नई दिल्ली, रुचिका मामले में हरियाणा के पूर्व डीजीपी एसपीएस राठौर को बचाने वाले सीबीआई के तत्कालीन अफसरों पर भी गाज गिर सकती है। राठौर को बचाने वाले अफसरों की पहचान के लिए सीबीआई ने आंतरिक जांच शुरू कर दी है। अभियोजन निदेशक अब्दुल अजीज इस जांच की कमान संभाल रहे हैं। सीबीआई के तत्कालीन संयुक्त निदेशक आरएम सिंह के इस खुलासे कि राठौर ने उन्हें केस कमजोर करने के लिए रिश्वत देने की कोशिश भी की थी, से सकते में आई सीबीआई ने राठौर के मददगार दागी अफसरों की खोज शुरू कर दी है। रुचिका मामले में जांच करने वाले सीबीआई के तत्कालीन डीआईजी राजेश रंजन ने दैनिक जागरण से कहा था कि उन्हें राठौर के खिलाफ खुदकुशी के लिए मजबूर किए जाने का ठोस सुबूत नहीं मिला था। उन्होंने बयान न देने के लिए रुचिका के भाई आशु को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था। वहीं, सीबीआई के तत्कालीन निदेशक आरके राघवन और तत्कालीन कानूनी सलाहकार एसके शर्मा ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि उन्हें इस केस के बारे में कुछ भी याद नहीं है। अब अब्दुल अजीज की जांच के बाद इन अफसरों की असली भूमिका का खुलासा होगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जिस समय केस की जांच सीबीआई के पास आई थी, उस समय तक रुचिका खुदकुशी कर चुकी थी। सारे सुबूत राठौर को जिम्मेदार ठहरा रहे थे, लेकिन सीबीआई ने न केवल राठौर को आरोप से मुक्त किया बल्कि अदालत में लिखित विरोध कर राठौर की राह आसान कर दी। जाहिर है अपनी जिम्मेदारी से सीबीआई के तत्कालीन अधिकारी बच नहीं सकते। समस्या यह है कि इस केस से संबंधित ज्यादातर अधिकारी या तो सेवानिवृत्त हो चुके है या फिर मूल कैडर में लौट गए हैं। ऐसे में दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सबसे पहले यही पता लगाना होगा कि किन अफसरों ने राठौर की मदद की।
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गुरुवार, 31 दिसंबर 2009
कट्रीना के दीवानों ने लांघी सरहद
अमृतसर, मुंबई में नए साल का जश्न देखने और खासकर बालीवुड अभिनेत्री कट्रीना कैफ से मिलने की ललक में पाकिस्तान के चार छात्र सरहद पार कर भारत चले आए। भला हो बीएसएफ का कि उन्होंने वार्निग दी और चारों जहां के तहां थम गए, नहीं तो उन पर गोलियां भी चलाई जा सकती थीं। पाकिस्तान के शेखूपुरा में रहने वाले मोहम्मद सहबाग (17) आसिफ(18) बिलाल(18) और मुहम्मद अली (18) एक ही स्कूल में पढ़ते हैं। इन्हें सिर्फ इतना पता था कि भारत में नए साल का जश्न बहुत मस्ती से मनाया जाता है। इस जश्न में शामिल होने के साथ-साथ वे कट्रीना से मिलने के लिए भी बेकरार थे। चारों दोस्तों ने 27 दिसंबर 2009 को प्लानिंग की और कंटीली तार क्रास कर भारत में प्रवेश कर गए। पाक की ओर कंटीली तार नहीं लगी है। वे पाक रेंजर्स को धोखा दे देने में सफल रहे, मगर बीएसएफ की आंखों में धूल नहीं झोंक सके। रात में शाल लपेटे चारों लड़कों को बीएसएफ ने पुल कंजरी के निकट संदिग्ध हालत में देखा तो रुकने की हिदायत दी। बीएसएफ ने हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ शुरू की तो चारों ने बताया कि उन्होंने सुना है कि भारत में नए साल का जश्न बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है और मुंबई में तो इसका अंदाज ही जुदा होता है। यह जश्न देखने के साथ ही वे कट्रीना कैफ से भी मिलना चाहते थे। इसलिए उन्होंने प्लान बनाया कि इस बार नए साल का जश्न मुंबई में मनाएंगे। उन्हें यह नहीं मालूम था कि भारत में प्रवेश करने के लिए पासपोर्ट की जरूरत होती है। बीएसएफ को पूछताछ में ये चारों किसी संदिग्ध गतिविधि में संलिप्त नहीं दिखे। उनके पास कोई ऐसी चीज भी नहीं पाई गई जो उन्हें संदिग्ध साबित करती। सभी पहलुओं की जांच करते हुए बीएसएफ ने मंगलवार को उन्हें पाक रेंजर्स के हवाले कर दिया। ज्ञात हो कि भारत-पाक में यह समझौता है कि अगर गलती से एक दूसरे की सीमा में उनका नागरिक प्रवेश कर जाए तो उसेबिना किसी कार्रवाई के वापस भेज दिया जाएगा।
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बुधवार, 30 दिसंबर 2009
अब टीवी पर देश-दुनिया का हाल सुनाएंगे अमिताभ
फिल्म 'पा' में ऑरो का किरदार निभाने और कई समारोहों में शामिल होने के बाद अब बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चान अपनी आने वाली फिल्म 'रण' में मीडियाकर्मी विजय हर्षवर्धन मलिक की भूमिका करेंगे और गुरुवार रात वह एक टेलीविजन चैनल पर साल भर की खबरों का लेखा-जोखा पढ़कर सुनाएंगे।
समाचार चैनल 'टाइम्स नाउ' के लिए एक समाचार वक्ता का किरदार कर रहे अमिताभ के साथ मौजूद रहीं फिल्म की सह-निर्माता शीतल तलवार कहती हैं, ''हम केवल मनोरंजन से संबंधित गतिविधियों की ही बात नहीं कर रहे हैं।''
तलवार ने कहा, ''ये वैश्विक राजनीति से संबद्ध घटनाएं थीं। बच्चन ने इनके लिए टेलीविजन पर जगह पाई है यद्यपि वह अपने जीवन में भी समाचारों का विश्लेषण करते रहे हैं। यह बहुत अद्भुत अनुभव था।''गुरुवार की रात अमिताभ 2009 के छह वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करते नजर आएंगे। वह एक घंटे के कार्यक्रम में भारतीय राष्ट्रीय राजनीति, आतंकवाद, क्रिकेट, स्वाइन फ्लू, मंदी और ओबामा पर चर्चा करेंगे।
निर्देशक राम गोपाल वर्मा की फिल्म 'रण' के 29 जनवरी को प्रदर्शित होने से पहले यह कार्यक्रम अमिताभ की मीडिया संबंधी कई गतिविधियों में से एक होगा। अमिताभ अपनी आगामी फिल्म 'रण' का प्रचार अपने नाम पर नहीं बल्कि फिल्म के किरदार के नाम पर ही करना चाहते हैं।
समाचार चैनल 'टाइम्स नाउ' के लिए एक समाचार वक्ता का किरदार कर रहे अमिताभ के साथ मौजूद रहीं फिल्म की सह-निर्माता शीतल तलवार कहती हैं, ''हम केवल मनोरंजन से संबंधित गतिविधियों की ही बात नहीं कर रहे हैं।''
तलवार ने कहा, ''ये वैश्विक राजनीति से संबद्ध घटनाएं थीं। बच्चन ने इनके लिए टेलीविजन पर जगह पाई है यद्यपि वह अपने जीवन में भी समाचारों का विश्लेषण करते रहे हैं। यह बहुत अद्भुत अनुभव था।''गुरुवार की रात अमिताभ 2009 के छह वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करते नजर आएंगे। वह एक घंटे के कार्यक्रम में भारतीय राष्ट्रीय राजनीति, आतंकवाद, क्रिकेट, स्वाइन फ्लू, मंदी और ओबामा पर चर्चा करेंगे।
निर्देशक राम गोपाल वर्मा की फिल्म 'रण' के 29 जनवरी को प्रदर्शित होने से पहले यह कार्यक्रम अमिताभ की मीडिया संबंधी कई गतिविधियों में से एक होगा। अमिताभ अपनी आगामी फिल्म 'रण' का प्रचार अपने नाम पर नहीं बल्कि फिल्म के किरदार के नाम पर ही करना चाहते हैं।
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US intelligence failed to act over 'Nigerian attacker' internet chatter
Intelligence agents failed to act on internet "chatter" among al-Qaeda members that referred to a possible attack by "the Nigerian", it has emerged.
High-ranking White House officials say that intelligence services should have pieced together warnings about Umar Farouk Abdulmutallab, who is accused of trying to blow up a plane on Christmas Day, with suspicious chatter about a Nigerian in an al-Qaeda terror plot.
"That could have led to a much broader picture and allowed us to disrupt the attack," a senior administration official said.
American intelligence already had warnings of plans for a Christmas-week terror attack, according to the New York Daily News. They also knew that al-Qaeda in Yemen planned to use a recruit dubbed "the Nigerian" in a forthcoming mission.
"It was not obvious or readily apparent that all of it spoke to this attack, but in fact we believe it did," the official said.
According to ABC news there was intelligence to suggest that a plot was being hatched in Yemen. President Obama last night denounced "a mix of human and systemic failures" that allowed Mr Abdulmutallab, a Nigerian student, to board the plane to Detroit.
"I consider that totally unacceptable," Mr Obama said, adding that he would "insist on accountability at every level." He added: "Lives are at stake." He said that he had "serious concerns" about intelligence from the alleged bomber's father in November and intercepts of communications about a potential attack that were ignored.
Government, State Department and immigration databases had information about Mr Abdulmutallab's two previous trips to the US — once to the Washington area in 2004 and again to Houston Texas for a "religious conference" in 2008 — and about the multiple-entry visa he still held.
Given the warning from the alleged bomber's father Dr Alhaji Umaru Mutallab, Hillary Clinton's State Department had the power to revoke the visa, but the message from the US embassy in Abuja, Nigeria's capital, did not disclose that Mr Abdulmutallab was in possession of such a permit. The counter-terrorism centre entered him onto the watch list of over half a million names but due to "insufficient evidence" did not add him to the no-fly list.
Intelligence services failed to join the dots between the evidence which was stacking up and Mr Abdulmutallab remained free to fly to the US from Amsterdam.
President Obama said that wasn't good enough. "There were bits of information available within the intelligence community that could have — and should have — been pieced together," he said. "The suspect would have never been allowed to board that plane for America."
The Dutch Interior Minister will today give a press conference about the case.
Polish airports intensified security screening for passengers bound for the US today saying that all travellers must pass through full body scanners that can detect even the smallest traces of explosive material.
Mr Abdulmutallab, who studied at University College London and visited Yemen shortly before the attack, was permitted to board Flight 253 for Detroit even though his father, a prominent banker, had reported his suspicions to US officials in November.
Mr Abdulmutallab has been charged with attempting to set off an explosive device shortly before the plane came into land. The device failed at the last minute but President Obama last night said there was a "potentially catastrophic breach of security" that could have killed nearly 300 people.
The President spoke out amid growing criticism from his Republican opponents that he is not doing enough to protect the American public from terrorist atrocities.
They have also questioned whether it is right for the President to continue with his plan to close Guantanamo Bay.
High-ranking White House officials say that intelligence services should have pieced together warnings about Umar Farouk Abdulmutallab, who is accused of trying to blow up a plane on Christmas Day, with suspicious chatter about a Nigerian in an al-Qaeda terror plot.
"That could have led to a much broader picture and allowed us to disrupt the attack," a senior administration official said.
American intelligence already had warnings of plans for a Christmas-week terror attack, according to the New York Daily News. They also knew that al-Qaeda in Yemen planned to use a recruit dubbed "the Nigerian" in a forthcoming mission.
"It was not obvious or readily apparent that all of it spoke to this attack, but in fact we believe it did," the official said.
According to ABC news there was intelligence to suggest that a plot was being hatched in Yemen. President Obama last night denounced "a mix of human and systemic failures" that allowed Mr Abdulmutallab, a Nigerian student, to board the plane to Detroit.
"I consider that totally unacceptable," Mr Obama said, adding that he would "insist on accountability at every level." He added: "Lives are at stake." He said that he had "serious concerns" about intelligence from the alleged bomber's father in November and intercepts of communications about a potential attack that were ignored.
Government, State Department and immigration databases had information about Mr Abdulmutallab's two previous trips to the US — once to the Washington area in 2004 and again to Houston Texas for a "religious conference" in 2008 — and about the multiple-entry visa he still held.
Given the warning from the alleged bomber's father Dr Alhaji Umaru Mutallab, Hillary Clinton's State Department had the power to revoke the visa, but the message from the US embassy in Abuja, Nigeria's capital, did not disclose that Mr Abdulmutallab was in possession of such a permit. The counter-terrorism centre entered him onto the watch list of over half a million names but due to "insufficient evidence" did not add him to the no-fly list.
Intelligence services failed to join the dots between the evidence which was stacking up and Mr Abdulmutallab remained free to fly to the US from Amsterdam.
President Obama said that wasn't good enough. "There were bits of information available within the intelligence community that could have — and should have — been pieced together," he said. "The suspect would have never been allowed to board that plane for America."
The Dutch Interior Minister will today give a press conference about the case.
Polish airports intensified security screening for passengers bound for the US today saying that all travellers must pass through full body scanners that can detect even the smallest traces of explosive material.
Mr Abdulmutallab, who studied at University College London and visited Yemen shortly before the attack, was permitted to board Flight 253 for Detroit even though his father, a prominent banker, had reported his suspicions to US officials in November.
Mr Abdulmutallab has been charged with attempting to set off an explosive device shortly before the plane came into land. The device failed at the last minute but President Obama last night said there was a "potentially catastrophic breach of security" that could have killed nearly 300 people.
The President spoke out amid growing criticism from his Republican opponents that he is not doing enough to protect the American public from terrorist atrocities.
They have also questioned whether it is right for the President to continue with his plan to close Guantanamo Bay.
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अर्जेंटीना में हुआ पहला समलैंगिक विवाह
ब्यूनस आयर्स एजेंसी, अर्जेंटीना में एक समलैंगिक पुरुष युगल ने देश के फेडरल जज के आदेश को खता बताते हुए शादी रचा ली है। सोमवार को संपन्न यह विवाह लैटिन अमेरिका में पहला समलैंगिक विवाह है।
39 साल के 39 और 41 साल के जोस मारिया बेलो ने सोमवार को दक्षिण अर्जेंटीना के उशुऐआ शहर में शादी की। इससे पहले नवम्बर में एक स्थानीय अदालत ने राष्ट्रीय नीति के खिलाफ जाकर दोनों को राजधानी में शादी करने की इजाजत दी थी। बाद में फेडरल जज ने इस इजाजत पर रोक लगा दी जिसके कारण एक दिसम्बर को निर्धारित यह शादी स्थगित करनी पड़ती।
बाद में उशुऐआ प्रांत के गवर्नर ने संघीय न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ शादी की अनुमित दी। इससे उत्साहित एक चश्मदीद मोर्गाडो ने कहा कि अपने अधिकारों के लड़ने के बाद यह संभव हो सका है।
39 साल के 39 और 41 साल के जोस मारिया बेलो ने सोमवार को दक्षिण अर्जेंटीना के उशुऐआ शहर में शादी की। इससे पहले नवम्बर में एक स्थानीय अदालत ने राष्ट्रीय नीति के खिलाफ जाकर दोनों को राजधानी में शादी करने की इजाजत दी थी। बाद में फेडरल जज ने इस इजाजत पर रोक लगा दी जिसके कारण एक दिसम्बर को निर्धारित यह शादी स्थगित करनी पड़ती।
बाद में उशुऐआ प्रांत के गवर्नर ने संघीय न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ शादी की अनुमित दी। इससे उत्साहित एक चश्मदीद मोर्गाडो ने कहा कि अपने अधिकारों के लड़ने के बाद यह संभव हो सका है।
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चीन के बदनाम शासक काओ काओ का मकबरा मिला
लंदन, एजेंसी चीन के पुरातत्वविदों ने एक मकबरे को खोज निकाला है जिसके बारे माना जाता है कि तीसरी शताब्दी के दौरान चीन के उत्तरी क्षेत्र के बदनाम शासक रहे काओ काओ को इसी में दफन किया गया था। आठ हजार वर्ग फुट क्षेत्र में फैला यह मकबरा शिगाओक्जुए में मिला है। इसमें 130 फुट का गलियारा है जो एक भूमिगत परिसर की ओर जाता है। शिगाओक्जुए मध्य हेनान प्रांत में स्थित पुरातन काल की राजधानी रहे अनयांग के निकट बसा एक गांव है।
इतिहासविदों के अनुसार, काओ एक धूर्त शासक था जिसकी सैन्य और राजनीतिक क्षमता असाधारण थी। इसी क्षमता के चलते वह उत्तरी चीन में 208 से 280 ईसवी के बीच एक मजबूत और काफी संपन्न राज्य का निर्माण करने में कामयाब रहा।
पुरातत्वविदों ने कहा कि उन्होंने दिसंबर 2008 में खोजे गये एक मकबरे से तीन कंकाल बरामद किये हैं। माना जाता है कि ये काओ, उसकी पत्नी और एक नौकर के हैं। इस मकबरे का तब पता चला जब मजदूर ईंट बनाने के लिये मिट्टी खोद रहे थे। द डेली मेल ने खबर दी कि अधिकारियों को यह मकबरा काओ का होने की बात हाल ही में तब पता चली जब उन्होंने मकबरे के निकट रहने वालों से चुराये गये किंग वू ऑफ वेई के शिलालेख को जब्त किया।
इतिहासविदों के अनुसार, काओ एक धूर्त शासक था जिसकी सैन्य और राजनीतिक क्षमता असाधारण थी। इसी क्षमता के चलते वह उत्तरी चीन में 208 से 280 ईसवी के बीच एक मजबूत और काफी संपन्न राज्य का निर्माण करने में कामयाब रहा।
पुरातत्वविदों ने कहा कि उन्होंने दिसंबर 2008 में खोजे गये एक मकबरे से तीन कंकाल बरामद किये हैं। माना जाता है कि ये काओ, उसकी पत्नी और एक नौकर के हैं। इस मकबरे का तब पता चला जब मजदूर ईंट बनाने के लिये मिट्टी खोद रहे थे। द डेली मेल ने खबर दी कि अधिकारियों को यह मकबरा काओ का होने की बात हाल ही में तब पता चली जब उन्होंने मकबरे के निकट रहने वालों से चुराये गये किंग वू ऑफ वेई के शिलालेख को जब्त किया।
ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों की संख्या घटी, भारी घाटा
मेलबर्न, एजेंसी ,भारतीय छात्रों पर हमले की घटनाओं के बाद ऑस्ट्रेलिया में विदेशी छात्रों के पंजीकरण में 21 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है। विदेशी छात्रों की सुरक्षा चिंताओं की वजह से ऑस्ट्रेलिया को 7 करोड़ डॉलर के राजस्व का नुकसान होने का अनुमान है।
टूरिज्म ऑस्ट्रेलिया के ताजा अनुमान के अनुसार, छात्रों पर हुए हमलों के बाद अगले साल ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने आने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 4,000 की कमी आएगी। टूरिज्म ऑस्ट्रेलिया की पूर्वानुमान समिति के प्रमुख बर्नार्ड सॉल्ट ने कहा कि छात्रों की संख्या में यह गिरावट भारतीय समुदाय की सुरक्षा चिंताओं की वजह से आएगी।
वीजा आवेदनो के आधार पर उन्होंने कहा कि 2010 में पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया आने वाले भारतीयों की संख्या में 20 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आएगी। साल्ट ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र के राजस्व में 7 करोड़ डॉलर की कमी आएगी, लेकिन पूरे पर्यटन उद्योग को अगले साल मजबूत अर्थव्यवस्था के कारण फायदा होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि अच्छी बात यह है कि काफी कठिन रहे 2009 के बाद 2010 में हम सुधार की उम्मीद कर रहे हैं।
टूरिज्म ऑस्ट्रेलिया के ताजा अनुमान के अनुसार, छात्रों पर हुए हमलों के बाद अगले साल ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने आने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 4,000 की कमी आएगी। टूरिज्म ऑस्ट्रेलिया की पूर्वानुमान समिति के प्रमुख बर्नार्ड सॉल्ट ने कहा कि छात्रों की संख्या में यह गिरावट भारतीय समुदाय की सुरक्षा चिंताओं की वजह से आएगी।
वीजा आवेदनो के आधार पर उन्होंने कहा कि 2010 में पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया आने वाले भारतीयों की संख्या में 20 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आएगी। साल्ट ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र के राजस्व में 7 करोड़ डॉलर की कमी आएगी, लेकिन पूरे पर्यटन उद्योग को अगले साल मजबूत अर्थव्यवस्था के कारण फायदा होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि अच्छी बात यह है कि काफी कठिन रहे 2009 के बाद 2010 में हम सुधार की उम्मीद कर रहे हैं।
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बलात्कार आरोपी आईपीएस अधिकारी की तुरंत गिरफ्तारी के आदेश
जयपुर, एजेंसी, राजस्थान के गृहमंत्री शान्ति धारीवाल ने अर्दली की बीबी के साथ कथित बलात्कार करने के आरोपी भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी मधुकर टंडन का मामला राज्य पुलिस की विशेष अभियान समूह (एसओजी) के सुपुर्द करते हुए आरोपी को तुरंत गिरफ्तार करने आदेश दिया है।
धारीवाल ने सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के साथ मंगलवार को धरने पर बैठी पीड़िता और उसके पति को पुलिस द्वारा उठाए जाने से इनकार करते हुए कहा हमने उसे और उसके पति को धरने से जबरदस्ती नहीं उठाया है।
राज्य के गृहमंत्री शान्ति धारीवाल ने संवाददाताओं से कहा कि मधुकर टंडन प्रकरण गंभीर है और इस मामले की जांच एसओजी के सुपुर्द कर फरार मधुकर टंडन को तुरंत गिरफ्तार करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि मामले में अब तक गिरफतारी नहीं होने तथा इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों का पता लगाने के निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस ने दोनों को देर रात जबरन नहीं उठाया है, बल्कि वे खुद ही उठकर घर चले गए थे।
गौरतलब है कि सांसद डॉ. किरोडी लाल मीणा ने अपनी अर्दली की बीबी के साथ बलात्कार करने के आरोपी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मधुकर टंडन की तुरंत गिरफ्तारी की मांग को लेकर पीड़िता, उसके पति और समर्थकों के साथ बिना पूर्व सूचना के मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में जबरन घुसने का प्रयास के बाद धरने पर बैठ गए थे।
पुलिस ने डॉ. मीणा को देर रात धरना स्थल से गिरफ्तार किया था। डॉ. मीणा ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया था कि आरोपी मधुकर टंडन को जानबूझकर गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। राजस्थान के पूर्व पुलिस उप महानिरीक्षक मधुकर टंडन के सिपाही ने 4 फरवरी 1997 को दौसा के बांदीकुई थाने में मधुकर टंडन के खिलाफ अपनी पत्नी का अपहरण कर बलात्कार करने का मामला दर्ज करवाया था।
पुलिस ने मामला दर्ज कर पीड़िता का मेडिकल करवाकर घटनास्थल से सबूत और अपहरण में प्रयुक्त कार जब्त की थी।
धारीवाल ने सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के साथ मंगलवार को धरने पर बैठी पीड़िता और उसके पति को पुलिस द्वारा उठाए जाने से इनकार करते हुए कहा हमने उसे और उसके पति को धरने से जबरदस्ती नहीं उठाया है।
राज्य के गृहमंत्री शान्ति धारीवाल ने संवाददाताओं से कहा कि मधुकर टंडन प्रकरण गंभीर है और इस मामले की जांच एसओजी के सुपुर्द कर फरार मधुकर टंडन को तुरंत गिरफ्तार करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि मामले में अब तक गिरफतारी नहीं होने तथा इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों का पता लगाने के निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस ने दोनों को देर रात जबरन नहीं उठाया है, बल्कि वे खुद ही उठकर घर चले गए थे।
गौरतलब है कि सांसद डॉ. किरोडी लाल मीणा ने अपनी अर्दली की बीबी के साथ बलात्कार करने के आरोपी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मधुकर टंडन की तुरंत गिरफ्तारी की मांग को लेकर पीड़िता, उसके पति और समर्थकों के साथ बिना पूर्व सूचना के मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में जबरन घुसने का प्रयास के बाद धरने पर बैठ गए थे।
पुलिस ने डॉ. मीणा को देर रात धरना स्थल से गिरफ्तार किया था। डॉ. मीणा ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया था कि आरोपी मधुकर टंडन को जानबूझकर गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। राजस्थान के पूर्व पुलिस उप महानिरीक्षक मधुकर टंडन के सिपाही ने 4 फरवरी 1997 को दौसा के बांदीकुई थाने में मधुकर टंडन के खिलाफ अपनी पत्नी का अपहरण कर बलात्कार करने का मामला दर्ज करवाया था।
पुलिस ने मामला दर्ज कर पीड़िता का मेडिकल करवाकर घटनास्थल से सबूत और अपहरण में प्रयुक्त कार जब्त की थी।
चंद्रग्रहण के दीदार से होगा नए साल का आगाज
चेन्नई, एजेंसी नए साल के पहले ही दिन देशवासियों को चंद्रग्रहण का दीदार होगा। जी हां, नए साल की पहली तारीख को चांद पृथ्वी की गहरी काली छाया से आंशिक तौर पर ढक जाएगा।
तमिलनाडु विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केन्द्र के कार्यकारी निदेशक डॉ पी ईयाम पेरुमल ने बताया कि एक जनवरी को नया साल शुरू होने के महज 21वें मिनट यानि 31 दिसंबर की देर रात 12 बजकर 21 मिनट पर चन्द्र ग्रहण की शुरुआत होगी।
ईयाम पेरुमल ने बताया कि ग्रहण की अवधि करीब एक घंटा तीन मिनट होगी और इसका अंत एक बजकर 24 मिनट पर होगा। गौरतलब है कि चन्द्रग्रहण पूर्णिमा के दिन ही दिखाई देता है। चन्द्रग्रहण के दौरान धरती से देखे जाने पर सूरज चांद के सामने आ जाता है।
ईयाम पेरुमल ने बताया कि यह चन्द्र ग्रहण अलास्का, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, एशिया, अफ्रीका, यूरोप ओर आर्कटिक क्षेत्रों के अलावा भारत में भी दिखाई पड़ेगा।
तमिलनाडु विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केन्द्र के कार्यकारी निदेशक डॉ पी ईयाम पेरुमल ने बताया कि एक जनवरी को नया साल शुरू होने के महज 21वें मिनट यानि 31 दिसंबर की देर रात 12 बजकर 21 मिनट पर चन्द्र ग्रहण की शुरुआत होगी।
ईयाम पेरुमल ने बताया कि ग्रहण की अवधि करीब एक घंटा तीन मिनट होगी और इसका अंत एक बजकर 24 मिनट पर होगा। गौरतलब है कि चन्द्रग्रहण पूर्णिमा के दिन ही दिखाई देता है। चन्द्रग्रहण के दौरान धरती से देखे जाने पर सूरज चांद के सामने आ जाता है।
ईयाम पेरुमल ने बताया कि यह चन्द्र ग्रहण अलास्का, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, एशिया, अफ्रीका, यूरोप ओर आर्कटिक क्षेत्रों के अलावा भारत में भी दिखाई पड़ेगा।
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पूर्व डीजीपी राठौड़ को फिलहाल कोर्ट से राहत नहीं
एजेंसी
रुचिका गिरहोत्रा मामले में हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिदेशक एसपीएस राठौड़ को अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका पर फिलहाल कोई राहत न देते हुए फैसले को सुरक्षित रखा। साथ ही दोनों ताजा एफआईआर पर जांच के लिए राज्य सरकार ने एक कमेटी गठित की है।
उल्लेखनीय है कि रुचिका (14) के साथ छेड़छाड़ के मामले में दोषी करार दिए गए हरियाणा के इस पूर्व पुलिस प्रमुख के ऊपर फंदा मंगलवार रात तब कसा जब पुलिस ने उनके खिलाफ दो नए एफआईआर दर्ज किए और आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले को नए सिरे से खोल दिया। रुचिका ने बाद में आत्महत्या कर ली थी। उनपर लगाई गई ये ताजा धाराएं गैर जमानती हैं।
इससे पहले मीडिया से मुंह छिपाते फिर रहे राठौर बुधवार सुबह को अपने खिलाफ दर्ज नई प्राथमिकियों के मद्देनजर अपने वकील से मिलने के लिए अपने घर से निकले। अपने वकील अजय जैन से मिलने के लिए राठौड़ (67) और उनकी वकील पत्नी आभा ने अदालत परिसर में जैसे ही प्रवेश किया संवाददाता उनके पीछे पड़ गए। अजय जैन इस मामले में राठौड़ का बचाव कर रहे हैं।
रुचिका (14) के साथ छेड़छाड़ के मामले में दोषी करार दिये गये हरियाणा के इस पूर्व पुलिस प्रमुख के ऊपर फंदा मंगलवार रात तब कसा जब पुलिस ने उनके खिलाफ दो नए एफआईआर दर्ज किए और आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले को नए सिरे से खोल दिया। रुचिका ने बाद में आत्महत्या कर ली थी।
पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में पुलिस की ओर से गड़बड़ी और हत्या के प्रयास सहित रुचिका के भाई को प्रताड़ित करने के मामले में मृतक के पिता सुभाष चंद्र गिरहोत्रा और आशु की शिकायत के आधार पर हरियाणा पुलिस ने राठौड़ के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज किए हैं।
साथ-साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय और विधि मंत्रालय भी निचली अदालत के फैसले के खिलाफ राठौड़ को और अधिक सजा देने के लिए अपील करने पर विचार कर रहा है। बहरहाल रुचिका के पिता और उनके वकील प्रकाश भारद्वाज के इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम से दिल्ली में मुलाकात की संभावना जताई जा रही है। उनके साथ रुचिका की सहेली आराधना के पिता भी दिल्ली जाएंगे।
इस महीने की शुरूआत में निचली अदालत ने राठौड़ को छह महीने के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी। राठौड़ ने संवाददाताओं के प्रश्नों का भी जवाब देने से इनकार कर दिया। उनके साथ उनकी पत्नी भी थीं।
रुचिका गिरहोत्रा मामले में हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिदेशक एसपीएस राठौड़ को अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका पर फिलहाल कोई राहत न देते हुए फैसले को सुरक्षित रखा। साथ ही दोनों ताजा एफआईआर पर जांच के लिए राज्य सरकार ने एक कमेटी गठित की है।
उल्लेखनीय है कि रुचिका (14) के साथ छेड़छाड़ के मामले में दोषी करार दिए गए हरियाणा के इस पूर्व पुलिस प्रमुख के ऊपर फंदा मंगलवार रात तब कसा जब पुलिस ने उनके खिलाफ दो नए एफआईआर दर्ज किए और आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले को नए सिरे से खोल दिया। रुचिका ने बाद में आत्महत्या कर ली थी। उनपर लगाई गई ये ताजा धाराएं गैर जमानती हैं।
इससे पहले मीडिया से मुंह छिपाते फिर रहे राठौर बुधवार सुबह को अपने खिलाफ दर्ज नई प्राथमिकियों के मद्देनजर अपने वकील से मिलने के लिए अपने घर से निकले। अपने वकील अजय जैन से मिलने के लिए राठौड़ (67) और उनकी वकील पत्नी आभा ने अदालत परिसर में जैसे ही प्रवेश किया संवाददाता उनके पीछे पड़ गए। अजय जैन इस मामले में राठौड़ का बचाव कर रहे हैं।
रुचिका (14) के साथ छेड़छाड़ के मामले में दोषी करार दिये गये हरियाणा के इस पूर्व पुलिस प्रमुख के ऊपर फंदा मंगलवार रात तब कसा जब पुलिस ने उनके खिलाफ दो नए एफआईआर दर्ज किए और आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले को नए सिरे से खोल दिया। रुचिका ने बाद में आत्महत्या कर ली थी।
पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में पुलिस की ओर से गड़बड़ी और हत्या के प्रयास सहित रुचिका के भाई को प्रताड़ित करने के मामले में मृतक के पिता सुभाष चंद्र गिरहोत्रा और आशु की शिकायत के आधार पर हरियाणा पुलिस ने राठौड़ के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज किए हैं।
साथ-साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय और विधि मंत्रालय भी निचली अदालत के फैसले के खिलाफ राठौड़ को और अधिक सजा देने के लिए अपील करने पर विचार कर रहा है। बहरहाल रुचिका के पिता और उनके वकील प्रकाश भारद्वाज के इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम से दिल्ली में मुलाकात की संभावना जताई जा रही है। उनके साथ रुचिका की सहेली आराधना के पिता भी दिल्ली जाएंगे।
इस महीने की शुरूआत में निचली अदालत ने राठौड़ को छह महीने के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी। राठौड़ ने संवाददाताओं के प्रश्नों का भी जवाब देने से इनकार कर दिया। उनके साथ उनकी पत्नी भी थीं।
लेबल:
डीजीपी राठौड़,
JUSTICE FOR RUCHIKA,
Ruchika
सोमवार, 28 दिसंबर 2009
86 की उम्र में सेक्शुअल पावर संभव है?
आंध्र प्रदेश के पूर्व गवर्नर नारायण दत्त तिवारी के कथित सेक्स स्कैंडल
के खुलासे के बाद इस बात की चर्चा कम है कि यह टेप सही है या नहीं, बल्कि यह बहस ज्यादा है कि क्या 86 की उम्र में ऐसे आरोप संभव हैं? अगर हैं तो क्या यह नॉर्मल है या ऐबनॉर्मल। इस उम्र में क्या ऐक्टिव सेक्स मुमकिन है? माना जाता रहा है कि 60 साल के बाद पुरुष की सेक्शुअल पावर और डिजायर बहुत कम हो जाती है और 80 की उम्र आने तक वह लगभग खत्म ही हो जाती है।
80 साल की उम्र के बाद भी सेक्शुअल पावर वैज्ञानिक नजरिए से मुमकिन है। यह कहना है सीनियर साइकायट्रिस्ट डॉ. संदीप वोहरा का। उनके मुताबिक, इस उम्र में इतनी क्षमता हालांकि बहुत रेयर है लेकिन कुछ लोग इसे बरकरार रख पाते हैं। जो लोग टॉप पोजिशन में रहते हैं और आस-पास जी हुजूरी करते लोगों के बीच में होते हैं, उनके ब्रेन में एक केमिकल डोपामीन लगातार निकलता है। यह खुशी और उत्तेजना का अहसास करता है। इसकी आदत भी पड़ सकती है और इसका लगातार सीक्रेशन पर्मानेंट डिजायर पैदा कर सकता है। ब्रेन को पहले सोसायटी में अपने रुतबे से जो हाई मिलता था, बहुत मुमकिन है कि कोई इंसान उसे बाद में सेक्स के जरिए ढूंढे। यह भी संभव है कि ऐसे में कोई सेक्स अडिक्ट बन जाए और हर चीज को ताक पर रखकर उसी में लगा रहे।
डॉ. वोहरा कहते हैं कि ईवॉल्यूशनरी साइंस के मुताबिक, पुरुष प्रकृति से पॉलीगेमर (एक से ज्यादा लोगों से संबंध) होता है। अधिकतर पुरुषों के भीतर यह सोच होती है। पर कुछ इसमें ऐक्ट करते हैं, कुछ खुद को रोक लेते हैं तो कुछ को मौके नहीं मिलते। पर जो लोग टॉप पोजिशन में होते हैं उन्हें ज्यादा मौके मिलते हैं।
जाने-माने सेक्सॉलजिस्ट डॉ. प्रकाश कोठारी कहते हैं कि सेक्स की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती। मैं 36 सालों में करीब 50 हजार मरीजों को देख चुका हूं। हर साल अपनी सेक्स संबंधी दिक्कतों के इलाज के लिए 7-8 ऐसे मरीज आते हैं, जो 80 साल से ज्यादा के होते हैं। सेक्स की इच्छा, क्षमता और विचार मरते दम तक रह सकते हैं। यह गलतफहमी है कि 60 साल के बाद सेक्स संभव नहीं है। दरअसल सेक्स दो कानों के बीच में यानी दिमाग में होता है। अगर कोई जवान अपने को बूढ़ा मानने लगे तो उसकी इच्छा और क्षमता पर असर दिखेगा और अगर बूढ़ा भी सोच से जवान है, तो वह खुलकर अपनी जिंदगी जी सकता है। अगर ब्लड प्रेशर या डायबीटीज की शिकायत नहीं है, शरीर स्वस्थ है, नियमित एक्सर्साइज करते हैं और शराब, सिगरेट से दूर रहते हैं, तो यह क्षमता बढ़ती उम्र में भी रहती है। इसमें सोच और पार्टनर का सहयोग बेहद अहम होता है।
के खुलासे के बाद इस बात की चर्चा कम है कि यह टेप सही है या नहीं, बल्कि यह बहस ज्यादा है कि क्या 86 की उम्र में ऐसे आरोप संभव हैं? अगर हैं तो क्या यह नॉर्मल है या ऐबनॉर्मल। इस उम्र में क्या ऐक्टिव सेक्स मुमकिन है? माना जाता रहा है कि 60 साल के बाद पुरुष की सेक्शुअल पावर और डिजायर बहुत कम हो जाती है और 80 की उम्र आने तक वह लगभग खत्म ही हो जाती है।
80 साल की उम्र के बाद भी सेक्शुअल पावर वैज्ञानिक नजरिए से मुमकिन है। यह कहना है सीनियर साइकायट्रिस्ट डॉ. संदीप वोहरा का। उनके मुताबिक, इस उम्र में इतनी क्षमता हालांकि बहुत रेयर है लेकिन कुछ लोग इसे बरकरार रख पाते हैं। जो लोग टॉप पोजिशन में रहते हैं और आस-पास जी हुजूरी करते लोगों के बीच में होते हैं, उनके ब्रेन में एक केमिकल डोपामीन लगातार निकलता है। यह खुशी और उत्तेजना का अहसास करता है। इसकी आदत भी पड़ सकती है और इसका लगातार सीक्रेशन पर्मानेंट डिजायर पैदा कर सकता है। ब्रेन को पहले सोसायटी में अपने रुतबे से जो हाई मिलता था, बहुत मुमकिन है कि कोई इंसान उसे बाद में सेक्स के जरिए ढूंढे। यह भी संभव है कि ऐसे में कोई सेक्स अडिक्ट बन जाए और हर चीज को ताक पर रखकर उसी में लगा रहे।
डॉ. वोहरा कहते हैं कि ईवॉल्यूशनरी साइंस के मुताबिक, पुरुष प्रकृति से पॉलीगेमर (एक से ज्यादा लोगों से संबंध) होता है। अधिकतर पुरुषों के भीतर यह सोच होती है। पर कुछ इसमें ऐक्ट करते हैं, कुछ खुद को रोक लेते हैं तो कुछ को मौके नहीं मिलते। पर जो लोग टॉप पोजिशन में होते हैं उन्हें ज्यादा मौके मिलते हैं।
जाने-माने सेक्सॉलजिस्ट डॉ. प्रकाश कोठारी कहते हैं कि सेक्स की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती। मैं 36 सालों में करीब 50 हजार मरीजों को देख चुका हूं। हर साल अपनी सेक्स संबंधी दिक्कतों के इलाज के लिए 7-8 ऐसे मरीज आते हैं, जो 80 साल से ज्यादा के होते हैं। सेक्स की इच्छा, क्षमता और विचार मरते दम तक रह सकते हैं। यह गलतफहमी है कि 60 साल के बाद सेक्स संभव नहीं है। दरअसल सेक्स दो कानों के बीच में यानी दिमाग में होता है। अगर कोई जवान अपने को बूढ़ा मानने लगे तो उसकी इच्छा और क्षमता पर असर दिखेगा और अगर बूढ़ा भी सोच से जवान है, तो वह खुलकर अपनी जिंदगी जी सकता है। अगर ब्लड प्रेशर या डायबीटीज की शिकायत नहीं है, शरीर स्वस्थ है, नियमित एक्सर्साइज करते हैं और शराब, सिगरेट से दूर रहते हैं, तो यह क्षमता बढ़ती उम्र में भी रहती है। इसमें सोच और पार्टनर का सहयोग बेहद अहम होता है।
लेबल:
सेक्शुअल पावर,
SEX
ब्रिटनी से शादी करना चाहते हैं जैसन
लंदन।। ऐसी खबरें है कि पॉप स्टार ब्रिटनी स्पीयर्स के बॉयफ्रेंड और मैनेजर जैसन ट्रैविक ने उनसे शादी की
तैयारी शुरू कर दी है। वह शादी की इजाजत लेने के लिए ब्रिटनी के पूर्व पति केविन फेडेरलीन के पास भी गए थे।
ट्रैविक और ब्रिटनी का रोमांस महीनों से चल रहा है और ब्रिटनी भी उनके साथ घर बसाने को तैयार दिख रही हैं। कॉन्टैक्ट म्यूजिक की खबर में बताया गया है कि ट्रैविक अब शादी के लिए गंभीर दिख रहे हैं और इसके लिए उन्होंने फेडेरलीन से मुलाकात की। फेडरलीन से ब्रिटनी के दो बच्चे हैं।
एक सूत्र ने कहा, ट्रैविक ने केविन को न केवल ब्रिटनी से अपने प्यार के बारे में बताया बल्कि यह भी कहा कि वह उसके दोनों बच्चों को भी बहुत पसंद करता है। जैसन ने केविन की शुभकामनाएं मांगी।
तैयारी शुरू कर दी है। वह शादी की इजाजत लेने के लिए ब्रिटनी के पूर्व पति केविन फेडेरलीन के पास भी गए थे।
ट्रैविक और ब्रिटनी का रोमांस महीनों से चल रहा है और ब्रिटनी भी उनके साथ घर बसाने को तैयार दिख रही हैं। कॉन्टैक्ट म्यूजिक की खबर में बताया गया है कि ट्रैविक अब शादी के लिए गंभीर दिख रहे हैं और इसके लिए उन्होंने फेडेरलीन से मुलाकात की। फेडरलीन से ब्रिटनी के दो बच्चे हैं।
एक सूत्र ने कहा, ट्रैविक ने केविन को न केवल ब्रिटनी से अपने प्यार के बारे में बताया बल्कि यह भी कहा कि वह उसके दोनों बच्चों को भी बहुत पसंद करता है। जैसन ने केविन की शुभकामनाएं मांगी।
लेबल:
पॉप स्टार,
ब्रिटनी स्पीयर्स,
filmy gup- shup
रॉकिंग होगा स्टार्स का न्यू ईयर
आप इसे सेलिब्रेट करने कहां जा रहे हैं? हमारे बॉलिवुड स्टार्स ने तो प्लैन कर
लिया है। वे अपने-अपने अंदाज में ट्वेंटी टेन का स्वागत करेंगे। कुछ सितारे पहाड़ों, तो कुछ समुद्र किनारे अपने दोस्तों के साथ नए साल की छुट्टियां बिताएंगे। आइए देखते हैं बॉलिवुड में कौन क्या कर रहा हैः
सागर किनारे दिखेंगी सुष्मिता
मैं गोवा जाऊंगी या फिर केरल के बैकवॉटर का मजा लूंगी। हालांकि मैंने अभी तक प्रोग्राम तय नहीं किया है। पर मैं देश के बाहर नहीं जा सकती, क्योंकि मेरी छोटी बेटी के पास अभी पासपोर्ट नहीं है।
लग्जरी क्रूज पर होंगी शिल्पा
मैं भूमध्य सागर की लहरों में क्रूज पर परिवार के साथ समय बिताने के लिए काफी एक्साइटेड हूं। अगले दो हफ्तों तक मैं समुद्र में रहूंगी और नए साल का स्वागत पर लग्जरी शिप पर ही करूंगी।
परफॉर्मेंस से पैसे कमाएंगी सेलिना
सेलिना जेटली मुंबई के शानदार होटेल जेडब्ल्यू मैरियट में अपनी परफॉर्मेंस से नए साल का स्वागत करेंगी। मतलब यह कि ट्वेंटी टेन की शुरुआत लक्ष्मी वर्षा से हो रही है।
निजाम की नगरी में होंगी जयाप्रदा
समाजवादी पार्टी नेता और स्टार जया प्रदा नववर्ष पर हैदराबाद में अपनी मां के साथ रहेंगी। उनके मुताबिक, किसी भी पर्व पर हमें परिवार के साथ होना चाहिए। हर साल की तरह वह तिरुपति बालाजी मंदिर भी जाएंगी।
शिमला में छुट्टियां बिताएंगे फरदीन
इस साल हम पहाड़ों पर जा रहे हैं। मैं नववर्ष की खुशियां मनाने के लिए अपनी पत्नी (नताशा) के साथ शिमला में पांच दिन की छुट्टियां बिताऊंगा। मैं पहले वहां कभी नहीं गया। इसलिए ज्यादा उत्साहित हूं।
काम करेंगी मुग्धा गोडसे
न्यू ईयर ईव पर काम करेंगी मुग्धा गोडसे और बचा हुआ समय परिवार के साथ बिताएंगी।
फ्रेंड्स संग मजा यानी मिनिषा लांबा
नववर्ष पर अपने करीबी दोस्तों के साथ मस्ती के मूड में हैं बॉलिवुड गर्ल मिनिषा लांबा।
साड्डी दिल्ली विच रहेंगे मनोज वाजपेयी
राजधानी दिल्ली में अपने परिवार के साथ घर में ही 2010 का स्वागत करूंगा। बातचीत, मस्ती, डांस, खाना समेत खुश रहने की हर चीज करूंगा।
नाच-गाकर ऐश करेंगे सुखविंदर
सिंगर सुखविंदर सिंह ने कहा है कि मैं घर पर ही दोस्तों के साथ न्यू ईयर का स्वागत करूंगा। गाना गाऊंगा और नाचूंगा।
मुंबई रॉक करेंगे पूरब कोहली
'रॉक ऑन' फेम न्यू ईयर पूरे आठ साल बाद मुंबई में न्यू ईयर में सेलिब्रेट करने जा रहे हैं।
लिया है। वे अपने-अपने अंदाज में ट्वेंटी टेन का स्वागत करेंगे। कुछ सितारे पहाड़ों, तो कुछ समुद्र किनारे अपने दोस्तों के साथ नए साल की छुट्टियां बिताएंगे। आइए देखते हैं बॉलिवुड में कौन क्या कर रहा हैः
सागर किनारे दिखेंगी सुष्मिता
मैं गोवा जाऊंगी या फिर केरल के बैकवॉटर का मजा लूंगी। हालांकि मैंने अभी तक प्रोग्राम तय नहीं किया है। पर मैं देश के बाहर नहीं जा सकती, क्योंकि मेरी छोटी बेटी के पास अभी पासपोर्ट नहीं है।
लग्जरी क्रूज पर होंगी शिल्पा
मैं भूमध्य सागर की लहरों में क्रूज पर परिवार के साथ समय बिताने के लिए काफी एक्साइटेड हूं। अगले दो हफ्तों तक मैं समुद्र में रहूंगी और नए साल का स्वागत पर लग्जरी शिप पर ही करूंगी।
परफॉर्मेंस से पैसे कमाएंगी सेलिना
सेलिना जेटली मुंबई के शानदार होटेल जेडब्ल्यू मैरियट में अपनी परफॉर्मेंस से नए साल का स्वागत करेंगी। मतलब यह कि ट्वेंटी टेन की शुरुआत लक्ष्मी वर्षा से हो रही है।
निजाम की नगरी में होंगी जयाप्रदा
समाजवादी पार्टी नेता और स्टार जया प्रदा नववर्ष पर हैदराबाद में अपनी मां के साथ रहेंगी। उनके मुताबिक, किसी भी पर्व पर हमें परिवार के साथ होना चाहिए। हर साल की तरह वह तिरुपति बालाजी मंदिर भी जाएंगी।
शिमला में छुट्टियां बिताएंगे फरदीन
इस साल हम पहाड़ों पर जा रहे हैं। मैं नववर्ष की खुशियां मनाने के लिए अपनी पत्नी (नताशा) के साथ शिमला में पांच दिन की छुट्टियां बिताऊंगा। मैं पहले वहां कभी नहीं गया। इसलिए ज्यादा उत्साहित हूं।
काम करेंगी मुग्धा गोडसे
न्यू ईयर ईव पर काम करेंगी मुग्धा गोडसे और बचा हुआ समय परिवार के साथ बिताएंगी।
फ्रेंड्स संग मजा यानी मिनिषा लांबा
नववर्ष पर अपने करीबी दोस्तों के साथ मस्ती के मूड में हैं बॉलिवुड गर्ल मिनिषा लांबा।
साड्डी दिल्ली विच रहेंगे मनोज वाजपेयी
राजधानी दिल्ली में अपने परिवार के साथ घर में ही 2010 का स्वागत करूंगा। बातचीत, मस्ती, डांस, खाना समेत खुश रहने की हर चीज करूंगा।
नाच-गाकर ऐश करेंगे सुखविंदर
सिंगर सुखविंदर सिंह ने कहा है कि मैं घर पर ही दोस्तों के साथ न्यू ईयर का स्वागत करूंगा। गाना गाऊंगा और नाचूंगा।
मुंबई रॉक करेंगे पूरब कोहली
'रॉक ऑन' फेम न्यू ईयर पूरे आठ साल बाद मुंबई में न्यू ईयर में सेलिब्रेट करने जा रहे हैं।
भाग्यशाली साबित होगा बिग बॉस: विंदू
नई दिल्ली।बिग बॉस-3 जीतने वाले अभिनेता विंदू दारा सिंह को उम्मीद है कि यह शो उनके लिए भी उतना ही भाग्यशाली साबित होगा जितना बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के लिए बिग ब्रदर साबित हुआ था। विंदू ने कहा कि निश्चित रूप से मैं यह सोचता हूं कि यहां से मेरे जीवन में एक सकारात्मक मोड आएगा ठीक वैसे ही जैसे सेलिब्रिटी बिग ब्रदर रियलिटी शो का खिताब जीतने के बाद शिल्पा के जीवन में आया था।
इस शो को जीतने के बाद मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि मैं अपने जीवन और करियर में और आगे बढूंगा। विंदू ने कहा कि मेरी इच्छा है कि यह खिताब मेरे करियर को और आगे बढाएगा और मुझे बडे अभिनेताओं और फिल्म निर्माताओं के साथ अच्छी भूमिकाएं करने का मौका दिलाएगा।
गौरतलब है कि सेलिब्रिटी बिग ब्रदर जीतने के बाद शिल्पा ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में राजस्थान रॉयल्स की टीम खरीदी थीं। वहीं शिल्पा ने अपने खुद के नाम से योगा की सीडी, पाककला की पुस्तकें और कुछ महत्वपूर्ण चीजें लांच की थीं। शनिवार को लोनावाला में फाइनल मुकाबले में मॉडल प्रवेश राणा को पछाडकर विंदू ने बिग बॉस-3 का खिताब जीता।
इस शो को जीतने के बाद मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि मैं अपने जीवन और करियर में और आगे बढूंगा। विंदू ने कहा कि मेरी इच्छा है कि यह खिताब मेरे करियर को और आगे बढाएगा और मुझे बडे अभिनेताओं और फिल्म निर्माताओं के साथ अच्छी भूमिकाएं करने का मौका दिलाएगा।
गौरतलब है कि सेलिब्रिटी बिग ब्रदर जीतने के बाद शिल्पा ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में राजस्थान रॉयल्स की टीम खरीदी थीं। वहीं शिल्पा ने अपने खुद के नाम से योगा की सीडी, पाककला की पुस्तकें और कुछ महत्वपूर्ण चीजें लांच की थीं। शनिवार को लोनावाला में फाइनल मुकाबले में मॉडल प्रवेश राणा को पछाडकर विंदू ने बिग बॉस-3 का खिताब जीता।
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विंदू,
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डेट्रॉयट कांड से खुली अमेरिका की पोल!
वॉशिंगटन ।। लंदन यूनिवर्सिटी के एक्स-स्टूडेंट उमर फारूक अब्दुल मुतल्लब द्वारा शनिवार को डेल्टा एयरलाइं
स के विमान को उड़ाने की कोशिश के मामले ने अमेरिका में सुरक्षा इंतजामों की पोल खोलकर रख दी है। जांच से यह बात सामने आई है कि अल कायदा से रिश्तों के शक में उमर का नाम अमेरिका के टेरर डेटाबेस में शामिल था। इसके अलावा, उमर के पिता ने भी चार सप्ताह पहले अमेरिका को उसके बारे में आगाह किया था। अब सवाल उठ रहे हैं कि इन सबके बावजूद उसे अमेरिका की यात्रा करने की इजाजत कैसे दे दी गई।
उमर ने जांच अधिकारियों से कहा था कि वह अल कायदा के आदेश पर विमान को अमेरिकी धरती पर विस्फोट से उड़ाने जा रहा था। यह भी पता चला है कि 23 साल का उमर विस्फोटक, केमिकल और सिरिंज अपने अंडरवेयर में छिपाकर लाया था। यमन में अल कायदा के एक बम एक्सपर्ट ने उसे इस विस्फोटक का इस्तेमाल करना सिखाया था। उसी ने यह विस्फोटक भी मुहैया कराए थे। उसके इन दावों की जांच चल रही है।
पिछले साल यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से मकैनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले उमर के पिता अल्लाह उमर मुतल्लब एक सम्मानित बैंकर हैं। खुद अल्लाह ने चार सप्ताह पहले नाइजीरिया की राजधानी अबुजा स्थित अमेरिकी दूतावास में शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें उन्होंने उमर के धार्मिक विचारों पर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि मेरा बेटा किसी तरह के जिहाद में शामिल हो सकता है। यह जानकारी अमेरिका के जांच अधिकारियों को भी दी गई थी।
इसके अलावा इस हमलावर का नाम अमेरिका के टेरर डेटा बेस में भी शामिल है। लेकिन अभी तक इसे फौरी खतरे के तौर पर नहीं देखा गया था इसलिए उसे उड़ान भरने से रोकने वाली नो फ्लाई लिस्ट में शामिल नहीं किया गया था। उसे सामान्य निगरानी सूची में रखा गया था। अधिकारियों का कहना है कि उमर के खिलाफ सूचनाएं इतनी पुख्ता नहीं थीं कि उसका वीजा वापस लिया जाता या उसे हवाई यात्रा से रोका जाता।
स के विमान को उड़ाने की कोशिश के मामले ने अमेरिका में सुरक्षा इंतजामों की पोल खोलकर रख दी है। जांच से यह बात सामने आई है कि अल कायदा से रिश्तों के शक में उमर का नाम अमेरिका के टेरर डेटाबेस में शामिल था। इसके अलावा, उमर के पिता ने भी चार सप्ताह पहले अमेरिका को उसके बारे में आगाह किया था। अब सवाल उठ रहे हैं कि इन सबके बावजूद उसे अमेरिका की यात्रा करने की इजाजत कैसे दे दी गई।
उमर ने जांच अधिकारियों से कहा था कि वह अल कायदा के आदेश पर विमान को अमेरिकी धरती पर विस्फोट से उड़ाने जा रहा था। यह भी पता चला है कि 23 साल का उमर विस्फोटक, केमिकल और सिरिंज अपने अंडरवेयर में छिपाकर लाया था। यमन में अल कायदा के एक बम एक्सपर्ट ने उसे इस विस्फोटक का इस्तेमाल करना सिखाया था। उसी ने यह विस्फोटक भी मुहैया कराए थे। उसके इन दावों की जांच चल रही है।
पिछले साल यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन से मकैनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले उमर के पिता अल्लाह उमर मुतल्लब एक सम्मानित बैंकर हैं। खुद अल्लाह ने चार सप्ताह पहले नाइजीरिया की राजधानी अबुजा स्थित अमेरिकी दूतावास में शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें उन्होंने उमर के धार्मिक विचारों पर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि मेरा बेटा किसी तरह के जिहाद में शामिल हो सकता है। यह जानकारी अमेरिका के जांच अधिकारियों को भी दी गई थी।
इसके अलावा इस हमलावर का नाम अमेरिका के टेरर डेटा बेस में भी शामिल है। लेकिन अभी तक इसे फौरी खतरे के तौर पर नहीं देखा गया था इसलिए उसे उड़ान भरने से रोकने वाली नो फ्लाई लिस्ट में शामिल नहीं किया गया था। उसे सामान्य निगरानी सूची में रखा गया था। अधिकारियों का कहना है कि उमर के खिलाफ सूचनाएं इतनी पुख्ता नहीं थीं कि उसका वीजा वापस लिया जाता या उसे हवाई यात्रा से रोका जाता।
Baba Bhuman Shah Mela celebrated with religious fervor at Sangar Sadhan
Mela Baba Bhuman Shah was celebrated with large number of devotees attending from all regions with great religious fervor today at village Sangar Sadhaan near Sirsa. Ashok Tanwar, MP Sirsa, Abhay Singh Chautala INLD, Bharat Singh Beniwal Congress, and several other leaders of various political parties also visited the religious Mela.
About Baba Bhuman Shah:
Baba Bhumman Shah, (born Bhumia Hassa) is counted among the top Udasi saints of India. He was born on April 14, 1687 CE at Behlolpur village , Deepalpur Tehsil, Montgomery District, Punjab (Pakistan), in a family reportedly coming of Kamboj lineage. His father Chaudhury Hassa Ram was a Numbardar and a well-known landlord of Behlolpur. Hassa Ram and his wife Mata Rajo Bai were known to be deeply religious and devotees of Guru Nanak as well as of Baba Sri Chand, the founder of the Udasi Panth. There are several legends and myths connected with Bhumia's early childhood. The story goes that once as a kid, when he was sleeping in his cradle, a cobra came and sat over his chest with his hood spread wide-apart. Mother Rajo was stunned at the scene but as she dared to approach the cradle, the cobra disappeared slowly with no harm to the sleeping kid. Another myth relates to the revival of the dead sparrows; and yet another one deals with restoring to health the lost crops of a poor farmer......so forth and so on. These were taken to be miracles and the peoples from far and wide started to crowd at Bhumia house to have his darshan.
Bhumia went for his schooling at the age of seven. He was very sharp and intelligent student and imbibed the essentials of Hinduism, Sikhism and Islam at a very young age. Besides attending to his religious lessons, Bhumia also performed the worldly chores like grazing cows in the company of other boys of his village. He would take his cows to the forest where he would also carry plenty of food and Jal (water) to run a free-kitchen (Langar) for the passers-by including the ascetics, saints, the poor and the orphans.
Little later, the family would move from Behlolpur to Deepalpur. By the age of fifteen, Bhumia had developed a strong aspiration to become a monk. With the permission of his parents he approached Baba Pritam Das of Pakpattan, the prominent Saint of Udasin Panth who initiated him into a Guru-mantra. On being formally initiated and baptized by Baba Pritam Dass, Bhumia himself became Baba Bhumman Shah. Soon afterwards, he started to preach the religious messages which were always accompanied by Kirtan and free-kitchen (Langar).
It is stated that Chaudhury Lakha Wattu, a Muslim landlord of village Kutub Kot had been arrested for some reasons and was put behind the bars at Lahore by the orders of the Governor of Punjab. Bibi Bakhtawar, Lakha's mother, was a staunch devotee of the Baba. She solicited Baba's blessings for the release of her son and it so happened that Chaudhury Lakha was released from the jail within couple of days. As a result, Lakha and his numerous Muslim relatives from the Wattu tribe also became devoted followers of the Baba. In addition, the tribe also surrendered a village named Kutub-Kot to the Baba which the latter made the centre of his religious activities. Baba Bhumman Shah travelled from village to village to preach his message of love, peaceful coexistence, universal brotherhood, religious-tolerance and equality. He had followers from many denominations including Hindus, Sikhs and Muslems.
Baba also visited the Dargah of Sufi Saint Baba Farid, Golden Temple at Amritsar, and numerous other Sikh and Hindu shrines during his religious itineraries. At village Kutub-Kot, which later became renowned as Dera Baba Bhumman Shah, Baba permanently established the maryada of Kirtan and free kitchen (Langar).
Baba was also a very dedicated Sikh of Guru Gobind Singh. It is told that once, Dashmesh Guru and his Sikh followers were going to Nili Bar when they visited Baba Bhumman Shah and took Langar at the Dera; pleased with Shah's noble mission, Gobind Singh blessed him that his Langar would continue to grow with no shortage of any kind.
About Baba Bhuman Shah:
Baba Bhumman Shah, (born Bhumia Hassa) is counted among the top Udasi saints of India. He was born on April 14, 1687 CE at Behlolpur village , Deepalpur Tehsil, Montgomery District, Punjab (Pakistan), in a family reportedly coming of Kamboj lineage. His father Chaudhury Hassa Ram was a Numbardar and a well-known landlord of Behlolpur. Hassa Ram and his wife Mata Rajo Bai were known to be deeply religious and devotees of Guru Nanak as well as of Baba Sri Chand, the founder of the Udasi Panth. There are several legends and myths connected with Bhumia's early childhood. The story goes that once as a kid, when he was sleeping in his cradle, a cobra came and sat over his chest with his hood spread wide-apart. Mother Rajo was stunned at the scene but as she dared to approach the cradle, the cobra disappeared slowly with no harm to the sleeping kid. Another myth relates to the revival of the dead sparrows; and yet another one deals with restoring to health the lost crops of a poor farmer......so forth and so on. These were taken to be miracles and the peoples from far and wide started to crowd at Bhumia house to have his darshan.
Bhumia went for his schooling at the age of seven. He was very sharp and intelligent student and imbibed the essentials of Hinduism, Sikhism and Islam at a very young age. Besides attending to his religious lessons, Bhumia also performed the worldly chores like grazing cows in the company of other boys of his village. He would take his cows to the forest where he would also carry plenty of food and Jal (water) to run a free-kitchen (Langar) for the passers-by including the ascetics, saints, the poor and the orphans.
Little later, the family would move from Behlolpur to Deepalpur. By the age of fifteen, Bhumia had developed a strong aspiration to become a monk. With the permission of his parents he approached Baba Pritam Das of Pakpattan, the prominent Saint of Udasin Panth who initiated him into a Guru-mantra. On being formally initiated and baptized by Baba Pritam Dass, Bhumia himself became Baba Bhumman Shah. Soon afterwards, he started to preach the religious messages which were always accompanied by Kirtan and free-kitchen (Langar).
It is stated that Chaudhury Lakha Wattu, a Muslim landlord of village Kutub Kot had been arrested for some reasons and was put behind the bars at Lahore by the orders of the Governor of Punjab. Bibi Bakhtawar, Lakha's mother, was a staunch devotee of the Baba. She solicited Baba's blessings for the release of her son and it so happened that Chaudhury Lakha was released from the jail within couple of days. As a result, Lakha and his numerous Muslim relatives from the Wattu tribe also became devoted followers of the Baba. In addition, the tribe also surrendered a village named Kutub-Kot to the Baba which the latter made the centre of his religious activities. Baba Bhumman Shah travelled from village to village to preach his message of love, peaceful coexistence, universal brotherhood, religious-tolerance and equality. He had followers from many denominations including Hindus, Sikhs and Muslems.
Baba also visited the Dargah of Sufi Saint Baba Farid, Golden Temple at Amritsar, and numerous other Sikh and Hindu shrines during his religious itineraries. At village Kutub-Kot, which later became renowned as Dera Baba Bhumman Shah, Baba permanently established the maryada of Kirtan and free kitchen (Langar).
Baba was also a very dedicated Sikh of Guru Gobind Singh. It is told that once, Dashmesh Guru and his Sikh followers were going to Nili Bar when they visited Baba Bhumman Shah and took Langar at the Dera; pleased with Shah's noble mission, Gobind Singh blessed him that his Langar would continue to grow with no shortage of any kind.
सुप्रीम कोर्ट जाएगा रुचिका का परिवार
पंचकूला, रुचिका का परिवार देश भर से मिल रहे समर्थन के चलते पूर्व डीजीपी एसपीएस राठौर के खिलाफ फिर कानूनी लड़ाई शुरू करने जा रहा है। मामले की जांच धारा 306 के तहत कराये जाने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की जाएगी। रुचिका का केस लड़ रहे अधिवक्ता पंकज भारद्वाज ने रविवार को कलाग्राम में पत्रकारों से बातचीत में कहा, अदालत की छुट्टियां खत्म होने पर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की जाएगी। उन्होंने सीबीआई पर जांच में ढिलाई का आरोप लगाते हुए कहा, जांच एजेंसी इस मामले में धारा 306 भी लगा सकती थी, लेकिन उसने यह धारा नहीं लगाई। अदालत ने भी इस बात को माना है। अत: मामले की दोबारा जांच होनी चाहिये और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। रुचिका के पिता सुभाष चंद्र गिरहोत्रा ने कहा, 28 दिसंबर को रुचिका की बरसी है। लोग इसे जनआंदोलन के रूप में लें और उनकी मृत बेटी को न्याय दिलाने के लिए एकजुट होकर सामने आएं, ताकि दोषी दंडित हो।
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रुचिका,
JUSTICE FOR RUCHIKA,
Ruchika
शेरा पूछे, कोटला! हाउज दैट!!!
नई दिल्ली, फिरोजशाह कोटला की पिच के कारण दिल्ली शर्मसार हो गई। अनुभव और विश्वास
के बावजूद सिर्फ एक दिन के मैच में ही दिल्ली की छीछालेदर हो गई। ऐसी हालत में कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारियों पर उठ रही आशंकाएं और भी मजबूत हो जाती हैं। पूर्व केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल क्रिकेट मैच रद्द होने के बाद काफी चिंतित हैं, लेकिन दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री राजकुमार चौहान इन आशंकाओं और चिंताओं को निराधार मानते हैं।
चौहान का कहना है कि पिच के कारण दिल्ली का मैच रद्द होना शर्म की बात है, लेकिन इसे कॉमनवेल्थ गेम्स के साथ जोड़ना सही नहीं है। हमारे ज्यादातर स्टेडियमों का ढांचा तैयार हो चुका है। सिर्फ फिनिशिंग का काम बाकी है। खेलों के आयोजन में अभी नौ महीनों से ज्यादा का समय है। स्टेडियम समय से काफी पहले ही तैयार हो जाएंगे।
चौहान के अनुसार, केवल दो प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जिन्हें लेकर चिंता हो सकती है। पहला बारापूला एलिवेटेड रोड और दूसरा, सलीमगढ़ फोर्ट के पैरलल रिंग रोड। बारपूला प्रोजेक्ट मई तक पूरा होना है। किसी अनहोनी के कारण मई तक काम पूरा नहीं हुआ तो भी इसके बाद चार महीने का समय और रहेगा। सलीमगढ़ प्रोजेक्ट जून-जुलाई तक पूरा हो जाएगा। यही स्थिति यूपी लिंक रोड की भी है। उन्होंने दावा किया कि स्ट्रीट लाइट बदलने का काम जनवरी में पूरा हो जाने की उम्मीद है। स्ट्रीट स्केपिंग और ब्यूटीफिकेशन भी शुरू हो चुका है। गाजीपुर और अप्सरा बॉर्डर का कुछ काम रह भी गया, तो कॉमनवेल्थ गेम्स से उसका कोई सीधा संबंध नहीं है। साइनेज का 50 करोड़ रुपये का टेंडर आ चुका है, यानी हर काम पटरी पर है।
दूसरी तरफ, विजय गोयल मानते हैं कि एक दिन के मैच का वर्क लोड ही हम सह नहीं पाए, तो इतने बड़े पैमाने पर होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स को कैसे मैनेज कर पाएंगे। चिंता इसलिए ज्यादा है, क्योंकि कुछ लोगों ने खेलों को अपनी बपौती बना लिया है। यही स्थिति रही तो दिल्ली निश्चित रूप से शर्मसार होगी। गोयल रविवार को ही खेलगांव देखने गए थे। उनका कहना है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर कहीं दिखाई नहीं दे रहा है। खेलों के आयोजन की तरफ भी किसी का ध्यान नहीं है। केवल स्टेडियमों के निर्माण से ही खेल सफल नहीं हो सकते। न कम्यूनिकेशन की प्लानिंग है, न मीडिया की, न सिक्युरिटी की और न ही रेफरियों व सिस्टम की। आयोजन समिति सोचती है कि दिल्ली सरकार अपनी जिम्मेदारियां निभाएगी, जबकि दिल्ली सरकार इसे केंद का दायित्व मानती है। गोयल कहते हैं कि दिल्ली का मैच रद्द होना एक चेतावनी है। बशर्ते आयोजन समिति इसे चेतावनी के तौर पर ले।
के बावजूद सिर्फ एक दिन के मैच में ही दिल्ली की छीछालेदर हो गई। ऐसी हालत में कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारियों पर उठ रही आशंकाएं और भी मजबूत हो जाती हैं। पूर्व केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल क्रिकेट मैच रद्द होने के बाद काफी चिंतित हैं, लेकिन दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री राजकुमार चौहान इन आशंकाओं और चिंताओं को निराधार मानते हैं।
चौहान का कहना है कि पिच के कारण दिल्ली का मैच रद्द होना शर्म की बात है, लेकिन इसे कॉमनवेल्थ गेम्स के साथ जोड़ना सही नहीं है। हमारे ज्यादातर स्टेडियमों का ढांचा तैयार हो चुका है। सिर्फ फिनिशिंग का काम बाकी है। खेलों के आयोजन में अभी नौ महीनों से ज्यादा का समय है। स्टेडियम समय से काफी पहले ही तैयार हो जाएंगे।
चौहान के अनुसार, केवल दो प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जिन्हें लेकर चिंता हो सकती है। पहला बारापूला एलिवेटेड रोड और दूसरा, सलीमगढ़ फोर्ट के पैरलल रिंग रोड। बारपूला प्रोजेक्ट मई तक पूरा होना है। किसी अनहोनी के कारण मई तक काम पूरा नहीं हुआ तो भी इसके बाद चार महीने का समय और रहेगा। सलीमगढ़ प्रोजेक्ट जून-जुलाई तक पूरा हो जाएगा। यही स्थिति यूपी लिंक रोड की भी है। उन्होंने दावा किया कि स्ट्रीट लाइट बदलने का काम जनवरी में पूरा हो जाने की उम्मीद है। स्ट्रीट स्केपिंग और ब्यूटीफिकेशन भी शुरू हो चुका है। गाजीपुर और अप्सरा बॉर्डर का कुछ काम रह भी गया, तो कॉमनवेल्थ गेम्स से उसका कोई सीधा संबंध नहीं है। साइनेज का 50 करोड़ रुपये का टेंडर आ चुका है, यानी हर काम पटरी पर है।
दूसरी तरफ, विजय गोयल मानते हैं कि एक दिन के मैच का वर्क लोड ही हम सह नहीं पाए, तो इतने बड़े पैमाने पर होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स को कैसे मैनेज कर पाएंगे। चिंता इसलिए ज्यादा है, क्योंकि कुछ लोगों ने खेलों को अपनी बपौती बना लिया है। यही स्थिति रही तो दिल्ली निश्चित रूप से शर्मसार होगी। गोयल रविवार को ही खेलगांव देखने गए थे। उनका कहना है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर कहीं दिखाई नहीं दे रहा है। खेलों के आयोजन की तरफ भी किसी का ध्यान नहीं है। केवल स्टेडियमों के निर्माण से ही खेल सफल नहीं हो सकते। न कम्यूनिकेशन की प्लानिंग है, न मीडिया की, न सिक्युरिटी की और न ही रेफरियों व सिस्टम की। आयोजन समिति सोचती है कि दिल्ली सरकार अपनी जिम्मेदारियां निभाएगी, जबकि दिल्ली सरकार इसे केंद का दायित्व मानती है। गोयल कहते हैं कि दिल्ली का मैच रद्द होना एक चेतावनी है। बशर्ते आयोजन समिति इसे चेतावनी के तौर पर ले।
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कोटला पर बैन का फैसला 1 महीने में
नई दिल्ली।। आईसीसी ने सोमवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्थल के रूप में फिरोजशाह कोटला पर बैन के फैसले मे
ं उसे 1 महीने का समय लगेगा। रविवार को कोटला की पिच पर जमकर बवाल हुआ। पिच खराब होने के कारण मैच रद्द कर दिया गया था।
आईसीसी के सीईओ हारून लोर्गट ने इस मामले पर कहा, 'कोटला मामले पर हमने बीसीसीआई की प्रतिक्रिया मांगी है और जवाब के लिए उन्हें 14 दिन का समय दिया है। इसके बाद रंजन मदुगले (मुख्य मैच रैफरी) और डेव रिचर्डसन (क्रिकेट जीएम)कोटला पर बैन मामले पर फैसला लेंगे।'
रिचर्डसन क्या फैसला करेंगे, उस पर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। अभी यह कहना भी सही नहीं होगा कि कोटला की पिच अनफिट थी।'
आईसीसी सीईओ ने कहा, 'आईसीसी को कोटला पिच के बारे कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।' उन्होंने कहा, 'मैच रैफरी और मुख्य मैच रैफरी के बीच इस मुद्दे पर चर्चा में 5 दिन लगेंगे और इसके बाद बीसीसीआई को 14 दिन में जवाब देने को कहा जाएगा। अंतिम रिपोर्ट तैयार करना रंजन मदुगले पर निर्भर है जिसमें 10 से 14 दिन लगेंगे। इसलिए यह कहना सही होगा कि इस प्रक्रिया के पूरा होने में लगभग एक महीने का वक्त लगेगा।'
ं उसे 1 महीने का समय लगेगा। रविवार को कोटला की पिच पर जमकर बवाल हुआ। पिच खराब होने के कारण मैच रद्द कर दिया गया था।
आईसीसी के सीईओ हारून लोर्गट ने इस मामले पर कहा, 'कोटला मामले पर हमने बीसीसीआई की प्रतिक्रिया मांगी है और जवाब के लिए उन्हें 14 दिन का समय दिया है। इसके बाद रंजन मदुगले (मुख्य मैच रैफरी) और डेव रिचर्डसन (क्रिकेट जीएम)कोटला पर बैन मामले पर फैसला लेंगे।'
रिचर्डसन क्या फैसला करेंगे, उस पर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। अभी यह कहना भी सही नहीं होगा कि कोटला की पिच अनफिट थी।'
आईसीसी सीईओ ने कहा, 'आईसीसी को कोटला पिच के बारे कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।' उन्होंने कहा, 'मैच रैफरी और मुख्य मैच रैफरी के बीच इस मुद्दे पर चर्चा में 5 दिन लगेंगे और इसके बाद बीसीसीआई को 14 दिन में जवाब देने को कहा जाएगा। अंतिम रिपोर्ट तैयार करना रंजन मदुगले पर निर्भर है जिसमें 10 से 14 दिन लगेंगे। इसलिए यह कहना सही होगा कि इस प्रक्रिया के पूरा होने में लगभग एक महीने का वक्त लगेगा।'
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फिरोजशाहकोटला की पिच,
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कोटला से छिन सकता है वर्ल्ड कप मैच
नई दिल्ली, भारत और श्रीलंका के बीच रविवार को खतरनाक पिच के चलते रद हुए पांचवें वनडे मैच से बीसीसीआई और डीडीसीए को करोड़ों रुपये की चपत लगी है। विज्ञापन और टीवी राइट्स के जरिए आयोजकों को एक वनडे मैच से करीब चार से पांच करोड़ रुपये की आमदनी होती है। अब प्रायोजक इस मैच का पैसा तो वापस लेंगे ही साथ ही मेजबानों को दर्शकों का भी पैसा लौटाना पड़ेगा। सबसे बड़ा खतरा यह है कि कहीं कोटला पर आईसीसी एक या दो सालों का प्रतिबंध न लगा दे, जैसा इंदौर के साथ हुआ था। इंदौर में तीन ओवर के बाद रद हुए मैच के बाद उस पर दो वर्ष का प्रतिबंध लगा था। डीडीसीए पूरे मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति गठित करेगा। सरकार की तरफ से नामित विभाकर शास्त्री ने कहा कि समिति सप्ताह भीतर रिपोर्ट देगी। अगर सोमवार को प्रतिबंध की घोषणा होती है तो डीडीसीए, बीसीसीआई और आईसीसी को घोर संकट का सामना करना पड़ेगा क्योंकि 2011 में एशियाई उपमहाद्वीप में विश्व कप मैचों का आयोजन होना है। प्रतिबंध की प्रक्रिया में हालांकि एक सप्ताह या उससे अधिक का समय लग सकता है। ऐसी स्थिति में यह पूरा मामला पहले आईसीसी की तकनीकी समिति के पास जाएगा। चूंकि कोटला भी अगले विश्व कप के मैचों की मेजबानी करेगा, इसलिए प्रतिबंध के बाद उसे मेजबानी से हाथ धोना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में बीसीसीआई को यहां होने वाले मैचों के लिए कोई नया सेंटर ढूंढ़ना पडे़गा। यह दिक्कत आईसीसी को भी झेलनी पड़ेगी। उन्हें भी अपने कार्यक्र म में फेरबदल करना पड़ेगा। इस समस्या से बचने के लिए आईसीसी हो सकता है कि इस सेंटर को अधिकतम एक साल के लिए प्रतिबंधित करे अथवा कड़ा आर्थिक जुर्माना लगाकर छोड़ दे। बहरहाल मामला बहुत गंभीर है, आईसीसी इसे कतई हल्के रूप में नहीं लेगी। डीडीसीए के अध्यक्ष अरुण जेटली ने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी थी, लेकिन इस मामले में बोर्ड की भी जिम्मेदारी बनती है क्योंकि उन्होंने भी पिच के लिए अपना विशेषज्ञ भेजा था। दर्शकों और अन्य को जो असुविधा हुई उसके लिए डीडीसीए को खेद है। हम उनसे माफी मांगते हैं। सभी गेट टिकट का पैसा लौटाया जाएगा। इस संबंध में विस्तृत घोषणा जल्द होगी। जेटली ने आश्वासन दिया कि अगली बार इस तरह की पुनरावृत्ति न हो इसलिए हम पिच के लिए क्वालीफाइड एवं उच्च तकनीकी जानकार से राय लेने के बाद ही पिच का निर्माण करवाएंगे। हम इस मामले में किसी पर दोषारोपण करने के बजाय इसे सुलझाने का प्रयास करेंगे। चेतन चौहान ने कहा कि वह इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हैं लेकिन केवल राज्य संघ को ही दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
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रविवार, 27 दिसंबर 2009
राजौरी-पुंछ में तेंदुओं-रीछ की शामत
राजौरी,जंगलों में अवैध कटाई और पानी की कमी के कारण तेंदुए न केवल आबादी वाले क्षेत्रों का रुख कर रहे हैं, बल्कि आदमखोर भी बन रहे हैं। राजौरी और पुंछ में अब तक 16 लोग उनके ग्रास बन चुके हैं, जबकि सौ से ज्यादा जख्मी हो चुके हैं। तेंदुओं के हमलों से आजिज आ चुके इन दोनों जिलों के ग्रामीण अब उन्हें खत्म करने पर उतर आए हैं। ग्रामीण अब तक 12 तेंदुओं और दस रीछों को मौत के घाट उतार चुके हैं। वन्यजीव विभाग भी जंगली जानवरों को रिहायशी क्षेत्रों से दूर रखने के लिए ठोस कदम उठाने के बजाय उन्हें मौत के घाट उतारने का बेहिचक आदेश दे रहा है। यही नहीं वह उन ग्रामीणों के खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं करता जिनके हाथों तेंदुए अथवा रीछ मारे जा रहे हैं। पिछले कुछ समय में राजौरी और पुंछ जिलों के थन्ना मंडी, नौशहरा, कालाकोट सहित करीब दर्जन भर इलाकों में तेंदुए हमले कर चुके हैं। इसी तरह बुद्धल, सवाड़ी, पीढ़ी, चंडीमंढ आदि क्षेत्रों में रीछों का कहर है। कई गांवों में इन दोनों जानवरों का खौफ इतना बढ़ चुका है कि लोग अकेले और बिना लाठी के घरों से बाहर कदम तक नहीं रखते हैं। जब ग्रामीण किसी जंगली जानवर को मौत के घाट उतार देते हैं तो वन्यजीव विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचकर किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि गांव के नाम पर मामला दर्ज कर अपने कर्तव्य का इतिश्री कर लेते हैं। कभी कभार ग्रामीणों से बचकर यदि कोई तेंदुआ निकल भी जाता है तो विभाग उसे मारने का फरमान सुना देता है। वन्यजीव विभाग अभी तक तीन तेंदुओं को मौत के घाट उतारने का आदेश जारी कर चुका है। वन्यजीव विभाग के राजौरी-पुंछ रेंज के अधिकारी विजय सिंह का कहना है कि जो तेंदुए आदमखोर घोषित किए गए हैं उन्हें जल्द ही मार दिया जाएगा। हम लोग गांव-गांव जाकर जानवरों से निपटने के गुर भी लोगों को सिखा रहे हैं। राजौरी में वाइल्ड लाइफ सेंच्युरी व नेशनल पार्क बनाने के लिए प्रस्ताव सरकार के पास भेज रखा है, लेकिन फिलहाल किसी को पता नहीं कि उसे कब मंजूरी मिलेगी।
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जंगलों में अवैध कटाई,
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धार्मिक यात्रा के लिए श्रद्धालुओं से भरी दो बसों को रवाना किया
डबवाली(सुखपाल) श्री चिन्तपूर्णी सेवा समिती द्वारा वैष्णों माता मंदिर से धार्मिक यात्रा के लिए श्रद्धालुओं से भरी दो बसों को रवाना किया गया। इस अवसर पर प्रेस कल्ब के अध्यक्ष विजय वढेरा, धर्म प्रेमी व इनेलो नेता नरेश मित्तल द्वारा पूजा की रसम अदा की गई। मंदिर के पुजारी केशव शास्त्री द्वारा पूरे धाॢमक अनुष्ठान के साथ मंगल यात्रा की कामना की गई। इस अवसर पर सतपाल कामरा, लाजपत राय बांसल, शिवजी राम, संजीव कुमार, प्रेम मोंगा, ओम प्रकाश सहित बडी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। समिती के संचालक अशोक कुमार गोयल व विजय बांसल ने बताया की यह यात्रा गुरूद्वारा श्री हरिमंदिर साहिब अमृतसर, दुर्गाणा मंदिर, माता चिन्तापूर्णी, श्री वैष्णों माता गुफा होशियारपुर, देवी तालाब मंदिर जालंधर से होती हुई वापस डबवाली पहुंचेगी।
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डबवाली समाचार,
प्रेस कल्ब,
यात्रा
शुक्रवार, 25 दिसंबर 2009
मैने राठौ़ड के खिलाफ कार्रवाई की : चौटाला
25 दिसंबर, 2009
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने बहुचर्चित टेनिस खिलाडी रूचिका मामले में कहा कि मैने मामले के दोषी एस पी सी राठौड के खिलाफ कार्रवाही की, जबकि दूसरी सरकारों ने उसे प्रोन्नति दी। रूचिका के पिता ने गुरूवार को चौटाल पर राठौड को बचाने का आरोप लगाया था। चौटाल ने कहा कि हमने उसके खिलाफ कडी कार्रवाही की। वर्ष 1990 में मेरी सरकार ने उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की थी। इसके बाद अपने कार्यकाल के दौरान हमने उसे डीजीपी के पद से निलंबित कर दिया, क्योकि उसके खिलाफ उस मामले में आरोप-पत्र पेश किया गया था। उन्होंने कहा कि राठौड को भजन लाल और बंसीलाल की सरकारों के दौरान एडीजीपी और बाद में डीजीपी बनाया गया। उसकी प्रोन्नति के लिए इनको दोष दिया जाना चाहिए।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने बहुचर्चित टेनिस खिलाडी रूचिका मामले में कहा कि मैने मामले के दोषी एस पी सी राठौड के खिलाफ कार्रवाही की, जबकि दूसरी सरकारों ने उसे प्रोन्नति दी। रूचिका के पिता ने गुरूवार को चौटाल पर राठौड को बचाने का आरोप लगाया था। चौटाल ने कहा कि हमने उसके खिलाफ कडी कार्रवाही की। वर्ष 1990 में मेरी सरकार ने उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की थी। इसके बाद अपने कार्यकाल के दौरान हमने उसे डीजीपी के पद से निलंबित कर दिया, क्योकि उसके खिलाफ उस मामले में आरोप-पत्र पेश किया गया था। उन्होंने कहा कि राठौड को भजन लाल और बंसीलाल की सरकारों के दौरान एडीजीपी और बाद में डीजीपी बनाया गया। उसकी प्रोन्नति के लिए इनको दोष दिया जाना चाहिए।
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ओमप्रकाश चौटाला
एनएसएस शिविर कन्या में भ्रूण हत्या, दहेज के प्रति जागरूक किया।
डबवाली(सुखपाल)- उपमण्डल के गांव अबूबशहर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में चल रहे सात दिवसीय एनएसएस शिविर के चतुर्थ दिवस 60 स्वयंसेवकों ने धुन्ध के बावजूद पीटी की व पूरे गांव में प्रभात फेरी निकाली। जिसमें लोगों को कन्या भ्रूण हत्या, दहेज व नशे से मुक्ति के प्रति जागरूक किया। तदोपरान्त कुछ स्वयंसेवकों द्वारा प्रधानाचार्या व लिपिक कक्ष की सफाई की गई तथा कुछ स्वयंसेवकों ने गांव के बस स्टैण्ड की सफाई की तथा लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया। एनएसएस अधिकारी प्रदीप पारीक ने स्वयंसेवकों को उपभोक्ता संरक्षण कानून, महिला ङ्क्षहसा कानून तथा लोक अदालत के लाभों के बारे विस्तृत जानकारी दी। तत्पश्चात विद्यालय प्रांगण में भाषण एवं दौड़ प्रतियोगिता करवाई गई। भाषण प्रतियोगिता में सिमरजीत, मनप्रीत कौर व जसवीर कौर एवं दौड़ प्रतियोगिता में रणधीर कुमार, गंगा राम व वीर सिंह, ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर प्रवक्ता सुरजीत सिंह, अध्यक्ष देवी लाल, डी. पी. ई. आजाद सिंह, बृज लाल व स्कूल स्टॉफ के अन्य शिक्षक भी उपस्थित थे।
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शिशु वाटिका में क्रिसमस-डे की धूम
डबवाली(सुखपाल)- स्थानीय गोपाल शिशु वाटिका में आज क्रिसमस-डे मनाया गया। जिसमें क्रैच के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने सांता क्लॉज की वेशभूषा में कार्यक्रम को चार चाँद लगा दिया। इस अवसर पर कै्रच की निदेशक कुसुम मोंगा ने अपने सम्बोधन में कहा कि सभी धर्म शांति के रास्ते पर चलने की सीख देते हंै तथा प्रभु ईसा मसीह ने भी दुनिया को शांति और भाईचारे का संदेश दिया था। इस प्रकार वर्तमान युग में भी प्र्रभु ईसा मसीह की शिक्षाओं को जीवन में उतारने की आवश्यकता है। इस अवसर पर स्टॉफ सदस्य एवं अभिभावक उपस्थित थे। अन्त में बच्चों में टॉफियां वितरित की गई।
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क्रिसमस-डे,
डबवाली समाचार
पंजाब सरकार एवं केन्द्र सरकार गांववासियों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही ---गुलजार मोरिया
डबवाली(सुखपाल) स्थानीय किलियांवाली अनाज मण्डी में आज पंजाब खेत मजदूर सभा की जिला वॄकग कमेटी की एक बैठक का. महंगा राम दोदा, का. गुरमुख सिंह बादल एवं किरण बजाज की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक को सम्बोधित करते हुए पंजाब खेत मजदूर सभा के महासचिव गुलजार मोरिया ने कहा कि पंजाब सरकार एवं केन्द्र सरकार गांववासियों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है तथा ग्रामीण रोजगार गारन्टी कानून (नरेगा) को पंजाब प्रदेश में लागू नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि देश के अन्य प्रदेशों में यह 20वें नम्बर पर है। इस बैठक को का. नाजर चन्द लम्बी, अवतार सिंह भुल्लर, कुलवन्द समाघ, गुरतेज सिंह बास व मंगल सिंह ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर का. गजराज सिंह, डॉ. गुरमीत सिंह, द्रोणा सिंह आदनीया, जगसीर सिंह नम्बरदार, धर्मा सिंह जिला प्रधान सहित भ_ा मजदूर यूनियन के सदस्य उपस्थित थे।
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अनाज मण्डी,
किलियांवाली,
पंजाब
ट्रेन का सफर, 7 स्टार होटल का मजा
नई दिल्ली : ट्रेन में सेवन स्टार होटल का मजा लेना हो तो महाराजा एक्सप्रेस का टिकट कटा लीजिए। हां, इसके लिए आपको जेब थोड़ी ज्यादा ढीली करनी होगी, लेकिन सफर लाजवाब होगा। महाराजा एक्सप्रेस में एक व्यक्ति का एक दिन के लिए किराया 36 हजार से लेकर 1,12,500 रुपये तक होगा और कम से कम सात दिन का पैकेज लेना होगा। शाही आन, बान और शान वाली यह महाराजा एक्सप्रेस एक हफ्ते में आपको भारत के कई प्रमुख स्थानों की सैर कराएगी। आईआरसीटीसी और कॉक्स एंड किंग्स इंडिया लिमिटेड मिलकर पहली बार यह लग्जरी ट्रेन चला रहे हैं। आईआरसीटीसी ने पर्यटकों की यादगार यात्रा बनाने के लिए इस महाराजा एक्सप्रेस की पूरी तैयार कर ली है। यह ट्रेन 31 जनवरी को दिल्ली से रवाना होगी। शाही मेहमान होंगे मुसाफिर : खास अंदाज में तैयार की गई महाराजा ट्रेन देश की पहली ट्रेन होगी, जिसमें सात सितारा होटल की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। 23 कोच की इस ट्रेन में एक बार में सिर्फ 84 मुसाफिर शाही सवारी का मजा उठा सकेंगे। इस ट्रेन में देश की अब तक की सबसे लग्जरी ट्रेन पैलेस ऑन व्हील से भी कहीं अधिक सुविधाएं हैं। मुसाफिरों के लिए इसमें लग्जरी रूम पैंट्री कार, डाइनिंग रूम, बार रूम, लाइब्रेरी, स्टडी रूम, मनोरंजन रूम और लाउंज होगा। इनमें बैठकर पर्यटक बाहर का नजारा भी देख सकेंगे। मुसाफिर अपनी पसंद से डीलक्स केबिन, जूनियर सूईट के अलावा प्रेसिडेंशियल सूईट का चुनाव कर सकेंगें। इनमें देशी तथा विदेशी व्यंजन परोसने के लिए वर्ल्ड क्लास की पैंट्री कार लगाई गई है, जो भारतीय तथा यूरोपिन, चाइनीज, इटैलियन समेत दुनिया भर के व्यंजन परोसेंगी। पूरी ट्रेन एयरकंडीशंड होने के साथ ही साथ हर कोच में देश की कला एवं संस्कृति प्रदर्शित करते चित्र भी लगाए गए हैं। केबिनों में माइक्रोप्रोसेसर क्लाइमेट कंट्रोलर लगाए गए हैं। प्रत्येक कोच में डारेक्ट डायल टेलीफोन की सुविधा के अलावा डायरेक्ट टीवी तथा इंटरनेट की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। इस लग्जरी ट्रेन का डिजाइन रेल कोच फेक्ट्री चेन्नई में तैयार किया गया है। एक कोच को तैयार करने में दो से तीन करोड़ रुपये की लागत आई है। खास बात है कि इस शाही ट्रेन के कोच का नामकरण भी राज्यों की थीम के आधार पर किया जाएगा।कौन से होंगे रूट : यह महाराजा एक्सप्रेस ट्रेन देश के प्रमुख पर्यटन, धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा कराएगी। पर्यटकों की सुविधा के लिए कम से कम सप्ताह के टूर पैकेज की व्यवस्था भी होगी। आईआरसीटीसी ने इस शाही ट्रेन के दो रूट निर्धारित किए हैं। ट्रेन का पहला रूट दिल्ली से होकर आगरा, ग्वालियर, खजुराहो, बांधवगढ़, वाराणसी, ग्वालियर, गया और कोलकाता तक होगा। दूसरे रूट में यह ट्रेन दिल्ली, आगरा, रणथंभौर, जयपुर, बीकानेर, जोधपुर, उदयपुर, बडोदरा होते हुए मुंबई पहुंचेगी। जनवरी में होगा ट्रायल : आईआरसीटीसी के प्रबंध निदेशक डॉ. नलिन सिंघल बताते हैं कि इस ट्रेन का ट्रायल जनवरी के तीसरे सप्ताह में शुरू होगा। 31 जनवरी को पहली कॉमर्शियल यात्रा पर 84 पर्यटकों को लेकर ट्रेन दिल्ली से रवाना होगी। सिंघल का कहना है कि विदेशी पर्यटकों के अलावा देश के यात्री भी महाराजा एक्सप्रेस की शाही सवारी कर सकेंगे। नवंबर 2010 तक नो वैकेंसी : अगर आप यह पूरी खबर पढ़ने के बाद इस ट्रेन से सफर की योजना बनाने रहे हैं, तो जरा ठहर जाइए। महाराजा एक्सप्रेस में नवंबर 2010 तक पूरी बुकिंग हो चुकी है। इसके आगे की बुकिंग चाहिए तो आपका स्वागत है।कितना होगा किराया एक दिन का किराया : इस टूर पैकेज में चार श्रेणी के लिए अलग किराया निर्धारित किया गया है। नीचे दिया गया किराया प्रति व्यक्ति प्रति दिन का है। डीलक्स केबिन- आठ सौ डॉलर , जूनियर सुईट - 900 डॉलर, सुईट - 1400 डॉलर, प्रेसिडेंटल कैरिज - 25 सौ डॉलर।
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गरीबों का गेहूं पीस रही पंजाब सरकार
पंजाब सरकार केंद्र सरकार की एपीएल योजना के तहत मिल रहे गेहूं के स्थान पर आटा देकर कथित तौैर पर करोड़ों रुपये का घालमेल कर रही है। केंद्र सरकार से करीब 6.53 रुपये प्रति किलो की दर से मिलने वाले गेहूं का आटा तैयार करके राज्य के 70 लाख एपीएल उपभोक्ताओं को 12 रुपये प्रति किलो के हिसाब से देने की तैयारी कर ली गई है। इसके लिए राज्य की 70 के लगभग बड़ी फ्लोर मिलों का टेंडर भी हो गया है। इसका खुलासा सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी में हुआ है। केंद्र द्वारा हर माह राज्य में एपीएल को गेहूं राज्य सरकार के जरिए बांटा जा रहा है। राज्य के 14500 के करीब डिपो होल्डर करीब 70 लाख उपभोक्ताओं को योजना का फायदा उपलब्ध करवा रहे हैं। जागरण संवाददाता द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के अनुसार केंद्र द्वारा जारी एपीएल गेहूं का निर्धारित मूल्य 6 रुपये 10 पैसे व चार प्रतिशत वैट और 3 प्रतिशत अलग खर्चो के साथ बेचा जाना तय है पर राज्य सरकार राज्य के 70 लाख उपभोक्ताओं को यही गेहूं 8.10 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेच रही है। इसके लिए पंजाब सरकार द्वारा डिपो होल्डरों से 7.81 रुपये के हिसाब से पैसे जमा करवाए जाते हैं। विभाग की वेबसाइट पर भी नजर दौड़ाएं तो एपीएल का निर्धारित मूल्य 6.53 रुपये के लगभग दिखाया जाता है,जबकि विभाग द्वारा डिपो होल्डरों के काटे गए रिलीज आर्डर पर 7.81 रुपये का मूल्य है।
यमुना को बचाने में डूबे 18 सौ करोड़
नईदिल्ली: गंगा में जहरीला ही सही पानी तो है, लेकिन दिल्ली की यमुना तो मृतप्राय है। वह भी तब जब कि इस नदी के बचाने में 1800 करोड़ रुपये डूब चुके हैं और सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के एक दर्जन आदेश आ चुके हैं। अब नौबत यहां भी घाटों पर पुलिसिया पहरा बैठाने की है जैसा कि इसी महीने वाराणसी में हुआ है, ताकि सूखी यमुना दिल्ली का कूड़ेदान न बन जाए। राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान दिल्ली आने वाले विदेशी यमुना को देखकर सिर्फ अफसोस ही करेंगे, क्योंकि यमुना को साफ करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की तीन समय सीमाएं भी हवा में उड़ चुकी हैं। अब बारी नदियों पर पुलिस के पहरे की है। गंगा को अपने भक्तों से बचाने के लिए वाराणसी प्रशासन ने पुलिस को लगा दिया है। दिल्ली भी इसी तरफ बढ़ रही है। वाराणसी के प्रशासन ने धारा 144 यानी निषेधाज्ञा के तहत घाटों व नदी में साफ सफाई तय करने के लिए खाकी वर्दी को लगा दिया है। वैसे, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष एस.सी.गौतम इस रास्ते से बहुत इत्तेफाक नहीं रखते। उनका कहना है कि एक शहर के तटों की निगरानी से क्या होगा। अगर देश के सभी सवा छह सौ जिलों में जिम्मेदार अधिकारी यह तय कर ले कि घरेलू सीवर को नदियों में जाने से रोक दें, तो सत्तर फीसदी गंदगी अपने आप समाप्त हो जाएगी। उनकी बात सही है, क्योंकि सबसे बड़ी अदालत ने 2005 तक यमुना को साफ करने की सीमा तय की थी, मगर हुआ उल्टा और यमुना पहले से ज्यादा मैली हो गई। 17 साल से सुप्रीम कोर्ट और 7 साल से हाईकोर्ट यमुना की सफाई की निगरानी कर रहा है। सरकार भी यमुना एक्शन प्लान का पहला चरण और दूसरा चरण लागू कर चुकी है। हाल में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने यमुना की गंदगी पर चिंता जताते हुए दिल्ली सरकार से इसे चुनौती के रूप में लेने को कहा।
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प्रदूषण नियंत्रण,
यमुना
Sports not ‘healthy’ for girls?
Sexual exploitation of women athletes is rampant
December 24
One major gray area of Indian sports has been the exploitation and sexual harassment of girl and women athletes. Conviction of former Director-General of Police SPS Rathore in the Ruchika molestation case is only a symbolic revelation of a deeper malaise that has been continuously tormenting women in sports.
Only in July this year, the manager of Indian women’s T20 cricket team, Chamundeswarnath, hawked newspaper headlines after several women players complained against sexual harassment and nepotism by him. Besides, they also accused him of sending lewd SMSs. The Andhra Pradesh government ordered an inquiry after a police case was registered against him on the complaint of a woman cricketer.
Intriguingly, a minute percentage of total cases of exploitation and sexual harassment of girl and women athletes are reported to the police or highlighted in the media as the victims and their parents prefer to quit the sports scene to avoid “public disgrace”. Some years ago a male swimming coach was accused of under water sexual misconduct with girl trainees. But the case was hushed up after his transfer.
It is one reason that many parents do not want their daughters to take to competitive sports. The problem is not only confined to India but is prevalent world over as even the International Olympic Committee had in February 2007 adopted a consensus position statement on sexual harassment and abuse in sport. The statement was prepared by a group of experts at a seminar in Lausanne, the headquarters of the IOC, at a seminar a year earlier.
The statement not only defines the problems but also identifies the risk factors and provides guidelines for prevention and resolution. In spite of rigorous guidelines and instructions issued from time to time, male coaches, managers and other male officials continue to accompany girls and women teams for tournaments and competitions. Indian women’s’ T20 cricket team has been the glaring example.
Even if one takes a wide look at the sports management infrastructure in the country, it is essentially a male bastion. Even games and sports that primarily have dominant women participation, management, including coaching, remain in the male domain. Most of these sports managers are either bureaucrats or politicians who refuse to leave the sports bodies alone even after several terms of three to five years each in office.
At times, cases of exploitation of school and college girls or junior team officials get highlighted in the media। But subsequent pressures from the powerful sports managers force the complainants to withdraw. For example, cases of girl and women swimmers, tennis and badminton players from the northern region being sexually harassed, never progressed beyond the complaint. Naturally, exploitation is more in individual sports than team games. And Ruchika unfortunately wanted to be tennis player, again an individual event.
December 24
One major gray area of Indian sports has been the exploitation and sexual harassment of girl and women athletes. Conviction of former Director-General of Police SPS Rathore in the Ruchika molestation case is only a symbolic revelation of a deeper malaise that has been continuously tormenting women in sports.
Only in July this year, the manager of Indian women’s T20 cricket team, Chamundeswarnath, hawked newspaper headlines after several women players complained against sexual harassment and nepotism by him. Besides, they also accused him of sending lewd SMSs. The Andhra Pradesh government ordered an inquiry after a police case was registered against him on the complaint of a woman cricketer.
Intriguingly, a minute percentage of total cases of exploitation and sexual harassment of girl and women athletes are reported to the police or highlighted in the media as the victims and their parents prefer to quit the sports scene to avoid “public disgrace”. Some years ago a male swimming coach was accused of under water sexual misconduct with girl trainees. But the case was hushed up after his transfer.
It is one reason that many parents do not want their daughters to take to competitive sports. The problem is not only confined to India but is prevalent world over as even the International Olympic Committee had in February 2007 adopted a consensus position statement on sexual harassment and abuse in sport. The statement was prepared by a group of experts at a seminar in Lausanne, the headquarters of the IOC, at a seminar a year earlier.
The statement not only defines the problems but also identifies the risk factors and provides guidelines for prevention and resolution. In spite of rigorous guidelines and instructions issued from time to time, male coaches, managers and other male officials continue to accompany girls and women teams for tournaments and competitions. Indian women’s’ T20 cricket team has been the glaring example.
Even if one takes a wide look at the sports management infrastructure in the country, it is essentially a male bastion. Even games and sports that primarily have dominant women participation, management, including coaching, remain in the male domain. Most of these sports managers are either bureaucrats or politicians who refuse to leave the sports bodies alone even after several terms of three to five years each in office.
At times, cases of exploitation of school and college girls or junior team officials get highlighted in the media। But subsequent pressures from the powerful sports managers force the complainants to withdraw. For example, cases of girl and women swimmers, tennis and badminton players from the northern region being sexually harassed, never progressed beyond the complaint. Naturally, exploitation is more in individual sports than team games. And Ruchika unfortunately wanted to be tennis player, again an individual event.
राठौर के सिर पर चौटाला का हाथ : एस.सी. गिरहोत्रा
पंचकूला, सी.बी.आई. की विशेष अदालत द्वारा गत १२ अगस्त १९९० को १४ वर्षीय छात्रा रुचिका से छेडख़ानी करने के आरोप में पूर्व पुलिस महानिदेशक एस.पी.एस. राठौर को केवल ६ माह की सजा दिए जाने पर आज परिजनों में काफी रोष देखने को मिला। सै1टर-६ स्थित रुचिका की सहेली अराधना के घर पर मीडिया से बातचीत में रुचिका के पिता एस.सी. गिरहोत्रा ने कहा कि आरोपियों के किए की यह बहुत कम सजा है और वे अब खुलकर अपनी बेटी को इंसाफ दिलवाने के लिए सामने आएंगे। वह पहली बार मीडिया के सामने आकर खुलकर बोले।
उन्होंने राजनीतिक धुरंधरों को लपेटे में लेते हुए कहा कि राठौर को चौटाला का संरक्षण प्राप्त था। यदि वे चाहते तो राठौर को समय रहते सजा दिलवा सकते थे और आज उनकी बेटी 5ाी पुलिसिया कहर की भेंट न चढ़ती। आंखों में आंसू लिए गिरहोत्रा ने कहा कि वह अपनी बेटी को इंसाफ दिलवाने के लिए चौटाला सरकार व भजनलाल सरकार से 5ाी मिले लेकिन किसी ने भी उनका साथ नहीं दिया और हर बात राठौर के पक्ष में कही जाने लगी। उनकी बेटी पहले तो पूर्व डी.जी.पी. राठौर की प्रताडऩा का शिकार हुई और बाद में वह ३ साल तक हरियाणा पुलिस के खौफनाक चेहरे का सामना करती रही। अंत में उसने जहरीला पदार्थ निगलकर अपनी जान दे दी। गिरहोत्रा ने कहा कि उनकी बेटी रुचिका को मौत के मुंह में धकेलने वाले कोई और नहीं हरियाणा पुलिस के जालिम मुलाजिम हैं जो आज 5ाी आजाद घूम रहे हैं। आज १९ साल बाद उन्हें सी.बी.आई. अदालत से काफी उ6मीदें थीं लेकिन यहां 5ाी आरोपी को ६ माह की मामूली सजा सुना दी। गिरहोत्रा ने इस मामले के आरोपियों को आगाह करते हुए कहा कि वह अब रुचिका को आत्महत्या के लिए मजबूर करने संबंधी फाइल को री-ओपन करवाने जा रहे हैं और जो 5ाी लोग उनकी बेटी की मौत के जि6मेदार हैं उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलवाएंगे। उन्होंने कहा कि चौटाला के खिलाफ भी याचिका दायर होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि वह मरते दम तक बेटी को न्याय दिलाने के लिए लड़ते रहेंगे। गिरहोत्रा ने कहा कि आज भी उन्हें इस केस से हाथ पीछे करने को कहा जा रहा है और उनके पास धमकियां भी आ रही हैं। इस मामले में वह सरकार से सुरक्षा की मांग के बारे में भी सोच रहे हैं। रुचिका हत्या मामले में हरियाणा पुलिस ने एस.एस.पी. राठौर के साथ मिलीभगत होने का जिक्र करते हुए उनके भाई आशु ने कहा था कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की मौजूदगी में उसे यातना दी गई थी। आशु घटना के समय २० साल का था।
उन्होंने राजनीतिक धुरंधरों को लपेटे में लेते हुए कहा कि राठौर को चौटाला का संरक्षण प्राप्त था। यदि वे चाहते तो राठौर को समय रहते सजा दिलवा सकते थे और आज उनकी बेटी 5ाी पुलिसिया कहर की भेंट न चढ़ती। आंखों में आंसू लिए गिरहोत्रा ने कहा कि वह अपनी बेटी को इंसाफ दिलवाने के लिए चौटाला सरकार व भजनलाल सरकार से 5ाी मिले लेकिन किसी ने भी उनका साथ नहीं दिया और हर बात राठौर के पक्ष में कही जाने लगी। उनकी बेटी पहले तो पूर्व डी.जी.पी. राठौर की प्रताडऩा का शिकार हुई और बाद में वह ३ साल तक हरियाणा पुलिस के खौफनाक चेहरे का सामना करती रही। अंत में उसने जहरीला पदार्थ निगलकर अपनी जान दे दी। गिरहोत्रा ने कहा कि उनकी बेटी रुचिका को मौत के मुंह में धकेलने वाले कोई और नहीं हरियाणा पुलिस के जालिम मुलाजिम हैं जो आज 5ाी आजाद घूम रहे हैं। आज १९ साल बाद उन्हें सी.बी.आई. अदालत से काफी उ6मीदें थीं लेकिन यहां 5ाी आरोपी को ६ माह की मामूली सजा सुना दी। गिरहोत्रा ने इस मामले के आरोपियों को आगाह करते हुए कहा कि वह अब रुचिका को आत्महत्या के लिए मजबूर करने संबंधी फाइल को री-ओपन करवाने जा रहे हैं और जो 5ाी लोग उनकी बेटी की मौत के जि6मेदार हैं उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दिलवाएंगे। उन्होंने कहा कि चौटाला के खिलाफ भी याचिका दायर होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि वह मरते दम तक बेटी को न्याय दिलाने के लिए लड़ते रहेंगे। गिरहोत्रा ने कहा कि आज भी उन्हें इस केस से हाथ पीछे करने को कहा जा रहा है और उनके पास धमकियां भी आ रही हैं। इस मामले में वह सरकार से सुरक्षा की मांग के बारे में भी सोच रहे हैं। रुचिका हत्या मामले में हरियाणा पुलिस ने एस.एस.पी. राठौर के साथ मिलीभगत होने का जिक्र करते हुए उनके भाई आशु ने कहा था कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की मौजूदगी में उसे यातना दी गई थी। आशु घटना के समय २० साल का था।
Chautala shielded Rathore, says Ruchika’s father
Panchkula, December 24
Breaking his long, painful silence, Subhash Chander Girhotra, father of Ruchika —who committed suicide after being allegedly molested by a top cop SPS Rathore — today alleged that the then Chief Minister OP Chautala had shielded the accused and even other successive governments did nothing to bring him to justice.
Girhotra, who, for the first time came out in open and pledged that he would keep on fighting till Rathore is punished, said had the government taken action on the report of the then DGP RR Singh, his daughter would have been alive today.
Girhotra said his entire family was uprooted and even forced to flee, while his son was implicated in fake criminal cases, leading to suicide by Ruchika. “Today, we have no shelter. We had to sell our house to avoid repression at the hands of Rathore. The career of my son, who aspired to be an IAS officer, has been ruined,” he rued.
The politicians and bureaucrats joined hands to shield Rathore and the DGP’s report was buried, he further alleged. “The incident took place on August 12, 1990. DGP RR Singh submitted his report within 20 days (September 3) of the incident, indicting Rathore, who was an Inspector General of Police at that time. But, no action was taken against the accused, who was, shockingly, promoted to the DGP’s post,” said Ruchika’s father.
He demanded that all those who shielded Rathore should be booked for abetment to suicide. Seeking security from the state government, he alleged that he had received threatening telephone calls after the judgement in the case.. “Kya kar liya tumne said the caller and I disconnected the phone before he could say anything further, “ claimed Girhotra, adding that he did not open his mouth against Rathore till now as he was scared of retaliation from the influential accused.
Narrating his woes, Girhotra said his house was stoned after complaint against Rahtore was lodged and the family was chased and threatened wherever they moved. “Police arrested my 14-year-old son six times, tortured him and kept him in custody for 2 months. Ruchika could not bear this and committed suicide,” he said
Breaking his long, painful silence, Subhash Chander Girhotra, father of Ruchika —who committed suicide after being allegedly molested by a top cop SPS Rathore — today alleged that the then Chief Minister OP Chautala had shielded the accused and even other successive governments did nothing to bring him to justice.
Girhotra, who, for the first time came out in open and pledged that he would keep on fighting till Rathore is punished, said had the government taken action on the report of the then DGP RR Singh, his daughter would have been alive today.
Girhotra said his entire family was uprooted and even forced to flee, while his son was implicated in fake criminal cases, leading to suicide by Ruchika. “Today, we have no shelter. We had to sell our house to avoid repression at the hands of Rathore. The career of my son, who aspired to be an IAS officer, has been ruined,” he rued.
The politicians and bureaucrats joined hands to shield Rathore and the DGP’s report was buried, he further alleged. “The incident took place on August 12, 1990. DGP RR Singh submitted his report within 20 days (September 3) of the incident, indicting Rathore, who was an Inspector General of Police at that time. But, no action was taken against the accused, who was, shockingly, promoted to the DGP’s post,” said Ruchika’s father.
He demanded that all those who shielded Rathore should be booked for abetment to suicide. Seeking security from the state government, he alleged that he had received threatening telephone calls after the judgement in the case.. “Kya kar liya tumne said the caller and I disconnected the phone before he could say anything further, “ claimed Girhotra, adding that he did not open his mouth against Rathore till now as he was scared of retaliation from the influential accused.
Narrating his woes, Girhotra said his house was stoned after complaint against Rahtore was lodged and the family was chased and threatened wherever they moved. “Police arrested my 14-year-old son six times, tortured him and kept him in custody for 2 months. Ruchika could not bear this and committed suicide,” he said
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Editors Guild expresses concern over ‘paid news’
The Editors Guild of India has expressed shock and serious concern at the increasing number of reports of publication or broadcast of “paid news” by some newspapers and television channels, especially during the recent elections.
The guild, at its annual general meeting held yesterday, strongly condemned the practice that, it said, had shaken Indian journalism. It called upon all editors in the country to desist from publishing any form of advertisement that masqueraded as news.
A statement issued by the guild said: “It is imperative that news organisations have to clearly distinguish between news and advertisements with full and proper disclosure norms, so that no reader and viewer is tricked by any subterfuge of advertisements published and broadcast in the same format, language and style of news. It is disturbing that this paid news practice is also being used by companies, organisations and individuals, apart from political parties.”
The guild also deplored the practice of “private treaties” where news organisations accepted free equity in unlisted companies in lieu of promoting these companies through news columns and television news programmes. “The news organisations should disclose their commercial and equity interests in such companies to the readers and viewers in a transparent manner,” the statement added.
The guild also decried the unsavoury and unacceptable practice of some political parties and candidates offering payment for “news packages” to news media and its representatives to publish and telecast eulogising and misleading news reports on political parties. “The media organisations and the editors who indulge in it, and the customers who offer payment for such “paid news” are guilty of undermining the free and fair press, to which every citizen of India is entitled,” the statement said.
The guild has called upon publishers, editors and journalists to unitedly fight the menace of commercialisation and bartering of self-respect of the media. It added that the Editors Guild would be shortly unveiling an initiative to encourage transparency regarding “paid news” and “private treaties”.
President of the guild Rajdeep Sardesai announced the formation of an ethics committee headed by Editor-in-Chief of Business Standard TN Ninan. The members are columnist BG Varghese, Editor of Mainstream Sumit Chakravarty and Editor of Manushi Madhu Kishwar.
The guild, at its annual general meeting held yesterday, strongly condemned the practice that, it said, had shaken Indian journalism. It called upon all editors in the country to desist from publishing any form of advertisement that masqueraded as news.
A statement issued by the guild said: “It is imperative that news organisations have to clearly distinguish between news and advertisements with full and proper disclosure norms, so that no reader and viewer is tricked by any subterfuge of advertisements published and broadcast in the same format, language and style of news. It is disturbing that this paid news practice is also being used by companies, organisations and individuals, apart from political parties.”
The guild also deplored the practice of “private treaties” where news organisations accepted free equity in unlisted companies in lieu of promoting these companies through news columns and television news programmes. “The news organisations should disclose their commercial and equity interests in such companies to the readers and viewers in a transparent manner,” the statement added.
The guild also decried the unsavoury and unacceptable practice of some political parties and candidates offering payment for “news packages” to news media and its representatives to publish and telecast eulogising and misleading news reports on political parties. “The media organisations and the editors who indulge in it, and the customers who offer payment for such “paid news” are guilty of undermining the free and fair press, to which every citizen of India is entitled,” the statement said.
The guild has called upon publishers, editors and journalists to unitedly fight the menace of commercialisation and bartering of self-respect of the media. It added that the Editors Guild would be shortly unveiling an initiative to encourage transparency regarding “paid news” and “private treaties”.
President of the guild Rajdeep Sardesai announced the formation of an ethics committee headed by Editor-in-Chief of Business Standard TN Ninan. The members are columnist BG Varghese, Editor of Mainstream Sumit Chakravarty and Editor of Manushi Madhu Kishwar.
गुरुवार, 24 दिसंबर 2009
सात दिवसीय एनएसएस शिविर का शुभारम्भ
डबवाली(सुखपाल)- स्थानीय राजकीय महाविद्यालय में आज सात दिवसीय एनएसएस शिविर का शुभारम्भ महाविद्यालय के प्राध्यापक राकेश वधवा ने अपने करकमलों द्वारा किया। राकेश वधवा ने शिविर में भाग लेने वाले स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि एनएसएस शिविर में ही नहीं अपितु अपने जीवन में भी अनुशासन में रहना सीखें तथा झूठ को त्याग कर सच्चाई के रास्ते पर चलें। उन्होंने कहा कि सच्चाई कड़वी अवश्य होती है परन्तु अन्त में जीत सच्चाई की ही होती है। इस अवसर पर प्राध्यापक प्रदीप बिश्रोई ने भी अपने विचार प्रकट किए। तदोपरान्त स्वयंसेवकों द्वारा महाविद्यालय प्रांगण की सफाई की गई।
वृद्ध महिला के हाथों से दिन-दिहाड़े सोने की चूडिय़ां उतार कर फरार
डबवाली (सुखपाल)- स्थानीय वार्ड नम्बर 13 मीना बाजार से अज्ञात व्यक्ति द्वारा वृद्ध महिला के हाथों से दिन-दिहाड़े सोने की चूडिय़ां उतार कर फरार होने का मामला प्रकाश में आया है। प्राप्त जानकारी अनुसार मीना बाजार की वैद्य आसा नन्द वाली गली निवासी अमर ङ्क्षसह पटवारी पत्नी वृद्ध महिला महिन्द्र कौर के हाथों से उस समय जबरदस्ती सोने की चूडिय़ां उतारकर फरार हो गया। जब वह घर पर अकेली थी। वृद्ध महिला महिन्द्र कौर ने जानकारी देते हुए बताया कि उसका बेटा तथा बहू डॉ. गुलाटी के नॄसग होम में दवाई लेने गए हुए थे तथा उस समय वह साग काट रही थी कि तभी एक अज्ञात व्यक्ति उनके घर में दाखिल हुआ तथा कहना लगा की आपकी बहू सुनार की दुकान पर बैठी है तथा उसने सोने की चूडिय़ां बनवानी हैं। डिजाईन के लिए आपकी चूडिय़ां मंगवाई हैं। मेरे इन्कार करने पर उसने जबरदस्ती मेरे हाथों से चूडिय़ां उतार ली तथा फरार हो गया। उन्होंने शोर भी मचाया। जब तक मौहल्लावासी एकत्रित होते तब तक अज्ञात व्यक्ति फरार हो चुका था। इस मामले की सूचना थाना शहर डबवाली को दे दी गई है तथा पुलिस अज्ञात व्यक्ति की तालाश कर रही है।
वाटर वक्र्स के सामने ढक्कन रहित सीवर में कार गिरने से कार क्षतिग्रस्त
डबवाली(सुखपाल) - स्थानीय वैष्णों माता मन्दिर रोड पर पंजाब क्षेत्र वाटर वक्र्स के सामने ढक्कन रहित सीवर में कार गिरने से कार क्षतिग्रस्त हो गई। जबकि कार में सवार लोग बाल-बाल बच गए। प्राप्त जानकारी अनुसार संजीव कुमार पुत्र रामशरण अपनी कार नम्बर डीएल-3-सी-7981 में देर सायं अपने परिवार के साथ जा रहा था कि गली में निमत ढक्कन रहित सीवर में अचानक कार फंस गई। जिसके फलस्वरूप कार का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। मौहल्लावासी मनोहर लाल, रमेश कुमार, रिन्कू शर्मा, इन्द्रजीत ङ्क्षसह सोनी, विक्की शर्मा, परमानन्द, भारत भूषण, दूनी चन्द ने बताया कि कई बार इस समस्या को लेकर मण्डी किलियांवाली के सरपंच से मिल चुके हैं। परन्तु परिणाम शून्य ही रहा। उन्होंने कहा कि वह शायद किसी बड़े हादसे के इन्तजार में हैं। मौहल्लावासियों ने सरपंच व प्रशासन से मांग की है कि उपरोक्त ढक्कन रहित सीवर पर जल्द से जल्द ढक्कन लगवाया जाऐ ताकि किसी अनहोनी घटना से बचा जा सके।
विराट पर प्रतिभा
मुंबई, हाल ही में युद्धक सुखोई विमान की रफ्तार नापने वाली राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने बुधवार को विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विराट पर सवार होकर भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े की क्षमता का मुआयना किया। वह नौसेना के हेलीकाप्टर सी-किंग से आईएनएस विराट के डेक पर उतरीं। चेतक व सी-किंग हेलीकाप्टर और सी-हैरियर विमानों का प्रदर्शन देखने के बाद नौसैनिकों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने उन्हें उनके उत्तम प्रदर्शन के लिए बधाई दी। राष्ट्रपति को भारतीय सेना की तीनों शाखाओं का प्रमुख माना जाता है। इस नाते राष्ट्रपति अपने कार्यकाल में कम से कम एक बार अपने नौसेना बेड़े का निरीक्षण करते हैं। इसी परंपरा का निर्वाह करते हुए आज प्रतिभा पाटिल ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ नौसेना की पश्चिमी कमान के जहाजी बेड़े की क्षमताओं का जायजा लिया। आईएनएस विराट के डेक पर नौसैनिकों की सलामी लेने के बाद राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले वर्ष समुद्र के रास्ते मुंबई पर हुए आतंकी हमले के बाद ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए भारतीय नौसेना और सामुद्रिक क्षेत्र में उसके अन्य भागीदार पारस्परिक सहयोग बढ़ाने व सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो
चंडीगढ़ : बख्शीश सिंह, भगत सिंह, मदन सिंह, अमर सिंह, सोम प्रकाश, मेहर सिंह, उजागर सिंह, तेजा सिंह, मुकंद सिंह, मस्ता सिंह, दिलीप सिंह, दीप सिंह, अमर सिंह, हरनाम सिंह और मोहन सिंह। ये 15 नाम भी उन लाखों में शुमार हैं, जो कभी सबकुछ दांव पर लगाकर स्वतंत्रता संग्राम में कूदे थे। वतन को फिरंगियों से निजात दिलाने वाले ये सूरमा अब उस सूची में शामिल हैं, जिन्हें हाल ही में पंजाब विधानसभा ने श्रद्धांजलि अर्पित की है। हर विधानसभा सत्र में यह सूची लंबी हो जाती है और स्वतंत्रता सेनानियों की संख्या धीरे-धीरे लाखों से सैकड़ों में सिमटती जा रही है। सरकार के ताजा रिकार्ड के अनुसार अब केवल 861 स्वतंत्रता सेनानी जीवित हैं। अपने पतियों के स्वतंत्रता संग्राम में कूदने की कीमत चुकाने वाली जिंदा गवाहों में शुमार पत्नियों की संख्या भी तेजी से कम हो रही है। स्वतंत्रता सेनानियों के कल्याण की जिम्मेदारी उठाने वाले विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अब 1788 स्वतंत्रता सेनानी विधवाएं जीवित बची हैं। विभागीय सूत्रों ने बताया कि फिलवक्त स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर 2662 पेंशनें वितरित हो रही हैं। इनमें से 13 तो स्वतंत्रता सेनानियों की लड़कियों को विशेष श्रेणी के तहत मिल रही हैं। ये लड़कियां अविवाहित एवं बेरोजगार हैं। यह आंकड़ा जारी वित्तीय वर्ष (2009-10) का है, जबकि बीते वित्तीय वर्ष (2008-09) में यह संख्या 2900 थी। एक वर्ष में ही 250 पेंशनें कम होने का अर्थ स्पष्ट है कि देश धीरे-धीरे अपने अमूल्य गहनों से वंचित हो रहा है। नि:संदेह वक्त का यह कड़वा सच देश के लिए जरा सा भी अहसास पालने वाले देश-प्रेमियों की आंखों को नम कर उनमें देशप्रेम का जज्बा भर देता है। ऐसे लोगों को यह जानकर भी गहरा धक्का लगेगा कि प्रदेश सरकार के स्वतंत्रता सेनानी कल्याण विभाग के पास ऐसा कोई आंकड़ा नहीं है, जो बता सके कि पंजाब की सरजमीं ने कुल कितने स्वतंत्रता सेनानी पैदा किए थे। विभाग के सचिव जगजीत पुरी ने इस सवाल पर दैनिक जागरण को दो टूक कहा, कुल कितने स्वतंत्रता सेनानी थे, कितने जिंदा हैं..यह आंकड़ा एकत्र करने में तीन दिन का समय लगेगा। वहीं, विभागीय सूत्र बताते हैं कि यह आंकड़ा तो है कि स्वतंत्रता संग्राम में पंजाब से कुल कितने स्वतंत्रता सेनानियों ने हिस्सा लिया था। यह आंकड़ा मोहाली स्थित पुन:अर्थ संपत्ति विभाग के कार्यालय में होगा। स्वतंत्रता सेनानी कल्याण विभाग के अस्तित्व में आने से पहले यह काम वही विभाग देख रहा था। पता चला है कि स्वतंत्रता सेनानी कल्याण विभाग ने पुन:अर्थ संपत्ति विभाग के कार्यालय को यह आंकड़ा देने के लिए लिखा हुआ है। ज्ञात रहे, प्रदेश में स्वतंत्र रूप में स्वतंत्रता सेनानी कल्याण विभाग बने कई दशक गुजर चुके हैं।
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो
चंडीगढ़ : बख्शीश सिंह, भगत सिंह, मदन सिंह, अमर सिंह, सोम प्रकाश, मेहर सिंह, उजागर सिंह, तेजा सिंह, मुकंद सिंह, मस्ता सिंह, दिलीप सिंह, दीप सिंह, अमर सिंह, हरनाम सिंह और मोहन सिंह। ये 15 नाम भी उन लाखों में शुमार हैं, जो कभी सबकुछ दांव पर लगाकर स्वतंत्रता संग्राम में कूदे थे। वतन को फिरंगियों से निजात दिलाने वाले ये सूरमा अब उस सूची में शामिल हैं, जिन्हें हाल ही में पंजाब विधानसभा ने श्रद्धांजलि अर्पित की है। हर विधानसभा सत्र में यह सूची लंबी हो जाती है और स्वतंत्रता सेनानियों की संख्या धीरे-धीरे लाखों से सैकड़ों में सिमटती जा रही है। सरकार के ताजा रिकार्ड के अनुसार अब केवल 861 स्वतंत्रता सेनानी जीवित हैं। अपने पतियों के स्वतंत्रता संग्राम में कूदने की कीमत चुकाने वाली जिंदा गवाहों में शुमार पत्नियों की संख्या भी तेजी से कम हो रही है। स्वतंत्रता सेनानियों के कल्याण की जिम्मेदारी उठाने वाले विभाग के आंकड़ों के अनुसार, अब 1788 स्वतंत्रता सेनानी विधवाएं जीवित बची हैं। विभागीय सूत्रों ने बताया कि फिलवक्त स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर 2662 पेंशनें वितरित हो रही हैं। इनमें से 13 तो स्वतंत्रता सेनानियों की लड़कियों को विशेष श्रेणी के तहत मिल रही हैं। ये लड़कियां अविवाहित एवं बेरोजगार हैं। यह आंकड़ा जारी वित्तीय वर्ष (2009-10) का है, जबकि बीते वित्तीय वर्ष (2008-09) में यह संख्या 2900 थी। एक वर्ष में ही 250 पेंशनें कम होने का अर्थ स्पष्ट है कि देश धीरे-धीरे अपने अमूल्य गहनों से वंचित हो रहा है। नि:संदेह वक्त का यह कड़वा सच देश के लिए जरा सा भी अहसास पालने वाले देश-प्रेमियों की आंखों को नम कर उनमें देशप्रेम का जज्बा भर देता है। ऐसे लोगों को यह जानकर भी गहरा धक्का लगेगा कि प्रदेश सरकार के स्वतंत्रता सेनानी कल्याण विभाग के पास ऐसा कोई आंकड़ा नहीं है, जो बता सके कि पंजाब की सरजमीं ने कुल कितने स्वतंत्रता सेनानी पैदा किए थे। विभाग के सचिव जगजीत पुरी ने इस सवाल पर दैनिक जागरण को दो टूक कहा, कुल कितने स्वतंत्रता सेनानी थे, कितने जिंदा हैं..यह आंकड़ा एकत्र करने में तीन दिन का समय लगेगा। वहीं, विभागीय सूत्र बताते हैं कि यह आंकड़ा तो है कि स्वतंत्रता संग्राम में पंजाब से कुल कितने स्वतंत्रता सेनानियों ने हिस्सा लिया था। यह आंकड़ा मोहाली स्थित पुन:अर्थ संपत्ति विभाग के कार्यालय में होगा। स्वतंत्रता सेनानी कल्याण विभाग के अस्तित्व में आने से पहले यह काम वही विभाग देख रहा था। पता चला है कि स्वतंत्रता सेनानी कल्याण विभाग ने पुन:अर्थ संपत्ति विभाग के कार्यालय को यह आंकड़ा देने के लिए लिखा हुआ है। ज्ञात रहे, प्रदेश में स्वतंत्र रूप में स्वतंत्रता सेनानी कल्याण विभाग बने कई दशक गुजर चुके हैं।
बांटा जाए गृह मंत्रालय
नई दिल्ली, गृहमंत्री पी चिदंबरम चाहते हैं कि केंद्र सरकार में एक मंत्रालय सिर्फ आंतरिक सुरक्षा से जुड़े काम देखने के लिए होना चाहिए। मौजूदा गृह मंत्रालय के पास विभिन्न तरह की जिम्मेदारियों की व्यवस्था में सुधार की जरूरत बताते हुए उन्होंने कहा है कि अन्य कामों के लिए अलग से मंत्रालय बने या फिर इस विभाग का स्वतंत्र काम किसी और को दे दिया जाए। उन्होंने आंतकवाद से लड़ने के लिए साल 2010 के अंत तक राष्ट्रीय आतंकरोधी केंद्र (एनसीटीसी) को गठित कर लेने का भरोसा भी दिलाया। गृहमंत्री चाहते हैं कि बदलती चुनौतियों के साथ ही गृह मंत्रालय की संरचना में भी बदलाव कर दिया जाए। आतंकवाद और नक्सलवाद के बढ़ते दबाव की वजह से अब इस मंत्रालय को जनगणना और केंद्र-राज्य संबंधों जैसी तमाम जिम्मेदारियों से मुक्त कर देना चाहिए। खुफिया ब्यूरो के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, गृह मंत्रालय अपना पूरा समय और ऊर्जा सिर्फ सुरक्षा से जुड़े मसलों पर लगाए। जो मुद्दे सीधे आंतरिक सुरक्षा से जुड़े नहीं हैं, उनके लिए अलग से एक मंत्रालय होना चाहिए। या फिर इनके लिए गृह मंत्रालय के तहत ही अलग से एक विभाग गठित किया जाए, और इसका काम एक मंत्री कमोबेश अपनी तरह से देखे। हर मुद्दे को गृहमंत्री तक लाने की जरूरत न पड़े। चिदंबरम ने यह भरोसा भी दिलाया कि देश भर में आतंकवादी गतिविधियों को काबू करने के लिए अगले साल के अंत तक राष्ट्रीय आतंकरोधी केंद्र (एनसीटीसी) काम करने लगेगा। इस केंद्र की जिम्मेदारी होगी कि वह देश भर में आतंकी वारदातें रोके, साथ ही अगर कहीं ऐसा हमला होता है, तो उसे काबू करे। चिदंबरम ने कहा कि अमेरिका पर जब आतंकी हमले हुए थे, तो उसे ऐसा संगठन खड़ा करने में 36 महीने लगे थे, लेकिन हम इतने समय तक इंतजार नहीं कर सकते।
विमान के दो टुकडे़, 40 घायल
वाशिंगटन। अमरीकन एयरलाइंस का एक विमान जमैका के किंग्सटन में रनवे से उतर कर दो टुकडों में टूट गया जिससे कम से कम 40 लोग घायल हो गए।
विमान मियामी से चला था और स्थानीय समयानुसार रात 10 बज कर 22 मिनट पर किंग्सटन के नारमन मैनली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे में दुर्घटनाग्रस्त हुआ। विमान रनवे से उतर गया। दुर्घटना के समय बोइंग 737 विमान में 145 यात्री और चालक दल के सात सदस्य सवार थे। विमान की यात्रा का आगाज वाशिंगटन से हुआ था और तेज बारिश में वह मियामी से पहुंचा ही था जब यह दुर्घटना हुई।
विमान मियामी से चला था और स्थानीय समयानुसार रात 10 बज कर 22 मिनट पर किंग्सटन के नारमन मैनली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे में दुर्घटनाग्रस्त हुआ। विमान रनवे से उतर गया। दुर्घटना के समय बोइंग 737 विमान में 145 यात्री और चालक दल के सात सदस्य सवार थे। विमान की यात्रा का आगाज वाशिंगटन से हुआ था और तेज बारिश में वह मियामी से पहुंचा ही था जब यह दुर्घटना हुई।
सरकार ने माना गंगा डुबकी लायक नहीं
नई दिल्ली, भगीरथी के दामन से प्रदूषण के दाग धोने पर अरबों रुपया बहाने के बावजूद सरकार के तथ्य बताते हैं कि गंगोत्री से लेकर डायमंड हार्बर के बीच अधिकतर स्थानों पर गंगा जल से दूर रहने में भलाई है। वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश 30 दिसंबर को वाराणसी में गंगा नदी के प्रदूषण की समीक्षा करेंगे। वह गंगा के उन घाटों का भी मुआयना करेंगे जहां नाले शहर की गंदगी को नदी में उड़ेलते हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ताजा आंकड़े बताते हैं कि बनारस के अस्सीघाट पर बीते दो सालों में प्रदूषण का पैमाना कहलाने वाले बीओडी का स्तर कभी भी 3 मिग्रा प्रति लीटर की नियत सीमा तक कम नहीं रहा। बनारस हो या संगम स्थली इलाहाबाद, बीते बारह बरस में पानी का स्तर साफ डी श्रेणी से ऊपर नहीं उठ पाया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पानी के वर्गीकरण के तहत डी श्रेणी का पानी केवल जानवरों के लिए ही मुफीद है। गंगा एक्शन प्लान के नाम पर 800 करोड़ रुपये बहाने के बावजूद गंगा को प्रदूषण मुक्ति में नाकाम रही सरकार खुद संसद में स्वीकार कर चुकी है कि अधिकांश स्थानों पर पानी में मौजूद कोलीफार्म का स्तर निर्धारित सीमा से काफी ज्यादा है। कोलीफार्म की निर्धारित सीमा प्रति 100 मिली पानी में 2500 एमपीएन (सर्वाधिक संभावित संख्या) है। पर्यावरण मंत्रालय मानता है कि ऋषिकेश से लेकर बंगाल के उलबेरिया के बीच सोलह में सात स्थानों पर गंगा का पानी नहाने योग्य नहीं है। इस बारे में बीते दिनों संसद में एक सवाल के जवाब में पर्यावरण मंत्रालय का कहना था कि पानी में कोलीफार्म का स्तर नदी स्नान के कारण बढ़ रहा है और केवल हरिद्वार ही ऐसा स्थान है जहां इसकी मात्रा निर्धारित सीमा में है। इस संबंध में आईआईटी, कानपुर, बीएचईएल और पटना विश्वविद्यालय का अध्ययन बताते हैं कि घुलित आक्सीजन और बीओडी के स्तर में सुधार जरूर हुआ है, लेकिन कन्नौज से लेकर वाराणसी के बीच स्थिति खराब बनी हुई है।
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खेल पर और खर्च फिर भी नाक कटेगी
नई दिल्ली सरकार के खजाने पर नये बोझ की तैयारी और उसके बाद भी नाक कटने की नौबत! कॉमनवेल्थ खेल का यह ताजा सूरते हाल है। अंतरराष्ट्रीय कॉमनवेल्थ समन्वय आयोग इस दो टूक नतीजे पर पहुंचा है कि तैयारियों के लिए संसाधन जुटाने के दावे बिखर रहे हैं और खेलों से जुड़ी तकनीकी तैयारियां गंभीर जोखिम में है। यानी खेलों की तैयारियों को लेकर केंद्र के खजाने पर बोझ बढ़ने वाला है। जबकि इसके सबके बावजूद तकनीकी तैयारियों में देरी स्पर्धाओं के दौरान मुल्क को शर्मिदा कर सकती है। मेजबान राज्य की मुख्यमंत्री होने के नाते शीला दीक्षित का बेचैन होना लाजिमी है मगर अफसोस! यह रिपोर्ट उन्हें और नर्वस करेगी। इस रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार में भी चिंताओं का पारा ऊंचा होना चाहिए। सुरेश कलमाड़ी के नेतृत्व वाली आयोजन समिति के दावों की हकीकत परखते हुए कॉमनवेल्थ खेल संघ इस नतीजे पर पहुंचा है कि तैयारियों में बहुआयामी समस्यायें और जबर्दस्त जोखिम हैं। कई अहम पहलुओं पर रिपोर्ट में जो सूरते-हाल सामने आई उसे देखकर प्रतिभागी देश बिदक सकते हैं। कॉमनवेल्थ समन्वय आयोग की ताजी समीक्षा रिपोर्ट तैयारियों के बुरी तरह बदहाल होने की अंतरराष्ट्रीय पुष्टि है। स्टेडियमों के निर्माण से लेकर वित्तीय इंतजाम और टाइम स्कोरिंग जैसी उच्च तकनीकी प्रणालियों तक हर मोर्चे पर आयोजन के इंतजामकर्ता बुरी तरह असफल हैं। वित्तीय चुनौती : वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी को इन खेलों में देश की नाक बचाने के लिए और पैसा देने की तैयारी शुरु देनी चाहिए। समन्वय आयोग से चर्चा में आयोजन समिति ने साफ कहा है कि उसका हिसाब किताब बदहाल हो रहा है। रिपोर्ट नोट करती है कि समिति खेलों के लिए संसाधनों को लेकर केंद्र पर निर्भर है। प्रायोजकों को लेकर तस्वीर साफ नहीं है। आयोजन समिति के पास खेलों पर खर्च का स्पष्ट आकलन तक नहीं है न ही कैश पूलो का हिसाब-किताब है। रिपोर्ट कई अहम पहलुओं पर खर्च बढ़ने की आशंकाओं को भी रेखांकित करती है। और तकनीक भी : तकनीक खेलों में हर स्तर पर सेवाओं से जुड़ी है। यह गहरे जोखिम का क्षेत्र है और आयोजन समिति के पास तकनीकी क्षमता नहीं है। किसी मेजबान देश के लिए यह बहुत तीखी टिप्पणी है। यानी स्पर्धाओं के दौरान तकनीकी खामियों के कारण आयोजन समिति धावक या तैराक से कहना पड़ सकता है .. कृपया एक बार फिर। समन्वय आयोग की रिपोर्ट इस मुद्दे पर सबसे ज्यादा मुखर और दो टूक है। इन तैयारियों पर आयोजन समिति का इतिहास भयानक चूक से भरा है और समन्वय आयोग मान रहा है कि इसमें अब खर्च भी ऊपर जा सकता है।
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बुधवार, 23 दिसंबर 2009
अग्निकांड पीडि़तों की मदद की पहल करते हुए विधायक अजय सिंह चौटाला पांच युवाओं को नौकरी देने का फैसला कियाा
डबवाली, 23 दिसंबर(सुखपाल) डबवाली अग्निकांड पीडि़तों की मदद की पहल करते हुए इनेलो के प्रधान महासचिव व हलके से विधायक अजय सिंह चौटाला ने अग्रिकांड में घायल हुए पांच युवाओं को नौकरी देने का फैसला कियाा है। उन्होंने यह घोषणा आज अग्रिकांड की 15 वीं बरसी पर अग्निकांड स्मारक पर आयोजित सर्वधर्म सभा में की। उन्होंने कहा कि इस अग्निकांंड में पीडि़तों को तुरंत प्रभाव से मुआवजा देने, उनका इलाज निशुल्क देने व पीडि़तों को नौकरी देने के लिए सरकार पर दवाब डालेंगे। विधायक अजय सिंह आज दोपहर अग्रिकांड स्मारक स्थल पर पहुंचे और पुष्पाजंलि अर्पित कर अग्रिकांड में मारे गए सैंकड़ों लोगों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने डबवाली अग्रिकांड को देश की सबसे दुखदायी घटना बताते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं से केंद्र सरकार को सबक लेते हुए राष्ट्र स्तर पर व्यापक इंतजाम करने चाहिए।
अजय सिंह चौटाला ने कहा कि यह ऐसी घटना थी जिसका खामियाजा न केवल स्थानीय सैंकड़ों परिवारों को भुगतना पड़ा बल्कि प्रदेश भर के लोग इससे प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि सरकार पीडि़त परिवारों की मदद के लिए तुरंत आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह दुखदायी बात है कि हरियाणा सरकार पीडि़त परिवारों के आंसू पोंछने व उनकी मदद करने की बजाय उन्हें न्यायालय के मुआवजा देने के फैसले को लागू करने की बजाय इसे उच्च न्यायालय में ले जाने का मन बना रही है। उन्होंने सरकार के रवैये को अफसोसजनक बताते हुए पीडि़त परिवारों को तुरंत राहत प्रदान करने की मांग की। इसके अलावा अजय सिंह चौटाला ने कहा कि अग्रिकांड में जख्मी हुए लोगों इलाज निशुल्क चलाने, यहां सामान्य अस्पताल में विशेष बर्न यूनिट स्थापित करने व तुरंत मुआवजा राशि प्रदान करने के लिए सरकार पर दवाब डालेगें। उन्होंने कहा कि मुआवजे की राशि के मामले में हुड्डा सरकार को उच्चतम न्यायाल में नहीं जाना चाहिए और तुंरत पीडि़तों को मुआवजा राशि दे। उन्होंने कहा कि वे पीडि़त परिवारों की मदद के लिए हमेशा तत्पर हैं तथा इस कांड में जख्मी हुए पांच युवकों को जननायक चौधरी देवीलाल विद्यापीठ में नौकरी देंगे। इसके अलावा अजय सिंह चौटाला ने अग्रिकरं पीडि़त परिवारों की अन्य मांगों को लेकर भी सरकार पर दबाव डालने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर पूर्व विधायक डा. सीताराम, राधेराम गोदारा सहित अन्य हजारों लोगों ने श्रद्धाजंलि दी।
अजय सिंह चौटाला ने कहा कि यह ऐसी घटना थी जिसका खामियाजा न केवल स्थानीय सैंकड़ों परिवारों को भुगतना पड़ा बल्कि प्रदेश भर के लोग इससे प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि सरकार पीडि़त परिवारों की मदद के लिए तुरंत आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह दुखदायी बात है कि हरियाणा सरकार पीडि़त परिवारों के आंसू पोंछने व उनकी मदद करने की बजाय उन्हें न्यायालय के मुआवजा देने के फैसले को लागू करने की बजाय इसे उच्च न्यायालय में ले जाने का मन बना रही है। उन्होंने सरकार के रवैये को अफसोसजनक बताते हुए पीडि़त परिवारों को तुरंत राहत प्रदान करने की मांग की। इसके अलावा अजय सिंह चौटाला ने कहा कि अग्रिकांड में जख्मी हुए लोगों इलाज निशुल्क चलाने, यहां सामान्य अस्पताल में विशेष बर्न यूनिट स्थापित करने व तुरंत मुआवजा राशि प्रदान करने के लिए सरकार पर दवाब डालेगें। उन्होंने कहा कि मुआवजे की राशि के मामले में हुड्डा सरकार को उच्चतम न्यायाल में नहीं जाना चाहिए और तुंरत पीडि़तों को मुआवजा राशि दे। उन्होंने कहा कि वे पीडि़त परिवारों की मदद के लिए हमेशा तत्पर हैं तथा इस कांड में जख्मी हुए पांच युवकों को जननायक चौधरी देवीलाल विद्यापीठ में नौकरी देंगे। इसके अलावा अजय सिंह चौटाला ने अग्रिकरं पीडि़त परिवारों की अन्य मांगों को लेकर भी सरकार पर दबाव डालने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर पूर्व विधायक डा. सीताराम, राधेराम गोदारा सहित अन्य हजारों लोगों ने श्रद्धाजंलि दी।
अचानक सिलेण्डर से गैस रिसने के कारण खतरे की स्थिति उत्पन्न
डबवाली(सुखपाल)- स्थानीय वार्ड नम्बर 17 की भाटी अस्पताल वाली गली में स्थित एक मकान में गैस सिलेण्डर को बदलते समय गैस सिलेण्डर की पिन में आई खराबी के चलते खतरे की स्थिति उत्पन्न हो गई। प्राप्त जानकारी अनुसार भाटी अस्पताल वाली गली निवासी डॉ. केवल कृष्ण अपने मकान के रसोईघर में गैस सिलेण्डर बदल रहा था कि अचानक सिलेण्डर की पिन अन्दर धंस गई। जिससे सिलेण्डर से गैस रिसने लगी। उन्होंने घबराहट में गैस सिलेण्डर को बाहर गली में निकाल दिया और तुरन्त फायर ब्रिगेड कर्मचारियों को फोन पर सूचित किया। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड कर्मचारी मौके पर पहुंचे तथा उनके द्वारा गैस सिलेण्डर की पिन को दुरूस्त करने पर गैस का रिसाव बन्द हुआ तो मौहल्लावासियों व डॉ. केवल कृष्ण के परिजनों ने राहत की सांस ली
पुलिस प्रशासन द्वारा स्थित रेल्वे फाटक पर यातायात को कन्ट्रोल करना,एक प्रशंसनीय कार्य
डबवाली(सुखपाल) -स्थानीय जीटी रोड पर स्थित रेल्वे फाटक पर यातायात को कन्ट्रोल करने के लिए पुलिस प्रशासन द्वारा पुलिस कर्मी तैनात कर जीटी रोड पर स्थित दुकानदारों व आमजन की मांगों को पूरा कर प्रशंसनीय कार्य किया है। वहां पर उपस्थित दुकानदार नरेश कुमार, देव कुमार, संजीव कुमार ने बताया कि फाटक बन्द होने वाहन चालक दोनों और बेतरतीब ढंग से अपना वाहन खड़ा कर देते थे। जिससे जाम जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती थी और फाटक खुलने पर वाहन चालक एक-दूसरे आगे निकलने की होड़ में अपने वाहन एक-दूसरे के बीच फंसा देते थे। जिसके चलते कई बार वाहन चालकों के बीच झगड़े भी हुए। पुलिस प्रशासन द्वारा समस्या का समाधान करते हुए फाटक के दोनों ओर पुलिस कर्मी तैनात किए हैं। जिससे वाहन चालक अपने वाहनों को पक्तिबद्ध खड़े करते हैं तथा फाटक खुलने के पश्चात वाहनों का आवागमन सुचारू रूप से होता है। जीटी रोड दुकानदारों व आमजन ने पुलिस प्रशासन का आभार व्यक्त किया है।
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जीटी रोड,
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मंगलवार, 22 दिसंबर 2009
अग्रिकाण्ड स्थल सर्व धर्म प्रार्थना सभा में अजय चौटाला सम्मिलित होंगे
डबवाली(सुखपाल) स्थानीय विधायक अजय चौटाला अग्रिकाण्ड स्थल पर आयोजित की जाने वाली सर्व धर्म प्रार्थना सभा में 23 दिसम्बर को सम्मिलित होंगे। यह जानकारी देते हुए स्थानीय इनैलो कार्यालय प्रभारी महेन्द्र डूडी व टेक चन्द छाबड़ा ने बताया कि विधायक अजय चौटाला इस दौरान अनाज मण्डी स्थित इनैलो कार्यालय में भी उपस्थित रहेंगे तथा डबवाली हल्का निवासियों की विभिन्न समस्याओं को सुनकर मौका पर ही निदान करने का प्रयास करेंगे।
अग्रिकाण्ड स्मारक स्थल पर आज दिवंगत आत्माओं की शान्ति हेतु रामायण पाठ का शुभारम्भ
डबवाली (सुखपाल)-अग्रिकाण्ड स्मारक स्थल पर आज दिवंगत आत्माओं की शान्ति हेतु रामायण पाठ का शुभारम्भ किया गया। तदोपरान्त स्मारक में विभिन्न स्कूलों के बच्चों में आग से बचाव पर ड्राईंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें जूनियर वर्ग में 21 व 6 बच्चों ने भाग लिया। अग्रिकाण्ड पीडि़त संघ के प्रवक्ता विनोद बांसल ने बताया कि ड्राईंग प्रतियोगिता में सीनियर वर्ग में हरियाणा पब्लिक स्कूल के शुभम प्रथम, नेहरू सीनियर सैकेण्डरी स्कूल के गुरप्रीत ङ्क्षसह द्वितीय तथा महावीर सनातन धर्म स्कूल के रणवीर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। ड्राईंग प्रतियोगिता के दूसरे वर्ग में एमएम स्कूल के छात्र लवप्रीत को पहला व राजकीय कन्या सीनियर सैकेण्डरी स्कूल की छात्रा अन्जू बाला को दूसरा व हरियाणा पब्लिक स्कूल की छात्र शिवानी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। इस ड्राईंग प्रतियोगिता के निर्णायक मण्डल की भूमिका ज्योति आर्ट के संचालक बलराम, ड्राईंग टीचर पालविन्द्र शास्त्री व सेवानिवृत अध्यापक राजपाल हन्स ने निभाई। प्रतियोगिता के विजेता व उपविजेता बच्चों को कल प्रात: आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया जाऐगा।
शिक्षा के मन्दिर को अपमानित करने वाले अध्यापक को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए
डबवाली(सुखपाल) डबवाली-बठिण्डा सड़क मार्ग पर स्थित गांव चक्क रूल्दू सिंह के राजकीय कन्या उच्च विद्यालय में स्कूली छात्रा से अश£ील हरकत करने वाले अध्यापक मेजर सिंह को निलम्बित करने व अन्य अध्यापकों के तबादले की मांग को लेकर स्कूल को लगाए गए ताले को उस समय खोल दिया गया। जब प्रशासन व शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों ने राजकीय कन्या उच्च विद्यालय के अध्यापकों गुरनाम सिंह, गुरकर्म सिंह, रणजीत सिंह, दौलत राम, विक्रान्त सिंह, मलकीत सिंह व ज्ञान सिंह,सहित सभी का तबादला कर दिया। यह जानकारी देते हुए गांव के सरपंच दिपेन्द्र सिंह ने बताया कि शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा उन्हें आश्वासन दिया गया है कि आरोपी अध्यापक मेजर सिंह को भी जल्द ही निलम्बित कर दिया जाऐगा तथा उपरोक्त विद्यालय में महिला अध्यापिकाओं की नियुक्ति भी्र अति शीघ्र कर दी जाऐगी। उपरोक्त मामले की जांच कर रही देसराज सीनियर सैकेण्डरी स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती मालविन्द्र कौर से जब सम्पर्क किया गया तो उन्होंने दूरभाष पर बताया कि उन्होंने जांच के पश्चात जांच रिपोर्ट डीईओ हरबन्स सिंह सिद्धू को सौंप दी है। ग्राम पंचायत फल्लड़ के सरपंच नन्द सिंह, कुट्टी के सरपंच बोगा सिंह, पथराला के सरपंच लुधर सिंह ने संयुक्त रूप से पंजाब सरकार व शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों से मांग की है कि शिक्षा के मन्दिर को अपमानित करने वाले अध्यापक मेजर सिंह को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए तथा प्रदेश में कन्या विद्यालयों में केवल महिला अध्यापिकाओं को ही नियुक्त किया जाऐ ताकि भविष्य में ऐसी घिनौनी व शर्मनाक घटना की पुनावृत्ति न हो।
मानसिक तौर पर परेशान युवक ,परेशानी का सबब बना
डबवाली(सुखपाल) स्थानीय वार्ड 15 के निवासी मानसिक तौर पर परेशान युवक मीना बाजार में रहने वाले शर्मा परिवार के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है, मीना बाजार स्थित वैद्य आसानन्द वाली गली के हन्स राज शर्मा ने बताया कि वार्ड 15 निवासी युवक भगवान दास पुत्र नानू राम उनके भाई बिहारी लाल शर्मा जोकि इस समय काफी बीमार चल रहे हैं तथा वह न तो कुछ बोल सकते हैं और न ही चल सकते हैं। श्री शर्मा के मुताबिक उपरोक्त युवक निरन्तर चार दिनों से कभी देर रात्रि 12 बजे व कभी प्रात: 4 बजे उनके घर का दरवाजा खटखटा देता है तथा दरवाजा खोलने पर घर के अन्दर घुस जाता है एवं उनके भाई को परेशान करता है। आज भी इस युवक ने ऐसा ही किया। जब मौहल्लावासियों ने उसे घर से जाने के लिए कहा तो वह टस से मस नहीं हुआ। जब मौहल्लावासी उसे छोडऩे उसके घर गए तो उसके पड़ोसियों ने बताया कि भगवान दास निसन्तान है तथा इसके चलते यह कई दिनों से मानसिक तौर पर परेशान है। जब एकत्रित लोगों ने उसे ईलाज के लिए ले जाना चाहा तो वह वहां से भाग गया। प्रत्यक्षदॢशयों के अनुसार उक्त युवक की पत्नी भी मानसिक तौर पर परेशान रहती है। शर्मा परिवार ने प्रशासन से अपील की है कि उक्त युवक को अस्पताल में दाखिल करवाकर उसका बेहतर ईलाज करवाया जाऐ।
सोमवार, 21 दिसंबर 2009
शादी चुपके-चुपके
दो दोस्त बरसों बाद मिले।
' सुना था , तुमने अपनी प्रेमिका से चोरी - छिपे शादी कर ली थी। '
' ठीक सुना। '
' यह भी सुना था कि तुम दोनों शहर छोड़ कर भाग गए थे और फिर लड़की के मां - बाप ने तुम लोगों को पकड़ लिया था। '
' फिर क्या हुआ ?'
' होना क्या था , लड़की के मां - बाप मेरे घर में ही रहते हैं ताकि हम फिर न भाग जाएं। '
क्या आपके पास भी ऐसे मजेदार एसएमएस हैं , जो आप दूसरों के साथ बांटना चाहते हैं ? आप अपने एसएमएस हमें भेजिए। हम उसे यहां प्रकाशित करेंगे।
' सुना था , तुमने अपनी प्रेमिका से चोरी - छिपे शादी कर ली थी। '
' ठीक सुना। '
' यह भी सुना था कि तुम दोनों शहर छोड़ कर भाग गए थे और फिर लड़की के मां - बाप ने तुम लोगों को पकड़ लिया था। '
' फिर क्या हुआ ?'
' होना क्या था , लड़की के मां - बाप मेरे घर में ही रहते हैं ताकि हम फिर न भाग जाएं। '
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मैं चाहे शेव करूं या ना करूं....मेरी मर्जी
बॉय्ज ... क्या आपने शेव किया है , अगर नहीं तो हो सकता है कि आपको आलसी का खिताब मिल जाए। कम से कम वे महिलाएं ऐसा कर सकती हैं जो बॉलिवुड ऐक्ट्रेस मुग्धा गोडसे , नेहा धूपिया और मिनिषा लांबा की अपील मान रही हैं। सेफ्टी रेजर के मल्टी नैशनल ब्रैंड जिलेट के नए विज्ञापन में ये हसीनाएं अपील कर रही हैं कि पुरुषों को शेव करने के लिए प्रोत्साहित करें और जो रोज शेव नहीं करता वह आलसी है।
यह विज्ञापन कई कुछ पुरुषों को खटक गया है और उन्होंने बाकायदा जंग छेड़ दी है। ऑल इंडिया मैन्स वेलफेयर असोसिएशन नाम के एक संगठन ने इस विज्ञापन को ऐंटि मेल कैंपेन बताया है और इसके खिलाफ मुहिम शुरू की है , इंडिया में ही नहीं बल्कि अमेरिका में भी। उन्होंने कंपनी से माफी मांगने की मांग की है और कहा है कि 4-5 दिनों में सही रिस्पॉन्स नहीं मिला तो सूचना प्रसारण मंत्रालय सहित सभी फोरम पर शिकायत की जाएगी।
यह विज्ञापन कई कुछ पुरुषों को खटक गया है और उन्होंने बाकायदा जंग छेड़ दी है। ऑल इंडिया मैन्स वेलफेयर असोसिएशन नाम के एक संगठन ने इस विज्ञापन को ऐंटि मेल कैंपेन बताया है और इसके खिलाफ मुहिम शुरू की है , इंडिया में ही नहीं बल्कि अमेरिका में भी। उन्होंने कंपनी से माफी मांगने की मांग की है और कहा है कि 4-5 दिनों में सही रिस्पॉन्स नहीं मिला तो सूचना प्रसारण मंत्रालय सहित सभी फोरम पर शिकायत की जाएगी।
सुष की एक और बेटी
बॉलिवुड ऐक्ट्रेस सुष्मिता सेन और उनकी गोद ली हुई बेटी रिनी का प्यारा रिलेशन तो सभी ने देखा ही है और जो
इस बारे में नहीं जानते, उनके लिए 'मदर सुष्मिता' का पहलू जानने का एक और मौका है। दरअसल, पिछले दिनों सुष ने एक और बेटी को अडॉप्ट किया है। उनकी यह बेटी 3 महीने की अलीशा है। सुष कहती हैं कि वह काफी समय एक बेटी और अडॉप्ट करना चाहती थीं, लेकिन हाई कोर्ट के एक रूल के मुताबिक वह ऐसा कर नहीं सकती थीं। लेकिन कुछ समय पहले इस नियम के बदलने से कि पहली बेटी गोद लेने के बाद दूसरी बेटी को गोद नहीं लिया जा सकता, सुष ने दूसरी बेटी को अडॉप्ट करने में देर नहीं लगाई।
वैसे, अपनी बेटी के साथ सुष बहुत खुश हैं और अच्छी बात यह है कि उनकी पहली बेटी रिनी को भी उससे बेहद लगाव हो गया है। सुष बताती हैं कि अलीशा बेहद खुशमिजाज है और अभी तक उसने किसी को रात में ज्यादा परेशान नहीं किया है।
इस बारे में नहीं जानते, उनके लिए 'मदर सुष्मिता' का पहलू जानने का एक और मौका है। दरअसल, पिछले दिनों सुष ने एक और बेटी को अडॉप्ट किया है। उनकी यह बेटी 3 महीने की अलीशा है। सुष कहती हैं कि वह काफी समय एक बेटी और अडॉप्ट करना चाहती थीं, लेकिन हाई कोर्ट के एक रूल के मुताबिक वह ऐसा कर नहीं सकती थीं। लेकिन कुछ समय पहले इस नियम के बदलने से कि पहली बेटी गोद लेने के बाद दूसरी बेटी को गोद नहीं लिया जा सकता, सुष ने दूसरी बेटी को अडॉप्ट करने में देर नहीं लगाई।
वैसे, अपनी बेटी के साथ सुष बहुत खुश हैं और अच्छी बात यह है कि उनकी पहली बेटी रिनी को भी उससे बेहद लगाव हो गया है। सुष बताती हैं कि अलीशा बेहद खुशमिजाज है और अभी तक उसने किसी को रात में ज्यादा परेशान नहीं किया है।
लेबल:
बॉलिवुड,
सुष्मिता सेन
अभिनेत्री ब्रिटनी मर्फी का निधन
‘क्लूलैस’ जैसी हिट फिल्म देने वाली और ‘8 माइल’ से सुर्खियों में आई ब्रिटनी मर्फी का 32 वर्ष की आयु में 20 दिसंबर को निधन हो गया। मर्फी की मौत के कारण का पता नहीं चल सका है। मर्फी ने मौत के पहले कोई सूचना नहीं छोड़ी है।
प्रवक्ता डेवोन गेल ने बताया कि ब्रिटिश पटकथा लेखक और मर्फी के पति सिमोन मोजेक के घर से कल सुबह आठ बजे लॉस एंजिल्स अग्निशमन विभाग को बुलाया गया। गेल मर्फी को अस्पताल ले जाने वालों में एक थे।
अधिकारी नोरमा आइसेनमैन ने बताया कि लॉस एंजिल्स पुलिस ने मर्फी की मौत की जाँच शुरू कर दी है। जाँच के लिए जाँचकर्ताओं को पश्चिम हॉलीवुड स्थित मर्फी के घर भेजा गया है।
दस नवंबर 1977 में अटलांटा में जन्मी मर्फी न्यूजर्सी में पली बढ़ी और अभिनय के लिए अपनी माँ के साथ लॉस एंजिल्स आ गईं। मर्फी का करियर 1990 के शुरुआत में टेलीविजन धारावाहिकों, विज्ञापन और फिल्मों में छोटी-मोटी भूमिका से शुरू हुआ। मर्फी ‘गर्ल इनट्रप्टेड’, ‘क्लूलैस’ और ‘8 माइल’ जैसी फिल्मों के लिए जानी जाती हैं। (भाषा)
प्रवक्ता डेवोन गेल ने बताया कि ब्रिटिश पटकथा लेखक और मर्फी के पति सिमोन मोजेक के घर से कल सुबह आठ बजे लॉस एंजिल्स अग्निशमन विभाग को बुलाया गया। गेल मर्फी को अस्पताल ले जाने वालों में एक थे।
अधिकारी नोरमा आइसेनमैन ने बताया कि लॉस एंजिल्स पुलिस ने मर्फी की मौत की जाँच शुरू कर दी है। जाँच के लिए जाँचकर्ताओं को पश्चिम हॉलीवुड स्थित मर्फी के घर भेजा गया है।
दस नवंबर 1977 में अटलांटा में जन्मी मर्फी न्यूजर्सी में पली बढ़ी और अभिनय के लिए अपनी माँ के साथ लॉस एंजिल्स आ गईं। मर्फी का करियर 1990 के शुरुआत में टेलीविजन धारावाहिकों, विज्ञापन और फिल्मों में छोटी-मोटी भूमिका से शुरू हुआ। मर्फी ‘गर्ल इनट्रप्टेड’, ‘क्लूलैस’ और ‘8 माइल’ जैसी फिल्मों के लिए जानी जाती हैं। (भाषा)
लेबल:
‘8 माइल’,
‘क्लूलैस’,
ब्रिटनी मर्फी,
filmy gup- shup
''खुशियों के रंग, मैरीलैण्ड के संग
डबवाली(सुखपाल)- स्थानीय सिरसा रोड पर मैरीलैण्ड कॉन्वेन्ट स्कूल में सलाना कार्यक्रम ''खुशियों के रंग, मैरीलैण्ड के संग का आयोजन किया गया। जिसमें टीवी स्टार मिस भूमिका मुम्बई ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। कार्यक्रम की शुरूआत मुख्यातिथि मिस भूमिका एवं स्कूल की अध्यक्ष श्रीमती निशी ने माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष ज्योति प्रज्ज्वलित करके की। तदोपरान्त स्कूल के नन्हें-मुन्ने बच्चों ने ''मुझे माफ करना औम साईं राम, सबसे पहले लूंगा मैं मम्मी-डैडी का नाम एवं ''मईया यशौदा तेरा कन्हैया गीत पर नृत्य कर अपनी प्रतिभा के रंग बिखेरे और स्कूल की जूनियर केजी कक्षा की नन्हीं बच्ची विशु शर्मा ने काली माँ का रूप धरकर ''जै काली मां जै काली भजन पर नृत्य कर आए हुए मेहमानों का मन मौह लिया। स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती बृज आनन्द ने आए हुए सभी मेहमानों का स्वागत किया और सचिव जीके आनन्द ने पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की। मुम्बई से आई मुख्यातिथि टीवी स्टार मिस भूमिका ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उनके द्वारा टीवी सीरियल विदाई के अलावा भी अन्य सीरियलों में काम किया है। उन्होंने कहा कि मैरीलैण्ड के नन्हें-मुन्ने बच्चों ने अपनी प्रतिभा दिखाकर उन्हें काफी प्रभावित किया है।
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