ਪਿਆਰੇ ਹੋ ਗਏ ਹਨ। ਬੀਬੀ ਬਾਦਲ ਹੁਣ ਬਜਟ ਸੈਸ਼ਨ ’ਚ ਰੁਝੇ ਹੋਏ ਹਨ। ਕੈਂਸਰ ਮਰੀਜ਼ ਹੁਣ ਸੰਸਦ ਮੈਂਬਰ ਦਾ ਅਗਲਾ ਸੰਗਤ ਦਰਸ਼ਨ ਉਡੀਕ ਰਹੇ ਹਨ ਤਾਂ ਜੋ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਮਾਲੀ ਮੱਦਦ ਦਾ ਚੈਕ ਮਿਲ ਸਕੇ।
ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਪ੍ਰਸ਼ਾਸਨ ਨੇ ਤਾਂ ਹੁਣ ਜ਼ੁਬਾਨੀ ਹੁਕਮ ਕਰਕੇ ਕੈਂਸਰ ਮਰੀਜ਼ਾਂ ਦੀਆਂ ਸੂਚੀਆਂ ਵੀ ਵਿਧਾਨ ਸਭਾ ਹਲਕਿਆਂ ਅਨੁਸਾਰ ਤਿਆਰ ਕਰਨ ਲਈ ਆਖ ਦਿੱਤਾ ਹੈ ਜਦੋਂ ਕਿ ਪਹਿਲਾਂ ਅਜਿਹਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ ਸੀ। ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਬਠਿੰਡਾ ’ਚ ਇਸ ਵੇਲੇ ਕਰੀਬ ਦੋ ਹਜ਼ਾਰ ਕੈਂਸਰ ਦੇ ਮਰੀਜ਼ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ’ਚੋਂ ਬਹੁਤੇ ਤਾਂ ਬੀਕਾਨੇਰ ਤੋਂ ਇਲਾਜ ਕਰਵਾਉਣ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਕਿਉਂਕਿ ਉਥੇ ਇਲਾਜ ਸਸਤਾ ਹੈ। ਸਿਵਲ ਸਰਜਨ ਬਠਿੰਡਾ ਡਾ.ਆਈ.ਡੀ.ਗੋਇਲ ਦਾ ਕਹਿਣਾ ਸੀ ਕਿ ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਕੋਲ ਜੋ ਮਾਲੀ ਮੱਦਦ ਲਈ ਪਹੁੰਚ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਮਰੀਜ਼ਾਂ ਦੇ ਕੈਂਸਰ ਤੋਂ ਪੀੜਤ ਹੋਣ ਦੀ ਤਸਦੀਕ ਸਿਹਤ ਮਹਿਕਮਾ ਕਰਦਾ ਹੈ।
ਸਰਕਾਰ ਕੋਲ ਇਕ ਪਾਸੇ ਕੈਂਸਰ ਮਰੀਜ਼ਾਂ ਲਈ ਤਾਂ ਫੰਡ ਨਹੀਂ ਪਰ ਸਰਕਾਰ ਵੱਲੋਂ ਬਠਿੰਡਾ ਦੀਆਂ ਥਰਮਲ ਝੀਲਾਂ ’ਤੇ 75 ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਦੀ ਲਾਗਤ ਨਾਲ ਸੰਗੀਤਮਈ ਫੁਹਾਰਾ ਲਗਾਇਆ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ। 30 ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਕਿਸ਼ਤੀਆਂ ਖਰੀਦਣ ’ਤੇ ਖਰਚ ਕੀਤੇ ਜਾ ਰਹੇ ਹਨ। ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਬਠਿੰਡਾ ਦੇ ਮਾਡਲ ਟਾਊਨ ਫੇਜ਼ ਇੱਕ ਦੇ ਵੱਡੇ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਸਹੂਲਤ ਲਈ ਇਕੱਲਾ ਕਮਿਊਨਿਟੀ ਸੈਂਟਰ ਹੀ ਨਹੀਂ ਬਣਾਇਆ ਬਲਕਿ 50 ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਦੀ ਲਾਗਤ ਨਾਲ ਇੱਕ ਤੈਰਾਕੀ ਪੂਲ ਵੀ ਬਣਾ ਰਹੀ ਹੈ। ਭੁੱਚੋ ਮੰਡੀ ’ਚ ਵੀ 10 ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਦੀ ਲਾਗਤ ਨਾਲ ਇੱਕ ਤੈਰਾਕੀ ਪੂਲ ਬਣਾਇਆ ਜਾਣਾ ਹੈ। ਬਠਿੰਡਾ ਦੇ ਮਾਡਲ ਟਾਊਨ ਦੇ ਫੇਜ਼ ਤਿੰਨ ’ਚ ਇੱਕ ਛੋਟਾ ਰੰਗੀਨ ਫੁਹਾਰਾ ਲਗਾਇਆ ਜਾਣਾ ਹੈ ਜਿਸ ’ਤੇ 10 ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਖਰਚ ਆਉਣੇ ਹਨ। ਬਠਿੰਡਾ ਸ਼ਹਿਰ ਦੇ ਅੱਧੀ ਦਰਜ਼ਨ ਚੌਕਾਂ ’ਚ ਰੰਗੀਨ ਫੁਹਾਰੇ ਲਗਾਏ ਜਾਣੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਨਵੀਂ ਬਣ ਰਹੀ ਰਿੰਗ ਰੋਡ ਫੇਜ਼ ਦੋ ਦੇ ਹਰ ਚੌਕ ’ਚ ਵੀ ਰੰਗੀਨ ਫੁਹਾਰੇ ਲਗਾਉਣ ਦੀ ਯੋਜਨਾ ਹੈ। ਸਰਕਾਰ ਨੇ ਸੁਨਹਿਰੀ ਬੋਰਡਾਂ ’ਤੇ ਵੀ ਕਰੀਬ 94 ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਖਰਚ ਕਰ ਦਿਤਾ ਹੈ। ਮਰੀਜ਼ਾਂ ਨੂੰ ਅਣਗੌਲਿਆ ਕਰਨ ਸਬੰਧੀ ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਅਤੇ ਐਸ.ਡੀ.ਐਮ.ਬਠਿੰਡਾ ਨਾਲ ਕਈ ਵਾਰ ਸੰਪਰਕ ਕਰਨ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕੀਤੀ ਪਰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਫੋਨ ਨਾ ਅਟੈਂਡ ਕੀਤਾ।
ਤੁਸੀਂ ਤਾਂ ਮੁਆਫ ਕਰੋ...।
![]() |
ਚਰਨਜੀਤ ਭੁੱਲਰ |


ਪੀ.ਆਰ.ਟੀ.ਸੀ ਦੇ ਡਿਪੂ ਵਾਈਜ ਇਸ ਮਾਮਲੇ 'ਚ ਸਥਿਤੀ ਦੇਖੀਏ ਤਾਂ ਬਰਨਾਲਾ ਡਿਪੂ ਵਲੋਂ ਦੋ ਸਾਲਾਂ 'ਚ 867 ਮੁਫ਼ਤਖ਼ੋਰ ਫੜੇ ਗਏ ਜਦੋਂ ਕਿ ਫਰੀਦਕੋਟ ਡਿਪੂ ਵਲੋਂ 482 ਮੁਫਤਖੋਰਾਂ ਨੂੰ ਫੜਿਆ ਗਿਆ। ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਬੁਢਲਾਡਾ ਡਿਪੂ ਵਲੋਂ 721 ਯਾਤਰੀ ਬਿਨ੍ਹਾਂ ਟਿਕਟ ਤੋਂ ਸਫ਼ਰ ਕਰਦੇ ਫੜੇ ਗਏ ਹਨ ਅਤੇ ਇਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਸਪੈਸ਼ਲ ਸੈਲ ਵਲੋਂ ਵੀ 571 ਯਾਤਰੀ ਬਿਨ੍ਹਾਂ ਟਿਕਟ ਤੋਂ ਸਫ਼ਰ ਕਰਦੇ ਫੜੇ ਗਏ ਹਨ। ਪੀ.ਆਰ.ਟੀ.ਸੀ ਦੇ ਬਠਿੰਡਾ ਡਿਪੂ ਦੇ ਜਨਰਲ ਮੈਨੇਜਰ ਸ੍ਰੀ ਇਕਬਾਲ ਸਿੰਘ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਮੁਫਤਖੋਰਾਂ ਤੋਂ ਦਸ ਗੁਣਾ ਜੁਰਮਾਨਾ ਵਸੂਲ ਕੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਬਕਾਇਦਾ ਰਸੀਦ ਦਿੱਤੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਮੁਫਤਖੋਰਾਂ 'ਚ ਪੁਲੀਸ ਮੁਲਾਜ਼ਮ ਵੀ ਕਾਫ਼ੀ ਸ਼ਾਮਲ ਹਨ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਜਦੋਂ ਸਰਕਾਰੀ ਵਾਊਚਰ ਖਤਮ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਉਹ ਮੁਫ਼ਤ ਦਾ ਸਫ਼ਰ ਕਰਨਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਡੇਲੀ ਪੈਸੰਜਰ ਮੁਫ਼ਤ ਦੇ ਸਫ਼ਰ ਵਾਲਿਆਂ 'ਚ ਜਿਆਦਾ ਹਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਪਿਛਲੇ ਮਹੀਨਿਆਂ 'ਚ ਉੱਡਣ ਦਸਤੇ ਵਲੋਂ ਇੱਕ ਪੁਲੀਸ ਇੰਸਪੈਕਟਰ ਵੀ ਮੁਫ਼ਤ 'ਚ ਸਫ਼ਰ ਕਰਦਾ ਫੜਿਆ ਜੋ ਕਿ ਸਿਵਲ ਕੱਪੜਿਆਂ 'ਚ ਸੀ। ਉਸ ਤੋਂ ਦਸ ਗੁਣਾ ਕਿਰਾਇਆ ਵਸੂਲ ਕੀਤਾ ਗਿਆ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਮੁਫ਼ਤਖ਼ੋਰ ਵੀ ਪੀ.ਆਰ.ਟੀ.ਸੀ ਨੂੰ ਸੱਟ ਮਾਰ ਰਹੇ ਹਨ।
ਮੁਫਤਖੋਰਾਂ 'ਚ ਔਰਤਾਂ ਤੇ ਹੋਮ ਗਾਰਡ ਜਵਾਨ ਵੀ।
ਮੁਫ਼ਤ ਮੁਫ਼ਤ ਦੇ ਝੂਟੇ ਲੈਣ ਵਾਲਿਆਂ 'ਚ ਔਰਤਾਂ ਵੀ ਸ਼ਾਮਲ ਹਨ। ਉੱਡਣ ਦਸਤਿਆਂ ਦੇ ਮੈਂਬਰਾਂ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਔਰਤਾਂ ਵਲੋਂ ਫੜੇ ਜਾਣ 'ਤੇ ਇਹੋ ਬਹਾਨਾ ਲਗਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਕੰਡਕਟਰ ਤਾਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਕੋਲ ਆਇਆ ਹੀ ਨਹੀਂ। ਮੁਫ਼ਤਖ਼ੋਰੀ 'ਚ ਹੋਮ ਗਾਰਡ ਦੇ ਜਵਾਨ ਵੀ ਜਿਆਦਾ ਸਫ਼ਰ ਕਰਦੇ ਹਨ ਜੋ ਕਿ ਪੁਲੀਸ ਮੁਲਾਜ਼ਮਾਂ ਦੇ ਸਰਕਾਰੀ ਵਾਊਚਰ ਵਰਤ ਲੈਂਦੇ ਹਨ ਪ੍ਰੰਤੂ ਇਸ ਮਾਮਲੇ 'ਚ ਉਹ ਅਕਸਰ ਫਸ ਜਾਂਦੇ ਹਨ। ਮੁਫਤਖੋਰਾਂ 'ਚ ਬੱਸਾਂ ਦੇ ਹਾਕਾਂ ਮਾਰਨ ਵਾਲੇ 'ਹਾਕਰ' ਵੀ ਹਨ। ਉੱਡਣ ਦਸਤੇ ਦੇ ਇੱਕ ਮੈਂਬਰ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਕਈ ਪੁਲੀਸ ਵਾਲੇ ਤਾਂ ਆਪਣੇ ਰਿਸ਼ਤੇਦਾਰਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਮੁਫ਼ਤ ਸਫ਼ਰ ਵਾਲਾ 'ਵਾਊਚਰ' ਦੇ ਦਿੱਤੇ ਹਨ ਅਤੇ ਅਜਿਹੇ ਕਈ ਕੇਸ ਅੜਿੱਕੇ ਆਏ ਹਨ।
ਬਠਿੰਡਾ ਮਲੋਟ ਰੂਟ 'ਤੇ ਮੁਫਤਖੋਰਾਂ ਦੀ ਸਰਦਾਰੀ।
ਮਾਲਵੇ ਚੋਂ ਬਠਿੰਡਾ ਮਲੋਟ ਰੂਟ ਬਦਨਾਮੀ ਖੁਣੋਂ ਪਹਿਲੇ ਨੰਬਰ 'ਤੇ ਹੈ। ਕੇਂਦਰੀ ਉੱਡਣ ਦਸਤੇ ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਇਸੇ ਰੂਟ 'ਤੇ ਅੱਖ ਰੱਖਦੇ ਹਨ। ਵੀ.ਆਈ.ਪੀ ਇਲਾਕਾ ਹੋਣ ਕਰਕੇ ਹਰ ਕੋਈ ਮੁਫਤੋਂ ਮੁਫ਼ਤੀ ਦੇ ਝੂਟੇ ਲੈਣਾ ਚਾਹੁੰਦਾ ਹੈ। ਉੱਡਣ ਦਸਤਿਆਂ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਇੱਕੋ ਇੱਕ ਮਲੋਟ ਬਠਿੰਡਾ ਰੂਟ ਹੈ ਜਿਥੇ ਮੁਫਤਖੋਰਾਂ ਦੀ ਸਰਦਾਰੀ ਹੈ। ਬਹੁਤੇ ਮੁਫ਼ਤਖ਼ੋਰ ਫੜੇ ਜਾਣ 'ਤੇ ਸਿਆਸੀ ਲੀਡਰਾਂ ਨੇ ਝੱਟ ਗੱਲ ਕਰਾ ਦਿੰਦੇ ਹਨ। ਸੂਤਰਾਂ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਇਸੇ ਰੂਟ 'ਤੇ ਜਿਆਦਾ ਛਾਪੇਮਾਰੀ ਵੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ। ਕਈ ਦਫ਼ਾ ਸਿਆਸੀ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਸਿਫਾਰਸ਼ ਮੁਫਤਖੋਰਾਂ ਦਾ ਖਹਿੜਾ ਵੀ ਛੁਡਵਾ ਦਿੰਦੀ ਹੈ।
शुक्रवार, 4 मार्च 2011
हौज चिल्लड़ कांड को लेकर सिखों द्वारा रोष प्रदर्शन
लेबल:
dabwali news
हत्यारोपी के परिवार का हुक्का-पानी बंद
गांव की महापंचायत में लिया गया फैसला
डबवाली-क्षेत्र के गांव सावंतखेड़ा में 11 फरवरी को वृद्धा गुरदेव कौर की हत्या के आरोपी भोला उर्फ निक्कू के परिवारजनों का गांव की पंचायत ने हुक्का-पानी बंद कर दिया है। यह फैसला बीती शाम गांव में हुई महापंचायत में सर्वसम्मति से लिया गया जिसकी अध्यक्षता गांव के सरपंच रणजीत सिंह ने की। बीती शाम गांव में महापंचायत बुलाई गई थी जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया। देर शाम तक चली पंचायत में उपस्थित ग्रामीणों ने एक स्वर में निर्णय लिया कि गुरदेव कौर के हत्यारोपी भोला के परिवार के सदस्यों से कोई भी लेन-देन नहीं रखेगा। न कोई उनके घर जाएगा और कोई भी ग्रामीण उन्हें मजदूरी या काम पर नहीं रखेगा। यहां तक की गांव की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं पर रोक लगा दी है। इसके अलावा पंचायत में गांव में मोबाइल फोन पर फिल्मी गाने बजाने वाले युवकों पर भी लगाम लगाने का निर्णय हुआ। ग्रामीणों के कहा कि कुछ युवक अपने मोबाइल पर ऊंची आवाज में फिल्मी गाने बजाते हुए गलियों में घूमते हैं जिससे गांव का माहौल बिगड़ रहा है। ऐसे युवकों पर अंकुश लगाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि 70 वर्षीय गुरदेव कौर का शव 11 फरवरी को गांव के पास खेत में पड़ा मिला था जिसके हाथ-पांव उसी के कपड़ों से बंधे हुए थे। आशंका यह भी जताई जा रही है कि वृद्धा की रेप के बाद हत्या की गई थी। पुलिस जांच में गुरदेव के पास काम करने वाले भोला पर हत्या का शक हुआ था। बाद में पुलिस ने भोला को गिरफ्तार करके पूछताछकी तो उसने हत्या की बात स्वीकार कर ली थी और अब आरोपी जिला जेल में बंद है।
डबवाली-क्षेत्र के गांव सावंतखेड़ा में 11 फरवरी को वृद्धा गुरदेव कौर की हत्या के आरोपी भोला उर्फ निक्कू के परिवारजनों का गांव की पंचायत ने हुक्का-पानी बंद कर दिया है। यह फैसला बीती शाम गांव में हुई महापंचायत में सर्वसम्मति से लिया गया जिसकी अध्यक्षता गांव के सरपंच रणजीत सिंह ने की। बीती शाम गांव में महापंचायत बुलाई गई थी जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया। देर शाम तक चली पंचायत में उपस्थित ग्रामीणों ने एक स्वर में निर्णय लिया कि गुरदेव कौर के हत्यारोपी भोला के परिवार के सदस्यों से कोई भी लेन-देन नहीं रखेगा। न कोई उनके घर जाएगा और कोई भी ग्रामीण उन्हें मजदूरी या काम पर नहीं रखेगा। यहां तक की गांव की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं पर रोक लगा दी है। इसके अलावा पंचायत में गांव में मोबाइल फोन पर फिल्मी गाने बजाने वाले युवकों पर भी लगाम लगाने का निर्णय हुआ। ग्रामीणों के कहा कि कुछ युवक अपने मोबाइल पर ऊंची आवाज में फिल्मी गाने बजाते हुए गलियों में घूमते हैं जिससे गांव का माहौल बिगड़ रहा है। ऐसे युवकों पर अंकुश लगाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि 70 वर्षीय गुरदेव कौर का शव 11 फरवरी को गांव के पास खेत में पड़ा मिला था जिसके हाथ-पांव उसी के कपड़ों से बंधे हुए थे। आशंका यह भी जताई जा रही है कि वृद्धा की रेप के बाद हत्या की गई थी। पुलिस जांच में गुरदेव के पास काम करने वाले भोला पर हत्या का शक हुआ था। बाद में पुलिस ने भोला को गिरफ्तार करके पूछताछकी तो उसने हत्या की बात स्वीकार कर ली थी और अब आरोपी जिला जेल में बंद है।
लेबल:
डबवाली समाचार,
dabwali news
मिर्चपुर कांड को दोहराने नहीं दिया जाएगा--करनैल सिंह औढ़ा
डबवाली- गांव सावंतखेड़ा में हत्यारोपी बोला सिंह उर्फ निक्का सिंह उर्फ गुरदीप सिंह के परिवार का बहिष्कार की घोषणा के बाद गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है। गांव वासियों के इस फरमान को लेकर सिक्ख समुदाय सकते में है। वे गांव वासियों के इस फरमान को न्याय संगत नहीं मानते दूसरी और गांव वासियों के इस कदम के बाद सुरक्षा के लिहाज से भारी संख्या में गांव में पुलिस फोर्स तैनात की गई है। थाना शहर डबवाली के प्रभारी बलवंत जस्सू, औढ़ा थाना प्रभारी हीरा लाल व कालांवाली थाना के प्रभारी विक्रम नेहरा व महिला पुलिस बल की टूकड़ी व दल बल के साथ दिन भर गांव सावंतखेड़ा में डटे रहे। इंडियन बहुजन संदेश पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सरदार करनैल सिंह औढ़ा ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ निक्का सिंह के घर पहुंचे व उन्होंने इस मौके पर पत्रकारों से बातचित करते हुए बहिष्कार के निर्णय को गलत ठहराया।
उन्होंने बताया कि कुछ लोग गांव के भाईचारे का माहौल खराब करना चाहते है। उन्होंने चेतावनी दी है कि मिर्चपुर कांड को दोहराने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी जाति, समुदाय के बहिष्कार का अधिकार किसी के पास नहीं है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में शीघ्र ही पुलिस कप्तान से मुलाकात करेंगे और ये फरमान जारी करने व गांव का माहौल खराब करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग करेंगे।
उन्होंने आरोप लगाया कि हत्या के मामले में बोला उर्फ निक्का को फंसाया गया है। उन्होंने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा कि अगर निक्का सिंह को न्याय नहीं मिला तो उन्हें मजबूरन आंदोलन चलाना पड़ेगा। इस मौके पर पार्टी के जिलाध्यक्ष बूटा सिंह, कालांवाली हलका प्रधान नछतर सिंह, हरदेव सिंह, मदन लाल, रामां सिंह, मक्खन सिंह, बलजिंद्र सिंह उपस्थित थे।
- बाक्स-
थाना शहर डबवाली पुलिस द्वारा गांव सावंतखेड़ा में वृद्धा गुरदेव कौर की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए युवक बोला सिंह उर्फ निक्का सिंह के परिजनों ने उसे निर्दोष करार देते हुए कहा है कि राजनीतिक रंजिश के तहत उसे फंसाया जा रहा है। निक्का सिंह के भाई जगसीर सिंह और बहन कर्मजीत कौर ने पत्रकारवार्ता में आरोप लगाया है कि गांव के ही एक व्यक्ति के इशारे पर पुलिस ने निक्का सिंह की बेरहमी से पिटाई की और जर्बदस्ती डंडे के जोर पर हत्या की बात कबूल करवाई। उन्होंने आरोप लगाया है कि वह न तो अजैब सिंह का सीरी है और न ही उसने कभी उनके यहां नौकरी की है। पुलिस इस मामले मेंं झूठी कहानी गढ़ रही है। उन्होंने गांव के सरपंच रणजीत सिंह पर कई आरोप लगाए है। उधर, इस मामले में गांव सरपंच रणजीत सिंह का कहना है कि उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है। पुलिस ने इस मामले की जांच की है और गांव वासियों ने अपने स्तर पर उनके परिवार के बहिष्कार का फैंसला लिया है।
विवाहिता ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त की
डबवाली- उपमंडल के गांव लोहगढ़ में एक विवाहिता ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मृतका की पहचान कर्मजीत कौर पत्नी जगपाल सिंह के रूप में हुई है। घटना वीरवार देर रात की है। इस मामले में पुलिस ने मृतका के भाई जगसीर सिंह के ब्यानों पर सुसरालियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का का मामला दर्ज किया है। घुक्कांवाली निवासी जगसीर सिंह ने पुलिस को दिए ब्यान में आरोप लगाया कि उसकी बहन कर्मजीत कौर का विवाह 2 वर्ष पूर्व लोहगढ़ निवासी गुरचरण सिंह के पुत्र जगपाल सिंह के साथ हुआ था। विवाह के कुछ देर बाद ही ससुराल वालों ने दहेज के लिए उसे प्रताडि़त करना शुरू कर दिया। उसने बताया कि करीब 7 माह पूर्व उसके पिता वारू सिंह का देहांत हो गया था। जिसके बाद उनकी 26 एकड़ भूमि में सभी बहनों ने अपने हिस्से की भूमि उसके नाम कर दी। इस बात की जानकारी जब कर्मजीत के ससुराल वालों को मिली तो उन्होंने उसकी बहन को प्रताडि़त करना आरम्भ कर दिया। जिससे परेशान होकर उसकी बहन को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ा। उन्होंने बताया कि वीरवार सायं करीब 7 बजे गांव लोहगढ़ के पटवारी बलविंद्र सिंह ने फोन पर उसकी बहन की मौत की सूचना दी। सूचना मिलने के उपरांत वह अपने चाचा गुरसेवक सिंह व बलदेव सिंह को साथ लेकर डबवाली के राजकीय अस्पताल में पहुंचा। जहां पर उसकी बहन का शव पड़ा था और उसकी बहन के ससुराल पक्ष का कोई भी व्यक्ति नहीं था। गांव के पूर्व सरपंच हरबंस सिंह ने बताया कि कल सायं 6 बजे के करीब जगपाल सिंह की माता हरबंस कौर उर्फ पालो ने शोर मचाया कि उसकी बहु कर्मजीत कौर ने फांसी लगा ली है। आसपड़ौस के लोगों ने उसे नीचे उतार कर डबवाली के राजकीय अस्पताल में पहुंचाया। जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मामले की जांच कर रहे चौटाला चौकी के प्रभारी जीत राम ने बताया कि पुलिस इस मामले में मृतका के भाई जसवीर सिंह के ब्यान पर पति जगपाल सिंह, सास हरबंस कौर व देवर बग्गा सिंह के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप में मामला दर्ज कर लिया है।
लेबल:
डबवाली समाचार,
dabwali news
गुरुवार, 3 मार्च 2011
वाहन की चपेट में आए व्यक्ति की मौके पर ही मौत
डबवाली-(राकेश बिश्नोई )पंजाब क्षेत्र के निकटवर्ती गांव किलियांवाली व गांव कुम्हारा गांव के बीच सड़क पर अज्ञात वाहन की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। लेकिन मृतक व्यक्ति की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आज प्रात: सितो-खुब्बन रोड पर स्थित गांव कुम्हारा के समीप अज्ञात वाहन ने एक पैदल जा रहे व्यक्ति को कुचल दिया और वहां से फरार हो गया। वाहन की चपेट में आए व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। गांव कुम्हारा के चौकीदार मस्सा सिंह ने इसकी सूचना किलियांवाली पुलिस चौकी में दी। सूचना पाकर पुलिस चौकी इंचार्ज कश्मीरी लाल पुलिस बल के साथ घटना स्थल पर पहुंचे और शव को अपने कब्जे में लेकर उसकी पहचान के लिए पुलिसकर्मियों को आसपास इलाके के गांवों में भेजा लेकिन किसी ने भी शव की शिनाख्त नहीं की। किलियांवाली पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई के उपरांत शव को पोस्टमार्टम के लिए डबवाली की जन सहारा सेवा संस्था के सदस्यों के सहयोग से मलोट के राजकीय अस्पताल में भेजा गया। चौकी इंचार्ज कश्मीरी लाल ने बताया कि मृतक ने सफेद व बिस्कुटी रंग का स्वेटर, जामनी रंग की धारीदार कमीज, सफेद पजामा व पांव में हवाई चप्पल पहनी हुई थी। पोस्टमार्टम के बाद शव की पहचान के लिए उसे 72 घंटों के लिए मलोट के शवग्रह में रखा गया है।
लेबल:
डबवाली समाचार,
dabwali news
हत्यारोपी के घरवालों को किया जा सकता है तड़ीपार
आज होगी गांव में महापंचायत
डबवाली, 3 मार्च । गांव सांवतखेड़ा में 11 फरवरी को वृद्ध गुरदेव कौर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार भोला उर्फ निक्कू के परिजनों पर भी गाज गिरने की संभावना है। इसका फैसला करने के लिए आज शाम को गांव में सावंतखेड़ा में महापंचायत होगी। सावंतखेड़ा निवासी गुरदेव कौर का शव 11 फरवरी को गांव के पास खेत में पड़ा हुआ मिला था। शव के हाथ-पैर बंधे हुए थे। बाद में पुलिस जांच में पता चला था कि वृद्धा की हत्या उसके पास रहने वाले युवक भोला उर्फ निक्कू ने की थी। भोला ने भी पुलिस के समक्ष अपना गुनाह कबूल कर लिया है और इस समय वह जेल में बंद है। अब गांव के लोग भोला के परिवार को गांव से निकालने की सोच रहे हैं। ग्रामीणों का एक धड़ा कहता है कि जिस परिवार के युवक ने एक 70 वर्ष की महिला का बेरहमी से कत्ल कर दिया, उसके परिवार को गांव में नहीं रहने दिया जाए। इसी मुद्दे पर आज शाम गांव में महापंचायत बुलाई गई है। अब यह देखना है कि महापंचायत भोला के परिवार को गांव से निकालने का फरमान सुनाती है या नहीं।
डबवाली, 3 मार्च । गांव सांवतखेड़ा में 11 फरवरी को वृद्ध गुरदेव कौर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार भोला उर्फ निक्कू के परिजनों पर भी गाज गिरने की संभावना है। इसका फैसला करने के लिए आज शाम को गांव में सावंतखेड़ा में महापंचायत होगी। सावंतखेड़ा निवासी गुरदेव कौर का शव 11 फरवरी को गांव के पास खेत में पड़ा हुआ मिला था। शव के हाथ-पैर बंधे हुए थे। बाद में पुलिस जांच में पता चला था कि वृद्धा की हत्या उसके पास रहने वाले युवक भोला उर्फ निक्कू ने की थी। भोला ने भी पुलिस के समक्ष अपना गुनाह कबूल कर लिया है और इस समय वह जेल में बंद है। अब गांव के लोग भोला के परिवार को गांव से निकालने की सोच रहे हैं। ग्रामीणों का एक धड़ा कहता है कि जिस परिवार के युवक ने एक 70 वर्ष की महिला का बेरहमी से कत्ल कर दिया, उसके परिवार को गांव में नहीं रहने दिया जाए। इसी मुद्दे पर आज शाम गांव में महापंचायत बुलाई गई है। अब यह देखना है कि महापंचायत भोला के परिवार को गांव से निकालने का फरमान सुनाती है या नहीं।
लेबल:
डबवाली समाचार,
dabwali news
चिल्लड़ गांव की आत्मकथा
अश्वनी कुमार सम्पादक पंजाब केसरी
मुझे अभी तक वह नजारा याद है जब श्री राजीव गांधी की तमिलनाडु में हत्या के बाद दिल्ली में उनके अन्तिम संस्कार के लिए पार्थिव शरीर अन्तिम यात्रा के लिए राजघाट के समीप ले जाया जा रहा था और उनकी शवयात्रा में शामिल भीड़ से ये नारे लगवाये जा रहे थे कि 'राजीव के हत्यारों को-जूते मारो सालों कोÓ बिना शक यह कांग्रेसी भीड़ ही थी जो ऐसे नारे लगा रही थी। यह किसी भी राजनीतिक दल के दिमागी दिवालियेपन की पराकाष्ठा का जीता-जागता सबूत था और किसी एक व्यक्ति के क्रूर कारनामे को उसके पूरे वृहद समाज से जोडऩे की नाकाम कोशिश थी जो इस देश के लोगों के इंसानियत के जज्बे की वजह से सिरे नहीं चढ़ सकी। यह अकारण नहीं था 1योंकि १९८४ में कांग्रेस जिस अभूतपूर्व बहुमत (लोकसभा में ४१४ सीटें) लेकर स8ाा पर काबिज हुई थी उसके पीछे विशुद्ध रूप से घृणा की राजनीति थी और यह विद्वेष व घृणा सिख समाज के प्रति पैदा की गई थी। श्रीमती इन्दिरा गांधी की हत्या इसी समाज के एक व्यक्ति द्वारा किये जाने के बाद जिस प्रकार इस समाज के खिलाफ स8ाा नियोजित आतंक पैदा किया गया और देश के विभिन्न हिस्सों में बेदर्दी और चंगेजी तरीके से सिखों को निशाना बनाया गया उसका प्रमाण हरियाणा के रेवाड़ी जिले का वह चिल्लड़ गांव है जहां सिख परिवारों का नामो-निशान मिटा दिया गया। अब २७ साल बाद इस कांड की गूंज यदि संसद में उठती है तो यह स्वीकार किया जाना चाहिए कि इतना समय बीत जाने के बाद और राज्य में विभिन्न दलों की सरकारें आने-जाने के बावजूद ऐसा कृत्य करने वालों को कानून की पकड़ में लाने की इच्छा शक्ति किसी में नहीं है। इस मामले की एफआईआर दर्ज होने के बावजूद यदि प्रशासनतन्त्र हत्यारों का पता नहीं लगा पाता है और जिन लोगों पर जुल्म हुए हैं उनके बचे-खुचे परिवार के लोगों को यदि हरियाणा पुलिस गुमशुदा की श्रेणी में डाल कर 'केसÓ को बन्द कर देती है तो इसका सीधा अर्थ यही है कि हरियाणा में १९८४ के बाद अभी तक जितनी भी राज्य सरकारें आयी हैं वे कोई सरकार नहीं बल्कि अराजक तत्वों का समूह थीं। सवाल यह नहीं है कि २७ साल बाद यह मामला संसद में उठा है बल्कि सवाल यह है कि २७ सालों तक कानून के रखवाले हत्यारों का संरक्षण करते रहे हैं? सवाल यह है कि 1या राजनीतिक व्यवस्था ऐसे कृत्य करने वालों को आश्वस्त करने का इन्तजाम करती है? 1या राजनीतिक दल स8ाा प्राप्त करने के लिए पूरा सामाजिक भाईचारा तोडऩे की नीतियों को अपनी राजनीतिक रणनीति बना बैठे हैं? निश्चित रूप से यह राष्ट्रविरोधी कृत्य है। न भारत का संविधान इसकी इजाजत देता है और न भारतीय संस्कृति।
मुझे यह लिखने में भी जरा भी गुरेज नहीं है कि गोधरा कांड के बाद गुजरात में जो दानवी तांडव हुआ उसके पीछे भी यही मानसिकता काम कर रही थी। स8ाा पर काबिज होने का यह विध्वंस भरा रास्ता राजनीतिज्ञों के लिए सरल हो सकता है मगर इस देश के लिए विनाशकारी ही साबित हुआ है। इस देश के दो टुकड़े इसी मानसिकता के चलते १९४७ में हुए थे मगर कांग्रेस ने अपने सारे पुण्यों को उसी दिन गन्दे नाले में बहा दिया था जिस दिन १९८४ में सिख विरोधी दंगे भड़काये गये थे और उस घृणा से उपजी वोटों की लहर पर बैठ कर इसने लोकसभा में ४१४ स्थान प्राप्त किये थे। ये दंगे दूसरे राजनीतिक दलों के लिए स8ाा पर आसानी से क4जा करने के लिए नजीर बन गये और शासन प्रायोजित हिंसा का नमूना बन गये मगर विचारशून्य स8ाा का 1या हश्र होता है इसका उदाहरण भी स्वयं कांग्रेस पार्टी ही है जो १९८४ के बाद से अभी तक किसी भी चुनाव में अपने बूते पर लोकसभा में बहुमत प्राप्त करने में सक्षम नहीं हो सकी है। कांग्रेस के 'होनहारÓ युवा अल6बरदारों में अगर इसके बावजूद इतनी हि6मत है कि वे सीना ठोक कर यह कहें कि अगर १९९२ में राजीव गांधी प्रधानमन्त्री होते तो अयोध्या में बाबरी ढांचा नहीं गिर सकता था, तो सिवाय सिर पीटने के और 1या किया जा सकता है। जब उन्हीं के प्रधानमन्त्री रहते दिल्ली समेत पूरे देश में जीते-जागते हजारों सिखों का कत्ल किया गया हो तो ईंट-गारे से बनी इमारतों की सुरक्षा का ढिंढोरा पीटना 1या उस कहावत की याद नहीं दिलाता है जो इस देश के गांवों में आज भी प्रचलित है 'जिन्दे की बात न पूछे-मरे को धर-धर पीटे।Ó मेरे कहने का मतलब सिर्फ इतना ही है कि सिख दंगे देश के राजनीतिक चरित्र के पतन का शिलालेख हैं। इसके बाद ही इस देश में समाज को और तोडऩे की राजनीति पैदा हुई और विश्वनाथ प्रताप सिंह जैसे मौसमी विचार शून्य राजनीतिज्ञ की हि6मत मंडल आयोग के पर्दे में समाज को भीतर से खोखला करने की हुई। इसलिए असली मुद्दा यह है कि इस देश के सभी राजनीतिक दल केवल चिल्लड़ गांव के दोषियों को सजा दिलाने की मुहिम न छेड़ें बल्कि उस मानसिकता से बाहर आयें जो ऐसे कृत्य कराती है। बेशक इसमें सबसे बड़ी जि6मेदारी कांग्रेस पार्टी की है 1योंकि उसी ने इस देश में शासन प्रायोजित आतंक की शुरूआत की है। अब मुझे प्रधानमन्त्री डा. मनमोहन सिंह बताएं कि इस देश में न1सलवाद से भी बड़ी समस्या 1या ऐसी राजनीतिक मानसिकता की नहीं है? यह तो दुगना धोखा और आतंकवाद है 1योंकि स्वयं स8ाा में बैठे व्यक्ति ही लोगों को आपस में एक-दूसरे के खून का प्यासा बनाते हैं और शासन आंखें बन्द करके सब कुछ देखता है। चिल्लर गांव की यही आत्मकथा है मगर इस मुल्क के लोग 1या करें जिनकी किस्मत में ऐसे रहनुमा लिख दिये गये हैं जो रहबरी करके ही हुक्काम बने।
मुझे अभी तक वह नजारा याद है जब श्री राजीव गांधी की तमिलनाडु में हत्या के बाद दिल्ली में उनके अन्तिम संस्कार के लिए पार्थिव शरीर अन्तिम यात्रा के लिए राजघाट के समीप ले जाया जा रहा था और उनकी शवयात्रा में शामिल भीड़ से ये नारे लगवाये जा रहे थे कि 'राजीव के हत्यारों को-जूते मारो सालों कोÓ बिना शक यह कांग्रेसी भीड़ ही थी जो ऐसे नारे लगा रही थी। यह किसी भी राजनीतिक दल के दिमागी दिवालियेपन की पराकाष्ठा का जीता-जागता सबूत था और किसी एक व्यक्ति के क्रूर कारनामे को उसके पूरे वृहद समाज से जोडऩे की नाकाम कोशिश थी जो इस देश के लोगों के इंसानियत के जज्बे की वजह से सिरे नहीं चढ़ सकी। यह अकारण नहीं था 1योंकि १९८४ में कांग्रेस जिस अभूतपूर्व बहुमत (लोकसभा में ४१४ सीटें) लेकर स8ाा पर काबिज हुई थी उसके पीछे विशुद्ध रूप से घृणा की राजनीति थी और यह विद्वेष व घृणा सिख समाज के प्रति पैदा की गई थी। श्रीमती इन्दिरा गांधी की हत्या इसी समाज के एक व्यक्ति द्वारा किये जाने के बाद जिस प्रकार इस समाज के खिलाफ स8ाा नियोजित आतंक पैदा किया गया और देश के विभिन्न हिस्सों में बेदर्दी और चंगेजी तरीके से सिखों को निशाना बनाया गया उसका प्रमाण हरियाणा के रेवाड़ी जिले का वह चिल्लड़ गांव है जहां सिख परिवारों का नामो-निशान मिटा दिया गया। अब २७ साल बाद इस कांड की गूंज यदि संसद में उठती है तो यह स्वीकार किया जाना चाहिए कि इतना समय बीत जाने के बाद और राज्य में विभिन्न दलों की सरकारें आने-जाने के बावजूद ऐसा कृत्य करने वालों को कानून की पकड़ में लाने की इच्छा शक्ति किसी में नहीं है। इस मामले की एफआईआर दर्ज होने के बावजूद यदि प्रशासनतन्त्र हत्यारों का पता नहीं लगा पाता है और जिन लोगों पर जुल्म हुए हैं उनके बचे-खुचे परिवार के लोगों को यदि हरियाणा पुलिस गुमशुदा की श्रेणी में डाल कर 'केसÓ को बन्द कर देती है तो इसका सीधा अर्थ यही है कि हरियाणा में १९८४ के बाद अभी तक जितनी भी राज्य सरकारें आयी हैं वे कोई सरकार नहीं बल्कि अराजक तत्वों का समूह थीं। सवाल यह नहीं है कि २७ साल बाद यह मामला संसद में उठा है बल्कि सवाल यह है कि २७ सालों तक कानून के रखवाले हत्यारों का संरक्षण करते रहे हैं? सवाल यह है कि 1या राजनीतिक व्यवस्था ऐसे कृत्य करने वालों को आश्वस्त करने का इन्तजाम करती है? 1या राजनीतिक दल स8ाा प्राप्त करने के लिए पूरा सामाजिक भाईचारा तोडऩे की नीतियों को अपनी राजनीतिक रणनीति बना बैठे हैं? निश्चित रूप से यह राष्ट्रविरोधी कृत्य है। न भारत का संविधान इसकी इजाजत देता है और न भारतीय संस्कृति।
मुझे यह लिखने में भी जरा भी गुरेज नहीं है कि गोधरा कांड के बाद गुजरात में जो दानवी तांडव हुआ उसके पीछे भी यही मानसिकता काम कर रही थी। स8ाा पर काबिज होने का यह विध्वंस भरा रास्ता राजनीतिज्ञों के लिए सरल हो सकता है मगर इस देश के लिए विनाशकारी ही साबित हुआ है। इस देश के दो टुकड़े इसी मानसिकता के चलते १९४७ में हुए थे मगर कांग्रेस ने अपने सारे पुण्यों को उसी दिन गन्दे नाले में बहा दिया था जिस दिन १९८४ में सिख विरोधी दंगे भड़काये गये थे और उस घृणा से उपजी वोटों की लहर पर बैठ कर इसने लोकसभा में ४१४ स्थान प्राप्त किये थे। ये दंगे दूसरे राजनीतिक दलों के लिए स8ाा पर आसानी से क4जा करने के लिए नजीर बन गये और शासन प्रायोजित हिंसा का नमूना बन गये मगर विचारशून्य स8ाा का 1या हश्र होता है इसका उदाहरण भी स्वयं कांग्रेस पार्टी ही है जो १९८४ के बाद से अभी तक किसी भी चुनाव में अपने बूते पर लोकसभा में बहुमत प्राप्त करने में सक्षम नहीं हो सकी है। कांग्रेस के 'होनहारÓ युवा अल6बरदारों में अगर इसके बावजूद इतनी हि6मत है कि वे सीना ठोक कर यह कहें कि अगर १९९२ में राजीव गांधी प्रधानमन्त्री होते तो अयोध्या में बाबरी ढांचा नहीं गिर सकता था, तो सिवाय सिर पीटने के और 1या किया जा सकता है। जब उन्हीं के प्रधानमन्त्री रहते दिल्ली समेत पूरे देश में जीते-जागते हजारों सिखों का कत्ल किया गया हो तो ईंट-गारे से बनी इमारतों की सुरक्षा का ढिंढोरा पीटना 1या उस कहावत की याद नहीं दिलाता है जो इस देश के गांवों में आज भी प्रचलित है 'जिन्दे की बात न पूछे-मरे को धर-धर पीटे।Ó मेरे कहने का मतलब सिर्फ इतना ही है कि सिख दंगे देश के राजनीतिक चरित्र के पतन का शिलालेख हैं। इसके बाद ही इस देश में समाज को और तोडऩे की राजनीति पैदा हुई और विश्वनाथ प्रताप सिंह जैसे मौसमी विचार शून्य राजनीतिज्ञ की हि6मत मंडल आयोग के पर्दे में समाज को भीतर से खोखला करने की हुई। इसलिए असली मुद्दा यह है कि इस देश के सभी राजनीतिक दल केवल चिल्लड़ गांव के दोषियों को सजा दिलाने की मुहिम न छेड़ें बल्कि उस मानसिकता से बाहर आयें जो ऐसे कृत्य कराती है। बेशक इसमें सबसे बड़ी जि6मेदारी कांग्रेस पार्टी की है 1योंकि उसी ने इस देश में शासन प्रायोजित आतंक की शुरूआत की है। अब मुझे प्रधानमन्त्री डा. मनमोहन सिंह बताएं कि इस देश में न1सलवाद से भी बड़ी समस्या 1या ऐसी राजनीतिक मानसिकता की नहीं है? यह तो दुगना धोखा और आतंकवाद है 1योंकि स्वयं स8ाा में बैठे व्यक्ति ही लोगों को आपस में एक-दूसरे के खून का प्यासा बनाते हैं और शासन आंखें बन्द करके सब कुछ देखता है। चिल्लर गांव की यही आत्मकथा है मगर इस मुल्क के लोग 1या करें जिनकी किस्मत में ऐसे रहनुमा लिख दिये गये हैं जो रहबरी करके ही हुक्काम बने।
लेबल:
चिल्लड़ गांव,
dabwali news,
Dr sukhpal singh
सदस्यता लें
संदेश (Atom)